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नामदफा अभयारण्य , अरुणाचल प्रदेश (Arunachal_Pradesh):-  नामदफा अभयारण्य में वास्‍तविक जंगल और हरियाली भरी वनस्‍पति की सु...
01/01/2019

नामदफा अभयारण्य , अरुणाचल प्रदेश (Arunachal_Pradesh):-




नामदफा अभयारण्य में वास्‍तविक जंगल और हरियाली भरी वनस्‍पति की सुंदरता को देखा जा सकता है। नामदफा अभयारण्य को 1972 में राष्‍ट्रीय उद्यान के रूप में स्‍थापित किया गया और 1983 में इसे टाईगर रिजर्व घोषित कर दिया गया। नामदफा अभयारण्य 200 मीटर से लेकर 4500 मीटर तक फैला हुआ है।

31/12/2018

ईटानगर , अरुणाचल प्रदेश (Arunachal_Pradesh):-




भारत के अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर बहुत ही ख़ूबसूरत है। ईटानगर समुद्रतल से 350 मी. ऊंचाई पर है। ईटानगर हिमालय की तराई में बसा हुआ है। मायापुर के साथ ईटानगर की खोज हुई थी। मायापुर 11वीं शताब्दी में जित्रि वंश की राजधानी थी। ईटा क़िला के नाम पर ही इसका नाम ईटानगर रखा गया है। ईटानगर में लकड़ियों से बनी ख़ूबसूरत वस्तुएँ, वाद्ययंत्र, शानदार कपड़े, हस्तनिर्मित वस्तुएँ और केन की बनी सुन्दर कलाकृतियों को देख सकते हैं।

पौराणिक गंगा झील , अरुणाचल प्रदेश (Arunachal_Pradesh):-  पौराणिक गंगा झील ईटानगर से 6 किलोमीटर की दूरी पर है। झील के पास...
30/12/2018

पौराणिक गंगा झील , अरुणाचल प्रदेश (Arunachal_Pradesh):-




पौराणिक गंगा झील ईटानगर से 6 किलोमीटर की दूरी पर है। झील के पास सुन्दर प्राकृतिक जंगल है। सैलानी यहाँ सुन्दर पेड़-पौधे, वन्य जीव और फूलों के बगीचे भी देख सकते हैं।

ईटा क़िला , अरुणाचल प्रदेश (Arunachal_Pradesh):-  इस क़िले का निर्माण 14 -15वीं शताब्दी में कराया गया था। इसके नाम पर ही...
29/12/2018

ईटा क़िला , अरुणाचल प्रदेश (Arunachal_Pradesh):-




इस क़िले का निर्माण 14 -15वीं शताब्दी में कराया गया था। इसके नाम पर ही इस जगह का नाम ईटानगर है। इस क़िले से बहुत ही सुन्दर दृश्य दिखायी देते हैं। क़िले को देखने के बाद सैलानी पौराणिक गंगा झील भी देख सकते हैं।

तवांग , अरुणाचल प्रदेश (Arunachal_Pradesh):-  तवांग अरुणाचल प्रदेश की उत्तर-पश्चिम दिशा में स्थित है। तवांग की उत्तर-पूर...
28/12/2018

तवांग , अरुणाचल प्रदेश (Arunachal_Pradesh):-




तवांग अरुणाचल प्रदेश की उत्तर-पश्चिम दिशा में स्थित है। तवांग की उत्तर-पूर्व दिशा में तिब्बत, दक्षिण-पश्चिम में भूटान और दक्षिण-पूर्व में पश्चिम कमेंग स्थित है। तवांग हिमालय की तराई में समुद्र तल से 3500 मी. की ऊंचाई पर स्थित है। छुपे हुए स्वर्ग के नाम से यह पर्यटकों में काफ़ी लोकप्रिय है। पर्यटक यहाँ पर ख़ूबसूरत चोटियाँ, छोटे-छोटे गाँव, शानदार गोनपा, शांत झील और इसके अलावा बहुत कुछ सकते हैं। इन सबके अलावा यहाँ पर इतिहास, धर्म और पौराणिक कथाओं का सम्मिश्रण भी देखा जा सकता है। प्राकृतिक ख़ूबसूरती के अलावा पर्यटक यहाँ पर अनेक बौद्ध मठ भी देख सकते हैं। यहाँ पर एशिया का सबसे बडा मठ तवांग मठ भी है। अपने बौद्ध मठों के लिए यह पूरे विश्व में पहचाना जाता है।

पापुम पेर , अरुणाचल प्रदेश (Arunachal_Pradesh):-  अरुणाचल प्रदेश का पापुम पेर बहुत ही सुन्दर स्थान है। इसका मुख्यालय यूप...
27/12/2018

पापुम पेर , अरुणाचल प्रदेश (Arunachal_Pradesh):-




अरुणाचल प्रदेश का पापुम पेर बहुत ही सुन्दर स्थान है। इसका मुख्यालय यूपिया में स्थित है। यह ईटानगर से 20 किलोमीटर दूर है। पापुम पेर हिमालय की तराई में बसा हुआ है। यहाँ से हिमालय की अनेक चोटियाँ दिखायी देती हैं। इनके अतिरिक्त यहाँ जंगलों, नदियों की प्राकृतिक छटा को भी देख सकते हैं।

दिरांग घाटी , अरुणाचल प्रदेश (Arunachal_Pradesh):-  दिरांग घाटी अरुणाचल प्रदेश राज्य में बोमडिला और तवांग के बीच में स्थ...
26/12/2018

दिरांग घाटी , अरुणाचल प्रदेश (Arunachal_Pradesh):-




दिरांग घाटी अरुणाचल प्रदेश राज्य में बोमडिला और तवांग के बीच में स्थित एक पहाड़ी पर्यटन स्थल है। यह घाटी समुद्री स्‍तर से 4910 फुट की ऊँचाई पर है। दिरांग घाटी की ऊँची चोटियाँ पर चढ़ना पर्वतारोहियों और यात्रियों के लिए अनूठा अनुभव होता है। दिरांग घाटी अपनी प्राकृतिक सुंदरता के अलावा सेब के बगीचों के लिए भी प्रसिद्ध है।

मालिनीथान , अरुणाचल प्रदेश (Arunachal_Pradesh):-  मालिनीथान अरुणाचल प्रदेश राज्य के पश्चिमी सियांग ज़िले में ज़मीन से 60...
25/12/2018

मालिनीथान , अरुणाचल प्रदेश (Arunachal_Pradesh):-




मालिनीथान अरुणाचल प्रदेश राज्य के पश्चिमी सियांग ज़िले में ज़मीन से 60 मीटर की ऊँचाई पर स्थित यहाँ का सबसे ख़ूबसूरत और पवित्र पर्यटन स्थल है। इस पूरी पहाड़ी पर पत्थर की प्रतिमाएँ देखी जा सकती हैं। इन प्रतिमाओं की खोज 1968-1971 ई. की शृंखलाबद्ध खुदाई के दौरान हुई थी। खुदाई में प्रतिमाओं के साथ ख़ूबसूरत स्तंभ और अनेक कलाकृतियाँ भी मिली हैं। इन ख़ूबसूरत स्तंभ और कलाकृतियों को देखने के लिए पर्यटक यहाँ बड़ी संख्या में आते है। पर्यटकों के अलावा तीर्थयात्रियों में भी मालिनीथान बहुत लोकप्रिय है। यहाँ पूजा करने के लिए देश-विदेश से हजारों तीर्थयात्री भी आते हैं।

पासीघाट , अरुणाचल प्रदेश (Arunachal_Pradesh):-  पासीघाट अरुणाचल प्रदेश राज्य के पूर्वी सियांग ज़िले में 1911 के दौरान स्...
24/12/2018

पासीघाट , अरुणाचल प्रदेश (Arunachal_Pradesh):-




पासीघाट अरुणाचल प्रदेश राज्य के पूर्वी सियांग ज़िले में 1911 के दौरान स्‍थापित किया गया एक नगर है। पासीघाट को आम तौर पर अरुणाचल प्रदेश राज्‍य का पर्यटन द्वार कहा जाता है। पासीघाट की मनोरम पहाडियाँ और हरी भरी न‍दी घाटियाँ अनेक जनजातियों का आश्रय हैं और यहाँ पर्यटकों तथा फोटोग्राफरों के लिए अद्भुत दृश्‍य उपलब्‍ध हैं।

नूरानंग झरना , अरुणाचल प्रदेश (Arunachal_Pradesh):-  नूरानंग झरना अरुणाचल प्रदेश राज्य के तवांग शहर से 35 किमी की दूरी प...
23/12/2018

नूरानंग झरना , अरुणाचल प्रदेश (Arunachal_Pradesh):-




नूरानंग झरना अरुणाचल प्रदेश राज्य के तवांग शहर से 35 किमी की दूरी पर स्थित है। इसे जुंग झरने के नाम से भी जाना जाता है। नूरानंग झरने का सफ़ेद ठंडा पानी 100 मीटर से भी अधिक ऊँचाई से मूसलधार बारिश के रूप में गिरता है। घने हरे रंग का प्रतिवेश नूरानंग झरने की सुंदरता को बढ़ाता है। हरियाली और हिमालय के पर्वत नूरानंग झरने को एक ख़ूबसूरत पर्यटन स्थल बनाते है। 1997 में बनी शाहरुख़ ख़ान और माधुरी दीक्षित की फ़िल्म ‘कोयला’ की शूटिंग यहाँ हुई है।

अलोंग , अरुणाचल प्रदेश (Arunachal_Pradesh):-  अलोंग अरुणाचल प्रदेश राज्य के पूर्वी सियांग ज़िले में समुद्री स्‍तर से 300...
22/12/2018

अलोंग , अरुणाचल प्रदेश (Arunachal_Pradesh):-




अलोंग अरुणाचल प्रदेश राज्य के पूर्वी सियांग ज़िले में समुद्री स्‍तर से 300 मीटर की ऊँचाई पर स्थित एक नगर है। अलोंग सुंदर गाँवों वाला प्राकृतिक वातावरण के बीच स्थित अरुणाचल प्रदेश का एक छोटा नगर है। गर्मी के मौसम के लिए अलोंग अरुणाचल प्रदेश का सबसे अधिक पर्यटकों वाला स्‍थान है। सुंदर पेड़-पौधों से भरा यह स्‍थान अरुणाचल प्रदेश के सर्वाधिक उपयुक्‍त स्‍वास्‍थ्‍य वर्धक स्‍थानों में से एक है। अलोंग जाने के लिए मीठुन और जर्सी क्रॉस ब्रीडिंग फार्म से गुजरना होता है जो अलोंग से 25 किमी की दूरी पर कामाकी में स्थित है।

अरुणाचल प्रदेश ( Arunachal Pradesh):-  अरुणाचल प्रदेश भारत का एक उत्तर पूर्वी राज्य है। ‘अरुणाचल’ का अर्थ हिन्दी में शाब...
21/12/2018

अरुणाचल प्रदेश ( Arunachal Pradesh):-




अरुणाचल प्रदेश भारत का एक उत्तर पूर्वी राज्य है। ‘अरुणाचल’ का अर्थ हिन्दी में शाब्दिक अर्थ है ‘उगते सूर्य की भूमि’ (अरुण+अचल)। भूटान, चीन और म्यांमार की सीमा से सटे और हिमालय की गोद में बसे अरुणाचल प्रदेश में पर्यटन की अपार संभावनाएँ हैं। यह जगह पर्यटन के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। अरुणाचल प्रदेश को भारत का आर्किड स्वर्ग भी कहते हैं। बर्फ से ढंकी पहाड़ों की चमचमाती चोटी, खूबसूरत वादियां, जंगल के पत्तों की सरगोशियां, तंग जगहों से पानी का घुमावदार बहाव, बौद्ध साधुओं के भजन न सिर्फ अरुणाचल प्रदेश को खूबसूरत बनाती हैं बल्कि पर्यटक को भी अपनी ओर आकर्षित करती हैं।

विविध प्रकार की वनस्पति और जीव-जंतु अरुणाचल प्रदेश की मुख्य विशेषता है। अरुणाचल की बहुरंगी संस्कृति लोगों को आकर्षित करती है। अरुणाचल में एक तरफ तो विभिन्न जनजातीय समूहों के उत्सव, उनके लोक संगीत की जीवंत परंपरा है तो दूसरी तरफ हरे-भरे ऊँचे-ऊँचे पहाड़, घने जंगल और उसके बीच से गुजरने वाली बलखाती सड़कें हैं जो लोगों को बरबस मुग्ध कर देती हैं। पूरे भारत में त्वांग में सबसे पहले सूरज निकलता है और इसे निहारने के लिए पर्यटक भी खूब आते हैं।

अरुणाचल प्रदेश की भौगोलिक बनावट का भी पर्यटन में अहम योगदान है। इससे यहां आने वाले पर्यटकों को प्रकृति के हर पहलू से रू-ब-रू होने का मौका मिलता है। यहां के ज्यादातर भाग पर हिमालय पर्वत श्रृंखला के पहाड़ देखे जा सकते हैं। साथ ही ये प्रदेश पांच नदी घाटी में बंटा हुआ है। ये नदी घाटियां हैं- सियांग, सुबनसिरी, कमेंग, तिरप और लोहित। ये सभी खूबसूरत घाटियां हरे-भरे घने जंगलों से घिरी हुई है। यहां 500 से ज्यादा प्रजाति के आर्किड पाए जाते हैं, जो कि पूरे भारत में पाए जाने वाली आर्किड प्रजाति का आधा है। इनमें से कुछ दुर्लभ और संकटग्रस्त प्रजाति के आर्किड भी हैं।

वन्य जीवों और कीटों की सैकड़ों लुप्त होती प्रजातियों का दीदार अरुणाचल में सहज संभव है। यहाँ पाए जाने वाले विभिन्न तरह के पेड़-पौधे शोधकर्ताओं के लिए खास हैं तो पहाड़ों से उतरती नदियाँ जल क्रीड़ा का साहसिक अवसर प्रदान करती हैं। राफ्टिंग के लिए इससे बेहतर जगह और कोई नहीं है। चीन की सीमा पर बर्फबारी का आनंद है तो वर्षा वन शोधार्थियों के लिए वरदान है।

अगर आपको एडवेंचर पसंद है तो फिर अरुणाचल प्रदेश में आपके लिए काफी अवसर हैं। अरुणाचल प्रदेश के लोग काफी साधारण और मेहमान नवाज होते हैं। राज्य भर में 26 से भी ज्यादा जनजाति निवास करते हैं और वे अपनी कला एंव संस्कृति से आज भी जुड़े हुए हैं। अन्य पर्यटन स्थलों की तरह यहाँ के स्थानीय लोग पर्यटकों को ठगते नहीं बल्कि उल्टे ठगे जाते हैं। साथ ही यहां कई जनजातिय त्योहार नृत्य और संगीत के साथ पूरे साल मनाया जाता है।

नवग्रह मंदिर, गुवाहाटी , असम (Aasam):-  नवग्रह का अर्थ होता है- नौ ग्रह। नवग्रह मंदिर चित्रसल पहाड़ी पर स्थित है। नौ ग्र...
25/04/2018

नवग्रह मंदिर, गुवाहाटी , असम (Aasam):-




नवग्रह का अर्थ होता है- नौ ग्रह। नवग्रह मंदिर चित्रसल पहाड़ी पर स्थित है। नौ ग्रहों को दर्शाने के लिए मंदिर के अंदर नौ शिवलिंग स्थापित किए गए है। हर शिवलिंग अलग-अलग रंग के कपड़ों से ढंके हुए हैं। ऐसा माना जाता है कि नवग्रह मंदिर को 18वीं शताब्दी में अहोम राजा राजेश्वर सिंह और बाद में उनके बेटे रुद्र सिंह या सुखरुंगफा के शासन काल में बनवाया गया था। 1897 में इस क्षेत्र में आए भयानक भूकंप में मंदिर का काफी बड़ा हिस्सा नष्ट हो गया था। हालांकि बाद में लोहे के चदरे की मदद से इसका पुननिर्माण किया गया। ऐसा माना जाता है कि गुवाहाटी के पुराने नाम प्रागज्योतिषपुर की उत्पत्ति मंदिर के स्थित खगोलीय और ज्योतिषीय केन्द्र के कारण ही हुई है। मंदिर परिसर में बना सिलपुखुरी तालाब भी यहां का एक प्रमुख आकर्षण है। यह तालाब पूरे साल भरा रहता है। शहर के अन्य हिस्सों से यह मंदिर अच्छे से जुड़ा हुआ है।

पुरातत्वीय स्थल संग्रहालय, श्री सूर्यपहाड़ , असम (Aasam):-  पुरातत्वीय स्थल संग्रहालय, श्री सूर्यपहाड़ असम राज्य के गोलप...
24/04/2018

पुरातत्वीय स्थल संग्रहालय, श्री सूर्यपहाड़ , असम (Aasam):-




पुरातत्वीय स्थल संग्रहालय, श्री सूर्यपहाड़ असम राज्य के गोलपारा ज़िले में स्थित है। श्री सूर्यपहाड़ ब्रह्मपुत्र घाटी के निचले असम में गोलपारा शहर से 14 कि.मी. पूर्व में स्‍थित है। जैसा कि नाम दर्शाता है, यह संभवत: अति प्राचीन काल से सूर्य की उपासना करने वाले सम्‍प्रदाय से जुड़ा था।

गोवालपारा , असम (Aasam):-  गोवालपारा असम का एक हरा-भरा ज़िला है। यह ब्रह्मपुत्र नदी के दोनों ओर लगभग 12,818 वर्ग किलोमीट...
23/04/2018

गोवालपारा , असम (Aasam):-




गोवालपारा असम का एक हरा-भरा ज़िला है। यह ब्रह्मपुत्र नदी के दोनों ओर लगभग 12,818 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। असम के इस ज़िले का 24 प्रतिशत भूभाग धने वनों से आच्छादित है। वनों में उगने वाले वृक्षों में साल मुख्य है। यहाँ की मुख्य फ़सल धान है। यह एक मैदानी क्षेत्र है लेकिन यहां कई छोटी-छोटी पहाड़ियां भी हैं। इन पहाड़ियों की ऊंचाई 100-500 मी. है। इन पहाड़ियों के नाम पंचरत्न, श्री सुरज्या, तुर्केश्वरी और नालंगा हैं। पहाड़ियों के अलावा पर्यटक यहां पर अनेक नदियों को भी देख सकते हैं।

कामाख्या शक्तिपीठ , असम (Aasam):-  कामाख्या शक्तिपीठ 51 शक्तिपीठों में से एक है। कामाख्या मंदिर असम की राजधानी दिसपुर के...
21/04/2018

कामाख्या शक्तिपीठ , असम (Aasam):-




कामाख्या शक्तिपीठ 51 शक्तिपीठों में से एक है। कामाख्या मंदिर असम की राजधानी दिसपुर के पास गुवाहाटी से 8 किलोमीटर दूर कामाख्या मे है। कामाख्या से भी 10 किलोमीटर दूर नीलाचल पव॑त पर स्थित हैं। हिन्दू धर्म के पुराणों के अनुसार जहां-जहां सती के अंग के टुकड़े, धारण किए वस्त्र या आभूषण गिरे, वहां-वहां शक्तिपीठ अस्तित्व में आये। ये अत्यंत पावन तीर्थस्थान कहलाये। ये तीर्थ पूरे भारतीय उपमहाद्वीप पर फैले हुए हैं। देवीपुराण में 51 शक्तिपीठों का वर्णन है।

कचार , असम (Aasam):-  असम में स्थित कचार पहाड़ों, जंगलों और मैदानों का अनोखा संगम है। यह बहुत खूबसूरत पर्यटन स्‍थल है। क...
20/04/2018

कचार , असम (Aasam):-




असम में स्थित कचार पहाड़ों, जंगलों और मैदानों का अनोखा संगम है। यह बहुत खूबसूरत पर्यटन स्‍थल है। कचार उत्तर, पूर्व और दक्षिण दिशा में गुलाबी पहाड़ियों से घिरा हुआ है। इसके जंगल बहुत खूबसूरत हैं और पर्यटकों को बहुत पसंद आते हैं। इन जंगलों में पर्यटक वन्य जीवन के खूबसूरत दृश्य देख सकते हैं। यहां का मुख्यालय हाफलांग में स्थित है। कचार की बराक नदी बहुत खूबसूरत है। इस नदी के दोनों किनारों पर छोटी-छोटी पहाड़ियां हैं। इन पहाड़ियों पर पर्यटक रोमांचक यात्राओं का आनंद भी ले सकते हैं। कचार में अनेक गांव भी हैं। इन गांवों में घूमना पर्यटकों को बहुत पसंद आता है। यहां पर पर्यटक कचार की संस्कृति से रूबरू हो सकते हैं। कचार में बांस भी पाए जाते हैं। स्थानीय निवासी इन बांसों से खूबसूरत वस्तुएं बनाते हैं। यह वस्तुएं पर्यटकों को बहुत पसंद आती हैं।

तेजपुर , असम (Aasam):-  तेजपुर असम राज्य में ब्रह्मपुत्र नदी के उत्तरी किनारे पर स्थित है। पहले तेजपुर को शोणितपुर के ना...
19/04/2018

तेजपुर , असम (Aasam):-




तेजपुर असम राज्य में ब्रह्मपुत्र नदी के उत्तरी किनारे पर स्थित है। पहले तेजपुर को शोणितपुर के नाम से जाना जाता था। तेजपुर एक शांत जगह है और यहाँ पर अनेक उद्यान बने हुए हैं। तेजपुर के उद्यान बहुत ख़ूबसूरत हैं और पर्यटकों को बहुत पसंद आते हैं। इन उद्यानों के अलावा पर्यटक यहाँ पर अनेक हिन्दु मंदिरों और ऐतिहासिक इमारतों को भी देख सकते हैं। इन ऐतिहासिक इमारतों से अनेक कथाएँ और घटनाएँ जुड़ी हुई हैं।

शिवसागर , असम (Aasam):-  शिवसागर एक नगर, पूर्वी असम राज्य में स्थित है। यह नगर ब्रह्मपुत्र की सहायक ‘दिखू’ के किनारे स्थ...
18/04/2018

शिवसागर , असम (Aasam):-




शिवसागर एक नगर, पूर्वी असम राज्य में स्थित है। यह नगर ब्रह्मपुत्र की सहायक ‘दिखू’ के किनारे स्थित है। यह असम की राजधानी गुवाहाटी के उत्तर पूर्व में 360 किलोमीटर (224 मील) की दूरी पर स्थित है। असम में शिवसागर एक धरोहर स्थल है क्योंकि यहां पूर्ववर्ती अहोम राष्ट्र के बहुत से स्मारक स्थित हैं। अब यह एक बहु-सांस्कृतिक शहर है। 13वीं शताब्दी में युन्नान क्षेत्र से चीन के ‘ताई’ बोलने वाले अहोम लोग इस इलाके में आए। 18वीं शताब्दी में शिवसागर अहोम साम्राज्य की राजधानी था। उस समय यह ‘रंगपुर’ कहलाता था। उस काल के कई मंदिर यहाँ मौजूद हैं।

मानस अभयारण्य , असम (Aasam):-  मानस अभयारण्य असोम (असम, भारत) के बारपोटा ज़िले में स्थित है। मानस अभयारण्य बाघ संरक्षित ...
17/04/2018

मानस अभयारण्य , असम (Aasam):-




मानस अभयारण्य असोम (असम, भारत) के बारपोटा ज़िले में स्थित है। मानस अभयारण्य बाघ संरक्षित क्षेत्र तथा वन्यजीव अभयारण्य है। मानस अभयारण्य में हाथी, चीता, पिगमी सुअर आदि वन्यजीव भी पाए जाते हैं। यह अभयारण्य यूनेस्‍को धरातल में अपनी जैव विविधता के कारण जगह बना चुका है। मानस, देश की पहली बाघ अभयारण्‍य परियोजना है और इसे भी अन्‍य वन्‍य प्रजातियों के लिए घर माना जाता है। इसे अपनी सुंदरता के लिए भी जाना जाता है और यहां सभी वनस्‍पतियों को भली प्रकार रखा जाता है।

काज़ीरंगा राष्ट्रीय उद्यान , असम (Aasam):-  काज़ीरंगा राष्ट्रीय उद्यान मध्‍य असम में 430 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में ...
16/04/2018

काज़ीरंगा राष्ट्रीय उद्यान , असम (Aasam):-




काज़ीरंगा राष्ट्रीय उद्यान मध्‍य असम में 430 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला है। इस उद्यान में भारतीय एक सींग वाले गैंडे (राइनोसेरोस, यूनीकोर्निस) का निवास है। इसे यूनेस्‍को द्वारा विश्‍व विरासत स्‍थल के रूप में मान्‍यता प्राप्‍त है यहां कई प्रकार के दुर्लभ जीव और जन्‍तु जैसे – गोल्‍डन लंगूर, बंगाल फ्लोरिकॉन, पायम हॉग, व्‍हाइट – विंग्‍ड वुड डक आदि पाएं जाते है। यहां आकर कई प्रकार की चिडि़यों जैसे – प्रवासी पक्षी, शिकारियों, जल पक्षियों और गेम वर्ड्स को भी देखा जा सकता है। काजीरंगा को वर्ष 1905 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था। सर्दियों में यहाँ साइबेरिया से कई मेहमान पक्षी भी आते हैं, हालाँकि इस दलदली भूमि का धीरे-धीरे ख़त्म होते जाना एक गंभीर समस्या है। काजीरंगा में विभिन्न प्रजातियों के बाज, विभिन्न प्रजातियों की चीलें और तोते आदि भी पाये जाते हैं।

असम (Aasam):-  असम या आसाम उत्तर पूर्वी भारत में एक स्थित एक सीमांत राज्य है जो चतुर्दिक, सुरम्य पर्वतश्रेणियों से घिरा ...
15/04/2018

असम (Aasam):-




असम या आसाम उत्तर पूर्वी भारत में एक स्थित एक सीमांत राज्य है जो चतुर्दिक, सुरम्य पर्वतश्रेणियों से घिरा है। भारत – भूटान तथा भारत – बांग्लादेश सीमा कुछ भागो में असम से जुडी है। इस राज्य के उत्तर में अरुणाचल प्रदेश, पूर्व में नागालैंड तथा मणिपुर, दक्षिण में मिजोरम तथा मेघालय एवं पश्चिम में बंग्लादेश स्थित है। यह राज्‍य, अपनी विविध संस्‍कृति और हरे – भरे जंगलों के कारण जाना जाता है। असम को अपने वन्‍यजीव पर्यटन के लिए जाना जाता है। राष्‍ट्रीय उद्यान और अन्‍य अभयारण्‍य, असम के प्रमुख पर्यटन स्‍थल है। जो लोग वन्‍यजीव पर्यटन के चहेते है, वह असम की ओर जरूर रूख करें।



असम ही एक ऐसा राज्‍य है जो हर मायने में प्रकृति के बेहद करीब है। यह सभी राष्‍ट्रीय उद्यान, कई प्रकार के दुर्लभ जीवों व अन्‍य प्रजातियों का घरौंदा है। यहां आकर कई प्रकार की साहसिक गतिविधियां भी की जा सकती है। बेहतरीन वन्‍य जीवन के अलावा, असम पर्यटन , मंदिरों और स्‍मारकों के लिए भी जाना जाता है।

कटचाल , अंदमान निकोबार (Andaman Nikobar):-  कटचाल को पहले तिहन्यू के तौर पर जाना जाता था। यह 174.4 वर्ग किलोमीटर में फैल...
14/04/2018

कटचाल , अंदमान निकोबार (Andaman Nikobar):-




कटचाल को पहले तिहन्यू के तौर पर जाना जाता था। यह 174.4 वर्ग किलोमीटर में फैला है। निकोबार का कटचाल द्वीप केंद्रशासित प्रदेश के 572 द्वीपों में से एक है। बेमिसाल खूबसूरती की वजह से, यह द्वीप दुनियाभर के पर्यटकों में खासा लोकप्रिय है।

महात्मा गांधी मरीन नेशनल पार्क, अंदमान निकोबार (Mahatma Gandhi Marine National Park, Andaman Nikobar):-   अंडमान के मनोर...
13/04/2018

महात्मा गांधी मरीन नेशनल पार्क, अंदमान निकोबार (Mahatma Gandhi Marine National Park, Andaman Nikobar):-




अंडमान के मनोरम दृश्यों में शामिल है- महात्मा गांधी मरीन नेशनल पार्क। यह नेशनल पार्क वांडूर में है। यह खुले समुद्र और संकरी खाड़ी के साथ ही 15 द्वीपों से मिलकर बना है। पर्यटक इस जगह आते हैं दुर्लभ मूंगों की खूबसूरती देखने और अंडमान के समुद्री जीवों की आकर्षक जिंदगी देखने। स्कूबा डाइविंग और स्नोर्कलिंग भी यहां की जा सकती है। इससे यह नेशनल पार्क अंडमान के मनोरम दृश्यों का स्थायी भाव बन चुका है।

माउण्ट हैरियट, अंदमान निकोबार (Mount Hariyet, Andaman Nikobar):-   माउण्ट हैरियट निकोबार द्वीपसमूह की सबसे ऊँची चोटी है।...
12/04/2018

माउण्ट हैरियट, अंदमान निकोबार (Mount Hariyet, Andaman Nikobar):-





माउण्ट हैरियट निकोबार द्वीपसमूह की सबसे ऊँची चोटी है। माउण्ट हैरियट पोर्ट ब्लेयर से सड़क द्वारा 55 व नाव द्वारा 15 किमी की दूरी पर स्थित है। यह चोटी सदाबहार वनों से आच्छादित है। वर्तमान में माउण्ट हैरियट 46.62 वर्ग किमी क्षेत्र में नेशनल पार्क के रूप में विस्तृत है और नवम्बर 1996 में इसे आरक्षित वन के रूप में चिह्नित किया गया।

सिंक व रडिस्किन द्वीप, अंदमान निकोबार (Sink And Radiskin Island, Andaman Nikobar):- &_Radikin_Island  यहाँ के स्वच्छ और ...
11/04/2018

सिंक व रडिस्किन द्वीप, अंदमान निकोबार (Sink And Radiskin Island, Andaman Nikobar):-

&_Radikin_Island



यहाँ के स्वच्छ और निर्मल पानी का सौंदर्य पर्यटकों का मन मोह लेता है। इन द्वीपों में तैरती हुई डाल्फिन मछलियों के झुंड दिखायी देते हैं। शीशे की तरह साफ़ पानी के नीचे जलीय पेड़-पौधे व रंगीन मछलियों को तैरते देखना पर्यटकों के लिए अविस्मरणीय अनुभव है।

वाइपर द्वीप, अंदमान निकोबार ( Andaman Nikobar):-  वाइपर द्वीप अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह में स्थित है। ब्रिटिश शासन मे...
10/04/2018

वाइपर द्वीप, अंदमान निकोबार ( Andaman Nikobar):-




वाइपर द्वीप अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह में स्थित है। ब्रिटिश शासन में ग़ुलाम भारत से लाए गए बंदियों को पोर्ट ब्लेयर के पास वाइपर द्वीप में उतारा जाता था। अब यह पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो गया है।

डिगलीपुर , अंदमान निकोबार (Andaman Nikobar):-  डिगलीपुर में स्टीमर से मायाबन्दर जाते समय मैंग्रोव खाड़ी के बीचों-बीच से ...
09/04/2018

डिगलीपुर , अंदमान निकोबार (Andaman Nikobar):-




डिगलीपुर में स्टीमर से मायाबन्दर जाते समय मैंग्रोव खाड़ी के बीचों-बीच से यात्रा करने का अवसर उपलब्ध होता है।
डिगलीपुर प्रकृति प्रेमियों को बहुत पसंद आता है। यह स्थान अपने संतरों, चावलों और समुद्री जीवन के लिए प्रसिद्ध है।
डिगलीपुर पर अण्डमान की एकमात्र कल्पांग नदी बहती है।

बैरन द्वीप , अंदमान निकोबार (Andaman Nikobar):-  बैरन द्वीपबंगाल की खाड़ी में स्थित है। इसका निर्माण लावा शंकु तथा राख क...
08/04/2018

बैरन द्वीप , अंदमान निकोबार (Andaman Nikobar):-




बैरन द्वीपबंगाल की खाड़ी में स्थित है। इसका निर्माण लावा शंकु तथा राख के ढेर से हुआ है। यह अण्डमान एवं निकोबार द्वीप समूह में स्थित है।

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