Shri Kedarnath Dham

Shri Kedarnath Dham Kedarnath highest among the 12 Jyotirlingas, temple located in the Rudra Himalaya range.

REACH KEDARNATH DHAM:
*Air : Nearest airport is Jolly Grant
*Rail : Nearest railhead is at Rishikesh
*Road : Well connected to Rishikesh,
Haridwar, Dehradun & Delhi

26/07/2024

🙏🙏
*अग्रवाल समाज द्वारा माँ वैष्णोदेवी स्थित कटरा में 3 स्टार रेटिंग की सुविधाओं सहित रहने, नास्ता-भोजन इत्यादि की सर्व सुविधाओं सहित व्यवस्था, वो भी सिर्फ Mentainance चार्ज जैसे नाम मात्र के शुल्क पर समर्पित भाव से*
🙏🙏

*मंगल भवन @ माँ वैष्णो देवी, कटरा*
सभी माँ वैष्णो देवी भक्तों के लिए खुला, बुकिंग के लिए विवरण भेजें। व्हाट्सएप नंबर 9811227352 पर या सुरेश मित्तल जी (दिल्ली कार्यालय) 9811227351 अजय मेरठ 98370 45671 पर कॉल करें।
रूम टैरिफ।
* 2 बिस्तर ए/सी कमरे की दर रु.800/-
* 3 बेड ए/सी रूम रेट 1100/-
* 5 बिस्तर ए/सी कमरे दर 1500/-
* 8 बेड ए/सी रूम दर 2100/-
और
Darmaitri दर 200/- प्रति बिस्तर के लिए चौबीस घंटे।
* क्लॉक रूम सुविधाएं भी उपलब्ध है।
*नाश्ता, दोपहर का भोजन, शाम की चाय के साथ नाश्ता और रात का खाना पूरी तरह से मुफ़्त।
* 24 घंटे चेक इन और चेक आउट सुविधाएं।

मां वैष्णो देवी कटरा में पहला चैरिटेबल ट्रस्ट थ्री स्टार कम्फर्ट ऑफ चैरिटी की पेशकश कर रहा है।
* हमारे सभी मेहमानों के लिए नाश्ता, दोपहर का भोजन और रात का खाना।
* पीने और भोजन तैयार करने के लिए शुद्ध पानी का आर/ओ
* 3 सितारा सुविधाओं वाले एसी विशिष्ट कमरे।
* भोजन कक्ष
* निकटवर्ती कटरा बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन
* परिसर के अंदर मां वैष्णो देवी मंदिर
* पावर बैक अप जेनरेटर
* सीसीटीवी कैमरे के साथ 24 घंटे सुरक्षा
* सैटेलाइट चैनलों के साथ एलईडी टीवी
* गर्म और ठंडा पानी
* पंखे और विद्युत बिंदु
* बस स्टैंड, तारा कोटा मार्ग, हेलीपैड, बाणगंगा और रेलवे स्टेशन ड्रॉप सुविधाओं के लिए सौजन्य कोच
* 100% कमरे वातानुकूलित हैं।
_*निकट और प्रिय और सभी समूहों के साथ साझा करें।*_
🙏🙏*जय माता दी 🙏🙏

जय भोले
26/07/2024

जय भोले

Bolo Jai Veer Hanuman
26/07/2024

Bolo Jai Veer Hanuman

21/07/2024

श्री केदारनाथ धाम पैदल मार्ग में चीरबासा मे पहाड़ी से पत्थर गिरने से 3 भक्तो की दुखद मौत।
2 भक्त घायल
प्रभु सभी मृत भक्तो को मोक्ष प्रदान करे।

केदारनाथ के बाद अब न्याय के देवता गोलू  देवता भी चले दिल्ली। पहले मनुष्यों ने पहाड़ से पलायन किया भी अपनी सुविधानुसार देव...
17/07/2024

केदारनाथ के बाद अब न्याय के देवता गोलू देवता भी चले दिल्ली। पहले मनुष्यों ने पहाड़ से पलायन किया भी अपनी सुविधानुसार देवताओं का भी पलायन करना शुरू कर दिया ।

16/07/2024

https://www.facebook.com/profile.php?id=100089101646063&mibextid=ZbWKwL

Please follow this page

चारधाम यात्रा उत्तराखंड के लिए सस्ती गड़िया एंड गुड होटल रूम्स अवेलेबल. बुकिंग चली है संपर्क करे

उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी के बाद रविवार को चारधाम यात्रा अस्थायी रूप से रोक दी ...
07/07/2024

उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी के बाद रविवार को चारधाम यात्रा अस्थायी रूप से रोक दी गई है.
मौसम विभाग के मुताबिक 7-8 जुलाई को भारी बारिश होने की आशंका है.
गढ़वाल के आयुक्त विनय शंकर पांडे ने कहा कि तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए यात्रा स्थगित करने का निर्णय लिया गया है.

श्रद्धांजलि💐श्री केदारनाथ आपदा की ग्यारवीं बरसी पर श्री केदारनाथ जी के श्री चरणों में विलीन होने वाले सभी श्रद्धालुओं को...
28/06/2024

श्रद्धांजलि💐
श्री केदारनाथ आपदा की ग्यारवीं बरसी पर श्री केदारनाथ जी के श्री चरणों में विलीन होने वाले सभी श्रद्धालुओं को भावभीनी श्रद्धांजलि🙏
आशा ही नही अपितु पूर्ण विश्वास है कि भक्त वत्सल भगवान् श्री केदारेश्वर जी ने उन सभी मृतकों की आत्माओं को अपने शिव गणों में स्थान दिया होगा।
🙏जय श्री केदार🔱

जय बाबा केदारनाथ16 जून 2013 को हुई थी केदारनाथ त्रासदी,आज भी जख्म हैं हरे🚩🏔 केदारनाथ भगवान शिव का धाम है जहां दर्शन करने...
28/06/2024

जय बाबा केदारनाथ
16 जून 2013 को हुई थी केदारनाथ त्रासदी,आज भी जख्म हैं हरे
🚩🏔 केदारनाथ भगवान शिव का धाम है जहां दर्शन करने मात्र से भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। लेकिन 16 जून 2013 को इसी केदारनाथ में मंदाकिनी नदी ने प्रलयंकारी विनाश किया। लगातार 14 जून से 16 जून तक चली बारिश तथा बादलों के फटने ने पूरे केदारनाथ में चारों तरफ पानी ही पानी कर दिया। माना जाता है कि इस तबाही में लगभग 50,000 से अधिक व्यक्ति लापता हो गए जबकि 110,000 से अधिक लोगों को सेना ने बचा लिया।

हिन्दुओं के चार धामों में एक केदारनाथ में चट्टानें खिसकने और बर्फीले ग्लेशियर पिघलने से चारों तरफ तबाही हो गई। मंदिर परिसर को छोड़ कर कहीं भी कुछ नहीं बचा। चारों तरफ लाशों के ढेर लग गए।

भारतीय सेना के 10,000 से अधिक जवान तथा 11 हैलीकॉप्टर्स राहत कार्य में लग गए जबकि नेवी के 45 गोताखोर लोगों को पानी में तलाश रहे थे और एयरफोर्स के 43 विमान लोगों को बचाने में लगे हुए थे। लोगों को बचाने के कार्य महीने भर से भी अधिक समय तक चलता रहा फिर भी सरकारी आंकड़ों के अनुसार राहत कार्य समाप्त होने तक 6000 से भी अधिक लोग लापता थे।🚩

उस आपदा में जो श्रद्धालु अपने प्राण खो चुके।
उन सभी की पुण्यतिथि पर भावभीनी श्रद्धाजंलि ।

जय बाबा केदार🙏🏻

22/06/2024

जय श्री अमरनाथ जी

श्री अमरनाथ यात्रा 2024 के शुरू होने में 8 दिन शेष रह गए हैं।

श्री अमरनाथ यात्रा पर जाने के दो रास्ते हैं।

1. पहलगाम (चंदनवाड़ी )होकर

2. दूसरा बालटाल (सोनमर्ग) होकर

1. पहलगाम से श्री अमरनाथ जी। -

पहलगाम ( चंदनवाड़ी ) से श्री अमरनाथ जी की यात्रा दो या तीन दिन की है

पहलगाम से जानेवाले रास्ते को सरल और सुविधाजनक समझा जाता है।

श्राईन बोर्ड अधिकतर यात्रियों को पहलगाम के रास्ते श्री अमरनाथ जी जाने के लिए प्रेरित करती है।

यह रास्ता 32 किलोमीटर का है
जिसमें पहले पिस्सु टाप और फिर महागुणस टाप दो मुश्किल सीधे पहाड़ हैं। जिसमें पैदल यात्री को बहुत अधिक थकान महसूस होती है।

यह रास्ता अति सुन्दर एवं दर्शनीय

बर्फ की पहाड़ों से लदा हुआ है।
यहां की यात्रा आनंद मयी होती है।

2. बालटाल से श्री अमरनाथ जी। -

बलटाल कैंप से तीर्थयात्री एक दिन में श्री अमरनाथ गुफा के दर्शन कर वापस कैंप लौट सकते हैं।

बालटाल से श्री अमरनाथ गुफा की दूरी केवल 14 किलोमीटर है और यह दुर्गम रास्ता है और सुरक्षा की दृष्टि से भी संदिग्ध है। इसीलिए इस मार्ग को सुरक्षित नहीं माना जाता।

लेकिन कम समय मे यात्रा करने वाले लोग इस मार्ग से यात्रा करना पसंद करते हैं।

दोनों बेसकैंप

दोनों रास्तों में

सरकारी संस्थाओं व फौज की ओर से मैडिकल कैंप की व्यवस्था है।

गैर सरकारी संस्थाओं की ओर से लंगर व मैडिकल कैंप दोनों की व्यवस्था की जाती है।

जय श्री अमरनाथ जी।

16/06/2024

BOOK NOW

पंचकेदार यात्रा-2024
• हरिद्वार से हरिद्वार :- 11 रात 12 दिन
• अधिकतम ऊँचाई : तुंगनाथ 3690 मीटर
• ग्रेड : आसान से मध्यम ऊंचाई
• क्षेत्र : केदारनाथ, केदारनाथ वाइल्ड लाइफ सेंचुरी
• कुल ट्रैकिंग : 128 किमी पंचकेदार (दोनों ओर से)
• प्रारंभिक बिंदु : हरिद्वार
• अंतिम बिंदु : हरिद्वार
• सर्वोत्तम समय : मई से अक्टूबर
‍••••••••••••••••••••••••

पंचकेदार
पंच केदार उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल के केदारखंड में स्थित हैं। पंच केदार में प्रथम *केदारनाथ* द्वितीय *मध्यमेश्वर*, तृतीय *तुंगनाथ*, चतुर्थ *रुद्रनाथ*, पंचम *कल्पेश्वर* आते हैं। इन पांच स्थानों पर भगवान शिव को समर्पित पौराणिक मंदिर हैं। जिन्हें पांडवो ने बनवाया था l सकन्द पुराण में पंच केदार का वर्णन दिया गया है। इसका वर्णन महाभारत में भी पंचकेदार का उल्लेख मिलता है।
•••••••••••••••••••••••••••••••

*पंचकेदार कथा*
महाभारत युद्ध के बाद पांडवों पर भ्रातृहत्या दोष लगा था। इस पाप से मुक्ति पाने के लिए पांडवों ने देवों के देव महादेव के पास जाकर उनका आशीर्वाद लेने की सोची। लेकिन शिव पांडवों को दर्शन नहीं देना चाहते थे। शिव क्रोधित होकर केदारखंड में छुप गये l जब केदारखंड पहुंचने के बाद भी पांडवों को शिव के दर्शन नहीं हुए, तब पांडवों ने शिव की खोजना शुरू कर दिया । महादेव को लगा कि पांडव उन्हें ढूंढ लेंगे, तब शिवजी ने बैल का रूप धारण किया और जानवरों के बीच चलने लगे। भीम को संदेह हुआ, इन जानवरों के बीच महादेव भी छुपे हो सकते है l भीम ने विशाल रूप धरकर दो विपरीत चट्टानों पर पैर रख लिए और बाकी पांडव उन जानवरों को भीम के पैरों के नीचे से हांकने लगे। सभी गाय-बैल डर गये और भीम के पैरों के नीचे से भाग गये, लेकिन भीम, बैलरूपी शिव . भीम के पैरों से विपरीत दिशा में भागने लगे l भीम समझ गया कि ये भोलेनाथ हैं, महाबली भीम ने दौड़कर बैल की कूबड़ पकड़ ली, भीम शिव रूपी बैल को काबू में करने लगे, लेकिन शिव धरती के अंदर समाने लगे, फिर भी भीम ने बैल की पीठ नहीं छोड़ी। तब महादेव ने पांडवो के भक्तिभाव से प्रसन्न होकर दर्शन दिए, और उन्हें पाप मुक्त कर दिया।
शिव का पृष्ठ भाग केदारनाथ में प्रकट हुआ, मध्य भाग नाभि मध्यमहेश्वर में, भुजाएं तुंगनाथ में, मुख रुद्रनाथ में, जटा कल्पेश्वर में प्रकट हुईं,अग्र भाग पशुपतिनाथ नेपाल में प्रकट हुईं, बाद में पांडवों ने इन स्थानों पर मंदिर बनवाये l
‍•••••••••••••••••••••••••••••••

*पंचकेदार यात्रा कार्यक्रम*

*25 सितंबर - दिन : 1*
हरिद्वार से त्रियुगीनारायण (265 km ड्राइव - लगभग 7 घंटे)
• दर्शनीय स्थल :- देवप्रयाग , धारी देवी मंदिर, रुद्रप्रयाग, गुप्तकाशी, त्रियुगीनारायण मंदिर
• रात्रि विश्राम :- त्रियुगीनारायण (होटल)
• भोजन योजना :- रात का खाना

*26 सितंबर - दिन : 2*
त्रियुगीनारायण से केदारनाथ (17 km ड्राइव, 18 km ट्रेक - लगभग 8 घंटे)
• दर्शनीय स्थल :- सोनप्रयाग , गौरीकुंड, भैरो मंदिर, भीमबली, भैरो फॉल, आदिगुरु शंकराचार्य समाधि, ईशानेश्वर महादेव मंदिर
• रात्रि विश्राम: - केदारनाथ (डोरमेट्रि)
• भोजन योजना :- नाश्ता, रात का खाना, चाय/कॉफी

*27 सितंबर - दिन : 3*
केदारनाथ से उखीमठ (18 km ट्रेक , 60 km ड्राइव - लगभग 8 घंटे)
• दर्शनीय स्थल :- केदारनाथ, भैरवनाथ, उदक कुंड, रेतस कुंड, अमृत कुंड, सूरज कुंड, मंदाकिनी घाट, उखीमठ
• रात्रि विश्राम :- उखीमठ (होटल)
• भोजन योजना :- नाश्ता, रात का खाना, चाय/कॉफी

*28 सितंबर - दिन : 4*
उखीमठ - रांसी गांव - गोण्डार गांव (30 km ड्राइव, 6 किमी ट्रेक - लगभग 7 घंटे)
• दर्शनीय स्थल :- ओंकारेश्वर मंदिर (केदारनाथ, मध्यमहेश्वर शीत कालीन गद्दी), ओंकारेश्वर मंदिर, पंच केदार मंदिर, उषा-अनिरुद्ध विवाह स्थली, उषामठ, राकेश्वरी माता मंदिर
• रात्रि विश्राम :- गोण्डार (होम स्टे)
• भोजन योजना :- नाश्ता, दोपहर का भोजन, रात का खाना, चाय/कॉफी

*29 सितंबर - दिन : 5*
गोण्डार गांव से मध्यमहेश्वर (10 km ड्राइव - लगभग 7 घंटे)
• दर्शनीय स्थल :- गोण्डार,बनतोली, नानूचट्टी, मध्यमहेश्वर मंदिर
• रात्रि विश्राम :- मध्यमहेश्वर (होम स्टे)
• भोजन योजना :- नाश्ता, दोपहर का भोजन, रात का खाना, चाय/कॉफी

*30 सितंबर - दिन : 6*
मध्यमहेश्वर से रांसी गांव (16 km ट्रेक - लगभग 7 घंटे)
• दर्शनीय स्थल :- बूढ़ामध्यमहेश्वर बुग्याल, मध्यमहेश्वर नानूचट्टी, बनतोली, गोण्डार , रांसी
• रात्रि विश्राम :- रांसी (होटल/होम स्टे)
• भोजन योजना :- नाश्ता, दोपहर का भोजन, रात का खाना, चाय/कॉफी

*01 अक्टूबर - दिन : 7*
रांसी - चोपता - तुंगनाथ - सगर गांव (80 km ड्राइव, 4 km ट्रेक - लगभग 8 घंटे)
• दर्शनीय स्थल :- माता राकेश्वरी मंदिर, चोपता, तुंगनाथ मंदिर, चंद्रशिला, मंडल गांव, सागर गांव
• रात्रि विश्राम :- सगर गांव (होटल)
• भोजन योजना :- नाश्ता, रात का खाना, चाय/कॉफी

*02 अक्टूबर - दिन : 8*
सगर गांव से ल्युंती बुग्याल (10 km ड्राइव - लगभग 7 घंटे)
• दर्शनीय स्थल :- पुंग बुग्याल, ल्युंती बुग्याल
• रात्रि विश्राम :- ल्युंती बुग्याल (टेंट)
• भोजन योजना :- नाश्ता, दोपहर का भोजन, रात का खाना, चाय/कॉफी

*03 अक्टूबर - दिन : 9*
ल्युंती बुग्याल से रुद्रनाथ (10 km ट्रेक - लगभग 7 घंटे)
• दर्शनीय स्थल :- सरस्वती ताल, पनार बुग्याल, पंचगंगा, पित्रधार, नारद कुंड, टोलीताल
• रात्रि विश्राम :- रुद्रनाथ (ढाबा टेंट)
• भोजन योजना :- नाश्ता, दोपहर का भोजन, रात का खाना, चाय/कॉफी

*04 अक्टूबर - दिन : 10*
रुद्रनाथ से सगर गांव (20 किमी ट्रेक - लगभग 8 घंटे)
• दर्शनीय स्थल :- रुद्रनाथ, पंचगंगा, पित्रधार, ल्युंती बुग्याल, पुंग बुग्याल
• रात्रि विश्राम :- सगर (होटल)
• भोजन योजना :- नाश्ता, दोपहर का भोजन, रात का खाना, चाय/कॉफी

*05 अक्टूबर - दिन : 11*
सागर गांव - कल्पेश्वर - बद्रीनाथ (188 km ड्राइव - लगभग 5:30 घंटे)
• दर्शनीय स्थल :- गोपीनाथ मंदिर (रुद्रनाथ केदार शीत कालीन गद्दी) वृद्ध बद्री, कल्पेश्वर मंदिर, ध्यान बद्री, वृद्ध बद्री, जोशीमठ, हनुमान चट्टी, विष्णुप्रयाग, योग बद्री, कुबेर मंदिर, बद्रीनाथ धाम
• रात्रि विश्राम :- बद्रीनाथ (होटल)
• भोजन योजना :- नाश्ता, रात का खाना, चाय/कॉफी

*06 अक्टूबर - दिन :12*
बद्रीनाथ से हरिद्वार (312 km ड्राइव - लगभग 9 घंटे)
• दर्शनीय स्थल :- माणा गांव, व्यास गुफा, गणेश गुफा, सरस्वती मंदिर, सरस्वती उद्गम, भीमपुल, विष्णुप्रयाग, नंदप्रयाग, कर्णप्रयाग, रुद्रप्रयाग, देवप्रयाग
• भोजन योजना :- नाश्ता

"यात्रा का शुभसमापन"
‍•••••••••••••••••••••••••••••••
पंच केदार + बद्रीनाथ यात्रा खर्च :-
₹25,500 प्रति व्यक्ति
•••••••••••••••••••••••••••••••

*यात्रा खर्च में शामिल है :-*
1) होटल/टेंट/होम स्टे में 11 रात्रि प्रवास (ट्रिपल - क्वाड शेयरिंग आधार)
2) अच्छा, साफ-सुथरा आवास
3) नाश्ता, दोपहर का खाना, रात का खाना, चाय/कॉफी
4) पूर्ण भ्रमण में वाहन
5) यात्रा रजिस्ट्रेशन
6) स्थानीय गाइड का

*यात्रा खर्च मैं शामिल नही है :-*
1. किसी भी प्रकार का निजी खर्च।
2. निजी सामान ले जाने के लिए खच्चर या कुली।
3. किसी भी प्रकार का आपातकालीन निकासी शुल्क।
4. कुछ भी जो यात्रा खर्च के अंतर्गत विशेष रूप से उल्लिखित नहीं है।
•••••••••••••••••••••••••••••••

*कृपया यात्रा के लिए यह सामान अपने साथ लाएँ :-*
1) ट्रैकिंग जूते
2) ट्रेवलिंग बैग
3) हाइकिंग बैग 15-20 लीटर
4) गर्म कपड़े
5) ट्रेक पेंट
6) स्वेटर
7) गर्म जैकेट
8) रेन कोट
9) शीतकालीन दस्ताने
10) गर्म मोज़े
11) पानी की बोतल
12) ट्रैकिंग स्टिक
13) हेड टॉर्च या टॉर्च
14) पावर बैंक
15) सनकैप
16) धूप का चश्मा
17) बेसिक मेडिसिन
18) रेग्युलर मेडिसिन
•••••••••••••••••••••••••••••••

*"फिटनेस सलाह" :-*
यात्रा को आरामदायक बनाने के लिए, आपकी सहनशक्ति को मजबूत और दृढ़ करने की सलाह दी जाती है l आपको परिस्थिति के मुताबिक खुद को ढालना आना चाहिए l यात्रा के लिए सबसे महत्वपूर्ण है,स्वस्थ शरीर, खुद को चुस्त दुरुस्त और स्वस्थ बनाने के लिए नियमित व्यायाम या दौड़ लगाइये, दंड बैठक करना भी आपको फिट रखता है, पाँव को और ज्यादा चलने की क्षमता देता है l खूब पानी पियें, फलाहार करें, खाना सादा ही खाये ज्यादा मसाले व तेल से बचे l मदिरा व धूम्रपान से दूर रहें l प्रातः ध्यान लगाये l
•••••••••••••••••••••••••••••••

*टिप्पणी*
*कृपया प्रकृति का आनंद लें, अपने साथ लाए गए कूड़े-कचरे को यात्रा मार्ग पर न फेंकें। प्लास्टिक रैपर और कचरा अपने साथ वापस लाएँ*

धन्यवाद 😊

उत्तराखंड, जिसे देवभूमि या देवताओं की भूमि के रूप में भी जाना जाता है, कई मंदिरों का घर है और पूरे वर्ष भक्तों का स्वागत...
21/05/2024

उत्तराखंड, जिसे देवभूमि या देवताओं की भूमि के रूप में भी जाना जाता है, कई मंदिरों का घर है और पूरे वर्ष भक्तों का स्वागत करता है। उत्तराखंड में श्रद्धालु जिन अनगिनत धार्मिक स्थलों और सर्किटों का दौरा करते हैं, उनमें से सबसे प्रमुख चार धाम यात्रा है। यह यात्रा या तीर्थयात्रा हिमालय की ऊंचाई पर स्थित चार पवित्र स्थलों - यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ - की यात्रा है। हिंदी में, 'चर' का अर्थ है चार और 'धाम' का अर्थ धार्मिक स्थलों से है।

ऊंचाई पर स्थित मंदिर हर साल लगभग छह महीने के लिए बंद रहते हैं, गर्मियों में (अप्रैल या मई) खुलते हैं और सर्दियों की शुरुआत (अक्टूबर या नवंबर) के साथ बंद हो जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि चार धाम यात्रा को दक्षिणावर्त दिशा में पूरा करना चाहिए। इसलिए, तीर्थयात्रा यमुनोत्री से शुरू होती है, गंगोत्री की ओर बढ़ती है, केदारनाथ तक जाती है और अंत में बद्रीनाथ पर समाप्त होती है। यात्रा सड़क या हवाई मार्ग से पूरी की जा सकती है (हेलीकॉप्टर सेवाएं उपलब्ध हैं)। कुछ भक्त दो धाम यात्रा या दो तीर्थों - केदारनाथ और बद्रीनाथ की तीर्थयात्रा भी करते हैं।

उत्तरकाशी जिले में यमुना नदी (गंगा नदी के बाद दूसरी सबसे पवित्र भारतीय नदी) के स्रोत के करीब एक संकीर्ण घाटी में स्थित यमुनोत्री मंदिर, देवी यमुना को समर्पित है। उत्तरकाशी जिला देवी गंगा को समर्पित गंगोत्री का भी घर है, जो सभी भारतीय नदियों में सबसे पवित्र है। रुद्रप्रयाग जिले में स्थित केदारनाथ भगवान शिव को समर्पित है। बद्रीनाथ, पवित्र बद्रीनारायण मंदिर का घर, भगवान विष्णु को समर्पित है। चार धाम यात्रा जितनी दिव्य है उतनी ही कठिन भी लेकिन आत्मा को तृप्त करने वाली है!

श्रीकेदारनाथ जी धाम की यात्रा आरंभ हो गयी है, भोलेबाबा के दर्शन को भक्त आतुर हैं | इस यात्रा को लेकर कुछ मेरा भी संकलन  ...
16/05/2024

श्रीकेदारनाथ जी धाम की यात्रा आरंभ हो गयी है, भोलेबाबा के दर्शन को भक्त आतुर हैं | इस यात्रा को लेकर कुछ मेरा भी संकलन है, 🙏🕉️ नमः शिवाय 🙏

1. तीर्थाटन व पर्यटन के अंतर को समझें.
2. केदारनाथ को पिकनिक स्पॉट न बनाएँ.
3. केदारनाथ की भौगोलिक व भूगर्भीय संवेदनशीलता को ध्यान में रखें.
4. केदारनाथ में प्रतिदिन जाने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या निर्धारित करें.
5. जाड़ों में भी ऊखीमठ में केदारनाथ के दर्शन को बढ़ावा दें.
6. केदारनाथ में आने वाली भीड़ को नियंत्रित करने के लिए त्रिजुगीनारायण, तुंगनाथ व कार्तिक स्वामी जैसे सैटेलाइट गंतव्यों को बढ़ावा दें जिससे कि केदारनाथ में भीड़ एकाएक न बढ़े.
7. पैदल मार्ग को प्रोत्साहन दें ताकि प्रकृति पर कम से कम प्रभाव पड़े.
8. हैली सेवाओं को बेतरतीब बढ़ाने की जगह नियंत्रित करें व हैलीकाप्टर को नियत ऊँचाई से नीचे उड़ाने वाली कंपनियों पर दंड का प्रावधान रखें.
9. कपाट खुलते ही पहले दिन दर्शन करने जैसी प्रतियोगिता से खुद को अलग रखें.
10. सितम्बर-अक्टूबर सुखद मौसम हैं कोशिश करें इन महीनों में यात्रा करें.
11. एक सीजन में 3-4 बार केदारनाथ जाने का रिकॉर्ड बनाने जैसी बचकानी हरकतों से बाज आएँ.
12. छोटे बच्चों को लेकर यात्रा न करें. नियत समय आने पर बच्चे अपनी यात्रा स्वयं कर लेंगे.
13. लोगों को यात्रा के महत्व व गंतव्य की संवेदनशीलता के प्रति जागरूक करते रहें.
14. अपने वाहनों के साइलेंसर निकाल कर देवभूमि के शांत वातावरण को ध्वनि प्रदूषित न करें.
15. केदारनाथ के सतत व समग्र विकास में अपना योगदान दें.

अगर आप इन बिंदुओं पर अमल नहीं कर सकते हैं तो 2013 के उस भयावह मंजर को अपने ज़ेहन में ज़िंदा रखिये. प्रकृति की एक वहन क्षमता है उस वहन क्षमता से अधिक भार आप प्रकृति पर डालेंगे तो प्रकृति सूद समेत आपको वापस भी लौटाएगी. इसलिए सभ्य, सजग और जागरूक यात्री बनिये और केदारनाथ जैसे तमाम गंतव्यों को बचाए रखने के लिए ऊपर दिये बिंदुओं पर अमल करने की कोशिश कीजिये.

धन्यवाद 🙏🙏 (एक भाई की कलम से)

11/04/2024












इस फोटो मे दो बार लिखा है स्टेशन का नाम देखते है कितने लोग पढ़ पाते है
03/04/2024

इस फोटो मे दो बार लिखा है स्टेशन का नाम देखते है कितने लोग पढ़ पाते है

09/03/2024

चारधाम यात्रा का संचालन मैं करता हूँ। अगर आप चाहे तो संपर्क कर सकते हैं। मैं आपको संपूर्ण यात्रा कार्यक्रम Pdf के माध्यम से भेज दूँगा। मेरा संपर्क सूत्र 9810972689 है।
Everyone

*‼🐀ॐ श्री गणेशाय नमः🐀‼*  ईश्वर कहते है उदास न हो मैं तेरे साथ हूँ.          सामने नहीं आस-पास हूँ…   पलकों को बंद कर और ...
09/03/2024

*‼🐀ॐ श्री गणेशाय नमः🐀‼*
ईश्वर कहते है उदास न हो मैं तेरे साथ हूँ.
सामने नहीं आस-पास हूँ…
पलकों को बंद कर और दिल से याद कर,
मैं कोई और नहीं तेरा विश्वास हूँ.
“बुधवार का सुप्रभात”
🌹🌹🚩 जय श्री गणेश 🚩🌹🌹

🙏🌺ॐ श्रीमन महागणाधिपतये नमः🌺🙏

आपके द्वारा पोस्ट लाईक करते ही नाव पलट जाएगी,विश्वास ना हो तो कर के देखिए।।
23/09/2023

आपके द्वारा पोस्ट लाईक करते ही नाव पलट जाएगी,विश्वास ना हो तो कर के देखिए।।

Address

Har Ki Paudi Road
Haridwar
249401

Alerts

Be the first to know and let us send you an email when Shri Kedarnath Dham posts news and promotions. Your email address will not be used for any other purpose, and you can unsubscribe at any time.

Videos

Share