Sitaram Kumhar

Sitaram Kumhar God Bless Everyone

20/04/2024

देलवाड़ा ठिकाने के झाला मानसिंह जी, जिन्होंने हल्दीघाटी युद्ध में बड़ी बहादुरी से लड़ते हुए वीरगति पाई। हल्दीघाटी युद्ध में मानसिंह नाम के 5-6 मुख्य योद्धा लड़े थे।

08/01/2024
05/12/2022
20/04/2022
01/09/2021

जब कंधार के तत्तकालीन शासक अमीर अली खान पठान को मजबूर हो कर जैसलमेर राज्य में शरण लेनी पड़ी।तब यहां के महारावल लूणकरण थे।वे महारावल जैतसिंह के जेष्ठ पुत्र होने के कारण उनके बाद यहां के शासक बने। वैसे उनकी कंधार के शासक अमीर अली खान पठान से पहले से ही मित्रता थी और विपत्ति के समय मित्र ही के काम आता है ये सोचते हुए उन्होंने सहर्ष अमीर अली खान पठान को जैसलमेर का राजकीय अतिथि स्वीकार कर लिया। लम्बें समय से दुर्ग में रहते हुए अमीर अली खान पठान को किले की व्यवस्था और गुप्त मार्ग की सारी जानकारी मिल चुकी थी।उस के मन में किले को जीत कर जैसलमेर राज्य पर अधिकार करने का लालच आने लगा और वह षड्यंत्र रचते हुए सही समय की प्रतीक्षा करने लगा।इधर महारावल लूणकरण भाटी अपने मित्र अमीर अली खान पठान पर आंख मूंद कर पूरा विश्वास करते थे। वो स्वप्न में भी ये सोच नहीं सकते थे कि उनका मित्र कभी ऐसा कुछ करेगा।इधर राजकुमार मालदेव अपने कुछ मित्रों और सामंतों के साथ शिकार पर निकल पड़े।अमीर अली खान पठान बस इस मौके की ताक में ही था। उसने महारावल लूणकरण भाटी को संदेश भिजवाया की वो आज्ञा दे तो उनकी पर्दा नवीन बेगमें रानिवास में जाकर उनकी रानियों और राजपरिवार की महिलाओं से मिलना चाहती है। फिर क्या होना था?वही जिसका अनुमान पूर्व से ही अमीर अली खान पठान को था। महारावल ने सहर्ष बेगमों को रानिवास में जाने की आज्ञा दे दी।इधर बहुत सारी पर्दे वाली पालकी दुर्ग के महल में प्रवेश करने लगी किन्तु अचानक महल के प्रहरियों को पालकियों के अंदर से भारी भरकम आवाजें सुनाई दीं तो उन्हें थोड़ा सा शक हुआ। उन्होंने एक पालकी का पर्दा हटा कर देखा तो वहां बेगमों की जगह दो-तीन सैनिक छिपे हुए थे।जब अचानक षड्यंत्र का भांडा फूटते ही वही पर आपस में मार-काट शुरू हो गई। दुर्ग में जिसके भी पास जो हथियार था वो लेकर महल की ओर महारावल और उनके परिवार की रक्षा के लिए दौड़ पडा। चारों ओर अफरा -तफरी मच गई किसी को भी अमीर अली खान पठान के इस विश्वासघात की पहले भनक तक नहीं थी। कोलाहल सुनकर दुर्ग के सबसे ऊंचे बुर्ज पर बैठे प्रहरियों ने संकट के ढोल-नगाड़े बजाने शुरू कर दिए जिसकी घुर्राने की आवाज दस-दस कोश तक सुनाई देने लगी। महारावल ने रानिवास की सब महिलाओं को बुला कर अचानक आए हुए संकट के बारे में बताया। अब अमीर अली खान पठान से आमने-सामने युद्ध करने के सिवाय और कोई उपाय नहीं था। राजकुमार मालदेव और सांमत पता नहीं कब तक लौटेंगे। दुर्ग से बाहर निकलने के सारे मार्ग पहले ही बंद किए जा चुके थे। राजपरिवार की स्त्रियों को अपनी इज्जत बचाने के लिए जौहर के सिवाय कुछ और उपाय नहीं दिखाई दे रहा था। अचानक से किया गया आक्रमण बहुत ही भंयकर था और महल में जौहर के लिए लकड़ियां भी बहुत कम थी। इसलिए सब महिलाओं ने महारावल के सामने अपने अपने सिर आगे कर दियें और सदा सदा के लिए बलिदान हो गई। महारावल केसरिया बाना पहन कर युद्ध करते हुए रणभूमि में बलिदान हो गए । महारावल लूणकरण भाटी को अपने परिवार सहित चार भाई, तीन पुत्रों के साथ को कई विश्वास पात्र वीरों को खो कर मित्रता की कीमत चुकानी पड़ी। इधर रण दुंन्दुभियों की आवाज सुनकर राजकुमार मालदेव दुर्ग की तरफ दौड़ पड़े।वे अपने सामंतों और सैनिकों को लेकर महल के गुप्त द्वार से किले में प्रवेश कर गए और अमीर अली खान पठान पर प्रचंड आक्रमण कर दिया।अमीर अली खान पठान को इस आक्रमण की बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी। अंत में उसे पकड़ लिया गया और चमड़े के बने कुड़िए में बंद करके दुर्ग के दक्षिणी बुर्ज पर तोप के मुंह पर बांध कर उड़ा दिया गया। इतिहास की क ई सैकड़ों ऐसी घटनाएं है जिससे हम वर्तमान में बहुत कुछ सीख सकते है।आज #अफगान संकट को देखते हुए कई लोग ये कह रहे हैं हमें इन्हें यहां शरण देनी चाहिए।पर उससे क्या होगा कल ये ही अगर यहां कहते हुए हमें दिखाई दे कि हिन्दुस्तान तुम्हारे बाप का नहीं तो मुझे कोई आश्चर्य नहीं होना।

01/09/2021

Aab kam ne Raftar pakdi h korona ne jhagh chhodi h

03/08/2021

#इतिहास पुरुष महाबाहुबली #महाराजा_छत्रसाल

#औरंगज़ेब का परचम जब भारतवर्ष में फहरा रहा था उस समय दक्खन से क्षत्रिय कुलवंश #छत्रपति_महाराज_शिवाजी ने और बुंदेलखंड की वीर प्रसूता भूमि से महाराज छत्रसाल ने ऐसा भीषण सिंहनाद किया कि दिल्ली के तख़्त की चूलें हिल गयीं। इनकी महा सिंह गर्जना से अपने को आलमगीर कहने वाले बादशाह औरंगज़ेब का हृदय भय से बेचैन हो गया।
औरंगज़ेब ने तमाम यत्न किए किंतु इन सिंहपुरूषों के शौर्य के आगे उसकी एक ना चली, और अंततः हारकर उसे इनकी स्वाधीनता को स्वीकारने पर विवश होना पड़ा।

मात्र पाँच घुड़सवारों की सेना से अपने राज का आरम्भ करने वाले महाबाहुबली महाराज छत्रसाल साहब ने औरंगज़ेब के देखते ही देखते उसकी नाक के नीचे मध्यभारत में एक विशाल वैभवशाली साम्राज्य गढ़ दिया जिसकी सीमा के बारे में कहा जाता है-

“भैंस बंधी है ओरछा, पड़ा होशंगाबाद।
लगवैया हैं सागरे और चपिया रेवा पार॥’

अर्थात ओरछा से लेकर होशंगाबाद तक और सागर से लेकर नर्मदा की शिवभूमि तक महाराज साहब के शौर्य की विजय पताका लहराने लगी।
और उन्होंने स्वतंत्र बुंदेलखंड राज्य की नींव रख दी।

महाराज छत्रसाल के ४४ वर्ष के राजकाल में उन्होंने बावन युद्ध लड़े और सभी में उन्होंने विजय श्री हासिल की वे अपराजेय थे और जीवन के अंत तक अपराजेय ही रहे।

ऐसे दैदीप्यमान वीरशिरोमणि के जीवन कृतित्व के लिए कौन होगा जो भाव से भरा ना हो ? एक अभिनेता के रूप में मैं सदैव चाहता था की इन युगपुरुष के ऊपर कोई सिरीज़ बननी चाहिए। कहा जाता है कि जब आप शिद्दत से किसी बात की कामना करते हैं तो परमात्मा उसे पूर्ण करते हैं।

एक दिन अचानक श्री अनादि चतुर्वेदी और सुश्री रेचल मेरे पास आए और मुझे #छत्रसाल की स्क्रिप्ट सुना दी और कहा की हम चाहते हैं आप इस #वेबसिरीज़ को #सूत्रधार के रूप में प्रस्तुत करें व साथ ही इस कहानी में आप #औरंगज़ेब के पेंचिदा किरदार को भी अंजाम दें।
मेरे लिए यह प्रस्ताव अपने स्वप्न के साकार होने जैसा था।

मैं हृदय से आभारी हूँ श्री #अनादि_चतुर्वेदी और सुश्री #रेचल का.. आपने और आपके प्रोडक्शन हाउस #रेजोनेंस_डिजिटल की टीम ने इस विषय की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए कहानी, संवाद, चरित्र चित्रण, सेट, कॉस्टूम, लोकेशंज़, छायांकन, संगीत पर बहुत बारीक और गुणवत्ता पूर्ण कार्य किया है।
आप लोग एक रचनाधर्मी के रूप में जितने सिद्ध हैं, एक व्यक्ति के रूप में भी उतने ही शुद्ध भी हैं। मेरी इच्छा है कि आपके साथ बना मेरा ये रचनात्मक रिश्ता सदैव चलता रहे।

आप सभी मित्रों शुभचिंतकों प्रशंसकों से #औरंगज़ेब का फ़र्स्ट लुक शेयर करते हुए अभिभूत हूँ।
आशा है आपका स्नेह, शुभकामनाएँ और आशीर्वाद मुझे सदैव मिलता रहेगा। आप सभी के मंगल की कामना के साथ सादर प्रणाम~ #आशुतोष_राणा

“छत्ता तोरे राज में धक-धक धरती होय।
जित जित घोड़ा मुख करे उत-उत फत्ते होय॥”

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Pakshi Bachao
16/03/2021

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26 january2021(72)va in mahaveer ji
28/01/2021

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Gurugram
19/11/2020

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Mumbai
22/04/2020

Mumbai

11/04/2020

Everybody's good luck :I pary to god .

Todays sunset  pictur in sawimadhopur
15/02/2020

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Ye h  golirav jah Amer ss chodi gayi top ke dawara khadda huva
29/01/2020

Ye h golirav jah Amer ss chodi gayi top ke dawara khadda huva

Today sunset in mundia
23/01/2020

Today sunset in mundia

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