Vrindavan jana h jis jis ko Jana chlo

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28/02/2024

आज का भगवद चिंतन।आज आप के लिए "महाभारत से सर्वोत्तम जीवन के लिए नौ अहम सूत्र लाये है, इन्हें अपनाने का प्रयास करे।
1.संतानों की गलत माँग और हठ पर समय रहते अंकुश नहीं लगाया गया, तो अंत में आप असहाय हो जायेंगे-* *कौरव*
2.आप भले ही कितने बलवान हो लेकिन अधर्म के साथ हो तो, आपकी विद्या, अस्त्र-शस्त्र शक्ति और वरदान सब निष्फल हो जायेगा -* *कर्ण*
3.संतानों को इतना महत्वाकांक्षी मत बना दो कि विद्या का दुरुपयोग कर स्वयंनाश कर सर्वनाश को आमंत्रित करे-*
*अश्वत्थामा*
4.कभी किसी को ऐसा वचन मत दो कि आपको अधर्मियों के आगे समर्पण करना पड़े -* *भीष्म पितामह*
5.संपत्ति, शक्ति व सत्ता का दुरुपयोग और दुराचारियों का साथ अंत में स्वयंनाश का दर्शन कराता है -* *दुर्योधन*
6.अंध व्यक्ति- अर्थात मुद्रा, मदिरा, अज्ञान, मोह और काम ( मृदुला) अंध व्यक्ति के हाथ में सत्ता भी विनाश की ओर ले जाती है -* *धृतराष्ट्र*
7.यदि व्यक्ति के पास विद्या, विवेक से बँधी हो तो विजय अवश्य मिलती है -*
*अर्जुन*
8.हर कार्य में छल, कपट, व प्रपंच रच कर आप हमेशा सफल नहीं हो सकते -*
*शकुनि*
9.यदि आप नीति, धर्म, व कर्म का सफलता पूर्वक पालन करेंगे, तो विश्व की कोई भी शक्ति आपको पराजित नहीं कर सकती -* *युधिष्ठिर*
यदि इन नौ सूत्रों से सबक लेना सम्भव नहीं होता है तो जीवन मे महाभारत संभव हो जाता है।*जय जय श्री राधेकृष्ण जी।

28/02/2024

🍃🌾😊
*आप अपने कर्मों से इतना दुखी नहीं है जितना अपनी इच्छाओं और वासनाओं से हैं।जितने भी द्वंद , उपद्रव, अशांति है सब आपके भीतर हैं।आप अपना संसार स्वयं बनाते हैं।आपकी तृष्णा कभी समाप्त नहीं होती। जहाँ तृष्णा है वहाँ चिंता स्वभाविक है।जहाँ चिंता है वहाँ सुख कैसा, उल्लास कैसा? यदि आपकी तृष्णा शांत हो जाये , जितना प्राप्त है उसी में सन्तुष्ट रहना आ जाये, तो आप कभी अशांत नहीं होंगे।आप अपने सोचने का स्तर ठीक कर लेंतो जीवन को मधुवन बनते देर नहीं लगती।*
*🙏🏻💐जय श्री राधेकृष्ण💐🙏🏻*

*गोधूलि बेला*************गोधूलि बेला पूरे दिन का सबसे अच्छा मुहूर्त होता है। यह वह समय होता है जब सूर्यास्त से पहले गायो...
28/02/2024

*गोधूलि बेला*
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*गोधूलि बेला पूरे दिन का सबसे अच्छा मुहूर्त होता है। यह वह समय होता है जब सूर्यास्त से पहले गायों की घर वापसी होती है। उनके चलने से पैरों से धूल उठती है, इसलिए इसे गोधिला बेला कहा गया है।*

*नो वा योगो न मृतिभवनं नैव जामित्र दोषो।*
*गोधूलिः सा मुनिभिरुदिता सर्वकार्येषु शस्ता।।*

*गोधूलि बेला संध्या काल के पहले की स्थिति होती है। इस समय आकाश में सूर्य की किरणें सुनहरी छटा बिखेर रही होती हैं। सूर्य में लालिमा होती है और धूप की उपस्थिति भी बनी रहती है। इसे अपराह्न के तुरंत बाद और संध्याकाल से पहले की अवस्था भी कहा जा सकता है।*

*क्या है गोधूलि बेला*
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*सूर्यास्त या दिन अस्त के जो बीच का समय होता है, उसे गोधूलि बेला या गोधूलि काल कहा जाता है। यह शाम 05 से 07 बजे के बीच का समय होता है। इस बेला या काल को हिंदू धर्म में बहुत ही शुभ माना गया है, क्योंकि इसी समय गायें अपने घर वापसी करती हैं और यह मां लक्ष्मी के आगमन का समय माना जाता है।*

*गोधूलि बेला का महत्व*
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*गोधूलि बेला का संबंध घर वापसी से होता है। इस समय गायें, पशु-पक्षियां और अन्य जन अपने घर की ओर लौटते हैं। पक्षियां भी एक कतार में आसमान में उड़ते हुए अपने घोंसने की ओर जाते हैं। यह समय उत्साह, आनंद और उमंग भरा होता है। इसलिए इस बेला में सामान्य दोष सहज ही नष्ट हो जाते हैं।*

*गोधूलि बेला में कई दोष होते हैं दूर*
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*शुभ या मांगलिक कार्यों के लिए इस बेला को बहुत शुभ माना गया है। इस मुहूर्त में लक्ष्मी पूजन करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। यह बेला पात और जामित्रादि दोष को नाश करने वाला भी होता है। साथ ही गोधूलि बेला लग्न के दोषों को भी दूर करता है और अष्टम भाव यानी पाप भाव में गोचर कर रहे ग्रहों के कारण उत्पन्न हुए अनिष्टों से मुक्त रखता है।*

*गोधूलि बेला में जरूर करें ये काम*
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*गोधूलि बेला में तुलसी के पास दीपक जलाना चाहिए। साथ ही इस बेला में आप पीपल, केला और बरगद जैसे धार्मिक वृक्षों के पास भी दीपक जलाएं। इससे त्रिदेवों और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है।*

*इस बेला में सूर्य को *अर्घ्य देने से धन, बल, बुद्धि, विद्या और दिव्यता की प्राप्ति होती है। छठ पूजा में इसी बेला में अस्ताचल सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है।*

*पूजा-पाठ के लिए गोधूलि बेला को बहुत अच्छा माना जाता है। इस समय पूजा करने घर पर बरकत बनी रहती है और देवी-देवता प्रसन्न होते हैं।*

*गोधूलि बेला में घर पर आरती जरूर करें। इससे सुख-शांति आती है और घर पर मां लक्ष्मी का वास होता है। साथ ही रोग-शोक दूर हो जाते हैं।*

*प्रार्थना के लिए गोधूलि बेला को बहुत अच्छा माना गया है। कहा जाता है कि, इस समय की गई प्रार्थना भगवान सुनते हैं और उसे पूरा करते हैं।*

*संकटों से बचने और सुख-समृद्धि के लिए गोधूलि बेला में मौन रहना चाहिए।* *इसलिए इस समय भूलकर भी घर पर वाद-विवाद या कलह-क्लेश न करें।*

28/02/2024
19/01/2024

कठोर या चंचल स्वभाव बदलने की कुंजी🔸*

*🔸स्वभाव कठोर है तो कमल का ध्यान करें, स्वभाव कोमल हो जायेगा । चंचल स्वभाव है तो ऐसा चिंतन करें कि “मैं शांत आत्मा हूँ, चिद्घन आत्मा हूँ, चैतन्य आत्मा हूँ... चंचलता मन में है, उसको जाननेवाला, चल मन को जाननेवाला अचल मेरा आत्मा-परमात्मा है । ॐ ॐ ॐ....” थोड़े दिन में स्वभाव ठीक हो जायेगा ।*

*🔹मनुष्य कितना भी पतित हो वह महान बन सकता है🔹*

*🔸‘ॐऽऽऽ...’ उच्चारण किया और जितनी देर उच्चारण किया उतनी देर शांत हो जाय, ध्यान में डूबता जाय । अगर ऐसा १०-१५ मिनट सुबह-शाम करे, गुरुगीता का पाठ करे, युवाधन-सुरक्षा के नियमों पर अमल करे और भगवान् को, सदगुरु को एकटक देखे, उनसे बातें करे, प्रेरणा ले फिर अंतर में डुबकी मारे तो कितना भी पतित, कैसा भी गिरा हुआ व्यक्ति हो, उसका पतन बंद होने लगेगा, मन पवित्र होने लगेगा । वह मंगल के रास्ते चल पड़ेगा ।*

श्री राधे ❤️राधे 🌹।
19/01/2024

श्री राधे ❤️राधे 🌹।

Radhey Radhey
25/12/2023

Radhey Radhey

17/12/2023

Radhe Radhe

*🌹सर्मपण और अहंकार🌹**पेड़ की सबसे ऊँची डाली पर लटक रहा नारियल रोज नीचे नदी मेँ पड़े पत्थर पर हंसता और कहता।**" तुम्हारी तक...
17/12/2023

*🌹सर्मपण और अहंकार🌹*

*पेड़ की सबसे ऊँची डाली पर लटक रहा नारियल रोज नीचे नदी मेँ पड़े पत्थर पर हंसता और कहता।*

*" तुम्हारी तकदीर मेँ भी बस एक जगह पड़े रह कर, नदी की धाराओँ के प्रवाह को सहन करना ही लिखा है, देखना एक दिन यूं ही पड़े पड़े घिस जाओगे।*

*मुझे देखो कैसी शान से उपर बैठा हूं? पत्थर रोज उसकी अहंकार भरी बातोँ को अनसुना कर देता।*

*समय बीता एक दिन वही पत्थर घिस घिस कर गोल हो गया और विष्णु प्रतीक शालिग्राम के रूप मेँ जाकर, एक मन्दिर मेँ प्रतिष्ठित हो गया ।*

*एक दिन वही नारियल उन शालिग्राम जी की पूजन सामग्री के रूप मेँ मन्दिर मेँ लाया गया।*

*शालिग्राम ने नारियल को पहचानते हुए कहा " भाई . देखो घिस घिस कर परिष्कृत होने वाले ही प्रभु के प्रताप से, इस स्थिति को पहुँचते हैँ।*

*सबके आदर का पात्र भी बनते है, जबकि अहंकार के मतवाले अपने ही दभं के डसने से नीचे आ गिरते हैँ।*

*तुम जो कल आसमान मे थे, आज से मेरे आगे टूट कर, कल से सड़ने भी लगोगे, पर मेरा अस्तित्व अब कायम रहेगा।*
*भगवान की द्रष्टि मेँ मूल्य.. समर्पण का है . अहंकार का नहीं।*

यह वह यंत्र है जिसे अयोध्याधामजी में श्री रामजी की मूर्ति के आसन के नीचे रखा जाएगा।  इसे अयोध्याधामजी ले जाने से पहले ते...
17/12/2023

यह वह यंत्र है जिसे अयोध्याधामजी में श्री रामजी की मूर्ति के आसन के नीचे रखा जाएगा। इसे अयोध्याधामजी ले जाने से पहले तेनाली में जनता के दर्शन के लिए रखा गया है। एक बार श्री राम जी की प्रतिमा स्थापित हो जाने के बाद हम इसे नहीं देख सकते। कृपया इसे कई लोगों के साथ सांझा करें क्योंकि इससे सभी को लाभ होगा, जय श्री राम जी,...🙏🏻🚩

श्री हरिः🌹 हरि नाम महिमा 🌹🌱सीधे तीन काम हैं—(१) भगवान‍्का नाम-जप,(२) बाहरी पापोंका बिलकुल त्याग और(३) भगवान‍्की दयापर वि...
17/12/2023

श्री हरिः
🌹 हरि नाम महिमा 🌹

🌱सीधे तीन काम हैं—
(१) भगवान‍्का नाम-जप,
(२) बाहरी पापोंका बिलकुल त्याग और
(३) भगवान‍्की दयापर विश्वास।
इनसे सारी बातें आप ही ठीक हो जायँगी। इनमें भी तीनों न हों तो दो करें; नहीं तो कम-से-कम एक भगवन्नामका जप-स्मरण निरन्तर करते रहनेकी कोशिश करना चाहिये। कलियुगमें केवल क्रियासे तारनेवाला, महान् फल देनेवाला भगवन्नाम ही है और सारे साधनोंमें भावकी आवश्यकता है। नाम भावसे, कुभावसे कैसे भी लिया जाय, कल्याणकारी ही है। अवश्य ही भावका तिरस्कार नहीं करना चाहिये। प्रत्येक क्रियामें, जहाँतक हो ऊँचे-से-ऊँचे भावमें, पूरी विधि तथा बाहरी क्रिया—तीनोंका ही खयाल रखकर तीनों ही करते रहना चाहिये। ‘हारेको हरिनाम’ है।
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*आज का भगवद् चिन्तन ॥*                                     *॥ दृष्टि सुधार ॥* 🕉️                        ये प्रकृति कभी क...
17/12/2023

*आज का भगवद् चिन्तन ॥*

*॥ दृष्टि सुधार ॥*
🕉️ ये प्रकृति कभी किसी के साथ अन्याय नहीं करती है। यदि इस दुनिया में पूर्ण कोई भी नहीं तो सर्वथा अपूर्ण भी कोई नहीं है। अंतर केवल आपके दृष्टिकोण का है कि आप अपने जीवन के किस पहलू पर नजर रखते हैं। जो आपके पास नहीं है उस पर अथवा जो आपके पास है उस पर।

🕉️ किसी की संपत्ति अथवा वैभव को देखकर बराबरी करने का विचार बुरा नहीं पर अपने भीतर ईर्ष्या भाव को जन्म देना अवश्य बुरी बात है। ये बात सत्य हो सकती है कि जो सामने वाले के पास है वो आपके पास नहीं पर जीवन को दूसरी दृष्टि से देखने पर पता चलेगा कि जो आपके पास है वो सामने वाले के पास भी नहीं है।

🕉️ एक बात सदैव स्मरण रहे कि आपके भीतर लगी ईर्ष्या की आग दूसरों को जलाए ना जलाए पर स्वयं को जरूर जलाने वाली है। संतोष और ज्ञान रूपी जल से इसे और अधिक भड़कने से रोको ताकि आपके जीवन में खुशियाँ नष्ट होने से बच सकें। जलो मत साथ- साथ चलो।
पहला सुख निरोगी काया
🍍🍇🍉🧄🌽🥝🥕🍅🥒🥥🍌

" तप ते अगम न कछु संसारा ।" तप से कुछ भी दुर्लभ नहीं रहता है। शरीर को कष्ट देना या नष्ट कर देना तप नहीं है। मनुष्य की जन...
17/12/2023

" तप ते अगम न कछु संसारा ।"
तप से कुछ भी दुर्लभ नहीं रहता है। शरीर को कष्ट देना या नष्ट कर देना तप नहीं है। मनुष्य की जन्म से जो बुरी प्रवृतियां हैं लोभ, मोह, काम, क्रोध, भय आदि इन पर नियंत्रण करके इन्हें ही श्रीकृष्ण की ओर लगाना तप है। वाणी से मिथ्या भाषण न करके सत्य भाषण करना यह वाणी का तप है। अशुभ रूप न देखकर प्रभु रूप देखना दृष्टि का तप है। कानों से मंगलमय शब्द सुनना, अभद्र शब्द न सुनना श्रोत्र का तप है। चित्तवृत्तियों को असद् पदार्थों से हटाकर प्रभु में, रूप में लगाना मन का तप है। इसी तप से शान्ति और शुद्धि प्राप्त होती है तब भजन-साधन में मन लगता है। परोपकार और भजन के लिए शारीरिक सुख छोड़ने पड़े तो छोड़ देना चाहिए।
*॥हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥* 🙌🏻

🙏🚩🙏

हरे कृष्ण🙏🏻
17/12/2023

हरे कृष्ण🙏🏻

राधे राधे 🌹हम सबके प्यारे श्री बांके बिहारी जी के प्राकट्य महोत्सव की मंगलमय बधाई हो आप सभी भक्तों को 🙏
17/12/2023

राधे राधे 🌹
हम सबके प्यारे श्री बांके बिहारी जी के प्राकट्य महोत्सव की मंगलमय बधाई हो आप सभी भक्तों को 🙏

28/10/2023

Radhe radhe

आज राधा अष्टमी पर श्री बांके बिहारी जी के सुंदर दर्शन 💕
23/09/2023

आज राधा अष्टमी पर श्री बांके बिहारी जी के सुंदर दर्शन 💕

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