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The Katarmal Temple was built in the 9th century by the Katyuri king Katarmalla.It is said that ancient idol of sun god ...
12/06/2022

The Katarmal Temple was built in the 9th century by the Katyuri king Katarmalla.
It is said that ancient idol of sun god called vraddhaditya enlighten when the first sun ray falls on The Katarmal Surya Temple.
It is surrounded by pristine pahadi village, with KMVN guest house.
Transportation available from almora to Katarmal or from Katarmal to almora.

📍Sun Temple, Katarmal Almora, Uttarakhand

These are the days we live for!Caption written by
06/11/2021

These are the days we live for!
Caption written by

Impatiens textori is a species of plant in the family Balsaminaceae. It is native to East Asia, including India, China, ...
05/10/2021

Impatiens textori is a species of plant in the family Balsaminaceae. It is native to East Asia, including India, China, Japan, and the Korean Peninsula

Impatiens textori is a ANNUAL growing to 0.6 m (2ft). It is in flower from August to September, and the seeds ripen from August to October.

🌸
PC -

It feels good to be lost in the right direction.                P.C -
03/10/2021

It feels good to be lost in the right direction.


P.C -

20/09/2021

जलाभिषेक भी कर चलो,
नदियों सा तुम भी बढ़ चलो,
पहाड़ों सा तुम अडिग रहो,
पथिक तुम बढ़े चलो...।
बढ़े चलो.... बढ़े चलो... ।
-xaviEtry

Jalabhishek bhi kar chalo,
nadiyo sa tum bhi badh chalo,
Pahado sa tum adig raho,
pathik tum badey chalo...
-xaviEtry

A.C

.in

10/09/2021

What makes me keep moving?

Mountains without destinations.

You may like rain just because some drop of water attracted towards the gravity,But surely will love when it applies to ...
09/09/2021

You may like rain just because some drop of water attracted towards the gravity,
But surely will love when it applies to tons of water.

Dallai Hillshttps://youtu.be/rzJ_vOJXhkA
17/08/2021

Dallai Hills
https://youtu.be/rzJ_vOJXhkA

Traveling is fun with friends.Mussoorie is beautiful, but Dalai hills will make you feel calm and balanced. Places: Maal Devta river , near Maal Devta Bridge...

23/07/2021

Flower lovers...

Plant trees , Save Earth.
08/05/2021

Plant trees , Save Earth.

12/02/2021
27/11/2020

Gangotri covered with White blanket....
Gangotri Dham, Uttarakhand, India.
Credit - Mahesh Savale

https://youtu.be/RduyVCduwqY
27/11/2020

https://youtu.be/RduyVCduwqY

A winter in mountain and valley part # 1 Location - Pangrana, Ghansali Tehri Garhwal, Uttarakhand India. Earlier it was beautiful weather with so many clouds ...

There is nothing more beautiful than this evening.... 🇮🇳 Jai Hind.
21/11/2020

There is nothing more beautiful than this evening.... 🇮🇳
Jai Hind.

Your nothing can be someone's everything....
25/10/2020

Your nothing can be someone's everything....

Closer you get into the wildlife.more you will love the mother earth .....
24/10/2020

Closer you get into the wildlife.
more you will love the mother earth .....

Kerid Crater Lake in Iceland, known as "The eye of the world"
12/10/2020

Kerid Crater Lake in Iceland, known as "The eye of the world"

It looks like they are coming for us they just opened portal for inter Galaxian jump  somewhere from Milky Way Galaxy or...
18/09/2020

It looks like they are coming for us they just opened portal for inter Galaxian jump somewhere from Milky Way Galaxy or maybe from Mu Cephei. 😬

20/06/2020

08/05/2020

एक लम्बे समय से “ब्रह्मपुत्र” नदी को पूर्वोत्तर का अभिशाप भी कहा जाता रहा है!

क्योंकि यह नदी जब आसाम तक पहुँचती है तो अपने साथ लम्बी दूरी से बहाकर लायी हुई मिटटी, रेत और पहाड़ी पथरीले अवशेष विशाल “द्रव मलबे” के रूप में लाती है, जिससे नदी की गहराई अपेक्षाकृत कम होकर चौड़ाई में फैलते हुए किनारे के गांवो को प्रभावित करती है। मानसून में इसके चौड़े पाट हर वर्ष पेड़, पौधों, हरियाली और गांवो को अपने संग बहा ले जाते हैं। जिससे ब्रह्मपुत्र नदी की विशालता से फैला हरियाली रहित, बंजर व रेतीला तट एक विशाल रेगिस्तान लगता था।

चलिए अब आते हैं हमारे कहानी के नायक “जाधव पियेंग” पर!

वर्ष 1979 में जाधव 10 वी परीक्षा देने के बाद अपने गाँव में ब्रह्मपुत्र नदी के बाढ़ का पानी उतरने पर इसके बरसाती भीगे रेतीले तट पर घूम रहे थे..! तब उनकी नजर लगभग 100 मृत सांपो के विशाल गुच्छे पर पड़ी। आगे बढ़े तो पूरा नदी का किनारा मरे हुए जीव जन्तुओं से अटा पड़ा एक मरघट सा था। मृत जानवरों के शव के कारण पैर रखने की भी जगह नही थी। इस दर्दनाक सामूहिक निर्दोषों की मृत्यु के दृश्य ने जाधव के किशोर मन को झकझोर दिया...।

हज़ारो की संख्या में निर्जीव जीव जन्तुओं की निस्तेज फटी मुर्दा आँखों ने जाधव को कई रात सोने न दिया। गाँव के ही एक आदमी ने चर्चा के दौरान विचलित जाधव से कहा जब पेड़ पौधे ही नही उग रहे हैं तो नदी के रेतीले धोरों पर जानवरों को बाढ़ से बचने के लिए आश्रय कहाँ से मिले..?
जंगलों के बिना इन्हें भोजन कैसे मिले...?
बात जाधव के मन में पत्थर की लकीर सी बैठ गयी कि जानवरों को बचाने के लिए पेड़ पौधे लगाने होंगे...!

50 बीज और 25 बांस के पेड़ लिए 16 वर्षीय जाधव पहुंच गया नदी के रेतीले किनारे पर रोपने....। ये आज से लगभग 35 वर्ष पुरानी बात है। वह दिन था और आज का दिन.... क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि इन 35 वर्षों में जाधव ने 1360 एकड़ का जंगल बिना किसी सरकारी सहायता के लगा डाला...।

क्या आप विश्वास करेंगे कि एक अकेले दृढप्रतिज्ञ व्यक्ति के लगाये जंगल में 5 बंगाल टाइगर,100 से ज्यादा हिरन, जंगली सुवर, 150 जंगली हाथियों का झुण्ड, गेंडे और अनेक जंगली पशु घूम रहे हैं, और हाँ सांप भी जिनकी अकाल मृत्यु ने इस किशोर को झकझोर कर एक अद्भुत नायक को जन्म दिया।
जंगलों का क्षेत्रफल बढाने के लिए सुबह 9 बजे चलकर पांच किलोमीटर साइकल से चलकर, नदी पार करते और दूसरी ओर वृक्षारोपण कर फिर सांझ ढले नदी पारकर साइकल से 5 किलोमीटर तय कर घर पहुँचते... इनके लगाये वृक्षों में कटहल, गुलमोहर,अन्नानाश, बांस, साल, सागौन, सीताफल, आम, बरगद, शहतूत, जामुन, आडू और कई औषधीय पौधे हैं।
परन्तु सबसे आश्चर्यजनक और दुर्भाग्यपूर्ण तथ्य यह है कि इस असम्भव को सत्य कर दिखाने वाले इस महान साधक से पांच वर्ष पहले तक यह विश्व व उसका अपना देश भी अनजान था। परन्तु ये लौहपुरुष अपने धुन में मग्न अकेला आसाम के जंगलो में साइकल पर पौधो से भरा थैला टांगे अपने द्वारा पोषित जंगलों में अनवरत रूप से अपने उद्देश्य को साकार करने में लगा हुआ था।
सबसे पहले वह वर्ष 2010 में देश की नजर में आये... जब एक वाइल्ड फोटोग्राफर “ #जीतू_कलिता” ने इन पर अपनी “The Molai Forest” डाक्यूमेंट्री फिल्म बनाई...
यह डाक्यूमेंट्री फिल्म देश के कई नामी विश्वविद्यालयों में दिखाई गयी।
इसके अलावा दूसरी डाक्यूमेंट्री फिल्म #आरती_श्रीवास्तव की “ ” थी जिसमें जाधव की जिन्दगी के अनछुए पहलुओं और कठिनाइयों को दिखाया गया है।
और फिर तीसरी डाक्यूमेंट्री फिल्म “ ” थी, जो कि विदेशी फिल्म महोत्सव में भी काफी सराही गई।

एक अकेला व्यक्ति जिसने बिना किसी सरकारी सहायता, बिना वन विभाग का सहयोग लिए या किसी एनजीओ के बगैर ही इतने बड़े पिछड़े क्षेत्र को हरा भरा कर सुरक्षित वन्य जीव अभ्यारण के रूप में विकसित कर दिया।
एक ऐसा व्यक्ति जिसके पास पहचान पत्र के रूप में “राशन कार्ड” तक नहीं है, उसने हज़ारो एकड़ में फैला पूरा जंगल खड़ा कर दिया। आज इस महान व विलक्षण प्रतिभा के सम्मान में आसाम के इन जंगलो को “मिशिंग जंगल”(जाधव आसाम की मिशिंग जनजाति से हैं) के रूप में जाना जाता है। अपने जीवन यापन के लिए इन्होने गाय पाल रखी हैं। अनेक बार शेरों द्वारा उनकी आजीविका के साधन उनके पालतू पशुओं को खा जाने के बाद भी जंगली जानवरों के प्रति इनकी करुणा कम न हुई। वह कहते हैं कि शेरों ने मेरा नुकसान किया क्योंकि वो अपनी भूख मिटाने के लिए खेती करना नहीं जानते..!

आप जंगल नष्ट करोगे वो आपको नष्ट करेंगे। एक वर्ष पहले भारत के महामहिम “राष्ट्रपति” द्वारा देश के चतुर्थ सर्वोच्च नागरिक सम्मान “पद्मश्री” से अलंकृत होने वाले जाधव आज भी आसाम में बांस के बने एक कमरे के छोटे से कच्चे झोपड़े में अपनी पुरानी में दिनचर्या लीन हैं। तमाम सरकारी प्रयासों, वृक्षारोपण के नाम पर लाखों रुपये के पौधों की खरीदी करके भी ये तथाकथित पर्यावरण प्रेमी एनजीओ, वन-विभाग व सरकारें वह न कर पाये जो इस एक अकेले व्यक्ति की इच्छाशक्ति ने कर दिखाया।

आसाम में ब्रह्मपुत्र के किनारों पर आज भी साइकल पर सवार जंगली पगडंडियों में पौधों से भरे झोले और कुदाल के साथ हरी-भरी प्रकृति की अनवरत साधना का ये निस्वार्थ पुजारी लगा हुआ है अनवरत....।

कोटि कोटि शुभकामनायें जाधव जी
आपने "अकेला चना भाड़ नही फोड़ सकता" कहावत को मिथ्या साबित कर दिखाया।

पद्मश्री जाधवजी के विलक्षण कार्य को देखकर हर किसी के मुंह से निकलेगा कि हां
“अकेला चना भाड़ फोड़ सकता है”।

आप सभी से निवेदन है कि पर्यावरण के लिए असीम स्नेह से भीगी इस भारत माँ के लाल की जानकारी को दूसरों तक भी पहुंचा कर सजग बनाएं।
जय हिंद
जय भारत

Somewhere in Pipalkoti village in Chamoli district in Uttarakhand state of India. Pilakoti is located in hilly area at a...
22/04/2020

Somewhere in Pipalkoti village in Chamoli district in Uttarakhand state of India. Pilakoti is located in hilly area at an elevation of about 1259 mtr. It is connected by National Highway 7 and located on the banks of Alaknanda river and falls in Garhwal Himalaya mountain ranges. It is a halting point for tourists and pilgrims on way to Badrinath and Hemkund Sahib.

Somewhere in UKHIMATH It is situated in Rudraprayag district, Uttarakhand, India at  an elevation of 1311 meters and at ...
20/04/2020

Somewhere in UKHIMATH
It is situated in Rudraprayag district, Uttarakhand, India at an elevation of 1311 meters and at a distance of 41 km from Rudraprayag.

One of the beautiful places on earth.
15/04/2020

One of the beautiful places on earth.

15/04/2020

They know we need to clean, green & protect our religious places that were mentioned in mythologies.
When will we understand.

12/04/2020

Burans hi Burans. 💐
Chopta, Rudraprayag district, Uttarakhand 💚
📸 Laavanyaa

https://youtu.be/ggpEvcgqjgE
05/04/2020

https://youtu.be/ggpEvcgqjgE

A winter in mountain and valley part # 2 Location - Pangrana, Ghansali, Tehri Ghadwal, Uttarakhand India. A day when it's a early winter snowfall in Pangrana ...

22/03/2020

17/03/2020

Norway the land of Vikings ♥️
It's a part of heaven on earth.....

09/03/2020

केदारनाथ को क्यो कहते है जाग्रत महादेव

08/03/2020
03/03/2020

This orphaned bear is about to have the cutest reunion!
Show Love & care for all creatures.


Credit- Newsflare

Park adoption at   by Sant Nirankari Charitable Foundation  drive at Doon Hospital            at                        ...
23/02/2020

Park adoption at by Sant Nirankari Charitable Foundation
drive at Doon Hospital




at







Nirankari Charitable Foundation
Nirankari Mission

nirankaricharitablefoundation

Khaijjar Chamba, Himanchal Pardesh, India.Lord Shiva Statue.The wonderful, great and generous statue of Lord Shiva is no...
23/02/2020

Khaijjar Chamba, Himanchal Pardesh, India.
Lord Shiva Statue.
The wonderful, great and generous statue of Lord Shiva is not just a crowd to see because of its 85-foot stature, but it is likewise a complete religious folk tale. It is said to have the tallest statues which are in the area.
This is a magnanimous 85 ft statue of Lord Shiva.
It is polished in bronze and the glistening statue is a sight to behold.

.
*DM for credit....

19/02/2020

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