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जगन्नाथपुरी की कहानीपुरातन काल में एक सुंदर समुद्रतट पर एक गांव बसा हुआ था। यह गांव सुखद और शांतिपूर्ण था और उसके लोगों ...
21/06/2023

जगन्नाथपुरी की कहानी

पुरातन काल में एक सुंदर समुद्रतट पर एक गांव बसा हुआ था। यह गांव सुखद और शांतिपूर्ण था और उसके लोगों का आदर्श जीवनशैली आपस में मेल खाती थी। उन्होंने सभी देवताओं का पूजन किया और अपने दैनिक जीवन को आदर्श बनाने का प्रयास किया।

गांव में एक गरीब भक्त रहता था जिसका नाम जगन्नाथ था। जगन्नाथ बड़ी ईमानदारी और नेकी से जीता था। वह हमेशा दूसरों की सहायता करता और भगवान विष्णु के प्रति अपार श्रद्धा रखता था। उसकी एक बड़ी इच्छा थी कि एक दिन वह अपने प्रिय देवता जगन्नाथ के दर्शन करें।

एक दिन उसने गांव के पुजारी को अपनी इच्छा बताई और पुजारी ने उसे समझाया कि जगन्नाथ जगन्नाथपुरी में वास करते हैं। जगन्नाथ ने दिल में यह निश्चित कर लिया कि वह जगन्नाथपुरी जाकर अपने इष्टदेव के दर्शन करेगा।

वह एक संघर्षपूर्ण यात्रा शुरू करने के लिए तैयार हुआ। यात्रा में जगन्नाथ अपने दोस्तों और पड़ोसियों के साथ निकल पड़े। वे पैदल ही यात्रा कर रहे थे और रास्ते में उन्हें अनेक संगठनों का स्वागत भी मिला। सबके मन में एक ही आशा थी - जगन्नाथ दरबार में प्रवेश करने की।

बहुत संघर्ष के बाद, जगन्नाथ और उनकी सवारी ने जगन्नाथपुरी के द्वार पर रात्रि को पहुँचा। वहाँ पर एक अद्भुत दृश्य देखकर उनका ह्रदय आनंद से भर उठा।

जगन्नाथपुरी के दरबार में उन्हें अपने इष्टदेव जगन्नाथ, बालभद्र और सुभद्रा की मूर्तियों की आराधना करने का अवसर मिला। उनके दर्शन करके जगन्नाथ का मन अत्यंत प्रसन्न हुआ और उन्होंने अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए धन्यवाद दिया।

जगन्नाथपुरी में वे कई दिनों तक रुके और भक्तों के साथ मिलकर भोग-विलास का आनंद लिया। जगन्नाथ की विशेष पूजा, आरती और भजनों के साथ ही वे प्रशान्त और धार्मिक वातावरण का आनंद लिया।

यात्रा के बाद जगन्नाथ और उन के साथी अपने गांव की ओर लौट आए। जगन्नाथ ने अपने अनुभवों को सबसे साझा किया और सभी को बताया कि जगन्नाथपुरी में उन्हें कैसा आनंद आया और कैसे उनकी मनोकामनाएं पूरी हुईं। गांव के लोग उनकी यात्रा के बारे में बहुत प्रसन्न और प्रेरित हुए और वे भी जगन्नाथपुरी जाने का निश्चय कर लिया।

इसके बाद उन्होंने साथियों की मदद से एक यात्रा संगठित की और उनके नेतृत्व में गांव के लोग जगन्नाथपुरी की ओर निकल पड़े। यात्रा के दौरान सभी लोग एकजुट होकर गानों, भजनों और कथाओं के माध्यम से भगवान जगन्नाथ की महिमा गाते रहे।

बहुत संघर्ष के बाद वे अपने गुरु द्वारा निर्दिष्ट समय पर जगन्नाथपुरी पहुंचे। उनकी आंखों में आनंद की किरणें छाई थीं, क्योंकि उन्होंने अपना इष्टदेव देख लिया था। सभी लोग धन्यवाद करते हुए दरबार में प्रवेश करने के लिए आगे बढ़े और अपनी आराधना करने लगे।

वहां के पुजारियों ने उनका स्वागत किया और उन्हें प्रसन्नता से प्रदर्शन किया। जगन्नाथपुरी के दरबार में वे दिनों तक रहे और अपनी आध्यात्मिक ज्ञान को और अधिक विकसित किया। वे सम्पूर्ण भक्ति और समर्पण के साथ अपने इष्टदेव के आगे प्रणाम करते रहे।

जगन्नाथपुरी में वे न सिर्फ अपनी मनोकामनाएं पूरी करने का अवसर पाए, बल्कि अन्य भक्तों से मिलकर अपने आदर्शों का प्रचार भी किया। उनकी यात्रा के दौरान वे साथियों के साथ वार्तालाप करते रहे, अनुभवों को साझा किया और अपने द्वारा प्राप्त किए गए ज्ञान को बाँटते रहे।

आखिरकार, यात्रा का समय आ गया और जगन्नाथ और उनके साथियों ने जगन्नाथपुरी से अपने गांव की ओर प्रस्थान किया। उनका मन प्रसन्नता से भरा हुआ था, क्योंकि उन्होंने अपने इष्टदेव की कृपा और मार्गदर्शन प्राप्त किया था।

गांव में पहुंचकर जगन्नाथ ने सभी को अपने अनुभवों के बारे में बताया और उनको यात्रा के महत्व का बोध कराया। इससे सभी लोग उनके वर्णन से प्रेरित हुए और भगवान की भक्ति के माध्यम से अपने जीवन को धार्मिक बनाने का संकल्प लिया। वे रोज़ाना जगन्नाथ की पूजा-अर्चना करने लगे और उनके चरणों में अपनी समर्पण भरी भावना ले कर रहे।

गांव के लोग जगन्नाथ की यात्रा के बारे में सुनकर प्रभावित हुए और वे भी अपने इष्टदेव के दर्शन करने के लिए प्रयास करने लगे। इस तरह से जगन्नाथ की महिमा और प्रेरणा ने गांव के लोगों को धार्मिकता और समर्पण की ओर आग्रहित किया।
इस रूप में, जगन्नाथपुरी की यात्रा ने गांव को धार्मिकता, समर्पण और सामरिकता की दिशा में एक नयी प्रेरणा प्रदान की। जगन्नाथ की कृपा से लोगों का जीवन ध्यान, सुख और समृद्धि से भर गया।

इस तरह जगन्नाथपुरी की यात्रा ने जगन्नाथ के भक्तों को उनके इष्टदेव के समीप ले जाकर उन्हें आध्यात्मिक सन्तुष्टि और आनंद प्रदान किया। यह एक धार्मिक और आध्यात्मिक यात्रा न केवल जगन्नाथ के दर्शन का माध्यम थी, बल्कि यह एक समूह को एकजुट करने और धार्मिकता के सिद्धांतों को प्रचारित करने का भी एक माध्यम थी। इस यात्रा से लोगों का आपसी मेल-जोल बढ़ा और सद्भावना का माहौल स्थापित हुआ।

जगन्नाथपुरी की यात्रा सबको धार्मिक जीवन में एक नई प्रेरणा और मार्गदर्शन देने के साथ-साथ सामाजिक संगठन में एक महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाई। जगन्नाथ की महिमा और प्रेम का संदेश व्यापक रूप से फैला और लोगों के जीवन में आनंद, शांति और समृद्धि का संचार किया।

जगन्नाथपुरी की यात्रा ने लोगों को धर्म की महत्वपूर्णता, सेवा और समर्पण की भावना को प्रत्यक्ष रूप से अनुभव कराया। यह यात्रा न केवल एक व्यक्ति के आंतरिक आनंद को पूरा करती है, बल्कि उन्हें सामाजिक जिम्मेदारियों की ओर प्रेरित भी करती है।

20/06/2023

पंच केदार उत्तराखंड के धार्मिक महत्वपूर्ण स्थानों में से पांच ऐसे मंदिर हैं, जो महाभारत काल में पंडवों द्वारा बनाए गए हैं। ये पंच केदार मंदिर भगवान शिव को समर्पित हैं और उनकी पूजा-अर्चना का अत्यंत महत्व है।

पहला पंच केदार यामुनोत्री मंदिर है, जो यामुनोत्री धाम के रूप में जाना जाता है। यहां यामुना नदी का उद्गम स्थल है और मंदिर की सुंदरता और पर्यटन स्थलों की वजह से यहां लोग आकर्षित होते हैं।

दूसरा पंच केदार गंगोत्री मंदिर है, जो गंगोत्री धाम के रूप में जाना जाता है। इस मंदिर के पास भगवान शिव के लिए एक स्थान है, जहां उन्होंने भगीरथ को गंगा को पृथ्वी पर लाने का आदेश दिया था।

तीसरा पंच केदार केदारनाथ मंदिर है, जो पंडवों द्वारा बनाया गया है। यह मंदिर उत्तराखंड में सबसे महत्वपूर्ण और पवित्र माना जाता है, जहां भगवान शिव की पूजा-अर्चना होती है।

चौथा पंच केदार तुंगनाथमंदिर है, जो चंद्रशिला पर्वत पर स्थित है। यहां भगवान शिव का मुख्य मंदिर है और यहां पहुंचने के लिए यात्रीयों को कठिन और चुनौतीपूर्ण ट्रेकिंग की आवश्यकता होती है।

पांचवां पंच केदार रुद्रनाथ मंदिर है, जो उत्तराखंड के मनार गांव में स्थित है। यह मंदिर पंडवों द्वारा बनाया गया है और भगवान शिव को समर्पित है। इसे पहुंचने के लिए यात्री को एक लंबी और कठिन ट्रेकिंग यात्रा करनी पड़ती है।

ये पंच केदार मंदिर उत्तराखंड के धार्मिक एवं आध्यात्मिक महत्व के साथ-साथ पर्यटन स्थलों के रूप में भी मशहूर हैं। इन मंदिरों की सुंदरता, इतिहास, और प्राकृतिक सौंदर्य दर्शनीय हैं। यात्री यहां आकर धार्मिक और आध्यात्मिक महसूस करते हैं और पर्यटन से आनंद लेते हैं। इन पंच केदारों का दर्शन करने से यात्री को एक अद्वितीय और धार्मिक अनुभव मिलता है, जो उनकी जीवन में स्पेशल होता है।

The Clock Tower of Dehradun, also known as Ghanta Ghar, is an iconic landmark located in the heart of the city of Dehrad...
18/06/2023

The Clock Tower of Dehradun, also known as Ghanta Ghar, is an iconic landmark located in the heart of the city of Dehradun in Uttarakhand, India. It stands tall at the bustling intersection of Rajpur Road and Paltan Bazaar, serving as a prominent symbol of the city's heritage and history.

Built during the British colonial era, the Clock Tower was constructed in 1948 as a tribute to the soldiers of Garhwal Regiment who fought bravely in World War II. The tower features a tall structure with a clock on all four sides, displaying accurate time to the people of Dehradun.

The architecture of the Clock Tower reflects a blend of British and Indian architectural styles. It is constructed with bricks and has a clock mechanism imported from England. The tower is adorned with intricate designs, ornamental motifs, and a distinctive dome at the top, which adds to its grandeur and charm.

The Clock Tower serves not only as a timekeeping mechanism but also as a significant meeting point and a landmark for locals and visitors alike. It has witnessed the transformation of Dehradun over the years and has become an integral part of the city's identity.

Surrounding the Clock Tower, you will find bustling markets, shops, and vendors selling a variety of goods, ranging from clothing and handicrafts to street food and local produce. The area comes alive with activity, and the Clock Tower stands as a witness to the daily hustle and bustle of Dehradun.

Visitors to Dehradun often gather around the Clock Tower to meet friends, start their exploration of the city, or simply enjoy the vibrant atmosphere. It has become a popular spot for photography enthusiasts who capture its architectural beauty and the surrounding lively ambiance.

The Clock Tower of Dehradun stands as a proud reminder of the city's history and a testament to its enduring charm. It serves as a connecting point between the past and the present, symbolizing the rich cultural heritage and the continuous progress of Dehradun.
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एक समय की बात है, पवित्र नगर ऋषिकेश में एक ज्ञानी और सहानुभूत संत श्री स्वामी शुक्देवानंदजी निवास करते थे। स्वामी शुक्दे...
18/06/2023

एक समय की बात है, पवित्र नगर ऋषिकेश में एक ज्ञानी और सहानुभूत संत श्री स्वामी शुक्देवानंदजी निवास करते थे। स्वामी शुक्देवानंदजी अपने आध्यात्मिक उपदेशों और मानवता के प्रति अपार संवेदनशीलता के लिए प्रसिद्ध थे। अपने विनम्र जीवनशैली के बावजूद, उनका एक महान सपना था कि उन्नति के लिए लोग एक ऐसी आश्रम की स्थापना कर सकें, जहां जीवों को संबल, प्रबुद्धता और आत्म-ज्ञान का आश्रय मिले।

अपने सपने के आदान-प्रदान के साथ प्रेरित होकर, स्वामी शुक्देवानंदजी ने उसे पूरा करने के लिए एक मिशन शुरू किया। अनचाहे उपवनों और घाटियों में घूमते हुए, उन्होंने अपने सपने को साकार करने के लिए सबसे उपयुक्त स्थान की खोज की। अंततः, उन्हें पवित्र गंगा नदी के किनारे एक शांत स्थान मिला, जो हरियाली से घिरा हुआ था और माझेस्थ शिखरों द्वारा घिरा हुआ था।
इस दिव्य प्राप्ति के लिए कृतज्ञता से भरी हुई, स्वामी शुक्देवानंदजी ने उस आश्रम को "परमार्थ निकेतन" नामित किया, जो "उच्चतम सत्य का निवास स्थान" का अनुवाद करता है। उन्होंने यह माना कि यह शांति, आध्यात्मिक विकास और अपने आप से गहरा संबंध ढूंढ़ने वाले लोगों के लिए एक आश्रय स्थान बन जाएगा।

विश्वास और सेवा के साथ भरे हुए, स्वामी शुक्देवानंदजी ने अपनी मार्गदर्शन में परमार्थ निकेतन को खुशहाली की ओर बढ़ाया। आश्रम हर वर्ष लाखों आगंतुकों का स्वागत करता है, जो वहां शांति के माहौल में अपने आंतरिक खोज में लग जाते हैं, दिव्यता से जुड़ते हैं और प्राचीन भारतीय परंपराओं के गहरे ज्ञान का अनुभव करते हैं।

परमार्थ निकेतन की कहानी हमें एक व्यक्ति के सपने के पीछे छिपे आदर्शों की ओर ध्यान देने और अनगिनत अन्यों के जीवन पर गहरा प्रभाव डालने की महानतम शक्ति को स्मरण दिलाती है। यह हमें याद दिलाती है कि एक शांति और आध्यात्मिक विकास का आश्रय सिर्फ एक सूचना और मानवता की सेवा करने के गहरे संकल्प के साथ बनाया जा सकता है। यह एक अच्छा उदाहरण है कि एक इंसान की दृष्टि और मनोबल कितना अद्भुत रूप से दूसरों के जीवन को प्रभावित कर सकते हैं।

आज, परमार्थ निकेतन स्वामी शुक्देवानंदजी के दर्शन और अद्यतन के तहत विकसित हुआ है। यह आश्रम रोज़ाना योग कक्षाएँ, ध्यान सत्र, और आध्यात्मिक विचार-मंथन का आयोजन करता है, जो आश्रम के द्वारा आने वाले यात्रियों को एक पूर्णतापूर्ण अनुभव प्रदान करता है। यह अपनी सेवा में नई पीढ़ी को प्रेरित करता है और अध्यात्मिक अन्धकार से प्रकाश की ओर प्रशांति और आनंद का मार्ग दिखाता है।

परमार्थ निकेतन की कहानी हमें यह याद दिलाती है कि आध्यात्मिकता, प्रेम और सेवा के बाल एक साधारण इंसान को अत्यंत अद्वितीय और महान बना सकते हैं। यह हमें स्वयं के और दूसरों के अंतर्मन के साथ जुड़ने की महत्वपूर्णता का आभास कराती है और हमें एक और बेहतर विश्व के निरझर में जीने के लिए प्रेरित करती है। परमार्थ निकेतन, अपार स्नेह, समर्पण और आत्मबल से संचालित होता है।

आज, परमार्थ निकेतन योग एवं आध्यात्मिकता के क्षेत्र में एक प्रमुख केंद्र के रूप में मान्यता प्राप्त कर चुका है। वहां प्रतिवर्ष हजारों लोग आकर अपने आंतरिक सफ़र में लीन होते हैं, वैज्ञानिक योग-अभ्यास, ध्यान और सत्संग का आनंद लेते हैं। आश्रम अपने शिक्षकों और गुरुओं द्वारा आयोजित किए जाने वाले व्याख्यान, सेमिनार, और आध्यात्मिक उत्सवों के माध्यम से सत्संग का प्रदान करता है।

परमार्थ निकेतन की कहानी हमें यह याद दिलाती है कि एक व्यक्ति की संकल्पना और सेवा भावना सामान्य रूप से बड़े परिवर्तनों को जन्म दे सकती हैं। यह हमें ध्यान दिलाती है कि हम सभी का एक महान उद्देश्य होना चाहिए - आत्म-समर्पण, प्रेम, और सेवा के माध्यम से अपने आप को और दूसरों को उच्चतम सत्य की ओर प्रकट करना।
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Discover Uttarakhand, the "Land of the Gods," where natural beauty and spirituality converge to create a mesmerizing exp...
18/06/2023

Discover Uttarakhand, the "Land of the Gods," where natural beauty and spirituality converge to create a mesmerizing experience. Uttarakhand tourism offers a treasure trove of attractions that leave visitors spellbound. With its majestic Himalayan peaks, including Nanda Devi and Kedarnath, adventure enthusiasts can indulge in thrilling activities like trekking and mountaineering. The region's sacred pilgrimage sites, such as Gangotri, Yamunotri, Kedarnath, and Badrinath, beckon spiritual seekers with their divine aura. Uttarakhand's national parks and wildlife sanctuaries, like Jim Corbett National Park, enthrall nature lovers with their rich biodiversity. Hill stations like Mussoorie and Nainital provide a tranquil escape amidst stunning landscapes. Immerse yourself in the cultural heritage through vibrant festivals, traditional crafts, and delectable cuisine. Uttarakhand's warm hospitality and traditional arts and music add an extra charm. Uttarakhand tourism strives to promote sustainable practices, ensuring a memorable and responsible journey for all. Experience the magic of Uttarakhand and create cherished memories in this enchanting land.
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17/05/2023

Hello everyone, this is my first post.

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