Ayodhya Ram Jnam Bhumi

  • Home
  • Ayodhya Ram Jnam Bhumi

Ayodhya Ram Jnam Bhumi whatts App +91 7905636818

भगवान् श्री राम की नगरी अयोध्या जी के दर्शन हेतु आने वाले श्रद्धालुओं को जानकारी एवम मार्गदर्शन हेतु।
Page dedicated to pilgrims coming to Shri Ayodhya Dham ji for all information and support.

15/01/2024

प्राण प्रतिष्ठा संबंधित जानकारी

आयोजन तिथि और स्थल: भगवान श्री रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा योग का शुभ मुहूर्त, पौष शुक्ल कूर्म द्वादशी, विक्रम संवत 2080, यानी सोमवार, 22 जनवरी, 2024 को आ रहा है।

शास्त्रीय पद्धति और समारोह-पूर्व परंपराएं: सभी शास्त्रीय परंपराओं का पालन करते हुए, प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम अभिजीत मुहूर्त में संपन्न किया जाएगा। प्राण प्रतिष्ठा के पूर्व शुभ संस्कारों का प्रारंभ कल अर्थात 16 जनवरी 2024 से होगा, जो 21 जनवरी, 2024 तक चलेगा।

-.द्वादश अधिवास निम्नानुसार आयोजित होंगे:-
-.16 जनवरी - प्रायश्चित्त और कर्मकूटि पूजन
- 17 जनवरी - मूर्ति का परिसर प्रवेश
-18 जनवरी (सायं): तीर्थ पूजन, जल यात्रा, जलाधिवास और गंधाधिवास
- 19 जनवरी (प्रातः): औषधाधिवास, केसराधिवास, घृताधिवास
- 19 जनवरी (सायं): धान्याधिवास
- 20 जनवरी (प्रातः): शर्कराधिवास, फलाधिवास
- 20 जनवरी (सायं): पुष्पाधिवास
- 21 जनवरी (प्रातः): मध्याधिवास
- 21 जनवरी (सायं): शय्याधिवास

अधिवास प्रक्रिया एवं आचार्य: सामान्यत: प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में सात अधिवास होते हैं और न्यूनतम तीन अधिवास अभ्यास में होते हैं। समारोह के अनुष्ठान की सभी प्रक्रियाओं का समन्वय, समर्थन और मार्गदर्शन करने वाले 121 आचार्य होंगे। श्री गणेशवर शास्त्री द्रविड़ सभी प्रक्रियाओं की निगरानी, समन्वय और दिशा-निर्देशन करेंगे, तथा काशी के श्री लक्ष्मीकांत दीक्षित मुख्य आचार्य होंगे।

विशिष्ट अतिथिगण: प्राण प्रतिष्ठा भारत के आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूजनीय सरसंघचालक श्री मोहन भागवत जी, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी, उत्तर प्रदेश के आदरणीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी महाराज और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में होगी।

विविध प्रतिष्ठान: भारतीय आध्यात्मिकता, धर्म, संप्रदाय, पूजा पद्धति, परंपरा के सभी विद्यालयों के आचार्य, 150 से अधिक परंपराओं के संत, महामंडलेश्वर, मंडलेश्वर, श्रीमहंत, महंत, नागा सहित 50 से अधिक आदिवासी, गिरिवासी, तातवासी, द्वीपवासी आदिवासी परंपराओं के प्रमुख व्यक्तियों की कार्यक्रम में उपस्थिति रहेगी, जो श्री राम मंदिर परिसर में प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के दर्शन हेतु पधारेंगे।

ऐतिहासिक आदिवासी प्रतिभाग: भारत के इतिहास में प्रथम बार पहाड़ों, वनों, तटीय क्षेत्रों, द्वीपों आदि के वासियों द्वारा एक स्थान पर ऐसे किसी समारोह में प्रतिभाग किया जा रहा है। यह अपने आप में अद्वितीय होगा।

समाहित परंपराएँ: शैव, वैष्णव, शाक्त, गाणपत्य, पात्य, सिख, बौद्ध, जैन, दशनाम शंकर, रामानंद, रामानुज, निम्बार्क, माध्व, विष्णु नामी, रामसनेही, घिसापंथ, गरीबदासी, गौड़ीय, कबीरपंथी, वाल्मीकि, शंकरदेव (असम), माधव देव, इस्कॉन, रामकृष्ण मिशन, चिन्मय मिशन, भारत सेवाश्रम संघ, गायत्री परिवार, अनुकूल चंद्र ठाकुर परंपरा, ओडिशा के महिमा समाज, अकाली, निरंकारी, नामधारी (पंजाब), राधास्वामी और स्वामीनारायण, वारकरी, वीर शैव इत्यादि कई सम्मानित परंपराएँ इसमें भाग लेंगी।

दर्शन और उत्सव: गर्भ-गृह में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के पूर्ण होने के बाद, सभी साक्षी महानुभावों को दर्शन कराया जाएगा। श्री रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के लिए हर जगह उत्साह का भाव है। इसे अयोध्या समेत पूरे भारत में बड़े उत्साह के साथ मनाने का संकल्प किया गया है। समारोह के पूर्व विभिन्न राज्यों के लोग लगातार जल, मिट्टी, सोना, चांदी, मणियां, कपड़े, आभूषण, विशाल घंटे, ढोल, सुगंध इत्यादि के साथ आ रहे हैं। उनमें से सबसे उल्लेखनीय थे माँ जानकी के मायके द्वारा भेजे गए भार (एक बेटी के घर स्थापना के समय भेजे जाने वाले उपहार) जो जनकपुर (नेपाल) और सीतामढ़ी (बिहार) के ननिहाल से अयोध्या लाए गए। रायपुर, दंडकारण्य क्षेत्र स्थित प्रभु के ननिहाल से भी विभिन्न प्रकार के आभूषणों आदि के उपहार भेजे गए हैं।

Details of Prana Pratishtha and Related Events:

1. Event Date and Venue: The auspicious Prana Pratishtha yoga of the Deity of Bhagwan Shri Ram Lalla arrives on the approaching Paush Shukla Kurma Dwadashi, Vikram Samvat 2080, i.e., Monday, the 22nd of January 2024.

2. Scriptural Protocols and Pre-Ceremony Rituals: Following all the Shastriya protocols, the programme of Prana Pratistha will be held in the Abhijeet Muhurta in the afternoon. The formal procedures of pre-Prana Pratistha sacraments will start from tomorrow, i.e., 16th January and continue till 21st January 2024. The Dwadash Adhivas protocols will be as follows:
a. 16th January: Prayaschita and Karmakuti Poojan
b. 17th January: Parisar Pravesh of the Murti
c. 18th January (Evening): Teerth Poojan, Jal Yatra,
and Gandhadhivas
d. 19th January (Morning): Aushadhadhivas,
Kesaradhivas, Ghritadhivas
e. 19th January (Evening): Dhanyadhivas
f. 20th January (Morning): Sharkaradhivas,
Phaladhivas
g. 20th January (Evening): Pushpadhivas
h. 21st January (Morning): Madhyadhivas
i. 21st January (Evening): Shaiyadhivas

3. Adhivaas Protocols and Acharyas: Generally, there are Seven Adhivasas in Prana Pratistha ceremony, and a minimum of three Adhivasas are in practice. There will be 121 Acharyas conducting the rituals. Shri Ganeshwar Shastri Dravid Ji will be overseeing, coordinating, anchoring, and directing all the proceedings of the Anushthan, and the principal Acharya will be Shri Luckshmikant Dixit of Kashi.

4. Distinguished Guests: The Prana Pratishtha will be conducted in the august presence of Hon’ble Prime Minister of Bharat Shri Narendra Modi Ji, Pujaniya Sarsanghchalak of the Rashtriya Swayamsevak Sangh Shri Mohan Bhagwat Ji, Governor of Uttar Pradesh Smt Anandiben Patel Ji, Hon’ble Chief Minister of U.P. Shri Yogi Adityanath Ji Maharaj, and other dignitaries.

5. Diverse Representation: Acharyas of all schools of Bharatiya spiritualism, religion, sect, system of worship, tradition, Sants of more than 150 traditions, Mahamandaleshwars, Mandaleshwars, Shrimahants, Mahants, Nagas, as well as leading figures of more than 50 Adivasi, Girivasi, Tatavasi, Dwipavasi tribal traditions, will remain present to witness the Prana Pratistha ceremony on the premises of the Bhavya Shri Ram Janmabhoomi Mandir.

6. Historic Tribal Representation: The presence of the tribal traditions being represented by the people of the hills, forests, coastal belts, islands, etc., is happening for the first time in the recent history of Bharat. It will be unique in itself.

7. Inclusive Traditions: The traditions include Shaiva, Vaishnav, Shaakta, Ganapatya, Patya, Sikh, Bauddha, Jain, Dashnam, Shankar, Ramanand, Ramanuj, Nimbarka, Madhva, Vishnu Nami, Ramsanehi, Ghisapanth, Garibdasi, Gaudiya, Kabirpanthi, Valmiki, Shankardev (Assam), Madhav Dev, ISKCON, Ramakrishna Mission, Chinmaya Mission, Bharat Sevashram Sangha, Gayatri Parivar, Anukul Chandra Thakur Parampara, Mahima Samaj of Odisha, Akali, Nirankari, Namdhari from Punjab, Radhasoami, and Swaminarayan, Varkari, Veer Shaiva, etc.

8. Darshan and Celebration: After the completion of the Prana Pratishtha programme in the Garbha-Griha, all the witnesses will have darshan respectively. The enthusiasm for the Prana Pratishtha of Shri Ram Lalla is being felt everywhere. It has been resolved to celebrate it with great enthusiasm all over Bharat, including Ayodhya. During the run-up to the ceremony, people from different states are continuously coming with water, soil, gold, silver, gems, clothes, jewellery, huge bells, drums, aroma/fragrance items, etc. The most notable among them were the Bhaars (gifts sent at the time of setting up a daughter's house) sent from Maa Janaki's maternal homes at Janakpur (Nepal) and Sitamarhi (Bihar), which a large number of people carried to Ayodhya, and also gifts of different types of jewellery, etc., were offered by the Nanihal at Raipur, Dandakaranya area.

14/01/2024

जय श्री राम!

26/10/2020
दक्षिण भारत से "श्री रामराज्य" की छवि !!
10/12/2019

दक्षिण भारत से "श्री रामराज्य" की छवि !!

दीन दयाल विरदु संभारीहरहू नाथ मम संकट भारी
22/11/2019

दीन दयाल विरदु संभारी
हरहू नाथ मम संकट भारी

https://youtu.be/Kvi4le6QVjgकिसी भी पंथ को मानने वाले जन को ये जरूर सुनना चाहिए !!अतिवाद हमारे राष्ट्र का भविष्य नहीं है...
07/11/2019

https://youtu.be/Kvi4le6QVjg

किसी भी पंथ को मानने वाले जन को ये जरूर सुनना चाहिए !!

अतिवाद हमारे राष्ट्र का भविष्य नहीं है बल्कि शांति और खुशहाली हमारा लक्ष्य है ।

English video: https://youtu.be/7OemLYMmNvE एक योगी, युगदृष्टा, मानवतावादी, सद्‌गुरु एक आधुनिक गुरु हैं, जिनको योग के प्राचीन विज्ञान पर पूर्ण...

03/10/2019
26/09/2019

जाति के अहंकार से लाभ किसका ??

जब श्री सीताराम जी शबरी के जूठे बैर खा कर जाति व्यवस्था की अपमानित करने वाली कुरीतियों को समाप्त कर सकते है, तो आज हम लोगो को जाति के आधार पर घमंड क्यों ??

श्री सीताराम जी का प्रेम और आशीर्वाद उन्हीं महान आत्माओं को मिलता है, जिन्होंने जातियों के अहंकार से मुक्ति पाई हो.

जाति के आधार पर पैदा हुआ अहंकार हमारे अपनों के बीच भेदभाव पैदा करता है और हम श्री सीताराम की प्रजा आपस में बैर रखकर, उन दुष्ट शक्तियों को और बल देते है ,

जिनका मकसद होता है "फूट डालो और राज करो"!
और ऐसी प्रवृत्तियां आज के राजनैतिक सत्ता के लालची नेताओ में पाई जाती है ।

यदि श्री सीताराम जी मानवों, वानरों, गिलहरियों, भालूवो को भी अपना मानते थे , तो हम उनकी प्रजा होकर कैसे आपस में मानवों में "जाति के आधार पर भेद" कर सकते है ??

श्री सीताराम का राज्य "राम राज्य" जहा प्रेम हो, घृणा न हो
जहा लोग प्रसन्न हो, ये तभी संभव है जब हम लोग जातियों के आधार पर अपने अहंकार को त्यागें और श्री सीताराम की सारी प्रजा को अपना ही परिवार माने !!

एक उंगली में कुछ नहीं, उंगलियां मुट्ठी बने तो शक्ति है !!
और शक्ति में बल है ..... बल से बदलाव संभव है !!

अहंकार त्यागें श्री सीताराम की प्रजा में भेदभाव न करे !!

साभार
जय भारत जय अयोध्या

https://youtu.be/IKcJjszk8g4अयोध्या वासियों, हमे जिला अस्पताल में एक एक्स रे मशीन 10 लाख लोगों की आबादी पर मिलता है,एक अ...
25/09/2019

https://youtu.be/IKcJjszk8g4

अयोध्या वासियों,
हमे जिला अस्पताल में
एक एक्स रे मशीन 10 लाख लोगों की आबादी पर मिलता है,
एक अल्ट्रा साउंड मशीन 10 लाख लोगों की आबादी पर मिलता है,
यहां कोई भी एम् आर आई मशीन नहीं है,
हमे एक जिला अस्पताल में कुछ 15 से 20 डॉक्टर,
10 लाख की आबादी पर मिलते है,

क्या अयोध्या के लोग बैंगलोर, दिल्ली, बड़ौदा, सूरत, इंदौर, भोपाल, लखनउ आदि जिलों से कम दरों पर टैक्स भरते है ??
नहीं हम लोग उसी दर पर टैक्स भरते है !!
पर हमे अपनी छोटी मोटी बीमारी के लिए दूसरे जिलों के अस्पतालों की ओर भागना पड़ता है ।
आखिर अयोध्या की श्री सीता राम जी की प्रजा के साथ ये अन्याय क्यों ???
हमे 1000 रुपए के अल्ट्रासाउंड, 400 रुपए के एक्सरे क्यों प्राइवेट लैब्स में करवाने पड़ते है ??
आखिर इन मेडिकल उद्योगपतियों को ये सहूलियत सरकार क्यों देती है, जबकि सरकार जनता से इन्हीं सहूलियतों के लिए हमारी हर चीज पर टैक्स ले रही है !!

अयोध्या के साथ अन्याय क्यों ???

आपके साथ क्यूबा देश का एक उदाहरण दिया गया है,
जहा मेडिकल सुविधाओं में लोगो को
"स्वास्थ्य का अधिकार" कानून के तौर पर दिया गया है.

साभार
अयोध्या के हर घर को इस पेज से जोड़े
संगठन में शक्ति है, और शक्ति से बदलाव संभव है !!

साभार
जय भारत जय अयोध्या

Cuba has Ramrajya in terms of health. Ramrajya is a show with the description of various places that has some systems better than India which makes that plac...

24/09/2019

जो अपने अधिकारों के लिए आगे नहीं बढ़ते,
अयोध्यानाथ श्री सीताराम जी भी उनकी सहायता नहीं कर सकते !!

अयोध्यावासियों अपने अधिकारों के लिए संगठित हो, इस पेज को अपने घर परिवार मित्र सब तक फैलाए !!
संगठन ही शक्ति है !!

जय भारत- जय अयोध्या

23/09/2019

कोई भाव या विचार जिसमें "घृणा हो" वो राम राज्य का हिस्सा नहीं !!

सूर कबीर तुलसी कहे, हे "रहीम" तुम श्रेष्ठ
जो "श्री सीताराम" में देखिए, अल्लाह रूप "समीप" !!

श्रीसीताराम, का पिता के लिए प्रेम, सौतेली माता के लिए प्रेम, भाई के लिए प्रेम, केवट के लिए प्रेम, शबरी के लिए प्रेम, सुग्रीव के लिए मित्र प्रेम, विभीषण के लिए प्रेम, माता सीता के लिए प्रेम, जटायु के लिए प्रेम, यहां तक मृत्यु शैया पर पड़े शत्रु रावण के लिए प्रेम...

ये श्री राम राज्य की महान विशेषता है ... यहां घृणा के लिए कोई स्थान नहीं है और तभी श्री राम राज्य की स्थापना संभव है !!
"घृणा पाप का मूल है"
जो भी घृणा रोग से पीड़ित है, उसे प्रेम दो !!

जय अयोध्या जय भारत

23/09/2019

जो "स्वयं को जिताने के लिए संघर्ष कर रहे हो', वो हार भी सकते है !!
पर जो "दूसरो की जीत के लिए, जीवन समर्पित करे" वो कभी नहीं हार सकते !!

सीताराम जी के भक्त श्री हनुमान जी का जीवन इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है, उन्होंने अपने जीवन का हर प्रमुख युद्ध भारत के निर्बल कपि समाज,मानव समाज, निरीह सुग्रीव,
श्री राम जी की सहायता में लगाई
और आज तक हनुमान जी ने कोई भी युद्ध हारा नहीं !!

क्या हम अयोध्या वासी हनुमान जी के जीवन से कुछ प्रेरणा ले कर " निर्बल निरीह लोगो की, जीत का हिस्सा बन सकते है"
यही राम राज्य की नीव होंगी !!

सादर

जय भारत जय अयोध्या

22/09/2019

जब हम मानव को
हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई , गोरा, काला, सवर्ण, दलित ऊंचा, नीचा आदि भेद भावो को हटाते हुए, एक मानव और श्री सीता राम जी की प्रजा के रूप में देखना शुरू कर देते है तो हम धरती पर राम राज्य के निर्माण की शुरुवात करते है.
जिसका अस्तित्व आपसी प्रेम और भाई चारे, एक दूसरे के दुख और सुख के हिस्सेदार बनने से और मजबूत होता जाता है.
इस रामराज्य में सारी प्रजा हर त्योहार उत्सव साथ मनाती है, जिसमें सारे पंथ, मजहब, विचार धारा साथ मिलकर समाज के विकास और कल्याण के साथ आगे बढ़ते है.

यहां कोई भेदभाव नहीं, प्रेम का राज्य है. इसे अल्लाह या गॉड का भी राज्य कहा जाता है.
यहां घृणा का कोई स्थान नहीं है.
श्रीसीताराम सारे संसार के कन कन में है और उसी का हिस्सा पूरे विश्व का सम्पूर्ण मानव समाज है.
हम मानव समाज को पंथ और उनके रीति रिवाजों के आधार पर श्री सीता राम के राज्य से बाहर नहीं रख सकते.
ये जगत श्री सीता राम जी की रचना है इसीलिए कोई मानव अलग नहीं सभी एक ही परिवार के हिस्से है.
और हमारा समाज प्रेम और समन्वय से ही आगे परम राज्य का दर्जा पा सकता है ...

साभार
जय भारत जय अयोध्या

22/09/2019

क्या ग्रेजुएशन में एक फर्स्ट क्लास (60%) से ऊपर नम्बर लाए हुए बच्चे का बेरोजगार होना या दिल्ली मुंबई कलकत्ता जैसे अन्य शहरों में 10 हज़ार की नौकरी के लिए भटकना एक अन्याय नहीं ??
जो लोग कहते है "राज्य के विश्वविद्यालयों" के बच्चो में स्किल और ज्ञान की कमी है, क्या इसके लिए "शिक्षा व्यस्था" जिम्मेवार नहीं है ?? और उस व्यस्था के लिए, टैक्स लेने वाली सरकार !!
या एक बच्चे का दुर्भाग्य है, कि उसने एक मिडिल क्लास या गरीब परिवार में "अयोध्या जनपद" में जन्म लिया और यही शिक्षा ली !!!
इस दुर्भाग्य का जिम्मेवार कौन है ???

इसी लिए श्री राम की प्रजा "अयोध्या", आई आई टी, आई आई एम् की सुविधा अपने जनपद में मांगती है, डॉक्टर राम मनोहर लोहिया विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्व विद्यालय का दर्जा मांगती है.
जिले में एम्स मेडिकल इंस्टीट्यूट मांगती है.

अच्छी और सस्ती शिक्षा हमारा मौलिक अधिकार है
जिस तरह सरकार का टैक्स लेना अधिकार है ...

साभार
जय भारत, जय अयोध्या

22/09/2019

हमारी "आज की दशा", हमारे "बीते कल" का परिणाम है
और "आने वाले कल" की दशा
हमारे "आज के कर्म Action" है !!

हमारा जीवन इसी प्रक्रिया पर है.. और मृत्यु इसका समापन है ।
पर हमारा मकसद सुख नहीं है, क्युकी सुख एक ठहराव है.
और हम इस प्रक्रिया में रुक नहीं सकते, मृत्यु तक !!
पर हमारी खोज है, ज्ञान की ।
ज्ञान जिसका "मार्ग" कल्याणकारी है, समाज, मानव, प्रकृति कल और भविष्य सबके लिए !
ज्ञान जहा कोई "संतुष्टि" का पड़ाव नहीं पर "बेहतरी की इच्छा" है और कभी कोई सुख और दुख की स्थिति नहीं !

हम एडिसन की तरह ज्ञान कि खोज में हर गलती करते है पर हज़ारों गलतियों के रास्ते से ही एक नए बल्ब का आविष्कार हो जाता है जो मानव समाज को अंधकार में उजाला देता है.

ये ज्ञान कि महिमा है, जिसका मार्ग ही शानदार है इस मार्ग से ही मानव समाज का कल्याण है, मानव की विजय है !!
सुख कोई अंतिम पड़ाव नहीं हो सकता ।
क्युकी सुख की इच्छा ही महान दुख का कारण है !

"ज्ञान" कि इच्छा ही जीवन में विजय है !!

साभार
जय भारत जय अयोध्या

22/09/2019

भीड़ में अपार शक्ति है, ये संगठित हो, संयमित हो,
धीरज के साथ हो,
और एक महान उद्देश्य के साथ हो

तो निश्चित इसकी विजय होती है !!

भगवान श्री सीताराम जी की लंका विजय

उस भीड़ के साथ हुई जो लड़ना नहीं जानते थे, जो युद्ध कौशल नहीं जानते थे ..पर उन वानरों , भालुवो, गिलहरियों की भीड़, श्री सीताराम जी के महान उद्देश्य से जुड़कर एक महान शक्ति बन गई !!
लंका विजय हुई !!

अयोध्या की विजय "अयोध्या की प्रजा के विकास" में है.

और ये तभी संभव है जब इस जनता को भीड़ बनाए जिसके पास महान उद्देश्य और विचार हो !!
कृपया इस पेज को हर दोस्त मित्र परिवार के सदस्यों तक पहुंचाए ।

अयोध्या में "श्री राम राज्य की स्थापना" जिसका महान उद्देश्य हो !!!

साभार
जय भारत जय अयोध्या

22/09/2019

बहरो को सुनाने के लिए, तेज आवाज की जरूरत पड़ती है ।

"सरदार भगत सिंह"

22/09/2019

अयोध्या में कोई भी मेडिकल कालेज नहीं, मेडिकल की कोई अच्छी और सस्ती सुविधा नहीं ।।

फिर भी उस जिले को "एम्स' की सुविधा दी जा रही है, जिसके पास पहले से ही एक "सरकारी मेडिकल कालेज" है
( गोरखपुर)

क्या ये अयोध्या की, श्री सीता राम जी की प्रजा के साथ विश्वासघात नहीं है ??

22/09/2019

अयोध्या की श्री सीताराम जी की प्रजा क्यों मांगे
"एम्स मेडिकल कॉलेज"

अयोध्या की "श्री सीताराम जी की प्रजा"
10 लाख की आबादी पर , जिला अस्पताल में

एक एक्सरे मशीन ( अक्सर खराब, बहुत ही पुरानी मशीन)
एक अल्ट्रासाउंड मशीन
शून्य MRI मशीन

कितना गहरा मजाक है, श्री सीताराम जी की प्रजा के साथ ??
जहा हमे सस्ती जांच मिल सकती थी, उसे खराब कर दिया गया और
उद्योगपतियों की पैथोलॉजी 800 से 1000 रुपए की प्रति जांच में फिक्स कर, उद्योगपतियों का विकास कर दिया गया !!

अयोध्या एम्स से आस पास के जिलों की करोड़ों की आबादी को राहत मिलेगी और सस्ती और अच्छी चिकित्सा संभव हो पाएंगी.
हमे लखनऊ दिल्ली ले जाते वक्त अपने प्रिय परिवार के सदस्यों को इलाज के अभाव में खोना नहीं पड़ेगा !!

और यहां के बच्चे अपने जिले के एम्स से "अच्छी मेडिकल की शिक्षा" भी ले सकते है ! और हज़ारों नई नौकरियों और उद्योगों का सृजन भी होगा !!

साभार
उपकारी नाथ
जय भारत जय अयोध्या

22/09/2019

डॉक्टर राम मनोहर लोहिया अवध युनिवर्सिटी
1975 से चल रहा एक पुराना विश्व विद्यालय जो कि हमेशा हाशिए पर रखा गया !! थोड़े थोड़े धन की सहायता कभी कभी की गई पर इतने बड़े विश्व विद्यालय के लिए ऊट के मुंह में जीरे की तरह.
आज वहा के क्लासेज, डिपार्टमेंट्स, स्टाफ, प्रोफेसरों की संख्या और उनकी अवस्था में कोई विशेष प्रगति नहीं हुई है.
वहा की बिल्डिंग्स इंफ्रा काफी पुरानी अवस्था में है और बच्चो की संख्या के हिसाब से कोई विशेष सुविधाएं विकसित नहीं की जा पाई है।
बच्चो की शिक्षा के बाद उनके भविष्य की कोई गारंटी नहीं है
और ये केवल प्राइवेट डिग्री कालेजों को मान्यता देने वाली एक संस्था बनता जा रहा है ।
ये बहुत ही दुख की बात है ....

युनिवर्सिटी को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिए जाने से अयोध्या में विकास की नई लहर चलेंगी !!
शिक्षा में करिकुलम में सुधार, नए फंड्स से अच्छे प्रोफेसरों की नियुक्ति, देश के दूसरे प्रदेश के बच्चो का आगमन, जिससे
यहां पर देश की कास्मोपोलिटन संस्कृति का विकास होगा ।

और इस दर्जे से बच्चो के लिए प्लेसमेंट की सुविधा भी बड़ी कम्पनियों में भी कराई का सकती है.
कई अन्तर्राष्ट्रीय विश्व विद्यालयों से सम्बद्ध और कोर्सेज भी चलाए जा सकते है.

कुल मिलाकर ये व्यस्था यहां की शिक्षा व्यस्था में सुधार जरूर लेकर आएंगी !!

साभार
उपकारी नाथ
जय भारत जय अयोध्या

21/09/2019

साथियों इस पेज को "अयोध्या जनपद" के "हर घर" तक पहुंचाए और अपने मित्रो से भी निवेदन करे ।

हमारा पहला मील का पत्थर है 1000 साथियों को जोड़ना फिर 10000, फिर 50000 फिर एक लाख से 10 लाख।
अभी शुरुवाती स्तर पर डिजिटल ग्रुप पर आपसी चर्चा
विचार रखे और चर्चा करे "अयोध्या को फिर से कैसे महान बनाए" !!
दूसरे चरण में, हम लोगो से छोटे छोटे कांफ्रेंस और मेल मिलाप आयोजनों से मिलने की कोशिश करे और अपने विचारो को मजबूती से रखे !!

तीसरा चरण "सम्पूर्ण चरण होगा" और अयोध्या और
श्रीसीताराम जी जनता को उसका गौरव और सम्मान दिलाया जाएगा.

आओ "अयोध्या" को फिर से महान बनाए !!
पुनः "राम राज्य' की स्थापना करें !!
और अयोध्या के गौरव को भारत देश और विश्व में स्थापित करे हर क्षेत्र में !!

अयोध्या की यही पुकार
हर युवा को मिले, यही सम्मान का रोजगार
एक आई आई टी, एक आई आई एम्
एक स्पेशल इकोनोमिक ज़ोन
एक आई टी पार्क
के साथ हो अध्यात्म और टूरिज्म का प्रचार
अवध विश्वविद्यालय को मिले सम्मान केंद्रीय दर्जे का
हर पीड़ित को मिले अयोध्या में एम्स का उपचार
बस ट्रेन और इयर पोर्ट की मिले उत्तम सुविधा
दुनिया से श्रीसीताराम की जन्म भूमि को
न हो मिलने से दुविधा ....
अयोध्या की यही पुकार
सरकारी नौकरियां होती है दो चार
युवा को मिलेगा स्पेशल इकोनोमिक ज़ोन, आई टी पार्क, बायोटेक पार्क
आई आई टी और आई आई एम् के
आने से रोजगार
यहां न हो गरीबी और पिछड़ापन
न हो कोई युवा बेरोजगार
क्यों न करे, अपने आंदोलन का प्रचार
अयोध्या वासियों
श्रीसीताराम जी की प्रजा
हो जाओ राम राज्य को लाने के लिए
तैयार ............

साभार
उपकारी नाथ
जय भारत - जय अयोध्या

21/09/2019

अयोध्या - जिसे युद्ध में जीता न सके !!

ये भारत के महान सम्राट श्री राम की राजधानी है
जिन श्रीराम ने उत्तर भारत और दक्षिण भारत को आपस में मिलाया और अखंड भारत की पहली नीव रखी, श्री राम भारत के पहले सम्राट है जिन्होंने भारत की पहली विदेश विजय रखी और श्री लंका को पराजित किया ।

अयोध्या
जहा जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर श्री ऋषभ देव का जन्म होता है और वो सत्य अहिंसा के नए रास्ते से मानव समाज को शांति की तरफ के जाते है.

अयोध्या
जहा "श्री गौतम बुद्ध" अपना काफी समय बिताते है और जीवन में मोक्ष पाने के लिए साधनों को जनता में बांटते है.

अयोध्या
जब भारत भूमि पूरी तरह निष्क्रिय हो चुके मौर्य शासक बृहदर्थ से परेशान थी तब पुष्यमित्र शुंग ने पुनः "अयोध्या" को राजधानी बना उत्तर भारत को पश्चिम से आने वाले शत्रु शक्तियों से बचाया ।

अयोध्या
जब मुग़ल सम्राट दिल्ली में अपनी ताकत खो चुके थे , उनके वजीर सफदर जंग इस भूमि से पुनः उत्तर भारत के एक शक्तिशाली राज्य को स्थापित करते है.

अयोध्या
जिसके नवाब शुजाउद्दौला मुगल बादशाह शाह आलम बंगाल के नवाब के साथ मिल अंग्रेजो के खिलाफ भारत की एक ऐतिहासिक जंग "बक्सर का युद्ध" लड़ते है ।

अयोध्या
जहां की सीमाओं से निकले एक गांव के लोगो का बेटा
अयोतुल्ला खुमैनी, ईरान में अमरीका की ताकत को सीधे चुनौती देता है और सऊदी और अरब के वहाबी और सलाफी विचार धारा को चुनौती देता है और ईरान में इस्लामिक क्रांति की नीव रखता है ।

ये सोचने वाली बात है जो जिला इस देश और दुनिया को सदियों से काफी कुछ देता रहा आज तक उस जिले कि उपेक्षा की गई.

यही नहीं छोटे छोटे शहरों को आई आई टी, आई आई एम्, स्पेशल इकोनोमिक ज़ोन, आई टी पार्क, केंद्रीय विश्व विद्यालय दिए गए, पर आज भी अयोध्या की जनता को रोजगार के लिए शिक्षा के लिए अपने बच्चो को दूसरे शहरों की ओर रुख करना पड़ता है.

अयोध्या की जनता को इस लोकतंत्र में अपनी आवाज चुनौती के साथ रखनी ही पड़ेंगी, अन्यथा हम सब अपने परिवारों से दूर कहीं अपमान सहकर भी नौकरियां करते रहेंगे।
और आज़ाद भारत में अयोध्या का वास्तविक विकास न हो पाएगा.

सरकारी नौकरियां दो चार सौ में होती है इनसे हमारे जिले के लाखों युवाओं को रोजगार नहीं मिल सकता हमे अपने जिले का विकास करने के लिए आई आई टी, आई आई एम्, स्पेशल इकोनोमिक ज़ोन, आई टी पार्क, बेहतर बस सुविधा, ट्रेन सुविधा, एअरपोर्ट, अवध विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय में बदलने के लिए आंदोलन करना ही होगा.

साभार
उपकारी नाथ
जय भारत, जय अयोध्या

20/09/2019

जिस देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी
श्री सीता राम भक्त हो
जिस प्रदेश के मुख्य मंत्री श्री आदित्य नाथ जी
श्री सीता राम भक्त हो

हमारे श्री सीता राम जी की नगरी अयोध्या में
"ये कैसा राम राज्य" जहा श्री सीता-राम की जनता को एक अच्छा बस स्टॉप भी नहीं मिल पाया .....

श्री सीता राम की अयोध्या सवाल पूछती है लोकतांत्रिक राजाओं से ...

जय भारत, जय अयोध्या

20/09/2019

भगवान "श्री सीता राम का मंदिर" तो सुप्रीम कोर्ट देंगा ..

पर हमारे अयोध्या के युवाओं को,
जो चुनी सरकारों से चाहिए
वो कौन देगा ... ????

20/09/2019

सुबह की किरणों को रोकें,
जो सलाखें है कहाँ
जो खयालों पे पहरे डाले
वो आँखें है कहाँ
पर खुलने की देरी है
परिंदे उड़ के चूमेंगे
आसमां आसमां आसमां !!!!

साथियों इस पेज को अयोध्या के हर घर तक पहुंचाए !!

अपने जिले की हर आवाज को मिलाकर तेज शोर बनाए
जिससे दिल्ली और लखनऊ के राजाओं तक हमारी आवाज पहुंचे.

"अयोध्या के युवाओं" को अयोध्या को एक नई आजादी कि जरूरत है.

"हर युवा को अपने जिले में नौकरी "
अवध युनिवर्सिटी को केंद्रीय विश्व विद्यालय का दर्जा
अयोध्या में एक आई आई टी
अयोध्या में एक आई आई एम्
अयोध्या में एक स्पेशल इकोनोमिक ज़ोन (लाखों नौकरी)
अयोध्या में एक सॉफ्टवेयर पार्क(लाखों नौकरी)
अयोध्या में एक भारतीय कल्चर और आध्यात्मिक ध्यान पार्क
अयोध्या को भारत का टूरिज्म हब बनाना
अयोध्या में एक एम्स ( मेडिकल की सस्ती और बड़ी सुविधा)

सादर
उपकारी नाथ
जय भारत जय अयोध्या

19/09/2019

रामराज्य शब्द का भावार्थ यह है कि उसमें गरीबों की संपूर्ण रक्षा होगी, सब कार्य धर्मपूर्वक किए जाएंगे और लोकमत का हमेशा आदर किया जाएगा.
रामराज्य स्थापित करने के लिए हमें पाण्डित्य की कोई आवश्यकता नहीं है. जिस गुण की आवश्यकता है, वह तो सभी वर्गों के लोगों- स्त्री, पुरुष, बालक और बूढ़ों- तथा सभी धर्मों के लोगों में आज भी मौजूद है. दुःख मात्र इतना ही है कि सब कोई अभी उस हस्ती को पहचानते ही नहीं हैं.
वीरता, क्षमा, धैर्य आदि गुणों का हममें से हरेक व्यक्ति यदि वह चाहे तो क्या आज ही परिचय नहीं दे सकता?

मैंने अपने आदर्श समाज को "रामराज्य" का नाम दिया है.

कोई यह समझने की भूल न करे कि "राम-राज्य" का अर्थ है हिन्दुओं का शासन.
"मेरा राम खुदा या गॉड का ही दूसरा नाम है"
जिसका अर्थ है धरती पर "परमात्मा का राज्य". ...ऐसे राज्य की स्थापना से न केवल अयोध्या की संपूर्ण जनता का, बल्कि समग्र उत्तर प्रदेश का कल्याण होगा.
इस विचार में कोई सारे लोगो का बस एक ही स्वार्थ है
अपने गांव जिले और प्रदेश को महान बनाना. जहा अच्छी शिक्षा, घर के पास नौकरी के साधन, परिवार के लिए समय, शांति, और हरे भरे सुंदर पर्यटक स्थल हो, परिवहन के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट आदि हो ।

18/09/2019

अपना जिला- अपना परिवार –उनके साथ अच्छा जीवन
यही मांग है अयोध्या की !!!

अयोध्या को क्या चाहिये ??

एक स्पेशल इकोनोमिक जोन (जहा सैकड़ो कंपनिया स्थापित की जा सके ) और लाखो नौकरिया पैदा की जा सके
यहाँ एक साफ्टवेअर पार्क जहा सैकड़ो बीपीओ केपीओ कम्पनिया हज़ारो रोजगार दे सके
एक एम्स
एक आई आई टी
एक आई आई एम्
यहाँ की अवध यूनिवर्सिटी को केन्द्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा और विकास

यहाँ बड़ा बस स्टॉप, अच्छी बसे , अच्छी ट्रेने
अच्छा पब्लिक ट्रांसपोर्ट
और एक बेहतरीन पर्यटन स्थल के रूप में विकास
दोस्तों आगे बढ़ो , इस अभियान को जिले के हर घर तक पहुचाओ

आपका साथी ....
उपकारी नाथ
जय भारत - जय अयोध्या

18/09/2019

आओ अयोध्या वासियों, अयोध्या को भारत देश की महान विकसित नगरी बनाए !!

"जय भारत -जय अयोध्या"

18/09/2019

Address


Telephone

+917905636818

Website

Alerts

Be the first to know and let us send you an email when Ayodhya Ram Jnam Bhumi posts news and promotions. Your email address will not be used for any other purpose, and you can unsubscribe at any time.

Videos

Shortcuts

  • Address
  • Telephone
  • Alerts
  • Videos
  • Claim ownership or report listing
  • Want your business to be the top-listed Travel Agency?

Share