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20/07/2023

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शराब एक ऐसी खतरनाक बुराई है जो बसे बसाए खुशहाल परिवार को भी उजाड़ देती है, तथा धन व बल दोनों का नाश करती है।
14/09/2021

शराब एक ऐसी खतरनाक बुराई है जो बसे बसाए खुशहाल परिवार को भी उजाड़ देती है, तथा धन व बल दोनों का नाश करती है।

संत रामपाल जी महाराज जी का उद्देश्य है कि विश्व के सभी प्राणी वास्तविक परमेश्वर कबीर जी की सतभक्ति करे, समाज में कोई भी ...
14/09/2021

संत रामपाल जी महाराज जी का उद्देश्य है कि विश्व के सभी प्राणी वास्तविक परमेश्वर कबीर जी की सतभक्ति करे, समाज में कोई भी प्राणी दुखी न हो, हर समस्या का समाधान हो। धरती स्वर्ग समान बन जाए।

परमेश्वर कबीर जी ही अनादि परम गुरु हैं। वे ही रूपान्तर करके सन्त व ऋषि वेश में समय-समय पर (स्वयंभू) स्वयं प्रकट होते हैं...
04/02/2021

परमेश्वर कबीर जी ही अनादि परम गुरु हैं। वे ही रूपान्तर करके सन्त व ऋषि वेश में समय-समय पर (स्वयंभू) स्वयं प्रकट होते हैं। काल के दूतों (सन्तो) द्वारा बिगाड़े तत्वज्ञान को स्वस्थ करते हैं। कबीर साहेब ने ही ब्रह्मा, विष्णु, शिव आदि देवताओं, ऋषि मुनी व संतों को समय-2 पर अपने सतलोक से आकर नाम उपदेश दिया। आदरणीय गरीबदास जी महाराज ने अपनी वाणी में लिखा है जो कबीर जी ने स्वयं बताया है:--

आदि अंत हमरा नहीं, मध्य मिलावा मूल। ब्रह्मा ज्ञान सुनाईया, धर पिंडा अस्थूल।।
श्वेत भूमिका हम गए, जहां विश्वम्भरनाथ। हरियम् हीरा नाम दे, अष्ट कमल दल स्वांति।।
हम बैरागी ब्रह्म पद, सन्यासी महादेव। सोहं मंत्र दिया शंकर कूं, करत हमारी सेव।।
हम सुल्तानी नानक तारे , दादू कूं उपदेश दिया। जाति जुलाहा भेद न पाया, काशी माहे कबीर हुआ।।

सतयुग में सतसुकृत कह टेरा, त्रेता नाम मुनिन्द्र मेरा।
द्वापर में करूणामय कहलाया, कलियुग में नाम कबीर धराया।।
चारों युगों में हम पुकारैं, कूक कहैं हम हेल रे।
हीरे मानिक मोती बरसें, ये जग चुगता ढेल रे।

उपरोक्त वाणी से सिद्ध है कि कबीर परमेश्वर ही अविनाशी परमात्मा है। यही अजरो-अमर है। यही परमात्मा चारों युगों में स्वयं अतिथि रूप में कुछ समय के लिए इस संसार में आकर अपना सतभक्ति मार्ग देते हैं।
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