Chunar -चुनार

Chunar -चुनार Chunar is the gift OF GOD. IT is ancient Town. Chunar has a great influence in history. It is a great place to visit and enjoying the nature.
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चुनार भारत के उत्तर प्रदेश प्रान्त के मिर्जापुर जनपद का एक शहर है। इसका इतिहास बहुत पुराना है। यहाँ का किला प्रसिद्ध है।

विंध्याचल पर्वत की गोद में बसे होने के कारण चुनार में पत्थर और पत्थर के इमारती सामान का प्रमुख उद्योग है। चुनार के मिट्टी के खिलौने, मूर्तियाँ और वरतन सस्ते, लाख की पालिश के कारण अत्यत चमकदार और सुंदर होते हैं। यहाँ चना, चावल, गेहूँ, तेलहन और जौ की मंडी है। वाराणसी से मिर्जापुर

जानेवाली बसों के लिये यह अच्छा स्टेशन है। चुर्क सीमेंट फैक्टरी के लिये यहाँ से रेलवे लाइन जाती है। चुनार के पास अनेक रम्य और प्राकृतिक दृश्यों के स्थान हैं जहाँ सैर सपाटे के लिये लोग आते रहते हैं।
चुनारगढ़ किला उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में वाराणसी से 45 किलोमीटर की दूरी पर चुनार शहर मे स्थित है। चुनारगढ़ फोर्ट 56 ई.पू. में उज्जैन के राजा महाराजा विक्रमादित्य द्वारा निर्मित किया गया है। चुनारगढ़ किला भारत के उन किलो मे से एक है जो आज भी जिवित है।

उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक चुनारगढ़ किला कई राजाओं और सम्राटों के अतीत में सत्तारूढ़ भारत के हाथों में पारित कर दिया गया . चुनारगढ़ फोर्ट मुगल शासक बाबर के रूप में अच्छी तरह के रूप में अफगानिस्तान राज्यपाल शेरशाह सूरी द्वारा पास किया गया था। इतिहास से पता चलता है कि शेरशाह सूरी ताज आज भि खान की विधवा, इब्राहिम लोधी के राज्यपाल से शादी करने के बाद उत्तर प्रदेश में चुनारगढ़ किले के पास है।

वर्ष 1531 में बाबर के बेटे हुमायूं ने शेरशाह के कब्जे से चयक करने के लिए उत्तर प्रदेश में चुनारगढ़ किले का प्रयास किया। लेकिन वह बुरी तरह से हार गया था। काफी समय बाद 1574 में सम्राट अकबर ऩे चुनारगढ़ किले पर कब्जा कर लिया जब शेर शाह सूरी का निधन हो गया। उत्तर प्रदेश में चुनारगढ़ फोर्ट मुगल सम्राटों के कब्जे के तहत 1772 तक था लेकिन बाद में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी मुगलों से उत्तर प्रदेश में चुनारगढ़ किले पर कब्जा कर लिया।

उत्तर प्रदेश में चुनारगढ़ किले के स्थापत्य शैली के ठीक एक मिश्रण को दर्शाता है। चुनारगढ़ किला उत्तर प्रदेश के अंदर प्रभावशाली संरचनाये आ गये है। वहाँ आज मृत धूपघड़ी, शायद राजा विक्रमादित्य के पर्यवेक्षण के अंतर्गत निर्माण किया है। चुनारगढ़ किला गंॱगा नदि के किनारे बसा हूआ है।

चुनार आज भी चीऩी मिटी के बर्तनो और खिलोनो के लिये काफी प्रसिद है।

चुनारगढ़ से ३० कि० कि दूरी पर नरायनपुर नामक एक कस्बा है। जो कि येसिया के सबसे बदे पम्प नहर के लिये प्रसिद है। चुनार एक विधान सभा क्षेत्र है, यहाँ से १५किमी की दूरी पर "कोलना" नामक एक गांव है जहा पर आज भी जमींदार मौजूद हैं जिनका निवास स्थान दरबार के नाम से जाना जाता है।

यहां एक प्राचीन मंदिर है जिसके निर्माण में केवल पत्थर का प्रयोग किया गया है जिस पर चित्र को भी उकेरा गया है जो देखने लायक है। यह मंदिर भगवान राम सीता को समर्पित है।

जल्द सुधरेगा परेड ग्राउंड और अपना अन्त्योस्थी स्थल ।।चुनार विधायक के पत्र को मिली मंजूरी ।।1: फुटबॉल, वालीबाल, क्रिकेट ग...
04/12/2024

जल्द सुधरेगा परेड ग्राउंड और अपना अन्त्योस्थी स्थल ।।

चुनार विधायक के पत्र को मिली मंजूरी ।।

1: फुटबॉल, वालीबाल, क्रिकेट ग्राउंड के लिए 235.00 लाख अवमुक्त।

2: बारापत्थर सेटलमेंट एरिया में स्थित श्यमशान घाट के मरम्मत के लिए 39.95 लाख अवमुक्त।

01/12/2024

रामघाट से घुसा ट्रक कई लोगो के दुकान गाड़ी तोड़ते हुए निकल गया ।।

60 लाख से 100 मीटर सड़क !
30/11/2024

60 लाख से 100 मीटर सड़क !

 : चुनार और भटौली पुल से होकर आवागमन करने वालों को जल्दी ही आए दिन लगने वाले जाम और संकरे रास्ते की समस्या से राहत मिल स...
28/11/2024

: चुनार और भटौली पुल से होकर आवागमन करने वालों को जल्दी ही आए दिन लगने वाले जाम और संकरे रास्ते की समस्या से राहत मिल सकती है।

दोनों पुलों की ओर जाने मार्ग को चौड़ा करने के लिए प्रस्ताव स्टीमेट तैयार कर शासन को भेजा गया है।

चुनार और भटौली पुल को बने काफी समय हो गया है। वर्ष 2018 में चुनार और 2019 में भटौली पुल पर आवागमन शुरू किया गया था। पुल पर जाने वाला मार्ग चौड़ा न होने से बड़े वाहनों को आवागमन में समस्या होती है। संकरे मार्ग की वजह से अक्सर जाम लग जाता है।

पुल बनने के बाद से मार्ग को हाईवे से जोड़ने केे लिए लंबे समय से मांग की जा रही है। साथ ही मार्ग को चौड़ा करने की भी मांग की जा रही है। चुनार और भटौली पुल को जाने वाले मार्ग को चौड़ा करने के लिए शासन को स्टीमेट भेजा गया है। पुल को चौड़ा करने के लिए 55 करोड़ का प्रस्ताव भेजा गया है।

इसमें से करीब 31 करोड़ रुपये भूमि खरीद के बदले मुआवजा के रूप में दिए जाएंगे। बची धनराशि से सड़क का निर्माण होगा। चुनार पुल से किला मार्ग की ओर जाने वाले मार्ग को साढ़े पांच मीटर चौड़ा किया जाना है। इसके लिए भी प्रस्ताव भेजा गया है।

दोनों पुलों की ओर जाने वाले मार्गों को चौड़ा करने का काम जल्दी ही शुरू हो सकता है। लोक निर्माण विभाग के निर्माण खंड-दो के अधिशासी अभियंता एके पांडेय का कहना है कि चुनार पुल से किला की ओर जाने वाले मार्ग को चौड़ा करने के लिए स्टीमेट बनाकर शासन को भेजा गया है। प्रक्रिया चल रही है। आने वाले समय में प्रस्ताव पर मुहर लग जाएगी।

चुनार में निकली गई गुरु नानक देव जी का भव्य प्रकाश उत्सव 🎉 ।।इस मौके पर भंडारा और शोभा यात्रा निकाली गई ।।
26/11/2024

चुनार में निकली गई गुरु नानक देव जी का भव्य प्रकाश उत्सव 🎉 ।।

इस मौके पर भंडारा और शोभा यात्रा निकाली गई ।।

आप सभी आमंत्रित है ।।
25/11/2024

आप सभी आमंत्रित है ।।

जब आप  #वाराणसी चुनार से जाएँगे तो  साधो माधो पुल के पास (सनबीम स्कूल  ) के पास बड़ी से  #बिल्डिंग देखेंगे ।। तो वह बिल्...
20/11/2024

जब आप #वाराणसी चुनार से जाएँगे तो साधो माधो पुल के पास (सनबीम स्कूल ) के पास बड़ी से #बिल्डिंग देखेंगे ।।

तो वह बिल्डिंग ासीय_विद्यालय है ।। जो काफ़ी बड़ा है और इस एरिया में बड़े बड़े #स्कूल आ गए है ।।

17/11/2024

देव दिवाली 🪔 के दिन का लास्ट परफॉर्मेंस ।।

ये परफॉर्मेंस सभी को अगले साल तक याद रहेगा !

17/11/2024

30 सेकंड में देखे इस बार की देव दिवाली की झलक ।।

इस साल के आयोजन के बाद घाट को सफ़ाई किया गया और सारा सामान समेटते  #वॉलंटियर्स ।।इसी के साथ इस साल का आयोजन यही तक  , यह...
16/11/2024

इस साल के आयोजन के बाद घाट को सफ़ाई किया गया और सारा सामान समेटते #वॉलंटियर्स ।।

इसी के साथ इस साल का आयोजन यही तक , यह सुंदर घाट अब नगर के हवाले ।।

जय गंगा मैया ।।
#चुनार_क्लब

दैनिक जागरण में छपी चुनार के देव दिवाली की कवरेज ।।
16/11/2024

दैनिक जागरण में छपी चुनार के देव दिवाली की कवरेज ।।

हाल ही में सेमरा में हुए जघन्य अपराध का हुआ खुलासा ।।
16/11/2024

हाल ही में सेमरा में हुए जघन्य अपराध का हुआ खुलासा ।।

तो कैसा लगा आपको अपने चुनार की देव दिवाली 🪔 का प्रोग्राम ! अपनी राय जरूर दे ! बाक़ी अपना फीडबैक भी देते जाए ।
16/11/2024

तो कैसा लगा आपको अपने चुनार की देव दिवाली 🪔 का प्रोग्राम !

अपनी राय जरूर दे ! बाक़ी अपना फीडबैक भी देते जाए ।

देव दीपावली चुनार
16/11/2024

देव दीपावली चुनार

चुनार वालो की देव दिवाली 🪔 आप सभी के सहयोग से संप्पन हुई ।।*कल की यादें अभी भी ताज़ा हैं!**कल की तस्वीरें अभी भी हमारी आ...
16/11/2024

चुनार वालो की देव दिवाली 🪔 आप सभी के सहयोग से संप्पन हुई ।।

*कल की यादें अभी भी ताज़ा हैं!*
*कल की तस्वीरें अभी भी हमारी आँखों, दिमाग और कल्पना में चल रही हैं*

*दिल से आभार और धन्यवाद!*

विशेष धन्यवाद:

नगर की सभी सहयोगी संस्थाओं
कोचिंग संस्थानों
नैनागढ़ समिति
शासनिक व प्रशाशनिक अधिकारियों

आपका सहयोग और समर्थन हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।

चुनार क्लब और चुनार क्लब टीम आपका हार्दिक स्वागत व अभिनंदन करता है।

हमें उम्मीद है कि आगे भी आपका साथ और समर्थन मिलेगा।

धन्यवाद!

*चुनार क्लब टीम*

15/11/2024

Chunar Club musical night
Dev Diwali celebration
Chunar -चुनार CHUNAR CLUB
Video credit- Vicky

15/11/2024

R***r Dismiss live show

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चुनार भारत के उत्तर प्रदेश प्रान्त के मिर्जापुर जनपद का एक शहर है। इसका इतिहास बहुत पुराना है। यहाँ का किला प्रसिद्ध है। विंध्याचल पर्वत की गोद में बसे होने के कारण चुनार में पत्थर और पत्थर के इमारती सामान का प्रमुख उद्योग है। चुनार के मिट्टी के खिलौने, मूर्तियाँ और वरतन सस्ते, लाख की पालिश के कारण अत्यत चमकदार और सुंदर होते हैं। यहाँ चना, चावल, गेहूँ, तेलहन और जौ की मंडी है। वाराणसी से मिर्जापुर जानेवाली बसों के लिये यह अच्छा स्टेशन है। चुर्क सीमेंट फैक्टरी के लिये यहाँ से रेलवे लाइन जाती है। चुनार के पास अनेक रम्य और प्राकृतिक दृश्यों के स्थान हैं जहाँ सैर सपाटे के लिये लोग आते रहते हैं। चुनारगढ़ किला उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में वाराणसी से 45 किलोमीटर की दूरी पर चुनार शहर मे स्थित है। चुनारगढ़ फोर्ट 56 ई.पू. में उज्जैन के राजा महाराजा विक्रमादित्य द्वारा निर्मित किया गया है। चुनारगढ़ किला भारत के उन किलो मे से एक है जो आज भी जिवित है। साँचा:मशीनी अनुवाद उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक चुनारगढ़ किला कई राजाओं और सम्राटों के अतीत में सत्तारूढ़ भारत के हाथों में पारित कर दिया गया . चुनारगढ़ फोर्ट मुगल शासक बाबर के रूप में अच्छी तरह के रूप में अफगानिस्तान राज्यपाल शेरशाह सूरी द्वारा पास किया गया था। इतिहास से पता चलता है कि शेरशाह सूरी ताज आज भि खान की विधवा, इब्राहिम लोधी के राज्यपाल से शादी करने के बाद उत्तर प्रदेश में चुनारगढ़ किले के पास है। वर्ष 1531 में बाबर के बेटे हुमायूं ने शेरशाह के कब्जे से चयक करने के लिए उत्तर प्रदेश में चुनारगढ़ किले का प्रयास किया। लेकिन वह बुरी तरह से हार गया था। काफी समय बाद 1574 में सम्राट अकबर ऩे चुनारगढ़ किले पर कब्जा कर लिया जब शेर शाह सूरी का निधन हो गया। उत्तर प्रदेश में चुनारगढ़ फोर्ट मुगल सम्राटों के कब्जे के तहत 1772 तक था लेकिन बाद में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी मुगलों से उत्तर प्रदेश में चुनारगढ़ किले पर कब्जा कर लिया। उत्तर प्रदेश में चुनारगढ़ किले के स्थापत्य शैली के ठीक एक मिश्रण को दर्शाता है। चुनारगढ़ किला उत्तर प्रदेश के अंदर प्रभावशाली संरचनाये आ गये है। वहाँ आज मृत धूपघड़ी, शायद राजा विक्रमादित्य के पर्यवेक्षण के अंतर्गत निर्माण किया है। चुनारगढ़ किला गंॱगा नदि के किनारे बसा हूआ है। चुनार आज भी चीऩी मिटी के बर्तनो और खिलोनो के लिये काफी प्रसिद है। चुनारगढ़ से ३० कि० कि दूरी पर नरायनपुर नामक एक कस्बा है। जो कि येसिया के सबसे बदे पम्प नहर के लिये प्रसिद है। चुनार एक विधान सभा क्षेत्र है, यहाँ से १५किमी की दूरी पर "कोलना" नामक एक गांव है जहा पर आज भी जमींदार मौजूद हैं जिनका निवास स्थान दरबार के नाम से जाना जाता है। यहां एक प्राचीन मंदिर है जिसके निर्माण में केवल पत्थर का प्रयोग किया गया है जिस पर चित्र को भी उकेरा गया है जो देखने लायक है। यह मंदिर भगवान राम सीता को समर्पित है।


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