पंचनद धाम

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पंचनद धाम पंचनद धाम ऐसा ऐसा धाम है जिसको योगी सर? स्टेट जगम्मनपुर

25/03/2024

बुंदेलखंडी होली फाग , ढोलक बजाते हुए 96 वर्ष के बाबा जी
विलुप्त होती ग्रामीण परंपरा

*विकास की आंधी में उड़ गया कपड़ा छपाई का कुटीर उद्योग* *उत्तर प्रदेश से कोलकाता तक प्रसिद्ध था जगम्मनपुर का प्रिंटेड कपड...
14/12/2023

*विकास की आंधी में उड़ गया कपड़ा छपाई का कुटीर उद्योग*
*उत्तर प्रदेश से कोलकाता तक प्रसिद्ध था जगम्मनपुर का प्रिंटेड कपड़ा*

जगम्मनपुर ,जालौन । बुंदेलखंड में कपड़ा छपाई के लिए जगम्मनपुर की प्रसिद्ध तकनीक आधुनिक विकास की अंधाधुंध दौड़ में विलुप्त हो गई ।
बुंदेलखंड के जनपद जालौन में 18 व 19वीं सदी का विकसित कस्बा जगम्मनपुर राजतंत्र युग में सेंगर क्षत्रिय राजाओं की राजधानी होने के कारण संपूर्ण सुख सुविधाओं एवं समृद्धि से संपन्न था। यहां अनेक प्रकार की हस्तकला उद्योग एवं कुटीर उद्योग फल फूल कर जनपद जालौन ही नहीं बल्कि बुंदेलखंड का गौरव बढ़ा रहे थे । आज जो लोग 50 वर्ष या उससे अधिक आयु के लोग हैं उन्हें स्मरण होगा कि वर्ष 1980 तक कक्षा 5 में एक पुस्तक थी जिसका था नाम "हमारा देश - हमारा समाज" जिसमें पढ़ाया जाता था कि जगम्मनपुर क्यों प्रसिद्ध है , पुस्तक में लिखा होता था कि जगम्मनपुर में कपड़ों पर छपाई का उच्च स्तरीय कार्य होता है एवं यहां का किला प्रसिद्ध है । बालपन में पढ़ा हुआ यह पाठ अचानक स्मरण आया तो जगम्मनपुर में कपड़े की छपाई कला के बारे में जानने की उत्सुकता हुई परिणामस्वरूप पत्रकारों की टीम खोज करते हुए जगम्मनपुर के बडी माता मोहल्ले में उस स्थान पर पहुंची जहां कपडों पर छपाई का कार्य होने की जानकारी प्राप्त हुई थी । यहां जो लोग देशी रियासतकाल में कपडा छपाई का कार्य करते थे अब वह तो नहीं रहे लेकिन उनके वंशज अवश्य मिले जिन्होंने यह बताया कि अपने पूर्वजों के द्वारा की जाने वाली कपडा छपाई कार्य में हम लोगों ने सहयोग किया है । अपनी उम्र के 70 वसंत देख चुके दयाराम साध्या ने बताया की आज से लगभग 55-60 वर्ष पहले जगम्मनपुर में रजाई व कालीन छापने का काम होता था जो बुंदेलखंड का प्रसिद्ध उद्योग था । जगम्मनपुर की छपी हुई रजाई एवं कालीन की कोलकाता के बाजार में बहुत मांग थी। जगम्मनपुर में लगभग आधा सैकड़ा परिवार कपड़ा छापने का काम करते थे कपड़ा छापने के कारण हमारी जाति को छीपा कहा जाता था । इस काम को पूरा होने के लिए बड़ी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता था , सर्वप्रथम जगम्मनपुर के कोरी जाति के लगभग 40-50 परिवार बाबरपुर बाजार से धागा लाकर बड़े स्तर पर कपड़ा बुनाई का कार्य करते थे । बुनकरों द्वारा बनाए गए कपड़े को धोबियों के द्वारा धोया जाता था तदुपरांत उसे छपाई के लिए लाया जाता था । जगम्मनपुर में छीपा परिवार के लोग विशेष तकनीक से रंग बनाते थे । रंग बनाने की तकनीक पूछने पर दयाराम ने बताया कि कोंच नगर से आल (उस समय की कोई रंग निर्माता कंपनी रही होगी) का रंग आता था जिसे भट्टी पर उबलते पानी में डालकर कई प्रकार के रंग बनाए जाते थे जैसे काले रंग को बनाने के लिए पुराने लोहे को जलाकर गोंद , कतीला , मेथी आदि को मिश्रित करके जल में डालते थे । लाल रंग के लिए गेऊरी (लाल मिट्टी) के द्वारा कपड़े को कच्चा रंगकर सुख लेने के बाद तांबे के बड़े कड़ाव जिसे तम्हेड़ा कहते थे उसमें गर्म पानी कर आल के रंग डालकर कपड़े को खोलने पानी में डाल देते थे इसमें हर्रा के पानी का उपयोग भी होता था , छपाई प्रक्रिया में लकड़ी के विभिन्न डिजाइन के सांचो से अनेक प्रकार के रंगों का उपयोग करके कपड़े पर ठप्पा लगाकर छापते थे। उक्त प्रक्रिया अर्थात आल के रंग युक्त पानी में कपड़े को उबाल दिया जाता था जिससे रंग पक्का हो जाता था। ठंडा होने पर कपड़े को सूखने के लिए फैला दिया जाता बाद में ढाई हाथ चौड़ी व साढे तीन हाथ लंबी रजाई एवं 20-20 हाथ की नाप के जमीन पर बिछाए जाने वाले फर्स (उस समय के देसी कालीन) तैयार कर लेते थे । घर के सदस्यो की संख्या के अनुपात से एक परिवार में प्रतिदिन एक दो फर्ज और दो-तीन रजाई तैयार हो जाती थी जिन्हें एकत्र करके उस समय के परिवहन साधन घोड़ा अथवा ऊंट पर लाद कर इटावा एवं औरैया बाजार ले जाया जाता था जहां से उसे दूर के बाजारों में भेजा जाता था । उस समय सब कुछ बहुत सस्ता था । 20 या 25 रुपया का फर्श एवं 15 से 20 रुपए की एक रजाई बिक जाती थी । पुराने समय को याद कर आह भरते हुए पचासी बर्षीय बाबू साध्या एवं उनकी पत्नी राधा देवी ने बताया उस समय हमारे द्वारा तैयार कपड़े का रंग बहुत उम्दा किस्म का होता था , उस समय वह भले ही बहुत कम मूल्य पर बिकता हो लेकिन सामान्यतः सभी लोगों की आवश्यकताएं सीमित और बाजार में सभी वस्तुएं सस्ती होने पर हम लोगों की जरूरत भर मजदूरी हो जाती थी । हम सब सन्तुष्ट और सुखी थे। लेकिन समय बदल गया और महंगाई के कारण बच्चे अपनी जरूरत की पूर्ति हेतु अधिक धन कमाने के लिए शहरों की ओर चले गए और वहीं जाकर बस गए परिणामस्वरूप हम लोगों का पैतृिक उद्योग पूर्णता समाप्त हो गया । 60 वर्षीय पूरन साध्या एवं मनोज साध्या ने पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा की सरकार गृह उद्योग पर बल देकर उन्हें बढ़ावा दे रही है । अपने जनपद के ही कालपी के कागज उद्योग को जीवित रखने के लिए सरकार द्वारा उद्यमियों को बहुत अधिक आर्थिक सहायता दी गई इसी प्रकार यदि जगम्मनपुर के कपड़ा छपाई उद्योग को जीवित रखने के लिए सरकारी प्रोत्साहन मिलता तो यहां की यह उत्कृष्ट कला विलुप्त ना होती और बर्तमान पीढी को कैमिकल रहित पारम्परिक ढंग से बने सुंदर डिजायन युक्त कपडे उपलब्ध हो रहे होते।

30/11/2023

बीन बजाकर मागने खाने वाली आखरी पीढ़ी है ये अगर ये आपके द्वार आए तो कुछ न कुछ अवश्य दे

27/11/2023

*पंचनद संगम पर लाखों लोगों ने लगाई श्रद्धा की डुबकी*
*प्रशासन की चाक चौबंद व्यवस्था की सर्वत्र सराहना*

जगम्मनपुर, जालौन । जनपद के सर्वाधिक महत्वपूर्ण तीर्थ क्षेत्र पंचनद संगम में कार्तिक पूर्णिमा के पर्व पर लाखों श्रद्धालुओं ने स्नान किया, इस दौरान प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्था की जन-जन ने सराहना की ।
जनपद जालौन स्थित पंचनद स्थल विश्व मे पांच नदियों का एक मात्र संगम है यहां वैदिक पौराणिक काल से अब तक हजारों ऋषियों ने तपस्या साधना करके सिद्धियां प्राप्त की है । यहां प्रतिवर्ष कार्तिक की पूर्णिमा पर स्नान पर्व के साथ विराट मेला का आयोजन होता है । इस वर्ष इस मेला का उद्घाटन क्षेत्रीय विधायक मूलचंद निरंजन द्वारा किया गया इससे पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह सेंगर एवं श्री बाबा साहब मंदिर प्रबंध समिति के सहयोग से सुंदरकांड का आयोजन हुआ तदोपरांत पांच नदियों के संगम स्थल पंचनद संगम तट पर भव्य यमुना आरती का आयोजन किया गया । इस अवसर पर भाजपा की जिला अध्यक्षा श्रीमती उर्विजा दीक्षित , संजय सिंह परमार्थ पुष्पेंद्र सिंह सेंगर सहित अपर पुलिस अधीक्षक ,उपजिलाधिकारी माधौगढ़ , क्षेत्राधिकार माधौगढ़ एवं अनेक प्रशासनिक अधिकारियों , पुलिस अधिकारियों की उपस्थिति में हजारों श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया । जनपद के मशहूर सिंगर सुनील पांचाल एवं उनके सहयोगियों द्वारा भजन संध्या का अद्भुत कार्यक्रम आयोजित किया गया जो देर रात तक चलता रहा। इस दौरान नदी तट हजारों प्रज्वलित दीप सजाए गए एवं बडी संख्या में दीप यमुना जल में प्रवाहित किए गए । यमुना आरती के समय लगभग 2 घंटे तक आतिशबाजी के धमाकों की गूंज होती रही वह आतिशबाजी के कारण यमुना तट प्रकाश से नहा उठा । सोमवार को कार्तिक पूर्णिमा की सुबह 3:00 बजे से पंचनद संगम के पवित्र जल में इटावा,औरैया,मैनपुरी,भिंड,मुरैना जालौन,कानपुर झांसी सहित अनेक जनपदों के लाखों श्रद्धालुओं ने स्नान कर श्रद्धा की डुबकी लगा मंदिर तट पर स्थित सिद्ध संत श्री मुकुंदवन बाबा साहब महाराज के दर्शन करके पान बताशा पुष्प व प्रसाद अर्पित किए ।
ज्ञात हो कि इस वर्ष पंचनद पर यमुना का जलस्तर कम होने से नदी के किनारे बड़े-बड़े खुरदुरे खतरनाक पत्थरों के कारण स्नान होने में परेशानी एवं दुर्घटना होने की संभावना थी । जिलाधिकारी जालौन व पुलिस अधीक्षक जालौन ने कई अधिकारियों को साथ साथ लेकर संगम स्नान से पूर्व व्यवस्थाओं को देखकर उन्हें अपर्याप्त मानते हुए अधीनस्थों को स्नान घाट के प्रबंधो को दुरुस्त करने का निर्देश दिया। उपजिलाधिकारी माधौगढ़ शशिभूषण सिंह, क्षेत्राधिकारी शैलेंद्र कुमार बाजपेई , खंड विकास अधिकारी ओमप्रकाश द्विवेदी , एसएचओ रामपुरा भीमसेन पोनिया एवं ग्राम प्रधान प्रतिनिधि मनोज कुमार सिंह सेंगर ने दिन रात एक करके 24 घंटे में बहुत खराब नदी के तट को बहुत सुविधाजनक एवं सुंदर बना दिया। कार्तिक पूर्णिमा 26 /27 नवम्बर रविवार/सोमवार की रात 3:00 से श्रद्धालुओं का संगम में स्नान प्रारंभ हो गया । पुलिस अधीक्षक जालौन डॉक्टर ईराज राजा , अपर पुलिस अधीक्षक असीम चौधरी , क्षेत्राधिकार माधौगढ़ उप जिलाधिकारी माधौगढ़, नायब तहसीलदार भुवनेंद्र कुमार ,नायब तहसीलदार रोहन पंत, एसएचओ रामपुरा भीमसेन पोनिया , मेला प्रभारी उपनिरीक्षक उदय पाल, चौकी प्रभारी जगम्मनपुर राजकुमार निगम ,थाना प्रभारी कुठौंद, माधौगढ़ रेंढर , गोहन सहित जनपद के अनेक थानों की पुलिस एवं राजस्व निरीक्षक मोहनलाल व लेखपाल दीपक कुमार ने पूरी रात व दिनभर पंचनद संगम तट,बाबासाहब मंदिर एवं मेला की सुदृढ व्यवस्था हेतु अकथनीय योगदान किया।

27/11/2023

अब देखे वीडियो के माध्यम से पंचनद धाम पर इतनी सर्दी में डुबकी लगाने वाले श्रद्धालु लोगो का हुजूम

पंचनद संगम आस्था की डुबकी लगाते श्रद्धालुगण
27/11/2023

पंचनद संगम
आस्था की डुबकी लगाते श्रद्धालुगण

पंचनद मेले में प्रशासन की चाक चौबंद व्यवस्था देखने को मिली हर मोड़ पर पुलिस दिखाई दे रही है संपूर्ण मेला परिसर सीसीटीवी ...
27/11/2023

पंचनद मेले में प्रशासन की चाक चौबंद व्यवस्था देखने को मिली हर मोड़ पर पुलिस दिखाई दे रही है
संपूर्ण मेला परिसर सीसीटीवी कैमरे की नजर में है और कैमरो को पुलिस कंट्रोल में बैठ कर हर पल देखा जा रहा है , जेब कतरो और आवारा किस्म के शोहदों से पूर्णता सुरक्षित है मेला

भैया हो अब देखो भीड़ , खाओ छक के भंडारा आओ सभी पंचनदआज तक के इतिहास में सबसे ज्यादा भीड़ और दुकानें
27/11/2023

भैया हो अब देखो भीड़ , खाओ छक के भंडारा
आओ सभी पंचनद
आज तक के इतिहास में सबसे ज्यादा भीड़ और दुकानें

पंचनद मेला प्रारंभ आस्था की डुबकी लगाते हुए श्रद्धालु
27/11/2023

पंचनद मेला प्रारंभ
आस्था की डुबकी लगाते हुए श्रद्धालु

पंचनद धाम दीपोत्सव दिनांक 26 नवम्बर को पंचनद धाम पर हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी दीपोत्सव हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ
27/11/2023

पंचनद धाम दीपोत्सव
दिनांक 26 नवम्बर को पंचनद धाम पर हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी दीपोत्सव हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ

पंचनद धाम पर दिनांक 26 नवम्बर को जिला जालौन भाजपा जिला अध्यक्ष उर्विजा दीक्षित जी, ब्लॉक प्रमुख अजीत सेंगर व अन्य गड़ मा...
27/11/2023

पंचनद धाम पर दिनांक 26 नवम्बर को जिला जालौन भाजपा जिला अध्यक्ष उर्विजा दीक्षित जी, ब्लॉक प्रमुख अजीत सेंगर व अन्य गड़ मान्य लोगो ने शाम को यमुना आरती की व भजन संध्या का आनंद लिया

27/11/2023

पंचनद धाम की आतिशबाजी

27/11/2023
27/11/2023

पंचनद धाम पर यमुना आरती
दिनांक 26 नवम्बर

भजन संध्या और मेला की तैयारी
26/11/2023

भजन संध्या और मेला की तैयारी

पचनद पर्व 26 नवंबर को, कार्तिक पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर दीपों से जगमग होगा महासंगमपचनद, जालौन: विश्व मानचित्र पर अद्भ...
25/11/2023

पचनद पर्व 26 नवंबर को, कार्तिक पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर दीपों से जगमग होगा महासंगम

पचनद, जालौन: विश्व मानचित्र पर अद्भुत, अनोखे, आध्यात्मिक तथा सांस्कृतिक स्थल पांच नदियों के महासंगम पर चंबल परिवार द्वारा ‘पचनद पर्व’ के चौथे वर्ष के आयोजन को लेकर तैयारियां जारी है। चंबल, यमुना, सिंध, पहुंज और क्वारी नदियों के इस पवित्र संगम पर संविधान दिवस के अवसर पर यानी आगामी 26 नवंबर को दिन में 2 बजे से गैलरी वॉक और क्विज कॉम्पटीशन का आयोजन होगा। इसके बाद ‘एक दीप विश्व की अनोखी पचनद संस्कृति के नाम, एक दीप स्वतंत्रता संग्राम के महानायकों के नाम, एक दीप बीहड़ को खूबसूरत बनाने वाले कर्मवीरों के नाम, एक दीप चंबल में शिक्षा की अलख जगाने वाले ज्ञानयोगियों के नाम, एक दीप संवैधानिक मूल्यों के लिए संघर्षरत प्रहरियों के नाम, एक दीप भविष्य की उम्मीदों के नाम।’ से पचनद तट को रोशन किया जाएगा।

पचनद पर्व के सूत्रधार डॉ. शाह आलम राना ने कार्तिक पूर्णिमा की पूर्व संध्या को ऐतिहासिक बनाने के लिए समस्त क्षेत्रवासियों से अपील की। उन्होंने बताया कि चंबल परिवार के सदस्य समस्त क्षेत्र वासियों से इस आयोजन को भारी जनसमर्थन के साथ सफल बनाने हेतु सहयोग मांग रहे हैं। आमजन पचनद पर्व में अपने घर से मिट्टी का दीप लाकर अपने हाथों से जलाकर शामिल हों।

आयोजन को सफल बनाने के लिए औरैया, इटावा और जालौन जनपद की अलग-अलग टीमें बनाई गयी हैं जिनमें प्रमुख रुप से अजीत सिंह सेंगर,शिवम द्विवेदी जगम्मनपुर सद्दीक अली, विश्वनाथ सिंह सेंगर, नंदकुमार, वीरेन्द्र सिंह सेंगर, आकाश दूबे, सचिन यादव, उपेन्द्र सिंह परिहार, डॉ. कमल कुमार कुशवाहा, कपिल तिवारी, अवधेश सिंह चौहान, राम सुंदर यादव, देवेंद्र सिंह, कुलदीप परिहार, विनोद सिंह गौतम, मनोज सोनी, आदिल खान, ओमकार सिंह सेंगर, राम सजीवन, रिंकू सिंह परिहार आदि शामिल हैं। यह अपने सहयोगियों के साथ अपने-अपने जनपद के पंचनद तट को रोशन करेंगे।

बाइकर्स ग्रुप ने पंचनद घूमकर दिया   पर्यटन जागरूकता का संदेश ।  बाइकर्स ग्रुप ने उठाया सैंड कैंपिंग का लुफ्त।पंचनद, जालौ...
25/11/2023

बाइकर्स ग्रुप ने पंचनद घूमकर दिया पर्यटन जागरूकता का संदेश ।
बाइकर्स ग्रुप ने उठाया सैंड कैंपिंग का लुफ्त।
पंचनद, जालौन: पूरे देश भर के विभिन्न हिस्सों से आए बाइकर्स ग्रुप ने पंचनद के रेतीले मैदान में केंपो में रात गुजार कर बेहतरीन पर्यटन क्षेत्र होने का संदेश दिया। पंचनद के रेतीले किनारे पर अपने बाइकिंग गियर्स के साथ धूल उड़ाती कई बाइक को देखकर भीखेपुर से चंबल क्षेत्र में प्रवेश करने बाली बाइकिंग टीम को जिस किसी ने भी देखा आश्चर्य से भर गया। चंबल क्षेत्र में इतनी कीमती बाइक्स को एक साथ देखने के कारण लोगो के दिल में कोतुहल का विषय था। बाइकिंग ग्रुप को लीड कर रहे सौरभ अवस्थी के निर्देशन में बाइकर्स ग्रुप ने एक रात पर्यटन विभाग उत्तर प्रदेश से पंजीकृत संस्था झुमके के द्वारा पंचनद स्थित जुहीखा के किनारे रेतीले तट पर बिताने का निर्णय लिया। बाइकर्स ग्रुप का पहली चुनौती थी नदी के रेतीले किनारे तक बनी कैंप साइड पर बाइक के साथ पहुंचना। स्थानीय लोगो के सहयोग से भारी भरकम सुपर बाइक्स और डेजर्ट बाइक्स धूल उड़ाती हुई रेतीले कैंप साइड पहुंची। यहां पर छुपते हुए सूरज को रेत पर देखना अपने आप में एक अभूतपूर्व अनुभव था। रेतीले मैदान पर ऑफ रोड बाइकिंग का आनंद लेते हुए पर्यटकों का स्वागत झुमके कैंपिंग के द्वारा वेज सूप से किया गया। शाम से ही बोन फायर का इंतजाम था तो लोगो ने अपनी अपनी कहानियां सुनाते हुए देर रात तक अपने ग्रुप के साथ समय बिताया। बरबेक्यु में पके हुए खाने का रेतीला स्वाद बया कर रहा था की सच में एडवेंचर कैंपिंग के दौरान आप जीवन की चुनौतियों को भी सहर्ष स्वीकार करते हुए अपने मन को कितना स्थिर रख पाते है। देर रात तक चंबल की कहानियां सुनाते हुए समय कब कट गया पता ही नही चला। रात में सर्द हवाओं से बचने के लिए टेंट कैंप में बेहतरीन व्यवस्था प्रदान की गई। केरल मूल के अनीश थॉमस ने बताया कि एडवेंचर साइट के हिसाब से ये जगह बेहतरीन है। मटकी में पके हुए कच्चे पक्के खाने को खाकर जीवंत रूप से हमने आज सच में चंबल को जिया है। ये बेहतरीन अनुभव है। एन टी पी सी में कार्यरत पंकज शर्मा जी का कहना है कि विश्व स्तरीय तीन कंपनियां होने के कारण औरैया जिले के आसपास ऐसी साईट की बेहद जरूरत थी। इस साइट के पूरा डेवलप होने के बाद पर्यटन की न केवल अपार संभावनाएं विकसित होगी बल्कि हमारे अतिथियों के लिए भी पूरे विश्व में एक अच्छा संदेश जाएगा। कानपुर से आए हुए शैलेश यादव ने कहा कि इस साइट पर आने के लिए कानपुर के लोग लालायित है लेकिन मुझे ये मौका पहले मिला सच में यहां की शाम राजस्थान, सुबह शिमला और दिन गोवा की तरह महसूस करने बाला था। बाइकर्स ग्रुप को लीड कर रहे सौरभ अवस्थी ने कहा कि इस जगह पर रेत स्नान, और माइक्रो राफ्टिंग करके दिन बन गया। पेशे से अध्यापक शेरोन शिबु वालियावेट्टी ने बताया कि इस जगह पर रास्ते की समस्या में सुधार किया जाए और जन सुविधाएं थोड़ी और बढ़ाई जाए तो लोग ज्यादा दिन तक यहां रह सकते है और ज्यादा दिनों तक रहने से आसपास के पंचनद क्षेत्र के अन्य पर्यटक स्थलों को भी देख सकते है। स्थानीय फोर्ट के साथ पंचनद धाम पर स्थित चंबल संग्रहालय में अद्भुत बौध्दिक सम्पदा का दीदार होता है, हम लोग पूरे देश में इस क्षेत्र को बेहतरीन पर्यटक क्षेत्र के रूप में प्रचारित करने का कार्य करेंगे। कार्यक्रम के दौरान ऋषभ शुक्ला, राहुल चौहान, समेत 15 से अधिक बाइकर्स उपस्थित रहे।

14/11/2023

बुंदेलखंडी लोक नृत्य आज ग्राम जगम्मनपर में , ये पारंपरिक नृत्य विलुप्त होने की कगार पर है
Please save this culture

*निवेदन*चंबल साहित्य उत्सव का पोस्टर कल (रविवार) को 12 बजे दिन में पंचनद पर रिलीज किया जाएगा...आपकी उपस्थिति प्रार्थनीय ...
28/10/2023

*निवेदन*
चंबल साहित्य उत्सव का पोस्टर कल (रविवार) को 12 बजे दिन में पंचनद पर रिलीज किया जाएगा...आपकी उपस्थिति प्रार्थनीय है.
सादर

01/10/2023

अपना इटावा भारत का एक शानदार शहर

मजले राजा राव बहादुर देवेंद्र शाह (बापा साहब)पुत्र - स्व. राजा कैप्टेन वीरेंद्र शाह जूदेव (विधायक)
18/09/2023

मजले राजा राव बहादुर देवेंद्र शाह (बापा साहब)

पुत्र - स्व. राजा कैप्टेन वीरेंद्र शाह जूदेव (विधायक)

01/08/2023

जगम्मनपुर रियासत के आजीवन विधायक रहे हमारे गांव की शान हमारे राजा साहब

आज बात करते हैं, जनपद का सर्वाधिक खूबसूरत यमुना तट पर बना विसरांत घाट मन्दिर के बारे में... जिला मुख्यालय उरई से लगभग 70...
26/07/2023

आज बात करते हैं, जनपद का सर्वाधिक खूबसूरत यमुना तट पर बना विसरांत घाट मन्दिर के बारे में...
जिला मुख्यालय उरई से लगभग 70 किलोमीटर दूर उत्तर में जगम्मनपुर के निकट यमुना तट पर बना जनपद का सर्वाधिक सुंदर स्नान घाट जिसे स्थानीय बोलचाल की भाषा में विसरांत घाट कहकर संबोधित किया जाता हैं, बताया जाता हैं कि कान्यकुब्ज राज्याधिपति महाराज जयचंद ने अपनी पुत्री देवकली का विवाह कनार राज्याधिपति महाराज विशोकदेव से किया व दहेज में कानपुर औरैया के छेत्र के अनेक गाँव दहेज में दिये एवं अपनी पुत्री के लिये यमुना नदी के उत्तरी तट पर विशाल शिव मंदिर का निर्माण करवा कर देवकली नामक नगर बसाया! यह नगर तो आज अतीत का किस्सा हो गया लेकिन यमुना तट पर देवकली के नाम से प्रसिद्ध शिव मंदिर औरैया के निकट आज भी सुरक्षित हैं! इन्हीं महारानी देवकली के स्नान व पूजा करने के लिए महाराज विशोकदेव ने कनार राज्य के मुख्य नगर शिवगंज जो उस समय का प्रसिद्ध व्यापारिक केंद्र था, उसके पास यमुना तट पर शिव मन्दिर का निर्माण करवा कर मन्दिर से यमुना तक जाने के लिए सुंदर नक्काशीदार 35 गज अर्थात 105 फुट चौङी एवं लगभग 300 फुट की दूरी तक जो पानी तक फैली सिड़ियो का निर्माण करवाया! सिड़ियों के शीर्ष पर 35 मीटर चौड़ा भव्य व नक्काशीदार बरामदा बना हैं, जिसे स्थानीय बोलचाल की भाषा में बारादरी कहते हैं! प्राचीन काल में यमुना पार करने का यहाँ पर मुख्य घाट था! लगभग 600 वर्ष बीत गये फतेहपुर सीकरी में राजा राणा सांगा की मदद करने वाले कनार राज्यधिपति के विशाल दुर्ग के ध्वस्त होने के बाद यहाँ के राजवंश के 28वें राजा एवं राजा विशोकदेव की 20वीं पीढ़ी के महाराज ईश्वरराज के पुत्र जगम्मंशाह ने सन् 1563 में जगम्मनपुर नगर बसाकर किला का निर्माण करवाया! अंतिम बार कनार राज्य शाखा के 37वें राजा एवं जगम्मनपुर राज्य के नौवें राजा महिपतशाह द्वारा इस मंदिर एवं विसरांत घाट का आज से लगभग 200 वर्ष पूर्व जीर्णोउद्वार कराया गया!

यह भव्य विसरांत घाट मन्दिर बहुत ही पवित्र स्थान हैं, और यह मंदिर 500 से भी अधिक वर्ष पुराना हैं!🕉🙏❤

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