25/07/2020
* #राजस्थान के जिलों के बारे में जानकारी ।।*
गंगानगर, बीकानेर, जैसलमेर, बाडमेर, जालोर, सिरोही, उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, चित्तौड़गढ़, झालावाड़, कोटा, बारां, सवाई-माधोपुर, करौली, धौलपुर, भरतपुर, अलवर, जयपुर, सीकर, झुंझुनू, चूरु, भीलवाड़ा, हनुमानगढ़, नागौर, जोधपुर, पाली, अजमेर, बूंदी, राजसमंद, टोंक, दौसा ।।
अब कृपया इन नामों को ध्यान से देखें इन नामों में एक भी मुगलों के नाम नहीं है, अर्थात एक भी जिले का नाम मुगलो पर नही है ।।
क्योंकि लोग राजपूतों पर बहुत अंगुलिया उठाते है ।। बोलते है राजपूतो ने क्या किया.? इन जिलों के नाम से ही पता चलता होगा, राजपूतो ने क्या किया ।। अब एक एक जिलों का परिचय इस तरह है ।।
* #अजमेर:*
अजमेर 27 मार्च1112 में चौहान राजपूत वंश के तेइसवें शासक अजयराज चौहान ने बसाया ।।
* #बीकानेर:*
बीकानेर का पुराना नाम जांगल देश, राव बीकाजी राठौड़ के नाम से बीकानेर पड़ा ।।
* #गंगानगर:*
महाराजा गंगा सिंहजी से गंगानगर पड़ा ।।
* #जैसलमेर:*
जैसलमेर, महारावल जैसलजी भाटी ने बसाया ।।
* #उदयपुर:*
महाराणा उदय सिंह सिसोदियाजी ने बसाया उनके नाम से उदयपुर पड़ा ।।
* #बाड़मेर:*
बाड़मेर को राव बहाड़जी ने बसाया ।।
* #जालौर:*
जालौर की नींव 10 वी शताब्दी में परमार राजपूतों के द्वारा रखी गई ।। बाद में चौहान, राठौड़, सोलंकी आदि राजवंशो ने शासन किया ।।
* #सिरोही:*
राव सोभाजी के पुत्र, शेशथमल ने सिरानवा हिल्स की पश्चिमी ढलान पर वर्तमान शहर सिरोही की स्थापना की थी ।। उन्होंने वर्ष 1425 ईसवी में वैशाख के दूसरे दिन (द्वितिया) पर सिरोही किले की नींव रखी ।।
* #डूंगरपुर:*
वागड़ के राजा डूंगरसिंह ने ई.1358 में डूंगरपुर नगर की स्थापना की ।। बाबर के समय में उदयसिंह वागड़ के राजा थे जिसने मेवाड़ के महाराणा के संग्रामसिंह के साथ मिलकर खानुआ के मैदान में बाबर का मार्ग रोका था ।।
* #प्रतापगढ़:*
प्रताप सिंह महारावत ने बसाया ।।
* #चित्तौड़:*
स्वाभिमान, शौर्य, त्याग, वीरता, राजपुताना की शान चित्तौड़, सिसोदिया (गहलोत) वंश ने बहुत शासन किया बप्पा रावल, महाराणा प्रताप सिंहजी यहाँ षासन किया ।।
* #हनुमानगढ़:*
भटनेर दुर्ग 285 ईसा में भाटी वंश के राजा भूपत सिंह भाटी ने बनवाया इस लिए इसे भटनेर कहाँ जाता है ।। मंगलवार को दुर्ग की स्थापना होने कारण हनुमानजी के नाम पर हनुमानगढ़ कहा जाता है ।।
* #जोधपुर:*
राव जोधा ने 12 मई, 1459 ई. में आधुनिक जोधपुर शहर की स्थापना की ।।
* #राजसमंद:*
शहर और जिले का नाम मेवाड़ के राणा राज सिंह द्वारा 17 वीं सदी में निर्मित एक कृत्रिम झील, राजसमन्द झील के नाम से लिया गया है ।।
* #बूंदी:*
इतिहास के जानकारों के अनुसार 24 जून 1242 में हाड़ा वंश के राव देवा ने इसे मीणा सरदारों से जीता और बूंदी राज्य की स्थापना की ।। कहा जाता है कि बून्दा मीणा ने बूंदी की स्थापना की थी, तभी से इसका नाम *बूंदी* हो गया ।।
* #सीकर:*
सीकर जिले को "वीरभान" ने बसाया ओर "वीरभान का बास" सीकर का पुराना नाम दिया ।।
* #पाली:*
महाराणा प्रताप की जन्मस्थली एवं महाराणा उदयसिंह का ससुराल है ।। पाली मूलतया पालीवाल ब्राह्मणों द्वारा बसाया गया है ।।
* #भीलवाड़ा:*
किवदंती है कि इस शहर का नाम यहां की स्थानीय जनजाति भील के नाम पर पड़ता है, जिन्होंने 16 वीं शताब्दी में अकबर के खिलाफ मेवाड़ के राजा महाराणा प्रताप की मदद की थी ।। तभी से इस जगह का नाम भीलवाड़ा पड़ गया ।।
* #करौली:*
इसकी स्थापना 955 ई. के आसपास राजा विजय पाल ने की थी जिनके बारे में कहा जाता है कि वे भगवान कृष्ण के वंशज थे ।।
* #सवाई_माधोपुर:*
राजा माधोसिंह ने ही शहर बसाया और इसका नाम सवाई माधोपुर दिया ।।
* #जयपुर:*
जयपुर शहर की स्थापना सवाई जयसिंह ने 1727 में की ।। सवाई प्रताप सिंह से लेकर सवाई मान सिंह द्वितीय तक कई राजाओं ने शहर को बसाया ।।
* #नागौर:*
नागौर दुर्ग भारत के प्राचीन क्षत्रियों द्वारा बनाये गये दुर्गों में से एक है ।। माना जाता है कि इस दुर्ग के मूल निर्माता नाग क्षत्रिय थे ।। नाग जाति महाभारत काल से भी कई हजार साल पुरानी थी ।। यह आर्यों की ही एक शाखा थी तथा ईक्ष्वाकु वंश से किसी समय अलग हुई ।।
* #अलवर:*
कछवाहा राजपूत राजवंश द्वारा शासित एक रियासत थी, जिसकी राजधानी अलवर नगर में थी ।। रियासत की स्थापना 1770 में प्रभात सिंह प्रभाकर ने की थी ।।
* #धौलपुर:*
मूल रूप से यह नगर ग्याहरवीं शताब्दी में राजा धोलन देव ने बसाया था ।। पहले इसका नाम धवलपुर था, अपभ्रंश होकर इसका नाम धौलपुर में बदल गया ।।
* #झालावाड़:*
झालावाड़ गढ़ भवन का निर्माण राज्य के प्रथम नरेश महाराजराणा मदन सिंह झाला ने सन 1840 में करवाया था ।।
* #दौसा:*
बड़गूजरों द्वारा करवाया गया था ।। बाद में कछवाहा शासकों ने इसका निर्माण करवाया ।।
राजपूतों ने हमेशा शत्रुओं को पछाड़ा है, ना कभी किसी से हारे हमेशा विजय रहे, अपने क्षत्रिय धर्म पर अटल रहे ।।
कुछ युद्ध हारे है, जो नगण्य है ।।
ाजस्थान