26/11/2021
कक्षा12 के बाद आप सभी बच्चों के लिए ये विकल्प हो सकते है....🙏🙏🙏
Community of people working for the rising Uttarakhand in any way.
कक्षा12 के बाद आप सभी बच्चों के लिए ये विकल्प हो सकते है....🙏🙏🙏
मठकाणी
लाल मिट्टी लेके उसमे थोड़ा सा कच्चा गोबर मिला थोड़ा पानी मिला कर , पहाड़ मे आँगन और भीतर लीपा जाता है , तभी तो मिट्टी से जुड़े होते है पहाड़ और पहाड़ के लोग 😊
ऐपण!-हिमालय में हिमालयी लोकसंस्कृति के संरक्षण और संवर्धन की मुहिम जारी..
अभूतपूर्व 🙏🙏
एक सरकारी विद्यालय ऐसा भी
यह प्रयास है ग्राम प्रधान क्वीतड़ के बड़े भाई श्री श्याम सुन्दर सिंह सौन जी को हम दिल की गहराइयो से सुक्रिया कहना चाहते है आपकी कोशिश, आपकी मेहनत, आपका संकल्प.... लाज़वाब है....... ये है झलक, राजकीय इंटर कॉलेज क्वीतड़ पिथौरागढ़ की ❤️❤️❤️❤️❤️ सुक्रिया सुन्दर जी 🙏🏻 ❤️❤️❤️❤️
पहाड़ की धरा सदा ऋणी है उस सास्कृतिक योद्धा की जो अनपढ़ होकर भी पहाड़ का दर्द, पीढ,विवशता और संस्कृति को बखूबी बयाँ कर गया, बचुली मास्टरनी का यह घरेलु शिष्य सारे पहाड़ को कुमाऊनी कविताएँ, साहित्य और संस्कृति की बारहखड़ी सीखा गया, बहुत गरीबी और मुशिकलों मे जीवन जिया, बोज्यू को बचपन मे ही खोया, ईजा ने जेवर बेचे खेत खेत मजदूरी कर बच्चो को पाला, अल्मोडे का मालगांव सदा ऋणी उस अनपढ़ को जो उस गाव को दमका गया, खुद अभाव दुखो को झेलकर इलाके को स्वर्णिम आभावान कर गया, आज भी अल्मोडा , लखनऊ, नजीबाबाद एवं रामपुर केन्द्रों मे उस शेर की आवाज गरजती महसूस होती,वो खुद चल भी दिये तो क्या पहाड़ को शानदार कुमाऊंनी भाषा का दस्तावेज सनद कर गये -©Mohan Joshi - श्रृदांजली (पुण्यतिथि 20 सितम्बर 2012), स्वं शेरसिह बिष्ट " #शेरदा_अनपढ़"
गुच्ची खेलनै बचपन बीतौ/अल्माड़ गौ माल मे/बुढापा हल्द्वानी कटौ/जवानी नैनीताल मे/आब शरीर पंचर हैगो/चिमड़पड गयी गाल मे/शेरदा सवा सेर ही/ फस गौ बड़ना जाल मे ।💐💐💐💐
कलियुग के जीवन्त भगवान
हे निब करौली बाबा अपना मार्गदर्शन बनाय रखना
इन दोनो मकानो मे मिट्टी या सीमेंट की जगह उरद दाल पीसकर प्रयोग मे लायी गयी हैं। वीरबाला तीलू रौतेली का महल 🙏
गढ़वाल, उत्तराखण्ड की एक ऐसी वीरांगना जो केवल 15 वर्ष की उम्र में रणभूमि में कूद पड़ी थी और सात साल तक जिसने अपने दुश्मन राजाओं को कड़ी चुनौती दी थी। 15 से 20 वर्ष की आयु में सात युद्ध लड़ने वाली तीलू रौतेली संभवत विश्व की एक मात्र वीरांगना है।
मदद की दरकार 🙏🙏🙏
संकल्प अपनों का साथ
जैसा कि आप सभी को पता है प्रदीप भाई (deepu da) की तबियत काफी लंबे टाइम से खराब है. वो अभी भी बिस्तर में ही हैं और बोल चाल भी नहीं है। ईष्ट देव की कृपा से जल्दी स्वस्थ हो के हम सभी के बीच में होंगे।
अभी वो अपने ससुराल लखनऊ में हैं।
इस दुःख की घड़ी में हमें उनकी मदद करनी चाहिए। हम लोगों ने एक छोटा सा प्रयास *MILAAP APP* के द्वारा भी चलाया है और Direct भी चलाना चाहते है..
Deepu da पर अपने परिवार की भी जिम्मेदारी थी लेकिन नियति के आगे सब लाचार है।
Deepu दा के बैंक account detail नीचे दे रहे है जिससे जितना हो पाए सहयोग कीजिएगा.
Account No- *09431140051622*
Name- *Pradeep singh*
Ifsc- *HDFC0000943*
Deepu da family contact number- *9410501203*
आपसे विनम्र निवेदन है कि आप से जितना सहयोग हो सकता है करने की कृपा करें और हो सके तो हर महीने एक सहयोग राशि उनके स्वस्थ होने तक अपनी सामर्थ्य के अनुसार भेजकर इस ईश्वरीय कार्य में अपना योगदान दें।
कोई भी राशि छोटी नहीं होती है।
आप सभी से निवेदन है अपने payment का screenshot शेयर कीजिएगा.
टीम संकल्प 🙏
Pardeep Sing 35yrs/o meet with an road accident at Haridwar last year in March and was admitted to Kailash Hospital Noida. But he was not recovering from the injuries and trauma after too much medical support and efforts. Now he on the bed rom last one year. The family is in urgent need of funds for...
सुखद अनुभव के लिए भीड़ की जरुरत नहीं होती ।
🥰💞
Real fact
वक्त के साथ सब बदल गया, और जो रह गया वो बस यही था ❤️
बची हुई यादो के साथ ये पहाड़ी रसोई 😊
बहुत बढ़िया दोस्त लोगों..🙌🙌
टीम संकल्प
Medicine 💊 camp
एक प्रयास अपनों के लिए 🙏🙏🙏
टीम संकल्प 🙏🙏🙏
/६ /२। को गावं के युवाओं द्वारा जो बाहर निवास करते हैं ग्राम सभा मटेला के जरूरत मंदो को राशन वो समस्त ग्रामवासी को दवाई वितरण कार्यक्रम किया गया इन लोगो का इस सरहानी कार्य के लिए तहे दिल से आभार
यह जिसका भी घर है उस भाई को दिल से सैल्यूट
❤ 🤍 💙
🌷 🔷️ #नवाचार 🔷️🌷
"आवश्यकता आविष्कार की जननी है"
नवाचार का नाम : प्लास्टिक की बोतलों से तैयार चहारदीवारी
आवश्यक सामग्री : प्लास्टिक की निष्प्रयोज्य खाली बोतलें (1लीटर या 2 लीटर), लोहे के एंगल, कँटीले तार, पतला तार, पेन्ट।
निर्माण विधि- सर्वप्रथम आसपास के क्षेत्रों में पड़ी हुई, कुछ होटलों रेस्टोरेंट्स में रखी हुई निष्प्रयोज्य बोतलों को छात्रों और अध्यापकों ने मिलकर एकत्र किया। विद्यालय परिसर के चारों ओर लोहे के एंगल लगाए गए। उन पर कँटीले तारों को लगाया गया। फिर बोतलों को एक पतले तार में माला की तरह पिरो कर उन कँटीले तारों से बांध दिया गया। इस तरह एक एक पंक्ति कर पूरे विद्यालय की चहारदीवारी बना कर तैयार की गई। ततपश्चात बोतलों को रंग करके चहारदीवारी को ट्रेन का रूप देने का प्रयास किया। दूर से चहारदीवारी चलती हुई ट्रेन जैसी प्रतीत होती है।
उपयोगिता/लाभ- आवारा पशुओं द्वारा किये जाने वाले नुकसान से विद्यालय पूरी तरह सुरक्षित हो गया। साथ ही पर्यावरण प्रदूषण को जन्म देने वाली निष्प्रयोज्य खाली बोतलों का सदुपयोग हो गया। इतने बड़े परिसर के लिये ईंटो चहारदीवारी की लागत कई लाखों में आती जबकि प्लास्टिक की बोतलों से बनी चहारदीवारी हेतु मात्र कुछ हजार रुपयों से ही काम बन गया। इस प्रकार सरकारी धन को बचाने का एक विकल्प भी तैयार हुआ है।
नवाचारी शिक्षकों के नाम-
श्रीमती लक्ष्मी काला
श्री संतोष जोशी
विद्यालय- रा०उ०प्रा०वि० सूर्यागाँव, ब्लॉक- भीमताल
जनपद- नैनीताल
राज्य- उत्तराखण्ड
*पहला* चित्र - यूपीए काल का है जब पद्मभूषण एक ऐसे नबाब को दिया गया था जिसका भारतीय समाज में योगदान यह था कि उसने 2 शादियां की थी और अपने बच्चे का नाम तैमूर नाम के एक ऐसे राक्षस के नाम पर रखा था जिसने दुनिया की 5% आबादी का क़त्ल किया था !
*दूसरा* चित्र आज के समय का है जिसमें पद्धमभूषण अवार्ड एक ऐसी महिला शुभासिनी मिस्त्री को दिया जा रहा है जिसने सड़क किनारे सब्जियां बेचकर एक चेरिटेबल हॉस्पिटल बनवाया जिसमें उसका डॉक्टर बेटा - बहु समेत पूरा परिवार हर साल हजारों मरीजों का मुफ्त इलाज करता है !
अब मेरा देश बदल रहा है 💐🙏
Mukhba Village Fresh Snowfall ❄️
Harshil Valley
Uttarkashi district
Photo by:-Social Media
पहचान के बताओ कॉमेंट करो.... कहा की पिक्चर है?
Healthy enjoyment
72वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजपथ पर निकली झांकियों में उत्तराखंड की ओर से प्रदर्शित होने वाली "केदारखंड झांकी" को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ है।
यह संपूर्ण उत्तराखंड के लिए गर्व का विषय है। राज्य को यह उपलब्धि हासिल होने पर सभी प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं। जय बाबा केदार!
HMT Ranibagh #.
❤ गांव ❤
Fuggu waterfall, Near Madkote Munsiyari ❤
Harshil valley uttarakhand
Shaandaar
❤ Jai saim devta ki ❤
❤ गांव..❤
फुग्गू , मदकोट ,मुनस्यारी ।
Chopper crashed at Kedarnath during a mission in 2018...
सूरजकुंड, जोहार मुनस्यारी ।
Johaar valley ❤ 🤍 💙 🧡 🖤
# ❤ 🤍
पहाड़ का भोटिया कुत्ता... ये नाम जुबां पर आते ही शायद दुनिया की बाकी नस्लों के कुत्ते फीके नजर आते हैं। इनकी गिनती सबसे बुद्धिमान और ताकतवर नस्ल में होती है, जिनकी विशुद्ध प्रजाति उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पायी जाती है,पर इनकी मिलीजुली प्रजाति निचले हिमालयी क्षेत्रों में भी देखी गयी है। बहुत सारे ऐसे गाँव है, जहाँ पर लगभग 3 हजार भेड़ बकरियों की सुरक्षा के लिए एक बेहतरीन विकल्प है, यह अधिकतर ठंडे इलाके में पाले जाते हैं। बच्चों पर ये कभी नाराज नहीं होता। भोटिया या भोटी कुत्ते दरअसल तिब्बतन मस्टिफ की ही एकप्रजाति है। जो अधिकतर काले रंग के होते हैं। भारी जबड़ा,सुडोल बदन और शांत स्वभाव इनकी खास पहचान है। आम कुत्तों की तरह अनायास ही भौं-भौं नहीं करते बल्कि बड़ी सजगता से पहरेदारी करते हैं। वफादार के साथ इनके बुद्धिमान और बलवान होनी की खूबी इनको और भी खास बनाती है। ताकत की बात करें तो ये अकेले बाघ से भिड़ सकते हैं,तेंदुए और गुलदार तो इसके सामने टिक नहीं पाते। घुम्मतू भोटिया लोगों के अलावा इस प्रजाति के कुत्तों को अब आम लोग भी घर की रखवाली के लिये पालने लगे हैं। फेडरेशन ऑफ साइनोलोजिक इंटरनेशनल के अनुसार लगभग 350 नस्लों के कुत्ते पूरे विश्व में हैं। इतनी सारी नस्ल के कुत्तों के बीच भोटिया नस्ल का कुत्ता बेहद खास होता है। जितना शांत, उतना ही खतरनाक... इसे बच्चों से प्यार करने वाला और परिवार के दुश्मनों पर पैनी निगाह रखने वाला कहा जाता भोटिया। गठीला बदन और रौबदार चेहरा देखकर आपको डर जरूर लगेगा। भोटिया की सबसे बड़ी खासियत क्या है ? आम तौर पर 6-6 महीने बकरियां लेकर बुग्याल और उच्च हिमालयी क्षेत्रों में रहने वाले चरवाहों के पास ये कुत्ता होता है। आप यकीन नहीं करेंगे लेकिन वास्तव में भोटिया की कुछ खासियत अलहदा होती हैं। बकरी पालने वाले अच्छे भोटिया कुत्ते की पहचान कैसे करते हैं ? ये भी हम आपको बता रहे हैं, कहते हैं जब भोटिया पैदा होकर थोड़ा सा बड़ा होता है, तो उसे बकरियों के साथ जंगलों में छोड़ दिया जाता है। अब इसे आनुवांशिक लक्षण कहें या कुछ और...भोटिया बकरी के बच्चों की सुरक्षा में लगा रहता है और मुश्किल पड़ने पर उन्हें अपने जबड़े में प्यार से उठाकर वापस मालिक के पास ले आता है। इसके अलावा भेड़ों के लिये इनका बनाया सुरक्षा चक्र अभे़द्य होता है। यूं न समझिए कि इन्हें बचपन से ये सब कुछ सिखाया जाता है। ये आनुवांशिक है और वास्तव में ये चमत्कार ही है। आप किसी भी भोटिया नस्ल के कुत्तों को भेड़ों के आस-पास छोड़ दीजिए। वो खुद ही ऐसा त्रिकोणीय सुरक्षा चक्र बनाते हैं कि परिंदा भी भेड़ों पर मार नही कर सकता। किसी भी प्रकार के खतरे के दौरान ये बिना किसी पूर्व चेतावनी के हमला कर देते हैं। उत्तराखंड में उत्तरायण मेले पर इस नस्ल के कुत्ते खरीदे-बेचे जाते हैं। ❤ 🤍 💙 🧡
बेटूलीधार,मुनस्यारी ।
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वीर शहीद केशरी चंद राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय की एनसीसी विंग के अंडर आफिसर अभिषेक का चयन गणतंत्र दिवस की परेड के लिए किया गया है। उनके चयन पर महाविद्यालय में खुशी का माहौल है। एनसीसी यूनिट के तृतीय वर्ष के कैडेट अंडर आफिसर अभिषेक सिंह को गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में राजपथ पर आयोजित की जाने वाली परेड में शामिल होने का अवसर मिला है। डिग्री कालेज के प्राचार्य जीआर सेमवाल व एनसीसी प्रभारी कैप्टन डा.आशुतोष त्रिपाठी ने कैडेट के चयन को उसकी मेहनत व लगन का परिणाम बताया।
जिंदगी तो पहाड़ों मै है शहरों में तो बस दिन कट रहे सच कहूं तो किसी जन्नत से कम नहीं
दिल तो अपना पहाड़ों में ही बसता है
हम पहाड़ी पहाड हमारा घर 🌹✌️♥️🙏
Bageshwar
263628
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