saini vloge

saini vloge Contact information, map and directions, contact form, opening hours, services, ratings, photos, videos and announcements from saini vloge, Tour guide, .

24/05/2024

4 जून को देश को बहुत बड़ा नुकसान होने वाला है
देश एकसाथ 22 प्रधानमंत्री खो देगा 🤣🤣😂😂

हेनरिक क्लासेन अपनी बेटी के साथ मैदान पर मस्ती करते हुए बड़े ही खूबसूरत और प्यार अंदाज में♥️
18/05/2024

हेनरिक क्लासेन अपनी बेटी के साथ मैदान पर मस्ती करते हुए बड़े ही खूबसूरत और प्यार अंदाज में♥️

सुनील नरेन का जन्म 1988 में त्रिनिदाद में हुआ था और आज वो फ्रैंचाइज़ी क्रिकेट खेल खेलकर दुनिया के सबसे लोकप्रिय ऑल-राउंडर...
17/05/2024

सुनील नरेन का जन्म 1988 में त्रिनिदाद में हुआ था और आज वो फ्रैंचाइज़ी क्रिकेट खेल खेलकर दुनिया के सबसे लोकप्रिय ऑल-राउंडर खिलाड़ियों में से एक बन गए हैं. उनके करियर की शुरुआत एक गेंदबाज के तौर पर हुई थी, लेकिन करियर में अंतिम पड़ाव पर आते-आते वो एक विस्फोटक बल्लेबाज बन चुके हैं. उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में वेस्ट इंडीज के लिए 6 टेस्ट मैचों में 21 विकेट और 65 वनडे मैचों में 92 विकेट चटकाए हैं. खैर इन तथ्यों से अधिकतर क्रिकेट प्रेमी वाकिफ होंगे, लेकिन उनके धर्म के बारे में बहुत कम लोग जानते होंगे.
सुनील नरेन ने 2013 में भारतीय मूल की लड़की नंदिता कुमार से शादी रचाई थी. नंदिता के पूर्वज लंबे समय से त्रिनिदाद में ही रह रहे थे. सुनील और नंदिता की शादी हिन्दू रीति-रिवाजों के साथ हुई थी. लेकिन कुछ साल बाद दोनों का तलाक हो गया और आज तक कारण का पता नहीं चला है कि उनके अलग होने की वजह क्या थी. इस बीच नरेन ने 2020 में अंजेलिया सुचित से शादी रचाई थी. अंजेलिया पेशे से एक फैशन डिजाइनर हैं और इंस्टाग्राम पर अक्सर स्टाइलिश तस्वीरें शेयर करती रहती हैं. अक्टूबर 2020 में ही उनके घर एक बेटे ने जन्म लिया, जिसका नाम उन्होंने सिलास नरेन रखा था.

सुनील नरेन के जीवन की कहानी बेहद दिलचस्प है. चूंकि उनके पिता सुनील गावस्कर के बड़े फैन थे, इसलिए वो अपने बेटे को भी गावस्कर की तरह एक बल्लेबाज बनाना चाहते थे. मगर करियर के शुरुआती दिनों में कोच की सलाह मानकर नरेन ने स्पिन गेंदबाजी शुरू की और एक मिस्ट्री स्पिन गेंदबाज के रूप में उभर कर सामने आए. मगर अब अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से रिटायरमेंट के बाद वो बल्ले से खूब धमाल मचा रहे हैं. IPL 2024 की ही बात करें तो उन्होंने 11 मैचों में 183.7 के ताबड़तोड़ स्ट्राइक रेट से 461 रन बना डाले हैं.

साल 2007, ये वो वर्ष था जब भारतीय क्रिकेट में लीग से हटकर बहुत कुछ नया होना शुरू हो चुका था। मार्च-अप्रैल 2007 में हुए 5...
15/05/2024

साल 2007, ये वो वर्ष था जब भारतीय क्रिकेट में लीग से हटकर बहुत कुछ नया होना शुरू हो चुका था। मार्च-अप्रैल 2007 में हुए 50-50 विश्वकप में भारत का सफर बेहद निराशाजनक रहा। टीम-मैनेजमेंट में बड़ा उथल-पुथल शुरू हुआ। पांच महीने बाद ही पहली बार आईसीसी ने टी-20 विश्वकप का भी आयोजन कराया, हार के गम को टीम इंडिया भुला न सकी थी फिर भी अनमने ढंग से युवाओं की टीम तैयार कर दक्षिण अफ्रीका भेजी गई लेकिन वहां जो हुआ उसने भारतीय क्रिकेट को बदलकर रख दिया। भारत टी-20 विश्वकप का पहला विजेता बना।
इन्हीं सब के साथ-साथ टीम में एक नए खिलाड़ी का उदय भी हो रहा था। स्थान था जयपुर का सवाई मानसिंह स्टेडियम और कैलेंडर में तारीख थी 18 नवंबर, जब पहली बार उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के नौजवान लड़के को 'क्रिकेट के भगवान' ने टीम इंडिया की कैप थमाई।
नाम- प्रवीण कुमार। उंगलियों में ऐसी जादू जो नई गेंद से स्विंग भी करा सकता था, पुरानी गेंद से रिवर्स स्विंग भी। 2008 में ऑस्ट्रेलिया में सीबी ट्रॉफी में प्रवीण ने केवल 4 मैचों में 10 विकेट लेकर अपना रुतबा दुनिया को दिखा दिया था। क्या रेड बॉल क्रिकेट हो, क्या व्हाइट बॉल, प्रवीण की धारदार गेंदबाजी के सामने पोंटिंग-पीटरसन जैसे दिग्गज भी कई मर्तबा परेशान देखे गए।
पर परिस्थियों ने ऐसा मोड़ लिया कि दुनिया के कई धाकड़ बैटर्स को अपनी गेंदबाजी से परेशान करने वाले प्रवीण, खुद इतने परेशान हो गए, टूट गए कि फैसला कर लिया अब खुद को खत्म कर लेना है। डिप्रेशन-आत्महत्या के विचारों वाले इस भयानक दौर ने स्टार प्रवीण कुमार को 'जेन-ज़ी' के जहन से लगभग गुमनाम सा कर दिया।

चयनकर्ताओं द्वारा लंबे समय तक नजरअंदाज किए जाने और 2018 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद, प्रवीण को बुरे दौर से गुजरना पड़ा, जहां उन्हें मानसिक समस्याओं और अकेलेपन ने घेर लिया। एक दफा तो हरिद्वार जाते समय प्रवीण ने रिवॉल्वर से खुद को मारने के बारे में भी सोच लिया था, शुक्र है गाड़ी में लगी बच्चों की तस्वीर सामने पड़ गई और इरादा बदल गया।

हाल ही में एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में प्रवीण ने डिप्रेशन के दौर के किस्से शेयर करते हुए बताया-


टीम इंडिया में जगह न मिल पाना, बार-बार बेबुनियाद आरोप लगाना, मेरी छवि खराब करने कोशिश, जिस प्रदेश के लिए इतना लंबा समय दिया उससे भी कोई मदद न मिल पाना, मुझे लगातार तोड़ रहा था। हर बार मन में सवाल आता, मैंने प्रदेश क्रिकेट के लिए इतना कुछ किया, वहां से भी कोई मदद नहीं मिल रही। ऐसी कौन सी गलती कर दी है? मेरी छवि को इतना क्यों खराब किया जा रहा है, लोग मुझे शराबी-गुस्सैल साबित करने में लगे हुए हैं? ये सब मेरे ही साथ क्यों?
मैं कई-कई घंटे लेटे हुए पंखे को देखते रहता। कई बार ख्याल आता खुद को खत्म कर लूं। ये वो दौर था जो किसी को भी तोड़ दे।

प्रवीण अपने कई इंटरव्यू में कहते रहे हैं कि 'मुझे लोगों ने शराबी साबित करने और छवि को खराब करने की भरसक कोशिश की। मैं शराब पीता जरूर था पर जिस तरह से हौवा उड़ाया गया उस तरह से बिल्कुल नहीं'

जैक्स कैलिस, एक ऐसे क्रिकेटर जो गेंद और बल्ले दोनों के साथ विरोधी पर कहर बनकर टूटते थे। दोस्त उन्हें प्यार से जैक या जैक...
15/05/2024

जैक्स कैलिस, एक ऐसे क्रिकेटर जो गेंद और बल्ले दोनों के साथ विरोधी पर कहर बनकर टूटते थे। दोस्त उन्हें प्यार से जैक या जैकी भी बुलाते, जिस दौर में दक्षिण अफ्रीकी टीम अपने पूरे शबाब पर थी, तब जैक जैसे योद्धा ही इसके तारणहार बने हुए थे। 16 अक्टूबर 1975 को जन्में कैलिस
अपने पिता के बेहद करीबी रहे जैकी ने एक समय क्रिकेट से किनारा कर लिया था। कैलिस सीनियर कैंसर से पीड़ित थे, उस दौरान एक पुत्र का दायित्व निभाते हुए जैक ने खेल छोड़कर सारा ध्यान पिता की देखभाल पर लगाया। अफसोस कि वह बच न सके। कैलिस के पिता हैनरी का निधन 65 की उम्र में हुआ था। बाद में जैक्स ने वनडे क्रिकेट में अपनी जर्सी का नंबर बदलकर 65 कर लिया।
जैक्स कैलिस की बहन जैनिन एक प्रोफेशनल चीयरलीडर हैं। दुनियाभर के कई खेलों में अपने नृत्य से वह खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन करतीं हैं। आईपीएल में उन्होंने अपनी इस प्रतिभा का लोहा मनवाया था। इस दौरान एक मजेदार वाकया भी देखने को मिला, जब अपने भाई के आउट होने के बाद जैनिन खुशी से उछलकर डांस करने लगी थीं। दरअसल, आईपीएल के दूसरे संस्करण में जैक्स रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की तरफ से खेल रहे थे और उनकी बहन चेन्नई सुपरकिंग्स की चीयरलीडर थीं। तब कैलिस के आउट होने के बाद जैनिन ने जश्न मनाया था।
अपनी निरंतरता के लिए पहचाने जाने वाले कैलिस एकबार जब क्रीज पर जम जाते तो अच्छे-अच्छे गेंदबाज पानी भरने लगते थे। दिसंबर 1995 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट करियर की शुरुआत करने वाले कैलिस क्रिकेट के लगभग हर फॉर्मेट के सिकंदर थे। 519 (166 टेस्ट+328 वन-डे, 25 टी-20) मैच में 25 हजार से ज्यादा रन, 577 विकेट और लगभग 350 कैच। यह सब एक साथ करने वाले केवल कैलिस ही हैं और कोई भी ऑलराउंडर दूर-दूर तक उनके आसपास भी नहीं।
शुरुआती करियर में कैलिस को अपना प्रभाव दिखाने में समय लगा, लेकिन जल्द ही वे अपनी टीम के लिए एक संकट मोचक बनकर उभरने लगे। करियर के दो साल बाद ही उन्होंने अपनी अहमित ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मेलबर्न टेस्ट में दिखाई जब मेजबान टीम के 309 के जवाब में उनकी टीम केवल 186 रन पर सिमट गई। दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया ने 275 रन बनाए और जब एक रन पर एक विकेट खोकर उनकी टीम संकट में थी तब उन्होंने 101 रन की पारी खेल मैच ड्रॉ कराने में अहम भूमिका निभाई।
जैक्स कैलिस से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा अंडर-15 के दिनों का भी याद आता है, जब उन्हें वेस्टर्न प्रोविंस अंडर-15 टीम से यह कहकर बाहर कर दिया गया था कि उनका कद बहुत कम है। कहा गया, 'वह इतने छोटे हैं कि गेंद को स्क्वायर की दिशा में भेज भी नहीं सकते, इसके बाद कैलिस ने अपने खेल से विरोधियों का मुंह बंद कर दिया।
कैलिस उस दौर के खिलाड़ी थे जब टी-20 क्रिकेट अपने पैर तेजी से पसार रहा था और तूफानी बल्लेबाजी को ही अहमित दी जाने लगी थी। ऐसे में कैलिस ने अपनी तकनीक से लोगों को प्रभावित किया और उन्हें उन खिलाड़ियों में शूमार किया जाने लगा, जिनमें सचिन के कई रिकॉर्ड तोड़ने की क्षमता मानी जाने लगी। कैलिस रिटायर होते समय सचिन से तीन हजार टेस्ट रन से भी कम रन से पीछे थे। यहां तक कि टेस्ट शतकों में वे सचिन से केवल छह शतक दूर थे।
जैक कैलिस
महान खिलाड़ी अक्सर खुद को स्लेजिंग से दूर रखते हैं। मगर इस प्रोटियाज खिलाड़ी ने तो इसे एकदम अलग स्तर पर स्थापित किया।
एक बार ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज माइकल कास्प्रोविच उन्हें जमकर स्लेज कर रहे थे, जिस पर कैलिस कुछ रिएक्ट ही नहीं कर रहे थे। कैस्पर लगातार बाउंस डालकर स्लेजिंग करें, लेकिन बल्लेबाज पर इसका कोई असर ही नहीं हो। हैरान-परेशान कास्प्रोविच ने अपने साथियों से कहा, क्या यह आदमी बहरा है?
कैसिल ने साल दर साल अपना रिकॉर्ड बेहतर ही किया, उन्होंने अपने करियर के आखिरी टेस्ट में शतक लगाया जो कि उनकी आखिरी टेस्ट पारी भी रही। वे 38 साल की उम्र में टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह गए। कहा जाता है कि अगर वे सचिन की तरह 40 की उम्र तक टेस्ट और खेलते तो वे सचिन से आगे निकल सकते थे।

14/05/2024
14/05/2024

कोई कुछ भी कहे लेकिन अब तो यकीन हो गया है कि कोई है जो विकेट के पीछे से तो नही लेकिन पर्दे के पीछे से जरूर मैच पलट दे रहा है। तभी तो मै सोचूं कि आखिर आज राजस्थान रॉयल्स और संजू सैमसन को हो क्या गया है? अरे जब सबकुछ ऐसे ही करना है तो फिर यह तमाशा क्यों और इतने दिन तक नाटक क्यों? सीधे तौर पर जो टीमें प्लेऑफ में पहुंचाना चाहते थे उनको पहुंचा दिए होते यह एक डेढ महीने का ड्रामा करने की क्या जरूरत थी?

अरे भैया जो राजस्थान रॉयल्स एक समय अपने शुरूआती 9 में से 8 मैच जीत चुकी थी और उसके 16 अंक थे उस टीम के चक्के में ऐसा हैंड ब्रेक मारा गया कि अब 12 मैच हो गये हैं लेकिन राजस्थान रॉयल्स के अभी भी 16 अंक ही हैं। कहने को तो हम कह सकते हैं कि वक्त का पहिया घूमा है और राजस्थान रॉयल्स लगातार हार रही है लेकिन सवाल यह है कि क्या यह पहिया वाकई अपने आप से घूमा है या फिर हाथों की सहायता से पर्दे के पीछे से स्क्रिप्टिंग करके स्टेयरिंग काट कर घुमाव गया है। सच क्या है यह तो पहिया मालिक या स्टेयरिंग पकङने वाला ही बता सकता है लेकिन जो हो रहा है वह दिख भी रहा है।

राजस्थान रॉयल्स और चेन्नई सुपर किंग्स के बीच खेला गया मुकाबला पहली नजर में स्क्रिप्टेड लगता है। ऐसा लगता है जैसे राजस्थान रॉयल्स की टीम यह मैच जीतने के लिए खेल ही नही रही थी। क्योंकि उनके कप्तान संजू सैमसन ने पहले टाॅस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया जो कोई भी कप्तान होता तो नही करता और उसके बाद 20 ओवर तक टुकटुक उनके बल्लेबाज करते रहे। हद तो तब हो गयी जब राजस्थान रॉयल्स की तरफ से आखिरी ओवरों में पावर हिटरों को बल्लेबाजी का मौका ही नही मिला। आखिर पावेल और फरेरा जैसे पावर हिटर अंत में बल्लेबाजी के लिए क्यों नही उतारे गये? राजस्थान रॉयल्स के बल्लेबाज पहले बल्लेबाजी करते हुए आल आउट के लिए क्यों नहीं गये? राजस्थान रॉयल्स ने अपने पांच विकेट किसलिए बचा लिए? अगर राजस्थान रॉयल्स के बल्लेबाज तेजी से रन बनाने का प्रयास करते और आल आउट भी हो जाते तो सवाल नही पैदा होता।

राजस्थान की एक ढाणी का दृश्य
05/05/2024

राजस्थान की एक ढाणी का दृश्य

सुविधाएं भले ही कम मिलेंगी लेकिन सुकून वाली सुबह शाम यहीं मिलेंगी  #राजस्थान
03/05/2024

सुविधाएं भले ही कम मिलेंगी लेकिन सुकून वाली सुबह शाम यहीं मिलेंगी #राजस्थान

Address


Website

Alerts

Be the first to know and let us send you an email when saini vloge posts news and promotions. Your email address will not be used for any other purpose, and you can unsubscribe at any time.

Shortcuts

  • Address
  • Alerts
  • Claim ownership or report listing
  • Want your business to be the top-listed Travel Agency?

Share