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05/02/2024

अपने वाहन को जरा सावधानी से चलाएं क्योंकि परिवार इनका भी है दर्द इनको भी होता है
अनाथ इनके बच्चे भी होते हैं

04/02/2024

विश्व की सबसे बड़ी यह तोप जयगढ़ किले के डूंगर दरवाजे पर रखी है। तोप की नली से लेकर अंतिम छोर की लंबाई 31 फीट 3 इंच है।

03/02/2024

मध्यप्रदेश में स्थित बुन्देला राजपूतों का दतिया महल

03/02/2024

अकबर की सेनाओं को 3 बार धूल चटाने वाली वीरांगना रानी दुर्गावती जी का मदन महल (जबलपुर - मध्यप्रदेश)

03/02/2024

जब एक हाथी भड़ककर शाहजहाँ के दरबार तक पहुंच गया, तब रतलाम के महाराजा रतनसिंह राठौड़ ने बड़ी बहादुरी से हाथी का दांत पकड़कर मात्र एक खंजर से विशालकाय हाथी को काबू किया। ये दुर्भाग्य की बात है कि इतनी वीरता उन्होंने शाहजहाँ के विरुद्ध नहीं दिखाई, वरना इतिहास कुछ और होता।

12/01/2024

जयपुर स्थित आमेर दुर्ग का नजारा

12/01/2024

छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा शाइस्ता खां पर किए गए आक्रमण का रोचक वर्णन :- 5 अप्रैल, 1663 ई. को शाइस्ता खां अपने हरम व शाही फौज के साथ पूना के उसी लाल महल में था, जिसमें बाल शिवाजी का बचपन बिता था। शिवाजी महाराज ने रात्रि के समय हमला करने का फैसला किया।

शिवाजी महाराज ने 1000 मराठा बहादुरों को अपने साथ लिया और अपने पीछे 1-1 हजार की 2 फौजें नेताजी पालकर व मोरोपन्त पेशवा के नेतृत्व में लीं। सबसे पहले शिवाजी महाराज ने एक नकली शादी के बहाने से बाराती बनकर मराठों के साथ पूना नगर में प्रवेश किया।

शिवाजी महाराज ने पूना में अपना बचपन बिताया था, इसलिए वे इस जगह से अच्छी तरह वाकिफ थे। शाइस्ता खां के महल में जश्न चल रहा था व बहुत से मुगल सो गए थे। शिवाजी महाराज ने 400 मराठों व अपने 2 अंगरक्षकों बाबाजी बापूजी व चिमनाजी बापूजी के साथ महल में प्रवेश किया।

चिमनाजी ने 200 मराठों के साथ हरम में व शिवाजी महाराज ने शाइस्ता खां के कमरे में प्रवेश किया। शिवाजी महाराज ने शाइस्ता खां की 4 अंगुलियाँ काट दीं।

बाबाजी बापूजी 200 मराठों के साथ चल रहे थे, जो सामने आया उसका खात्मा कर दिया व कमरों में घुस-घुसकर सोते हुए मुगलों को भी मार दिया। इस अफरातफरी में हरम की 8 औरतें जख्मी हुईं, शाइस्ता खां का बेटा अबुल फतह मारा गया, 2 बेटे जख्मी हुए, शाइस्ता खां के 40 आदमी और 6 दासियाँ मारी गईं। 6 मराठे इस लड़ाई में काम आए और 40 जख्मी हुए।

खजाइनुलफुतुह में खफी खां ने लिखा है कि "मेरा बाप उस वक्त शाइस्ता खां के पास मौजूद था। इस फसाद के होने से बादशाह आलमगीर ने नाराज होकर शाइस्ता खां को बंगाले की सूबेदारी पर भेज दिया और दक्षिण की सूबेदारी शहजादे मुअज्जम को देकर उस तरफ भेजा"

अफ़ज़ल खां के वध के बाद औरंगज़ेब के मामा शाइस्ता खां जैसे बड़े ओहदे वाले सिपहसालार की ऐसी दुर्दशा करके शिवाजी महाराज ने हिंदुस्तान भर में वाहवाही लूटी।

पोस्ट लेखक :- तनवीर सिंह सारंगदेवोत

12/01/2024

रानी की वाव (पाटन - गुजरात)

12/01/2024

वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की जन्मस्थली - कुम्भलगढ़ दुर्ग - जिला राजसमन्द (राजस्थान)

12/01/2024

Todays Best Photo























12/01/2024

What a fabulous photograph of Shriji Huzoor with family at The Palace, Udaipur.

12/01/2024

तीर्थ स्थान - गलता जी, जयपुर

गलता जी का मंदिर काफी प्राचीन है, बाद में 18 वीं सदी में जयपुर के महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय के दीवान राव कृपाराम ने यहां हवेलीनुमा भव्य मंदिर बनवाए

12/01/2024
14/09/2022

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