27/06/2018
प्रदेश भाजपा सरकार के पांच साल में 15 लाख रोजगार देने के वादे का वही हाल हुआ जो केंद्र में मोदी जी के एक साल में दो करोड़ रोजगार देने के दावे का हुआ।
अब चाहे राजस्थान में अमित शाह जी आ जाएं, चाहे नरेंद्र मोदी जी आ जाएं, चाहे कैम्पेन कर लें, या मकान किराये पर ले लें कोई फर्क नहीं पड़ने वाला जनता इस सरकार की हकीकत समझ चुकी है और चुनावों में वसुंधरा राजे जी को सबक सिखाएगी।
मुख्यमंत्री ने बांरा झालावाड की जनता को विकास के नाम का ढडोरा पीट कर जनता को गुमराह करने का काम किया है जिससे आम आदमी का जीना मुहाल हो गया है, सरकार और प्रशासन बेशर्मी और निकम्मेपन की हदें पार कर चुके हैं, सरकार जवाब दे।केंद्र एवं राज्य की भाजपा सरकारें अपने फैसलों से लगातार आम आदमी को पीड़ित करने का कार्य कर रही है। आम आदमी को इनकी कुनीतियों से हो रही पीड़ा से मुक्ति दिलाने के लिये जन-विरोधी सरकार के खिलाफ जो बिगुल आपने फूँका है, उसकी आवाज सत्ता के गलियारों तक अवश्य पहुँचेगी। प्रदेश में भाजपा के पिछले साढे चार साल के शासन में किसान, महिला, दलित, युवा सभी का कदम-कदम पर शोषण हुआ है। दोनों जगह भाजपा की सरकार होने के बावजूद प्रदेश की जनता के साथ यह अन्याय असहनीय है। सरकार उद्योगपतियों के ऋण माफ़ कर रही है परंतु, किसानों के ऋण माफ़ करने के लिए भाजपा को सोचना पड़ रहा है। आजादी के बाद यह पहली बार हुआ कि देश की जनता को अपने ही पैसे निकालने के लिए अनुमति लेनी पड़ी। नोटबन्दी से हुई परेशानियों के प्रति वसुंधरा जी पूरी तरह उदासीन बनी रही। महिला मुख्यमंत्री के होते हुए प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों में उत्तरोत्तर वृद्धि शर्मनाक है। बात चाहे संसद की हो या सड़क की - कांग्रेस पार्टी भाजपा सरकार के जन-विरोधी फैसलों के खिलाफ हमेशा लड़ाई लड़ती रहेगी।लहसुन की फसल की सही कीमत न मिलने से और कर्ज के बोझ से परेशान हाड़ौती में अब तक पांच किसान अपना जीवन दर्दनाक रूप से समाप्त कर चुके हैं लेकिन प्रदेश सरकार अपनी कुम्भकर्णी नींद से जागने का नाम नहीं ले रही।
एक के बाद एक किसान मौत को गले लगाते रहे लेकिन सरकार की तरफ से एक भी कदम ऐसा नहीं उठाया गया जिससे किसानों को सम्बल का अहसास हो। लहसुन के कम दामों से किसानों में निराशा और हताशा को दूर करने के लिए सरकारी स्तर पर फैसला तो दूर राहत देने वाला कोई बयान तक नही आया जिससे किसानों को कोई उम्मीद जागती और महसूस होता कि सरकार उनके साथ है साथ ही बजट में मात्र 50 हजार तक की कर्जमाफी की घोषणा भी सरकार के खाली खजाने और वित्तीय कुप्रबंधन में फंसी हुई है और अब तक किसान राहत की बाट जोह रहे हैं।
किसानों की मौत की जिम्मेदार प्रदेश भाजपा सरकार है, जिसकी किसान विरोधी नीतियों, असंवेदनशीलता, अनदेखी और निकम्मेपन के कारण किसानों को अपनी जान देनी पड़ी है।मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र में किसानों को फसल ऋण वह उचित दाम नहीं मिलने के कारण किसानों के साथ हृदयघात हुआ किसान को उनकी उपज का सरकार ने उचित दाम नहीं दिया सरकारी कांटे फेल हो रहे हैं किसानों युवा वर्ग आज परेशान है किसान को समय पर बिजली नहीं मिल पा रही भाजपा सरकार ने इन 4 सालों में चुनाव घोषणा पत्र के कई वादे किए थे लेकिन यह वादे नाकाम साबित हुए सरकार हर वादे में फेल साबित हुई जो सरकार बिजली व पानी रोजगार तक उपलब्ध नहीं करा सके उसका जवाब राजस्थान की जनता सुनिश्चित तरीके से आगामी विधानसभा चुनावो में भाजपा को देगी