10/25/2024
#अपने_देश_की_एक_छिपी_हुई_जगह_है_जिसकी जानकारी अभी 1% लोगों को भी नहीं है जो की भारत के #उड़ीसा की grand canyon of east है, ऐसी जगह #अमेरिका के #एरीजोना के कोलोराडो की नदी के grand canyon में देखने को मिलती है लेकिन उसी तरह की बेशकीमती जगह अपने भारत में भी मौजूद है जो की hiden place है ये अदभुत जगह ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले में स्थित है जो की कानाकुंड कहलाता है अब इस ग्रांड कैन्यन/कनकुंड का नाम बदलकर ओडिशा पर्यटन विभाग ने कान्हाकुंड रख दिया है यह सुंदर प्राकृतिक स्थान आईबी नदी के ऊपर स्थित है यह जगह #सुंदरगढ़ जिले के एक गांव में छिपी हुई है , ऐसा लगता है किसी ने अपने हाथों से तराश तराश कर बनाया हो ,ये सोलो ट्रेवलर और ग्रुप में यात्रा करने वाले दोस्तों के लिए एक अद्भुत एडवेंचर वाली जगह है क्यों की यहां थोड़ा बहुत ट्रैकिंग भी करनी पड़ती है यहां यात्रा करने से पहले जान ले इस जगह के आसपास 50 km तक कोई भी खाने पीने के होटल और रुकने का स्थान नहीं है न ही कोई साधन यहां के लिए डायरेक्ट है आप कोई गाड़ी करके यहां जा सकते हैं या फिर बाइक से , यहां ट्रेन से जाने के लिए कुछ नजदीकी स्टेशन हैं,पहला रेलवे स्टेशन है जो कि यहां से 79 कम दूरी पर स्थित है, इस स्टेशन के लिए दिल्ली से 18478 कलिंग उत्कल एक्सप्रेस डायरेक्ट है,दूसरा स्टेशन है #राउरकेला जो कि 128 km है यहां से ,तीसरा स्टेशन है जो कि 254 km है, यहां छोटे बच्चों सहित यात्रा करना सही नहीं है सिर्फ नई जगह और एडवेंचर वाले लोगों के लिए ये जगह है यहां इस समय ऐसा ही नजारा देखने को मिलेगा,बारिश के समय यहां की खूबसूरती छिप जाती है, और खतरा भी रहता है फिसलन का ,यहां की यात्रा करने के लिए कम फिसलन वाले अच्छे शूज पहनकर यात्रा करें, और कुछ खाने पीने का सामान लेकर के ही यहां की यात्रा को जाएं, अन्य जानकारी के गूगल में कानाकुंड के वीडियो देखे,
यह कानाकुंड #सुंदरगढ़ शहर से लगभग 45 किमी दूर है।
इसकी सड़क NH-55 और सुबदेगा, बालीशंकर/तालसेरा नामक दो उप बाजार क्षेत्रों के गांव से होकर गुजरती है।
इस जगह पर बिखरी चट्टानी सतह के कारण इसका नाम रॉक बेड नदी है।इसको आप पत्थर वाली नदी भी कह सकते हैं बड़े बड़े आकर्षण पत्थरों के अंदर लोग घूमते है फोटो खिंचवाते हैं जो की सुरंग की तरह दिखते हैं लेकिन बरसात में safe नहीं हैं अब October से अप्रैल तक बेस्ट रहेगा, यहां पर जब आप तस्वीर लोगे कैसा भी फोन हो नजारे यही आपको देखने को मिलेंगे कोई भी काल्पनिकता नहीं है सब असली कुदरत की कलाकृतियों का समागम है
*इस जगह का पानी का रंग एक विशेष आभा पैदा करता है और सूरज की रोशनी से पूरे क्षेत्र में चमकता है।,यहां का 🌞 sun set देखना एक सपना पूरा करने के बराबर है
*इस जगह पर जाने का सबसे अच्छा समय सर्दियों का मौसम है जो दोपहर 12:00 बजे से सूर्यास्त के समय तक है
सावधानी:- पानी की गहराई के कारण चट्टान की सतह फिसलन भरी स्थिति में है इसलिए सावधानी ज्यादा बरतें
*चट्टानों से काटे गए चेहरे भी तीखे होते हैं। इसलिए बेहतर है कि किसी भी तरह के कम अच्छी क्वालिटी के जूते, चप्पल आदि का इस्तेमाल न करें।
* और यहां किनारे के पास कोई प्लास्टिक और गंदगी का सामान न फेंके।🙏 यहां से नजदीकी एयरपोर्ट भुवनेश्वर है जो की 400 km है, कानाकुंड के आसपास होटल नहीं है तो आप राउरकेला या फिर balangir में रुक सकते हैं आप अगर नेचर के शौकीन है तो कैमरा और दूरबीन लेकर के भी जा सकते हैं क्यों की यहां वन्यजीव और अनोखी पंछी भी देखने को मिलते हैं यहां की घाटियां नुकीली चट्टानें, बलुआ पत्थर और बेसाल्ट के विभिन्न रंगों से बनी हुई हैं,ये ओडिशा का एक ऑफबीट स्थान है जिसकी जानकारी अभी न के बराबर है आप पोस्ट को शेयर जरूर करिए ताकि लोगों को पता चले कि अपने भारत में ऐसी अद्भुत जगहें हैं।
धन्यवाद 🙏 🙏🙏