21/12/2018
अरुणाचल प्रदेश ( Arunachal Pradesh):-
अरुणाचल प्रदेश भारत का एक उत्तर पूर्वी राज्य है। ‘अरुणाचल’ का अर्थ हिन्दी में शाब्दिक अर्थ है ‘उगते सूर्य की भूमि’ (अरुण+अचल)। भूटान, चीन और म्यांमार की सीमा से सटे और हिमालय की गोद में बसे अरुणाचल प्रदेश में पर्यटन की अपार संभावनाएँ हैं। यह जगह पर्यटन के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। अरुणाचल प्रदेश को भारत का आर्किड स्वर्ग भी कहते हैं। बर्फ से ढंकी पहाड़ों की चमचमाती चोटी, खूबसूरत वादियां, जंगल के पत्तों की सरगोशियां, तंग जगहों से पानी का घुमावदार बहाव, बौद्ध साधुओं के भजन न सिर्फ अरुणाचल प्रदेश को खूबसूरत बनाती हैं बल्कि पर्यटक को भी अपनी ओर आकर्षित करती हैं।
विविध प्रकार की वनस्पति और जीव-जंतु अरुणाचल प्रदेश की मुख्य विशेषता है। अरुणाचल की बहुरंगी संस्कृति लोगों को आकर्षित करती है। अरुणाचल में एक तरफ तो विभिन्न जनजातीय समूहों के उत्सव, उनके लोक संगीत की जीवंत परंपरा है तो दूसरी तरफ हरे-भरे ऊँचे-ऊँचे पहाड़, घने जंगल और उसके बीच से गुजरने वाली बलखाती सड़कें हैं जो लोगों को बरबस मुग्ध कर देती हैं। पूरे भारत में त्वांग में सबसे पहले सूरज निकलता है और इसे निहारने के लिए पर्यटक भी खूब आते हैं।
अरुणाचल प्रदेश की भौगोलिक बनावट का भी पर्यटन में अहम योगदान है। इससे यहां आने वाले पर्यटकों को प्रकृति के हर पहलू से रू-ब-रू होने का मौका मिलता है। यहां के ज्यादातर भाग पर हिमालय पर्वत श्रृंखला के पहाड़ देखे जा सकते हैं। साथ ही ये प्रदेश पांच नदी घाटी में बंटा हुआ है। ये नदी घाटियां हैं- सियांग, सुबनसिरी, कमेंग, तिरप और लोहित। ये सभी खूबसूरत घाटियां हरे-भरे घने जंगलों से घिरी हुई है। यहां 500 से ज्यादा प्रजाति के आर्किड पाए जाते हैं, जो कि पूरे भारत में पाए जाने वाली आर्किड प्रजाति का आधा है। इनमें से कुछ दुर्लभ और संकटग्रस्त प्रजाति के आर्किड भी हैं।
वन्य जीवों और कीटों की सैकड़ों लुप्त होती प्रजातियों का दीदार अरुणाचल में सहज संभव है। यहाँ पाए जाने वाले विभिन्न तरह के पेड़-पौधे शोधकर्ताओं के लिए खास हैं तो पहाड़ों से उतरती नदियाँ जल क्रीड़ा का साहसिक अवसर प्रदान करती हैं। राफ्टिंग के लिए इससे बेहतर जगह और कोई नहीं है। चीन की सीमा पर बर्फबारी का आनंद है तो वर्षा वन शोधार्थियों के लिए वरदान है।
अगर आपको एडवेंचर पसंद है तो फिर अरुणाचल प्रदेश में आपके लिए काफी अवसर हैं। अरुणाचल प्रदेश के लोग काफी साधारण और मेहमान नवाज होते हैं। राज्य भर में 26 से भी ज्यादा जनजाति निवास करते हैं और वे अपनी कला एंव संस्कृति से आज भी जुड़े हुए हैं। अन्य पर्यटन स्थलों की तरह यहाँ के स्थानीय लोग पर्यटकों को ठगते नहीं बल्कि उल्टे ठगे जाते हैं। साथ ही यहां कई जनजातिय त्योहार नृत्य और संगीत के साथ पूरे साल मनाया जाता है।