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SHAAN Banarasi FOR VARANASI VISIT

हमारे कई मुसलमान दोस्त हैं, और अच्छे दोस्त हैं वो। उनकी अपनी सोच और परवरिश है, हमारी अपनी सोच और परवरिश है। एक दूसरे का ...
17/05/2022

हमारे कई मुसलमान दोस्त हैं, और अच्छे दोस्त हैं वो। उनकी अपनी सोच और परवरिश है, हमारी अपनी सोच और परवरिश है। एक दूसरे का सम्मान करते हैं, एक दूसरे की भावनाओं का आदर करते हैं।

लगभग हर धर्म के पूजा स्थलों में हम गए भी हैं। अजमेरशरीफ भी गए हैं, स्वर्ण मंदिर भी गए हैं , कुछ गिरिजाघरों के भी दर्शन किये हैं। एक डर हमेशा रहता था कि चूंकि हम उनके रीति-रिवाजों से पूरी तरह परिचित नहीं हैं, तो गलती से भी कुछ ऐसा न हो हमसे, कि उनकी भावनाओं का , उनके दैव-स्थान का कुछ अवमानना न हो जाये, इसलिए ज्यादा सावधानी बरतते थे।

दुख ये देख के हो रहा, कि शिवजी को पानी मे छुपाकर , उसपे हाथ-पैर धुला हुआ पानी बहाते हुए, नमाज़ियों में थोड़ा सा भी अवमानना का भाव नही आया ?

तुम्हें शिवजी पसंद नही हैं, तो वहां से हटा देते। ज्यादा कष्ट था, तो तोड़ के ही हटा देते। शिवलिंग को वहीं पर रखकर उसपे थूकने से कौन सा खुदा खुश होगा। और अगर इससे खुदा खुश होता है, तो उसकी "खुदाई" दिख रही है, और "खुदाई" के परिणाम भी।

आश्चर्य इस बात का भी है की बनारस के हर एक मुसलमान का कोई न कोई हिंदू मित्र अवश्य होगा लेकिन क्या मजाल की किसी एक के भी मुस्लिम मित्र ने उसे ये बात बताई हो की तुम्हारी नंदी जिस दिशा में मुंह करके बैठी है उसके ठीक सामने मस्जिद में शिवलिंग है जिसमे हमलोग हाथ पैर धो करके थूकते है।

 ादेव'मुझे तो मरना है पर आपका तप बड़ा है, आपको सदियों तक इंतजार करना है'-- #काशी में मंदिर के बाहर बैठे नंदी के कान में ...
17/05/2022

ादेव
'मुझे तो मरना है पर आपका तप बड़ा है, आपको सदियों तक इंतजार करना है'-- #काशी में मंदिर के बाहर बैठे नंदी के कान में ये वाक्य बोल कर उस पंडित ने #शिवलिंग के साथ कुएं में छलांग लगा दी।
आज नंदी जी की 353 वर्ष पुरानी प्रतीक्षा खत्म हुई...आखिरकार 353 वर्ष बाद पुनः महादेव ने नंदी को दर्शन दिये।

वाराणसी की अदालत ने #ज्ञानवापी के अंदर मिले #विश्वेश्वर_शिवलिंग को संरक्षित करने की हिंदू पक्ष की याचिका स्वीकार की।
#कमिश्नर को स्पॉट को सील करने का निर्देश दिया।
ज्ञानवापी परिसर में को तत्काल प्रभाव से तैनात किया जाएगा।

04/04/2022

◆ *अपनी मृत्यु और अपनों की मृत्यु डरावनी लगती है। बाकी तो मौत को enjoy ही करता है आदमी* ...
अंत तक पूरा पढ़ना,समझ में आ जाएगा.....

मौत के स्वाद का
चटखारे लेता मनुष्य ...
थोड़ा कड़वा लिखा है पर मन का लिखा है ...

मौत से प्यार नहीं , मौत तो हमारा स्वाद है।

बकरे का,
गाय का,
भेंस का,
ऊँट का,
सुअर,
हिरण का,
पाए का,
तीतर का,
मुर्गे का,
हलाल का,
बिना हलाल का,
ताजा बकरे का,
भुना हुआ,
छोटी मछली,
बड़ी मछली,
हल्की आंच पर सिका हुआ।
न जाने कितने बल्कि अनगिनत स्वाद हैं मौत के।
क्योंकि मौत किसी और की, और स्वाद हमारा....

स्वाद से कारोबार बन गई मौत।
मुर्गी पालन, मछली पालन, बकरी पालन, पोल्ट्री फार्म्स।
नाम "पालन" और मक़सद "हत्या"। स्लाटर हाउस तक खोल दिये। वो भी ऑफिशियल। गली गली में खुले नान वेज रेस्टॉरेंट, मौत का कारोबार नहीं तो और क्या हैं ? मौत से प्यार और उसका कारोबार इसलिए क्योंकि मौत हमारी नही है।

जो हमारी तरह बोल नही सकते,
अभिव्यक्त नही कर सकते, अपनी सुरक्षा स्वयं करने में समर्थ नहीं हैं,
उनकी असहायता को हमने अपना बल कैसे मान लिया ?
कैसे मान लिया कि उनमें भावनाएं नहीं होतीं ?
या उनकी आहें नहीं निकलतीं ?

डाइनिंग टेबल पर हड्डियां नोचते बाप बच्चों को सीख देते है, बेटा कभी किसी का दिल नही दुखाना ! किसी की आहें मत लेना ! किसी की आंख में तुम्हारी वजह से आंसू नहीं आना चाहिए !

बच्चों में झुठे संस्कार डालते बाप को, अपने हाथ मे वो हडडी दिखाई नही देती, जो इससे पहले एक शरीर थी, जिसके अंदर इससे पहले एक आत्मा थी, उसकी भी एक मां थी ...??
जिसे काटा गया होगा ?
जो पहले डरा होगा ?
मौत को अपनी तरफ
आते देखा होगा ?

जो कराहा होगा ?
जो तड़पा होगा ?
जिसकी आहें निकली होंगी ?
जिसने बद्दुआ भी दी होगी ?

*कैसे मान लिया कि जब जब धरती पर अत्याचार बढ़ेंगे तो भगवान सिर्फ तुम इंसानों की रक्षा के लिए अवतार लेंगे ..?*

*क्या मूक जानवर उस परमपिता परमेश्वर की संतान नहीं हैं ..?*

*क्या उस ईश्वर को उनकी रक्षा की चिंता नहीं है ..?*

आज कोरोना वायरस उन जानवरों के लिए, ईश्वर के अवतार से कम नहीं है।

जब से इस वायरस का कहर बरपा है,
जानवर स्वच्छंद घूम रहे है ।
पक्षी चहचहा रहे हैं।
उन्हें पहली बार इस धरती पर अपना भी कुछ अधिकार सा नज़र आया है। पेड़ पौधे ऐसे लहलहा रहे हैं, जैसे उन्हें नई जिंदगी मिली हो। धरती को भी जैसे सांस लेना आसान हो गया हो।

सृष्टि के निर्माता द्वारा रचित करोङो करोड़ योनियों में से एक कोरोना ने हमें हमारी औकात बता दी। घर में घुस के मारा है और मार रहा है। और उसका हम सब, कुछ नही बिगाड़ सकते। अब घंटियां बजा रहे हो, प्रार्थन कर रहे हो, प्रेयर कर रहे हो और भीख मांग रहे हो उससे, कि वो हमें बचा ले।

धर्म की आड़ में उस परमपिता के नाम पर अपने स्वाद के लिए कभी ईद पर बकरे काटते हो, कभी दुर्गा मां या भैरव बाबा के सामने बकरे की बली चढ़ाते हो।
कहीं तुम अपने स्वाद के लिए मछली का भोग लगाते हो ।

कभी सोचा ...!!!
क्या ईश्वर का स्वाद होता है ? ....क्या है उनका भोजन ?

किसे ठग रहे हो ?
भगवान को ?
अल्लाह को ?
जीसस को?
या खुद को ?

मंगलवार को नानवेज नही खाता ...!!!
आज शनिवार है इसलिए नहीं ...!!!
अभी रोज़े चल रहे हैं ....!!!
नवरात्रि में तो सवाल ही नही उठता ....!!!

झूठ पर झूठ......झूठ पर झूठ.झूठ पर झूठ ...!!

फिर कुतर्क सुनो.....फल सब्जियों में भी तो जान होती है ...?
.....तो सुनो फल सब्जियाँ संसर्ग नहीं करतीं, ना ही वो किसी प्राण को जन्म देती हैं ।
इसी लिए उनका भोजन उचित है।

ईश्वर ने बुद्धि सिर्फ तुम्हे दी । ताकि तमाम योनियों में भटकने के बाद मानव योनि में तुम जन्म मृत्यु के चक्र से निकलने का रास्ता ढूँढ सको। लेकिन तुमने इस मानव योनि को पाते ही स्वयं को भगवान समझ लिया।

आज कोरोना के रूप में मौत हमारे सामने खड़ी है।

तुम्ही कहते थे, की हम जो प्रकृति को देंगे, वही प्रकृति हमे लौटायेगी। मौते दीं हैं हमने प्रकृति को, तो मौतें ही लौटा रही हैं।

बढो ...!!!
आलिंगन करो मौत का ....!!!

यह संकेत है ईश्वर का।
प्रकृति के साथ रहो।
प्रकृति के होकर रहो।
वर्ना ...
ईश्वर अपनी ही बनाई कई योनियों को धरती से हमेशा के लिए विलुप्त कर चुके हैं। और आगे भी ऐसा करने में उन्हें एक क्षण भी नही लगेगा

भारतीय नववर्ष, चैत्र शुक्ल प्रतिपदा विक्रमी संवत 2079, युगाब्द 5124 तदनुसार 02 अप्रैल 2022आप सभी के लिए मंगलमय हो।      ...
02/04/2022

भारतीय नववर्ष, चैत्र शुक्ल प्रतिपदा विक्रमी संवत 2079, युगाब्द 5124 तदनुसार 02 अप्रैल 2022
आप सभी के लिए मंगलमय हो।
#नववर्ष शनिवार, 02 अप्रैल को विक्रम संवत 2079 को मनाया जा रहा है। इसी दिन से हिन्दू मान्यता के अनुसार नए साल की शुरुआत होती है। हिन्दू पंचांग सार्वभौमिक और वैज्ञानिक कैलेंडर है। यह सौर और चंद्रमा की गणना पर आधारित है। बदलती ऋतुओं और हरियाली के आगमन से शुरू होने वाला हमारा यह हिन्दू नववर्ष पूर्णतया पौराणिक महत्वों से परिपूर्ण है। भारत में कुछ जगहों पर इसे 'गुड़ीपड़वा' के नाम से भी मनाया जाता है। हिन्दू नववर्ष व चैत्र नवरात्रि के पावन अवसर पर माँ आदिशक्ति जगतजननी माँ जगदम्बा से जगत के कल्याणार्थ मंगलकामना करता हूँ। 🙏💐❤️🤘😊

एक दिन युद्ध समाप्त हो जाएगानेता हाथ मिलाएंगेएक वृद्ध औरत अपने शहीद हो चुके बेटे का इंतज़ार करेगीएक औरत करेगी इंतजार, अप...
03/03/2022

एक दिन युद्ध समाप्त हो जाएगा
नेता हाथ मिलाएंगे

एक वृद्ध औरत अपने शहीद हो चुके बेटे का इंतज़ार करेगी
एक औरत करेगी इंतजार, अपने पति के लौट आने का
और वे बच्चे अपने बहादुर पिता की प्रतीक्षा करेंगे

मुझे नहीं पता कि वतन को किसने बेचा
लेकिन दुनियां ने देखा है
इसकी कीमत किसने चुकाई है

संत शिरोमणि गुरु रविदास जी की जयंती पर आप सभी को शुभकामनाएं!संत रविदास जी ने समस्त संसार को एकता एवं भाईचारे के सूत्र मे...
16/02/2022

संत शिरोमणि गुरु रविदास जी की जयंती पर आप सभी को शुभकामनाएं!

संत रविदास जी ने समस्त संसार को एकता एवं भाईचारे के सूत्र में पिरोकर कर्म को प्रमुखता देने का संदेश दिया है। जो युगों युगों तक हमारे मानस पटल पर अंकित रहेगा।

14/02/2022
दूरदर्शन के सुप्रसिद्ध धारावाहिक "महाभारत" में भीम का किरदार निभाने वाले प्रवीण कुमार जी अब इस दुनिया में नहीं रहे। आप च...
08/02/2022

दूरदर्शन के सुप्रसिद्ध धारावाहिक "महाभारत" में भीम का किरदार निभाने वाले प्रवीण कुमार जी अब इस दुनिया में नहीं रहे। आप चौहत्तर वर्ष के थे।
ईश्वर आपकी आत्मा को शांति प्रदान करे और आपके घरवालों को इस दुखभरी घड़ी से उभरने में शक्ति प्रदान करे। 🙏💐
ॐ शांतिः शांतिः शांतिः 🙏

#ॐ

ए मेरे वतन के लोगों… जरा याद करो स्वर-वाणी…भावभीनी श्रद्धांजलि!
06/02/2022

ए मेरे वतन के लोगों… जरा याद करो स्वर-वाणी…

भावभीनी श्रद्धांजलि!

II टेढी रेखा खींचना सरल है, परंतु सीधी रेखा खींचना कठीन ll        जीवन के इन  कठीन   सीधी   रेखाओ  को  सरल बनाने        ...
05/02/2022

II टेढी रेखा खींचना सरल है, परंतु सीधी रेखा खींचना कठीन ll जीवन के इन कठीन सीधी रेखाओ को सरल बनाने का माध्यम है ज्ञान ll ज्ञान की अधिष्ठात्री देवी मां सरस्वती सबका का कल्याण करें l "बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं! "

जय हो वीणा वादिनी ....🙏🙏🙏

सोनाली बेंद्रे - कैंसरअजय देवगन - लिट्राल अपिकोंडिलितिस(कंधे की गंभीर बीमारी)इरफान खान - कैंसरमनीषा कोइराला - कैंसरयुवरा...
04/02/2022

सोनाली बेंद्रे - कैंसर
अजय देवगन - लिट्राल अपिकोंडिलितिस
(कंधे की गंभीर बीमारी)
इरफान खान - कैंसर
मनीषा कोइराला - कैंसर
युवराज सिंह - कैंसर
सैफ अली खान - हृदय घात
रितिक रोशन - ब्रेन क्लोट
अनुराग बासु - खून का कैंसर
मुमताज - ब्रेस्ट कैंसर
शाहरुख खान - 8 सर्जरी
(घुटना, कोहनी, कंधा आदि)
ताहिरा कश्यप (आयुष्मान खुराना की पत्नी) - कैंसर
राकेश रोशन - गले का कैंसर
लीसा राय - कैंसर
राजेश खन्ना - कैंसर,
विनोद खन्ना - कैंसर
नरगिस - कैंसर
फिरोज खान - कैंसर
टोम अल्टर - कैंसर...
ये वो लोग हैं या थे-
जिनके पास पैसे की कोई कमी नहीं है/थी!
खाना हमेशा डाइटीशियन की सलाह से खाते है।
दूध भी ऐसी गाय या भैंस का पीते हैं
जो AC में रहती है और बिसलेरी का पानी पीती है।
जिम भी जाते है।
रेगुलर शरीर के सारे टेस्ट करवाते है।
सबके पास अपने हाई क्वालिफाइड डॉक्टर है।
अब सवाल उठता है कि आखिर
अपने शरीर की इतनी देखभाल के बावजूद भी इन्हें इतनी गंभीर बीमारी अचानक कैसे हो गई।
क्योंकि ये प्राक्रतिक चीजों का इस्तेमाल
बहुत कम करते है।
या मान लो बिल्कुल भी नहीं करते।
जैसा हमें प्रकृति ने दिया है ,
उसे उसी रूप में ग्रहण करो वो कभी नुकसान नहीं देगा।
कितनी भी फ्रूटी पी लो ,
वो शरीर को आम के गुण नहीं दे सकती।
अगर हम इस धरती को प्रदूषित ना करते
तो धरती से निकला पानी बोतल बन्द पानी से
लाख गुण अच्छा था।
आप एक बच्चे को जन्म से ऐसे स्थान पर रखिए
जहां एक भी कीटाणु ना हो।
बड़ा होने से बाद उसे सामान्य जगह पर रहने के लिए छोड़ दो,
वो बच्चा एक सामान्य सा बुखार भी नहीं झेल पाएगा!
क्योंकि उसके शरीर का तंत्रिका तंत्र कीटाणुओ से लड़ने के लिए विकसित ही नही हो पाया।
कंपनियों ने लोगो को इतना डरा रखा है,
मानो एक दिन साबुन से नहीं नहाओगे तो तुम्हे कीटाणु घेर लेंगे और शाम तक पक्का मर जाओगे।
समझ नहीं आता हम कहां जी रहे है।
एक दूसरे से हाथ मिलाने के बाद लोग
सेनिटाइजर लगाते हुए देखते हैं हम।
इंसान सोच रहा है- पैसों के दम पर हम जिंदगी जियेंगे।
आपने कभी गौर किया है--
पिज़्ज़ा बर्गर वाले शहर के लोगों की
एक बुखार में धरती घूमने लगती है।
और वहीं दूध दही छाछ के शौकीन
गांव के बुजुर्ग लोगों का वही बुखार बिना दवाई के ठीक हो जाता है।
क्योंकि उनकी डॉक्टर प्रकृति है।
क्योंकि वे पहले से ही सादा खाना खाते आए है।
प्राकृतिक चीजों को अपनाओ!
विज्ञान के द्वारा लैब में तैयार
हर एक वस्तु शरीर के लिए नुकसानदायक है!
पैसे से कभी भी स्वास्थ्य और खुशियां नहीं मिलती।।
आइए फ़िर से_ चलें प्रकृति की ओर...🙏🏻

काशीश्वरं सकलभक्तजनातिहारं विश्वेश्वरं प्रणतपालनभव्यभारम् ।रामेश्वरं विजयदानविधानधीरं गौरीश्वरं वरदहस्तधरं नमामः
02/02/2022

काशीश्वरं सकलभक्तजनातिहारं विश्वेश्वरं प्रणतपालनभव्यभारम् ।

रामेश्वरं विजयदानविधानधीरं गौरीश्वरं वरदहस्तधरं नमामः

आज दिनाँक 01-02-2022 को श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के सप्तऋषि / संध्या आरती के दर्शन।
01/02/2022

आज दिनाँक 01-02-2022 को श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के सप्तऋषि / संध्या आरती के दर्शन।

आइए फुरसत में  बनारस😊
31/01/2022

आइए फुरसत में बनारस😊

बना रहे बनारस ‼️ हर हर महादेव ‼️
28/01/2022

बना रहे बनारस ‼️ हर हर महादेव ‼️

27/01/2022
वाराणसी के एक छोटे से ग्राम फुलवरिया की बेटी ♥️.....____________________________________________गणतंत्र दिवस (Republic D...
27/01/2022

वाराणसी के एक छोटे से ग्राम फुलवरिया की बेटी ♥️.....
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गणतंत्र दिवस (Republic Day 2022) के मौके पर परेड मे कल वायु सेना की झांकी निकाली गई. इसमें देश की पहली महिला राफेल लड़ाकू विमान पायलट शिवांगी सिंह (Flight Lieutenant Shivangi Singh) ने भी हिस्सा लिया. शिवांगी वायु सेना की झांकी का हिस्सा बनने वाली दूसरी महिला फाइटर जेट पायलट हैं. इससे पहले साल 2021 में फ्लाइट लेफ्टिनेंट भावना कंठ IAF की झांकी का हिस्सा बनने वाली पहली महिला फाइटर जेट पायलट बनी थीं.

मिग-21 बाइसन को उड़ा चुकी हैं शिवांगी सिंह
उत्तर प्रदेश के वाराणसी के फुलवरिया से ताल्लुक रखने वाली शिवांगी सिंह साल 2017 में वायु सेना में शामिल हुई थीं. वह महिला लड़ाकू विमान पायलटों के वायु सेना के दूसरे बैच का हिस्सा बनीं. राफेल उड़ाने से पहले शिवांगी मिग-21 बाइसन (MiG-21 Bison) विमान उड़ा चुकी हैं.

26/01/2022
26/01/2022

काशी विश्वनाथ धाम, बनारस की शान , यूपी की शान

Ghats of varanasi
26/01/2022

Ghats of varanasi

क्या आपने मलाइयो खाया है ?
26/01/2022

क्या आपने मलाइयो खाया है ?

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