Tirthan Riverview Homestay

Tirthan Riverview Homestay Tirthan River View Home Stay is situated on The Gateway to GHNP a UNESCO world Heritage Site.

Tirthan Valley Goshaini in Kullu District of Himachal Pradesh India.

जून महीने में अपने अतिथिओं संग तीर्थन घाटी के विभिन्न दर्शनीय स्थलों पर की गई यात्रा के कुछ यादगार छायाचित्र।तीर्थन घाटी...
02/07/2023

जून महीने में अपने अतिथिओं संग तीर्थन घाटी के विभिन्न दर्शनीय स्थलों पर की गई यात्रा के कुछ यादगार छायाचित्र।
तीर्थन घाटी गुशैनी।
जून/2023.

विश्व धरोहर ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क क्षेत्र के झरने कर रहे हैं सैलानियों को आकर्षित।छोटे-बड़े कई झरनों से भरी पड़ी है ...
15/06/2023

विश्व धरोहर ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क क्षेत्र के झरने कर रहे हैं सैलानियों को आकर्षित।

छोटे-बड़े कई झरनों से भरी पड़ी है समूची तीर्थन घाटी, यहां मिलता है सुकून।

ऊंचे पहाड़ों और जंगलों के बीच छुपे हुए झरनों को देखकर सैलानी होते हैं मंत्रमुग्ध।

इन खूबसूरत झरनों तक पर्यटकों की पहुंच कठिन, रास्तों और पगडंडियों को सुधार किए जाने की जरूरत.

15/06/2023
पहाड़ों, नदियों, जंगलों और झरनों का अनोखा संगम स्थल है तीर्थन घाटी।बाहें फैलाकर स्वागत करती है यहां की मनमोहक फिजाएं।विश...
04/04/2023

पहाड़ों, नदियों, जंगलों और झरनों का अनोखा संगम स्थल है तीर्थन घाटी।

बाहें फैलाकर स्वागत करती है यहां की मनमोहक फिजाएं।

विश्व धरोहर ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क बन रहा पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र।

हिमाचल प्रदेश का कुल्लू जिला हमेशा से ही देशी विदेशी पर्यटकों की खास पसंद रहा है। इसमें कोई शक नहीं है कि यहां का कोना कोना प्रकृति का एक वरदान है। यहां के ऊंचे ऊंचे पहाड़ , कल कल करती नदियां, झर झर करते पहाड़ों से नीचे गिरते झरने, ऊंची चोटियों पर बिछी बर्फ की सफेद चादर और चारो ओर फैली हरियाली यही है हिमाचल की पहचान। इस प्रदेश में शिमला, धर्मशाला, कुल्लू, मनाली, डलहौजी, खज्यार और कसोल के बारे में तो सब जानते हैं लेकिन इसके अलावा यहां पर कुछ और भी ऐसी ऑफबीट जगह है जिनके बारे में बहुत ही कम लोग जानते है।

जिला कुल्लू के उपमण्डल बंजार में एक ऐसी ही खूबसूरत ऑफ बीट जगह है तीर्थन घाटी। विश्व धरोहर ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क और ट्राउट मछली के लिए महशूर तीर्थन घाटी अब पर्यटकों की पहली पसंद बनती जा रही है।तो आइए अब आगे हम जानते रहेंगे इस खुबसूरत जगह के बारे में। यकीन मानिए ये जगह भी शिमला, मनाली और धर्मशाला के जितनी ही खूबसूरत है, जहां आपको रोमांच, आस्था, संस्कृति और प्रकृति का अनोखा संगम देखने को मिलेंगा।

23/03/2023
हिमाचल प्रदेश जिला कुल्लू की तीर्थन घाटी के कुछ छुपे हुए खूबसूरत ऑफबीट स्थान, जिनसे कई सैलानी अभी तक है अनजान।इस बार अगर...
23/03/2023

हिमाचल प्रदेश जिला कुल्लू की तीर्थन घाटी के कुछ छुपे हुए खूबसूरत ऑफबीट स्थान, जिनसे कई सैलानी अभी तक है अनजान।

इस बार अगर आप हिमाचल प्रदेश के किसी ऑफबीट डेस्टिनेशन पर घूमना चाहते है तो तीर्थन घाटी इसके लिए उपयुक्त स्थल है। विश्व धरोहर ग्रेट हिमालय नेशनल पार्क और ट्राउट मछली के लिए महशूर यह हिल स्टेशन बेहद खूबसूरत है। कोई भी देशी विदेशी सैलानी इस हिल स्टेशन के शांत वातावरण का लुत्फ उठा सकते है। यहां पर आकर आप ट्रैकिंग, फिशिंग, कैंपिंग, बर्ड वाचिंग, नेचर वॉक, झीलों, झरनों की सैर और पिकनिक जैसी कई गतिविधियां का आंनद उठा सकते है। यह हिल स्टेशन गर्मियों की छुट्टियां बिताने के लिए एकदम उपयुक्त स्थान है। यहां की मनरोम वादियां और प्राकृतिक सौंदर्य सैलानियों को मंत्रमुग्ध कर देता है जो एक बार यहां आने के बाद पर्यटकों का वापस लौटने का मन नहीं करता है।

15/02/2023

तीर्थन घाटी गुशैनी बंजार में मुखौटा नृत्य फागली उत्सव की धूम।

प्राकृतिक सौंदर्य के साथ पर्यटकों को खूब भा रही है यहां की प्राचीनतम संस्कृति।

घाटी के विभिन्न गांवों में तीन दिनों तक चलता है मुखौटा नृत्य, पर्यटक ले रहे है लुत्फ।

तीर्थन घाटी गुशैनी बंजार (परस राम भारती):-
हिमाचल प्रदेश की संस्कृति और सभ्यता बहुत समृद्ध है यहां की प्राचीनतम परम्पराएं एवं संस्कृति ही यहां की पहचान है। यहां के लोग इन सांस्कृतिक परम्पराओं और मूल्यों को बनाए रखने के लिए प्रशंसा के पात्र है।

कुल्लू जिला की तीर्थन घाटी में भी साल भर अनेक मेलों और धार्मिक उत्सवों का आयोजन किया जाता है जो यहां की सांस्कृतिक समृद्धि को बखूबी दर्शाता है। ये मेले और त्यौहार यहां के लोगों के हर्ष उल्लास और खुशी का प्रतीक है।

तीर्थन घाटी के विभिन्न गांवों में हर साल 13 से 15 फरवरी तक फागली उत्सव या मुखौटा नृत्य का आयोजन फाल्गुन सक्रांति के दौरान किया जाता है। कुछ चयनित किए हुए लोगों द्वारा मुखौटा नृत्य करके गांव से आसुरी शक्तियों को भगाया जाता है जिससे पूरे साल भर गांव में सुख समृद्धि बनी रहती है।

इसी कड़ी में तीर्थन घाटी के गांव पेखड़ी, नाहीं , तिंदर, डिंगचा, फरियाडी, शर्ची, बशीर और कलवारी आदि गांवों में आजकल फागली उत्सव की धूम मची हुई है। आजकल तीर्थन घाटी में पर्यटक घूमने फिरने के साथ साथ यहां के प्राचीनतम मुखौटा नृत्य देखने का भी भरपूर आनंद ले रहे हैं। वहीं कल बुधवार को इस तीन दिवसीय फागली उत्सव का समापन हो जाएगा।

ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क और ट्राउट मछली के लिए महशुर उपमंडल बंजार की तीर्थन घाटी पर्यटकों के लिए एक पसंदीदा स्थली बनती जा रही है। यहां पर दूर दराज पहाड़ी क्षेत्र में बसे छोटे छोटे सुन्दर गांव, यहां की नदियां नाले और झरने, चारों ओर से ऊंचे पहाड़ों, जंगलों और बर्फ से ढकी ऊंची पर्वतशृंखलाएँ इस घाटी की सुंदरता को चार चाँद लगती है। प्राकृतिक सौंदर्य के साथ साथ पर्यटकों को यहां की प्राचीनतम संस्कृति भी खूब भा रही है।

तीन दिवसीय मुखौटा उत्सव में घाटी के स्थानीय लोगों के इलावा बाहरी राज्यों पश्चिमी बंगाल, पंजाब, दिल्ली, राजस्थान आदि के पर्यटको ने भी शिरकत करके फागली देखने का खूब लुत्फ उठाया। पर्यटक इस नृत्य को देख कर रोमांचित हो उठे और इसकी फोटो विडियो अपने कैमरा में कैद कर ले गए है। इनका कहना है कि प्राकृतिक सौंदर्य के साथ साथ यहां की प्राचीनतम संस्कृति भी बहुत समृद्ध है।

पहले दिन छोटी फागली मनाई जाती है जिसमें एक सीमित क्षेत्र तक ही नृत्य एवं परिक्रमा की जाती है और दूसरे दिन बड़ी फागली का आयोजन होता है जिसमे मुखौटे पहने हुए मंदयाले गांव के हर घर में प्रवेश करके सुख समृद्धि का आशिर्वाद देते है इस दिन पूरे गांव में एक विशेष व्यंजन चिलड्डू बनाया जाता है तथा शाम के समय देवता के मैदान में भव्य नाटी का आयोजन होता है जिसमें स्त्री व पुरुष साथ साथ नृत्य करते है।

इस तीन दिवसीय फागली उत्सव में परिवार के कुछ चयनित पुरुष सदस्य अपने अपने मुँह में विशेष किस्म के प्राचीनतम मुखौटे लगाते है तथा तीन दिन तक हर घर व गांव की परिक्रमा गाजे बाजे के साथ करते हैं तथा अंतिम दिन देव पूजा अर्चना के पश्चात देवता के गुर के माध्यम से राक्षसी प्रवृति प्रेत आत्माओं को गांव से बाहर दूर भगाने की परंपरा निभाई जाती है। इस उत्सव में कुछ स्थानों पर स्त्रियों को नृत्य देखना वर्जित होता है क्योंकि इस में अश्लील गीतों के साथ गालियाँ देकर अश्लील हरकतें भी की जाती है।
स्थान:- तीर्थन घाटी गुशैनी।
दिनांक:-14th Feb.2023

तीर्थन घाटी के प्राचीनतम मेले और त्यौहार कर रहे है पर्यटकों को आकर्षित।तीन दिनों तक धूमधाम और हर्षोल्लास से मनाए गए फागल...
15/02/2023

तीर्थन घाटी के प्राचीनतम मेले और त्यौहार कर रहे है पर्यटकों को आकर्षित।

तीन दिनों तक धूमधाम और हर्षोल्लास से मनाए गए फागली उत्सव का समापन

बाहरी राज्यों से आए पर्यटकों ने भी मुखौटा नृत्य देखने का लिया खूब लुत्फ।

तीर्थन घाटी गुशैनी बंजार (परस राम भारती):- हिमाचल प्रदेश की प्राचीनतम परम्पराए, मेले और त्यौहार यहां के सांस्कृतिक विरासत की पहचान है। यहां के लोग इन सांस्कृतिक परम्पराओं और मूल्यों को बनाए रखने के लिए प्रशंसा के पात्र है। मेलों और त्यौहारों के माध्यम से ही लोगों के आपसी सम्वन्ध मजबूत होते है। कुल्लू जिला की तीर्थन घाटी में भी साल भर अनेक मेलों और धार्मिक उत्सवों का आयोजन किया जाता है जो यहां की सांस्कृतिक समृद्धि को बखूबी दर्शाता है।

तीर्थन घाटी के लगभग हर गांव में साल भर छोटे छोटे मेलों का आयोजन होता रहता है। ये मेले और त्यौहार यहां के लोगों के हर्ष उल्लास और खुशी का प्रतीक है। फाल्गुन मास की सक्रान्ति के आरम्भ होते ही तीर्थन घाटी के कई गांव में फागली मुखौटा नृत्य का आयोजन किया जाता है। कुछ गांव में यह फागली उत्सव एक दिन तथा कई गांव में दो और तीन दिनों तक यह त्यौहार धूमधाम और हर्षोल्लास से मनाया जाता है। यहां के लोग अपने ग्राम देवता पर अटूट आस्था रखते है। साल भर तक समय समय पर बर्षा, अच्छी फसल, सुख समृद्धि या बुरी आत्माओं को भगाने के लिए लोग अपने ग्राम देवता की पूजा अर्चना करते है। इसके पश्चात मेलों और त्योहारों का आयोजन करके भिन्न भिन्न लोकनृत्य पेश करके नाच गाना करते है।

हर वर्ष की भांति इस वार भी तीर्थन घाटी के पेखड़ी, नाहीं, तिंदर, काउंचा, डिंगचा, सरची, जमाला, फरयाडी, कलवारी, बशीर और शिरीकोट आदि गांवों तीन दिनों तक फागली उत्सव बड़े धूमधाम और हर्षोल्लास से मनाया गया। जिसका आज समापन हो गया है। सैंकड़ों स्थानीय लोगों के अलावा बाहरी राज्यों से आए कई पर्यटकों ने भी इस उत्सव को देखने का खूब लुत्फ उठाया। कुछ पर्यटक इस पूरे मुखोटा नृत्य को अपने कैमरों में कैद करते रहे। विभिन्न राज्यों पंजाब, राजस्थान, पश्चिमी बंगाल दिल्ली, हरियाणा से आए पर्यटकों ने कहा कि ये सभी पहली बार ही तीर्थन घाटी में घूमने आए हैं। इनके अनुसार जितना उन्होंने घाटी के बारे में पड़ा और सुना था उससे कहीं ज्यादा पाया है। यहां का मुखौटा नृत्य इन्हे खूब पसन्द आया है।

तीर्थन घाटी के मुखौटा उत्सव फागली में स्थानीय गांव से अलग अलग परिवार के पुरुष सदस्य अपने अपने मुँह में विशेष किस्म के प्राचीनतम मुखौटे लगाते है और एक विशेष किस्म का ही पहनावा पहनते हैं। हर गांव में पहने जाने वाले मुखोटों तथा प

तीर्थन घाटी के प्राचीनतम मेले और त्यौहार कर रहे है पर्यटकों को आकर्षित।तीन दिनों तक धूमधाम और हर्षोल्लास से मनाए गए फागल...
15/02/2023

तीर्थन घाटी के प्राचीनतम मेले और त्यौहार कर रहे है पर्यटकों को आकर्षित।

तीन दिनों तक धूमधाम और हर्षोल्लास से मनाए गए फागली उत्सव का समापन

बाहरी राज्यों से आए पर्यटकों ने भी मुखौटा नृत्य देखने का लिया खूब लुत्फ।

तीर्थन घाटी गुशैनी बंजार (परस राम भारती):- हिमाचल प्रदेश की प्राचीनतम परम्पराए, मेले और त्यौहार यहां के सांस्कृतिक विरासत की पहचान है। यहां के लोग इन सांस्कृतिक परम्पराओं और मूल्यों को बनाए रखने के लिए प्रशंसा के पात्र है। मेलों और त्यौहारों के माध्यम से ही लोगों के आपसी सम्वन्ध मजबूत होते है। कुल्लू जिला की तीर्थन घाटी में भी साल भर अनेक मेलों और धार्मिक उत्सवों का आयोजन किया जाता है जो यहां की सांस्कृतिक समृद्धि को बखूबी दर्शाता है।

तीर्थन घाटी के लगभग हर गांव में साल भर छोटे छोटे मेलों का आयोजन होता रहता है। ये मेले और त्यौहार यहां के लोगों के हर्ष उल्लास और खुशी का प्रतीक है। फाल्गुन मास की सक्रान्ति के आरम्भ होते ही तीर्थन घाटी के कई गांव में फागली मुखौटा नृत्य का आयोजन किया जाता है। कुछ गांव में यह फागली उत्सव एक दिन तथा कई गांव में दो और तीन दिनों तक यह त्यौहार धूमधाम और हर्षोल्लास से मनाया जाता है। यहां के लोग अपने ग्राम देवता पर अटूट आस्था रखते है। साल भर तक समय समय पर बर्षा, अच्छी फसल, सुख समृद्धि या बुरी आत्माओं को भगाने के लिए लोग अपने ग्राम देवता की पूजा अर्चना करते है। इसके पश्चात मेलों और त्योहारों का आयोजन करके भिन्न भिन्न लोकनृत्य पेश करके नाच गाना करते है।

हर वर्ष की भांति इस वार भी तीर्थन घाटी के पेखड़ी, नाहीं, तिंदर, काउंचा, डिंगचा, सरची, जमाला, फरयाडी, कलवारी, बशीर और शिरीकोट आदि गांवों तीन दिनों तक फागली उत्सव बड़े धूमधाम और हर्षोल्लास से मनाया गया। जिसका आज समापन हो गया है। सैंकड़ों स्थानीय लोगों के अलावा बाहरी राज्यों से आए कई पर्यटकों ने भी इस उत्सव को देखने का खूब लुत्फ उठाया। कुछ पर्यटक इस पूरे मुखोटा नृत्य को अपने कैमरों में कैद करते रहे। विभिन्न राज्यों पंजाब, राजस्थान, पश्चिमी बंगाल दिल्ली, हरियाणा से आए पर्यटकों ने कहा कि ये सभी पहली बार ही तीर्थन घाटी में घूमने आए हैं। इनके अनुसार जितना उन्होंने घाटी के बारे में पड़ा और सुना था उससे कहीं ज्यादा पाया है। यहां का मुखौटा नृत्य इन्हे खूब पसन्द आया है।

तीर्थन घाटी के मुखौटा उत्सव फागली में स्थानीय गांव से अलग अलग परिवार के पुरुष सदस्य अपने अपने मुँह में विशेष किस्म के प्राचीनतम मुखौटे लगाते है और एक विशेष किस्म का ही पहनावा पहनते हैं। हर गांव में पहने जाने वाले मुखोटों तथा पहनावे में कई किस्म की विभिन्नता पाई जाती है इसके अलावा हर गांव में आयोजित किए जाने वाले मेलों की परम्पराएं, मान्यताए और तौर तरीके भी अलग अलग होते है। फागली उत्सव के दौरान दो दिन तक मुखोटा धारण किए हुए मडहले हर घर व गांव की परिक्रमा गाजे बाजे के साथ करते हैं । तथा अंतिम दिन देव पूजा अर्चना के पश्चात देवता के गुर के माध्यम से राक्षसी प्रवृति प्रेत आत्माओं को गांव से बाहर दूर भगाने की परंपरा निभाई जाती है। इस उत्सव में कुछ स्थानों पर स्त्रियों को नृत्य देखना वर्जित होता है क्योंकि इस में अश्लील गीतों के साथ गालियाँ देकर अश्लील हरकतें भी की जाती है।

इस उत्सव में पहले दिन छोटी फागली मनाई जाती है जिसमें एक सीमित क्षेत्र तक ही नृत्य एवं परिक्रमा की जाती है और दूसरे दिन बड़ी फागली का आयोजन होता है जिसमे मुखौटे पहने हुए मंडयाले गांव के हर घर में प्रवेश करके सुख समृद्धि का आशिर्वाद देते है।इसके अलावा इस उत्सव के दौरान पूरे गांव में कई प्रकार के पारम्परिक व्यंजन भी बनाए जाते है जिसमें चिलड्डू विशेष तौर पर बनाया व खिलाया जाता है। शाम के समय देवता के मैदान में भव्य नाटी का आयोजन होता है जिसमें स्त्री व पुरुष सामूहिक नृत्य करते है। बाजे गाजे की धुन के बीच इस नृत्य को देखने में शामिल हर बच्चे, बूढ़े, युवक व युवतियों के शरीर में भी अपने आप नृत्य की थिरकन सी पैदा होने लगती है।

तीर्थन घाटी के समाजसेवी एवं वरिष्ठ पत्रकार दौलत भारती का कहना है कि विश्व धरोहर तीर्थन घाटी में प्राकृतिक सुन्दरता और संसाधनों के अलावा यहां की प्राचीनतम संस्कृति का भी खजाना भरा पड़ा है सिर्फ इसे संजोने और संवारने की आवश्यकता है। इनके अनुसार तीर्थन घाटी के मेले और त्यौहार भी यहाँ पर पर्यटकों के आकर्षण का कारण बन सकते है।
इनका कहना है कि तीर्थन घाटी का प्राकृतिक सौन्दर्य यहाँ की वादियाँ और प्राचीनतम संस्कृति वहुत ही समृद्ध है जिस कारण यहाँ पर पर्यटन की आपार सम्भानाएँ भरी पड़ी है।
स्थान- तीर्थन घाटी गुशैनी।
दिनाँक- 15/02/2023.

View of Tirthan Top core Zone of The Great Himalyan National e UNESCO World Heritage Site in Tirthan Valley Gushaini Kul...
06/01/2023

View of Tirthan Top core Zone of The Great Himalyan National e UNESCO World Heritage Site in Tirthan Valley Gushaini Kullu Himachal Pradesh 👍

*MARRY CHRISTMAS & New Year OFFER**We are not Commercial, Simply Home away from Home**Tirthan Riverview Homestay* *(Live...
20/12/2022

*MARRY CHRISTMAS & New Year OFFER*

*We are not Commercial, Simply Home away from Home*

*Tirthan Riverview Homestay*
*(Live With Local)*

Feel a true meaning of Homestay.

An initiative to connect people with actual Homestays, Traditional Himachali Pahadi Wooden House.

Tirthan Riverview Homestay Situated at a small village Ropajani in Tirthan Valley Gushaini Tehsil Banjar District Kullu HP.

Tirthan Riverview Homestay offers magestic view of Buffer Zone The Great Himalayan National Park a UNESCO World Heritage Site and floating River in Tirthan Valley.

The beautiful house is made of wood, stone and mud structure by the bank of River Tirthan. Its is a good mix of traditional and modern style of Himachali architecture. There are 4 well-furnished double bed rooms with attached bathrooms having modern fittings. All bedrooms open to spacious balcony with a view of the Tirthan River, mountains and pine forest.

Pahaddi Wooden House is developed to provide our guests a walk through the traditional houses of hills, culture, local Festivals and organic foods.

It is perfect spot for workation, solitude seekers, couples, families, solo travellers, writers, artists, anglers, bikers treckers and anyone looking for peace, tranquility, inspiring vistas, long nature walks.

Tarrif :-₹999/- per person per night
Including breakfast.

*Special offers for WFH and prefer a long-term stay.
================

Hike with picnic/camping.
camping/fishing/Angling.
Walk.
/Sunset activities.

For bookings and Queries feel free to contact us on Phone and Wtsapp No:-
+918219370368
+919418661315
Email:[email protected]
*Google Link*
https://maps.app.goo.gl/9b1RkFmW9jGZx8Dx9

शहरों की भीड़ से निकलो तभी तो चेहरा खिलेगा😊यह हसीन नजारा आपको सिर्फ पहाड़ों में ही मिलेगा😍 जय तीर्थन  🙏
30/11/2022

शहरों की भीड़ से निकलो तभी तो चेहरा खिलेगा😊
यह हसीन नजारा आपको सिर्फ पहाड़ों में ही मिलेगा😍 जय तीर्थन 🙏

Snowfall starts in Tirthan Valley Kullu Himachal Pradesh 👍
14/11/2022

Snowfall starts in Tirthan Valley Kullu Himachal Pradesh 👍

Tirthan Riverview HomestayTirthan Riverview Homestay Situated at a small village Ropajani in Tirthan valley Gushaini Ban...
13/11/2022

Tirthan Riverview Homestay
Tirthan Riverview Homestay Situated at a small village Ropajani in Tirthan valley Gushaini Banjar District Kullu HP. “Himachal’s best kept secret”, 65 km south from Kullu in Himachal Pradesh. Stunningly beautiful, Ropajani lies just on the gateway to the Great Himalayan National Park – a UNESCO World Heritage Site, on the banks of the Tirthan River. One can easily reach after an hours drive from Aut. The tiny village is made of only 10 families who speak Hindi and Pahadi. Tirthan Valley is the center of ancient cultural and local festivals.

Walk into the woods beside the Tirthan River, do fishing, engage with village people, go on undiscovered nature trails or indulge in adventure activities – this quaint little village offers ample opportunities for the offbeat travelers with its untouched landscapes. Come to Tirthan Valley between January – July to witness local fairs and festivals.

The Homestay
Tirthan Riverview Homestay falls under the buffer zone, just on the gateway to GHNP. The beautiful house is made of wood, stone and mud structure by the bank of river Tirthan. Its is a good mix of traditional and modern style of Himachali architecture. There are 4 well-furnished double bed rooms with attached bathrooms having modern fittings. All bedrooms open to spacious balcony with a view of the Tirthan River and pine forest.

Know your host
You will be hosted by Mr. Paras Ram Bharti and his family. His son Vijay looks after the guests and assists them in hiking, trekking, camping, fishing and other activities. His wife Indra Bharti along with her daughter in law Veena is in charge of the kitchen. Do not hesitate to ask Paras for any help needed to plan your days in Tirthan valley.

Food
Mrs.Indira Bharti serves fresh home cooked healthy and pure organic food. She cooks in a clean, hygienic kitchen and on local wood fire oven. Breakfast can be Stuffed Paratha, Childdu, Puri Bhaji etc. Lunch and Dinner includes seasonal vegetable, Daal, Salad, Rice and Roti. If you like sweets ask for Kheer, Halwa or local Sewaiyaan. Trout fish, other non-veg food and special local dishes can also be prepared on nominal extra cost.

Activities
Trekking • Camping • Angling • Local folk dance performances on demand • River Crossing • Rock Climbing • Nature Walks • Hiking • Forest and riverside walk • Heritage Village Tours • Picnic by riverside • Meditation and Yoga.

Facilities
Internet • Laundry • Parking • Attached bathrooms with hot water • Big Balcony. Taxi service • Trekking, Camping and other adventure activities. Fishing equipment also available on hire.

Normal Tariff Only Room Rent @1500/- per night for double occupancy.
Single Person: 1,500/- per day including All meals Vegetarian in MAP Plan.

Double Occupancy: 2,500/- including all meals Vegetarian in MAP Plan.

Triple person: 3300/-
Includes all Meals Vegetarian Breakfast, Morning/Evening Tea and Lunch/Dinner vegetarian in MAP Plan.

Child Policy:
Up to 6 yrs complimentary (No extra bed)
6-12 yrs: 50%
12 yrs and above: Full

Booking and Cancellation Policy.
For online advance booking you have to pay 50℅ amount in advance.
For cancellation 10-15 days prior to stay...No Refund.
15-30 days prior to stay...50℅.

More than one month prior to stay...100℅.

Points of interest
Tirthan River (100 mtr) • Gushaini (1 km) • Gaidhar Waterfall (4 km drive, 1 hr hike) • The Great Himalayan National Park (6 km trek)

Excursions
Banjar (10 km) • Jibhi (17 km) • Shoja (24 km) • Jalori Pass (28 km) • Raghupur Fort (30 km) • Seryolsar Lake (33 km) • Sainj (40 km) .

Treks
Rangthar Top and Marahni (4 km) • Rolla (10 km) • Shilt Hut (15 km) • Lambi Top Trek (20 km drive to Sharchi Village & 5 km trek) • GHNP trecks 2-7 days)

Note: Ask us for Trout Fishing, Local Culture, Guide and Taxi Services.

Tirthan Riverview Homestay offers magestic view of Buffer Zone The Great Himalayan National Park a UNESCO World Heritage Site and floating River in Tirthan Valley Goshaini Teh Banjar District Kullu HP.
Pahaddi house is developed to provide our guests a walk through the traditional houses of hills, culture, local Festivals and organic foods. Tirthan Valley hill station provides a calm and peacefull atmosphere that can be best experienced at Pahaddi house. Homestay which blends rustics charm of a Pahaddi Village Home with the modern lifestyle.
It is perfect spot for solitude seekers, couples, families, solo travellers, writers, artists, anglers, bikers treckers and anyone looking for peace, tranquility, inspiring vistas, long nature walks.

For bookings and Queries feel free to contact us on Phone and Wtsapp No:-
+918219370368
+919418661315
Email:[email protected]
Website:- www.tirthanriverviewhomestay.com
Instagram/page:- Tirthan Riverview Homestay
Location:- Tirthan Valley Village Ropajani PO Gushaini Teh Banjar District Kullu HP India.

This is newly made wooden two beds dorm with common bathroom.                  🎶
31/10/2022

This is newly made wooden two beds dorm with common bathroom.

🎶

Third Room with kitchen and bathroom is same like first one.                  🎶
31/10/2022

Third Room with kitchen and bathroom is same like first one.

🎶

Second room with cozy wooden hall. Bathrooms almost all are same.
31/10/2022

Second room with cozy wooden hall.
Bathrooms almost all are same.

First room with cozy and positive vibes.😍
31/10/2022

First room with cozy and positive vibes.😍

29/10/2022

View 😍

29/10/2022

Come let us feed you trout fish made in desi style here.😍

Inside looks of our Homestay.
27/10/2022

Inside looks of our Homestay.

Featuring a homestay, shared kitchen and views of tirthan river, Tirthan River View Homestay - Tirthan Valley is located...
27/10/2022

Featuring a homestay, shared kitchen and views of tirthan river, Tirthan River View Homestay - Tirthan Valley is located in Banjār, 8.2 km from Banjār. Boasting family rooms, this property also provides guests with dorms.
We have 4 rooms attached with washrooms.

Beauty of Nature Parasher Lake District Mandi HP.
30/09/2022

Beauty of Nature Parasher Lake District Mandi HP.

12/08/2022

View of Tirthan Valley Waterfalls during monsoon.

Address

Banjar
175123

Opening Hours

Monday 12am - 11:59pm
Tuesday 12am - 11:59pm
Wednesday 12am - 11:59pm
Thursday 12am - 11:59pm
Friday 12am - 11:59pm
Saturday 12am - 11:59pm
Sunday 12am - 11:59pm

Telephone

+919418661315

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