28/02/2022
महाशिवरात्रि विशेष___
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मधुबनी जिला अंतर्गत पंडौल प्रखंड के भवानीपुर मे स्थित छैथ बाबा उगना जिनकर इतिहास बहुत पुराण अछि...
अहि मंदिरक निर्माण 1932 मे तत्कालीन महाराज आ ग्रामीणक सहयोग सँ काएल गेलैक प्राचीनताक ठेकान अहियो सँ लगायल जा सकैत अछि जे एतय सात फुट नीच्चा जा'क शिवलिंग के दर्शन हैत, अहि मंदिर के गर्भगृह मे प्रवेश करबाक लेल छह सीढ़ी उतैर क जाए परैत छै अहिना उज्जैन मे स्थित महाकाल मंदिर मे सेहो छह सीढ़ी निच्चा गेलाक बाद महादेवक दर्शन होएत छै, मंदिरक सत्यताक प्रमाण इहो अछि जे 1934 मे एल विध्वंसकारी भूकंप स सेहो अहि मंदिर पर कोनो फर्क नै देखबा मे आयल!
बाबा विद्यापति महादेवक भक्त रहैथ महादेव के खूब नचारी गाबि क सुनबथिन महादेव खुश भ उगनाक रूप मे धरतीलोक एलाह, बाबा विद्यापति के चाकरी करह लगलाह अहि क्रम मे विद्यापति उगना संगे राजा शिव शिंह के दरबार जा रहल छला एकटा घनघोर जंगलक बिच बाबा विद्यापति के खूब जोर प्यास लगलैन आ कहला "रे उगना जल्दी सँ पाइन ला रउ नै ता हम मइर जेबउ बर जोर स प्यास लागी गेलौ" कहैत प्यासे ओंघराय लगलाह, आब उगना परेशान भ एम्हर-उम्हर पाइन खोजैत फिरैथ कतौ दूर दूर तक नै देखला बाद उगना एकटा गाछक पिछु नुका क अप्पन असली रूप मे आबि क अपन जटा सँ गंगाजल निकाललाह आ बाबा विद्यापति के पाइन देलखिन, बाबा विद्यापति पाइन पिबैते देरी चौंक गेलाह आ उगना स पुछलैथ " रे उगना इ त गंगाजल छउ, हमरा कह एत गंगाजल कत भेटलौ" उगना नै चाहैत विवश भ अप्पन मूल स्वरुप देखा देलाह, बाबा विद्यापति उगना के चरण मे गिर आ माफी मँगैत कहला "प्रभु हमरा छमाँ करू हम अहाँ के चिन्ह नै सकलौं हमरा स पहुत पैघ अपराध भ गेल"
एक दिन उगना के बेलपत्र लाबै में कनेक देर भ गेलनि ताहि पर सुधीरा (बाबा विद्यापति के धर्मपत्नी) क्रोधित भ गेली ओ चुल्हा मे जरैत एकटा खोरनाठ निकाइल क उगना के मारबाक लेल उठेल्खिन "सर'धुआ आइ तोरा नै छोरबउ तों बड् शैतान भ गेलहै हमर बच्चा सब भुखले बिलाय्प रहल अछि आ तों एतेक देर मे बेलपत्र ल' क' एलै है" कहैत हुनका दिश गेलैथ, तखन बाबा विद्यापति स देखल नै गेलन्हि और ओ बजला "हे हे इ की करैत छि इ त साक्षात महादेव थिकाह" एतबे सुनैत उगना बिला गेलखिन, बाबा विद्यापति हुनका रोने-बोने खोजने फिरैथ आ खोजैत-खोजैत बाबा विद्यापति ओहि बोन मे पहुँच गेलैथ जाहि ठाम उगना अप्पन मूल स्वरुप देखने रहथिन, खूब जोर-जोर स गबैथ 'उगना रे मोर कतय गेलाह' महादेव के देख क दया एलैन आ महादेव दर्शन देलखिन कहलखिन "हम आब तोरा संग त नै रहबउ धैर एतह आब शिवलिंग के रूप मे हम रहबउ" बाबा विद्यापति अप्पन रचना मे लिखने छैथ "नंदन वन में भेटला महेश, गौरी मन हर्षित मेटल कलेश"
जाहि ठाम महादेव अप्पन असल रूप देखेलैथ ओहि ठाम अखनो अँकुरित शिवलिंग छै आ जाहि ठाम महादेव अपन जटा स गंगाजल निकलने रहैथ ओ इनारक रूप मे अखनो अछि जेकरा "चन्द्रकुप" के नाम स जानल जैत छै, ओहि चन्द्रकुप मे गंगा जल के प्रमाण आखनो अछि प्रमाणित करबाक लेल देशक कएटा जल वैज्ञानिक सब केने छैथ आ ओकर प्रमाण एखनो दरभंगा मे राखल छैक,
लोक अहि स्थान के उगना महादेव, उग्रनाथ महादेव आदि नाम स जनैत छैथ!
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~ पल्लवी झा