Simhastha Experience -Kumbh mela 2016, Ujjain

Simhastha Experience -Kumbh mela 2016, Ujjain Kumbh Mela is one of the largest human congregations on the Earth. Find more about this pilgrimage & Simhastha kumbh Mela 2016 on this page.

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Simhastha is the great bathing festival of Ujjain. It is celebrated in a cycle of twelve years when Jupiter enters the Leo sign of the zodiac, known as Simha Rashi. Ceremonial bathing in the holy waters of Kshipra begins with the full moon day of Chaitra month and continues throughout the succeeding month of Vaishakh culminating on tenth full moon day. Tradition calls for ten different factors to

be located for the grand festival at Ujjain. According to the Puranas, the legendary churning of the ocean by the gods (Devas) and demons (Danavas) yielded, amongst other things, a jar (Kumbha) full of nectar (Amrita). Gods did not like to share it with demons. At the instance of Indra, his son Jayanta tried to run away with the jar and was naturally followed by some of the demons. During the struggle for its possession lasting over twelve days in heaven, a few drops of the nectar dropped at the four places, corresponding with Haridwar, Prayag, Ujjain and Nasik on the earth. The drops of nectar were received by the holy rivers at these places. The struggle for the possession of the nectar-jar (Amrita-Kumbha) lasted for twelve days in heaven, the equivalent time being twelve years on the earth. The festival at the other three places is known by the more popular name Kumbha. The cycle of twelve years is common to all the four places. Different planetary positions, like the crossing of Jupiter into Leo sign and certain other conjunctions for the fair at Ujjain, are noted for the kumbha-fair at these other places also. Besides being a city of remarkable cultural traditions, Ujjain is cited among the seven cities of sacred merit in India

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने ‘श्री महाकाल लोक’ का लोकार्पण कर विश्व को समर्पित किया----शिवमय हुआ पूरा वातावरण---‘श्री महाका...
11/10/2022

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने ‘श्री महाकाल लोक’ का लोकार्पण कर विश्व को समर्पित किया
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शिवमय हुआ पूरा वातावरण
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‘श्री महाकाल लोक’ में जैसे भगवान श्री महाकाल हुए अवतरित
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"श्री महाकाल लोक" लोकार्पण समारोह का प्रसारण
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प्रधानमंत्री श्री Narendra Modi ने आज उज्जैन में श्री महाकालेश्वर मंदिर में भगवान श्री महाकाल की पूजा एवं आरती की। इसके उपरांत प्रधानमंत्री श्री मोदी ने "श्री महाकाल लोक" परियोजना का लोकार्पण किया। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने श्री महाकाल लोक में भगवान श्री शंकर की ध्यानस्थ प्रतिमा, सप्तर्षि मंडल आदि का अवलोकन किया। इसके बाद उन्होंने बैटरी चलित वाहन में बैठ कर 900 मीटर लम्बे ‘श्री महाकाल लोक’ परिसर में निर्मित कलाकृतियाँ देखी। भारत के विभिन्न हिस्सों से आये लगभग 700 कलाकारों ने अपने नृत्य, गीत और अभिनय से भगवान शिव की लीलाओं की प्रस्तुति दी। विप्र समूह ने समवेत स्वरों में सस्वर वेद मंत्रों का पाठ किया। भगवान शंकर की लीलाओं की कलाकृतियों, वैदिक मंत्रोच्चार, कलाकारों की भावपूर्ण प्रस्तुतियों के बीच श्री महाकाल लोक जीवंत हो उठा। भारत सहित दुनिया के 40 देश इस आध्यात्मिक, अलौकिक, अद्वितीय एवं अदभुत अनुभूति के साक्षी बने।

राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री श्री Shivraj Singh Chouhan के नेतृत्व में सिंहस्थ-2016 में उज्जैन में विश्व स्तरीय अधो-संरचना का विकास किया गया। बनारस कॉरिडोर की तर्ज पर अब ‘श्री महाकाल लोक’ बनाया गया है। योजना के प्रथम चरण में भगवान श्री महाकालेश्वर के आँगन में छोटे और बड़े रूद्र सागर, हरसिद्धि मन्दिर, चारधाम मन्दिर, विक्रम टीला आदि का विकास किया गया है।

लोकार्पित प्रथम चरण में 350 करोड़ से महाकाल प्लाजा, महाकाल कॉरिडोर, मिड-वे झोन, महाकाल थीम पार्क, घाट एवं डेक एरिया, नूतन स्कूल कॉम्पलेक्स, गणेश स्कूल कॉम्पलेक्स का कार्य पूर्ण हो चुका है। महाकाल कॉरिडोर के प्रथम घटक में पैदल चलने के लिये उपयुक्त 200 मीटर लम्बा मार्ग बनाया गया है। इसमें 25 फीट ऊँची एवं 500 मीटर लम्बी म्युरल वाल बनाई गई है। साथ ही 108 शिव स्तंभ, शिव की वीर मुद्राओं सहित प्रतिमाएं निर्मित हो चुकी हैं, जो अलग ही छटा बिखेर रही हैं। लोटस पोंड, ओपन एरिया थिएटर तथा लेक फ्रंट एरिया, ई-रिक्शा एवं आकस्मिक वाहनों के लिये मार्ग भी बनाये गये हैं। बड़े रूद्र सागर की झील में स्वच्छ पानी भरा गया है। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया गया है कि यह स्वच्छ भी रहे।

श्री महाकाल लोक के दूसरे चरण में महाराजवाड़ा परिसर का विकास किया जायेगा, जिसमें ऐतिहासिक महाराजवाड़ा भवन का हैरिटेज के रूप में पुन: उपयोग, कुंभ संग्रहालय के रूप में पुराने अवशेषों का समावेश कर महाकाल मन्दिर परिसर से एकीकरण किया जायेगा। दूसरे चरण के कार्य 2023-24 में पूर्ण होंगे।

इसके बाद प्रधानमंत्री श्री मोदी ने उज्जैन के कार्तिक मेला मैदान में उपस्थित अपार जनसमूह को संबोधित भी किया। इस दौरान मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल, केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी उपस्थित थे।

08/10/2022
08/10/2022

कलेक्टर द्वारा सम्पूर्ण उज्जैन जिले में 11 अक्टूबर को स्थानीय अवकाश घोषित

उज्जैन 08 अक्टूबर। कलेक्टर श्री आशीष सिंह द्वारा आगामी 11 अक्टूबर को श्री महाकाल लोक के लोकार्पण कार्यक्रम के मद्देनजर सम्पूर्ण उज्जैन जिले में स्थानीय अवकाश घोषित किया गया है।

क्रमांक 2736 अनिकेत/जोशी

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08/10/2022

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10/05/2018
21/05/2017

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