Deepak Rawat

Deepak Rawat Himalayan Zone

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02/04/2024

Escape the ordinary and immerse yourself in the tranquil embrace of nature's beauty. Experience a stay like no other, where the symphony of the forest lulls you to sleep and the morning dew welcomes you to a new day of serenity.

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अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ
21/06/2023

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ

नौ नवंबर की तारीख इतिहास में उत्तराखंड के स्थापना दिवस के तौर पर दर्ज हैं. पृथक उत्तराखंड की मांग को लेकर कई वर्षों तक च...
09/11/2022

नौ नवंबर की तारीख इतिहास में उत्तराखंड के स्थापना दिवस के तौर पर दर्ज हैं. पृथक उत्तराखंड की मांग को लेकर कई वर्षों तक चले आंदोलन के बाद आखिरकार 9 नवंबर 2000 को उत्तराखण्ड को सत्ताइसवें राज्य के रूप में भारत गणराज्य में शामिल किया गया था.  वर्ष 2000 से 2006 तक इसे उत्तरांचल के नाम से पुकारा जाता था, लेकिन जनवरी 2007 में स्थानीय लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए इसका आधिकारिक नाम बदलकर उत्तराखण्ड कर दिया गया.
जय भारत
जय उत्तराखंड
जय देवभूमि

करवा चौथ की हार्दिक शुभकामनाएँ ।
13/10/2022

करवा चौथ की हार्दिक शुभकामनाएँ ।

भारत के उत्तराखंड में 9 सितंबर को हिमालय दिवस हिमालय के संवरक्षण, पर्यावरण और पर्यटन के महत्व को दर्शाने के लिए यह दिवस ...
10/09/2022

भारत के उत्तराखंड में 9 सितंबर को हिमालय दिवस हिमालय के संवरक्षण, पर्यावरण और पर्यटन के महत्व को दर्शाने के लिए यह दिवस मनाया जाता है। हिमालय को धरती का केंद्र माना जाता है क्योंकि इसके उत्तर में उत्तरी ध्रुव और दक्षिण में दक्षिणी ध्रुव है इसी के साथ यहां पर हजारों पहाड़ियों की श्रृंखलाएं हैं, जो मानव को आकर्षित करती हैं और जहां छुपे हैं अनगिनत रहस्य। हिमालय के कुछ प्रमुख शिखरों में सबसे महत्वपूर्ण सागरमाथा हिमालय, एवरेस्ट, अन्नपूर्णा, गणेय, लांगतंग, मानसलू, रोलवालिंग, जुगल, गौरीशंकर, कुंभू, के 2, लहोत्से, मकालू, चो ओयू, नागा, नैनादेवी, धौलागिरी और कंचनजंघा हैं। सिंधु, गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र और यांगतेज बड़ी नदियां हैं जो हिमालय से ही निकलती है। हिमालय में विश्व की सबसे सुंदर और अद्भुत झीलें हैं। कहते हैं कि हिमालय में 4,699 झीलें पाई जाती हैं। हिमालय में ग्लेशियरों का कुंभ है। यहां पर अद्भुत फूल उगते हैं जिसमें नारिलता, ब्रह्म कमल, नील कमल, कृष्ण कमल और अन्य कई तरह के दुर्लभ कमल के फूल हिमालय में ही पाए जाते हैं। हिमालय में उबसे ऊंचे पेड़ पाए जाते हैं। चीड़, पाइन और देवदार महत्वपूर्ण शंकुधारी पेड़ हैं जो इन जंगलों में पाए जाते हैं। इसी के साथ दुनिया के सबसे ऊंचे हिल स्टेशन भी यहीं पर है। मुण्डकोपनिषद् के अनुसार सूक्ष्म-शरीरधारी आत्माओं का एक संघ है। इनका केंद्र हिमालय की वादियों में उत्तराखंड में स्थित है। इसे देवात्मा हिमालय कहा जाता है। इन दुर्गम क्षेत्रों में स्थूल-शरीरधारी व्यक्ति सामान्यतया नहीं पहुंच पाते हैं।
जय हिमालय,
जय देवभूमि, जय उत्तराखंड,
जय भारत



HIGH ALERT        Regards
21/08/2022

HIGH ALERT






Regards

उत्तराखंड के लोकपर्व हरैला की सबको हार्दिक शुभकामनाएँ।।प्राकृतिक संपदा से परिपूर्ण राज्य उत्तराखंड की कला एवं संस्कृति द...
16/07/2022

उत्तराखंड के लोकपर्व हरैला की सबको हार्दिक शुभकामनाएँ।।
प्राकृतिक संपदा से परिपूर्ण राज्य उत्तराखंड की कला एवं संस्कृति दुनिया भर में प्रसिद्ध है. इसे देवों की भूमि के नाम से भी जाना जाता है. यहां की संस्कृति में विविधताएं देखने को मिलती है जिसके कारण यहां पर देशी विदेशी पर्यटकों का खूब जमावड़ा लगता है. उत्तराखंड के कुछ प्रमुख पर्व है जिसमें से एक है हरैला, जिसकी चर्चा लोग खूब करते हैं. आज यह पर्व देव भूमि में धूम धाम से मनाया जा रहा है. आपको बता दें कि उत्तराखंड में इस पर्व के बाद ही सावन की शुरूआत होती है. 
इस दिवस पर मैं अपने कुछ विचार आपके सम्मुख...
प्रकृति ने हमे निशुल्क प्राकृतिक उपहार दिए है, अगर ये प्रकृति न होती तो शायद जीवन भी न होता पर सोचनीय विषय यह है कि क्या हम प्रकृति के प्रति उतने ही समर्पित है? क्या हम प्रकृति के प्रति उतने ही अनुशासित है? क्या हमने भी प्रकृति के द्वारा दिये गये निशुल्क उपहारों के बदले प्रकृति को कुछ दिया है? हमे शुक्रगुज़ार होना चाहिए इस प्रकृति का कि इसने हमें यह अमुल्य जीवन दिया है।

इसी बात को ध्यान में रखते हुए आज क़रीब 500 वृक्षों को लगाने का संकल्प पुरा किया।

जय भारत, जय उत्तराखंड, जय देवभूमि



“ईद मुबारक”सभी भारतवासियों को ईद की हार्दिक शुभकामनाएँ।
10/07/2022

“ईद मुबारक”
सभी भारतवासियों को ईद की हार्दिक शुभकामनाएँ।




अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2022योग एक प्राचीन शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक अभ्यास है जिसकी उत्पत्ति भारत में हुई थी। शब्द ...
21/06/2022

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2022

योग एक प्राचीन शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक अभ्यास है जिसकी उत्पत्ति भारत में हुई थी। शब्द 'योग' संस्कृत से निकला है और इसका मतलब शरीर और चेतना के मिलन का प्रतीक है या एकजुट होना।
कहा जाता है कि पहले योगी (आदि योगी) शिव ने इस दिन शेष मानव जाति को योग का ज्ञान देना शुरू किया था, और वे पहले गुरु (आदि गुरु) बने।
योग केवल व्यायाम के बारे में नहीं है; यह अपने आप को, दुनिया और प्रकृति के साथ एकता की भावना की खोज करने का एक तरीका है।
इसके सबसे प्रसिद्ध चिकित्सकों में से एक, स्वर्गीय बी के एस अयंगर के शब्दों में, "योग दिन-प्रतिदिन के जीवन में एक संतुलित रवैया बनाए रखने के तरीकों की खेती करता है और एक के कार्यों के प्रदर्शन में कौशल का समर्थन करता है।"
करे योग रहे निरोग

01/06/2022
शहीदों को श्रद्धांजलि कोरोना के बाद लोगों में स्वास्थ के प्रति जागरूकता जगाने के लिए अम्बोस द्वारा दून वैली में शहीद मैर...
16/04/2022

शहीदों को श्रद्धांजलि
कोरोना के बाद लोगों में स्वास्थ के प्रति जागरूकता जगाने के लिए अम्बोस द्वारा दून वैली में शहीद मैराथन का आयोजन किया गया जिसमें “छानी” बाये हिमालय जोन ने रिफ़्रेशमेंट पार्टनर की भूमिका निभाई।
आयोजन में श्री अशोक कुमार, डीजीपी, देहरादून एवं श्री संजय गर्ग, डायरेक्टर, पेसिफिक गोल्फ एस्टेट, बतौर मुख्य अतिथि सम्मिलित हुए।
मैराथन की शुरुआत दून वैली मैराथन के ब्रांड एम्बेसडर कर्नल कृष्णन सिंह बधावर द्वारा की गई, उन्होंने सौ किलोमीटर दौड़ कर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। मेजर शशि मेहता ने भी सभी धावकों का हौसला बढ़ाया। मैराथन के पहले भाग को सुबह 5:30 पर हरी झंडी दिखाई गई, एवं 6 बजे दूसरे भाग को हरी झंडी दिखाई गई। 6:30 पर 5 किलोमीटर लंबी रेस को हरी झंडी दिखाई गई। मैराथन में उम्र के हिसाब से चार कैटेगरी में रखा गया, जिसमे 14 से 34 वर्ष, 35 से 40, 45 से 54 एवं 55+ कैटेगरी थी। सभी कैटेगरी के विजेता पुरुष एवं महिला प्रतिभागियों को अलग अलग अवार्ड दिए गए। एवं सभी 72 प्रतिभागियों को ट्रॉफी एवं नकद इनाम मिला। कार्यक्रम में ज्यादातर प्रतिभागी डिफेंस बैकग्राउंड से थे, एवक उनका प्रदर्शन भी उम्दा रहा। रेस में 8 वर्ष से लेकर 65 वर्ष तक के लोगों ने हिस्सा लिया।
कार्यक्रम को पूरा करने में वॉलंटियर टीम ने भी अहम भूमिका निभाई, जिन्होंने जगह जगह प्रतिभागियों को रास्ता दिखा कर अपना योगदान दिया। प्रतिभागियों एवं अपना योगदान देने वालों के सम्मिलित सार्थक प्रयासों से कार्यक्रम सफल रहा।

“हमारे शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए दून वैली मैराथन”हमारे देश के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए इस गर्मी म...
08/04/2022

“हमारे शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए दून वैली मैराथन”

हमारे देश के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए इस गर्मी में, देहरादून के विशाल शहर में दून वैली मैराथन को शहीद रन के रूप में मनाया जाता है। सभी लिंग के विभिन्न आयु समूहों के लिए दौड़ संरचना को 5, 10 और 21 किलोमीटर की तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है। यह आयोजन 10 अप्रैल, 2022 की सुबह 5 बजे शुरू होगा और दोपहर तक समाप्त होगा।

गणमान्य व्यक्तियों में हमारे ब्रांड एंबेसडर कर्नल कृष्ण सिंह बधवार, एसएम, और एचडीओआर 2021 विजेता, लगातार सबसे अधिक अल्ट्रा मैराथन के विश्व रिकॉर्ड धारक और एक ही रन में 222 किमी मैराथन पूरा करने का रिकॉर्ड धारक शामिल हैं।
फेस ऑफ द इवेंट के रूप में हमारे पास मेजर शशि मेहता हैं। वह एनसीसी अधिकारी, अल्ट्रा मैराथन धावक और देहरादून की मैराथन रानी हैं।

नवरात्र की सबको हार्दिक शुभकामनाएँनवरात्रि के प्रथम दिन मां दुर्गा के प्रथम रूप मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। हिमालय...
02/04/2022

नवरात्र की सबको हार्दिक शुभकामनाएँ

नवरात्रि के प्रथम दिन मां दुर्गा के प्रथम रूप मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। हिमालय की पुत्री होने के कारण मां को शैलपुत्री नाम से जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां शैलपुत्री की पूजा करने से अच्छा स्वास्थ्य और मान- सम्मान मिलता है। मां शैलपुत्री की पूजा करने से उत्तम वर की प्राप्ति भी होती है।
माँ का आशीर्वाद आप सभी पर बना रहे ।

आज आपको बताते हैं उत्तराखंड राज्य के टिहरी जिले के एक छोटे से क़स्बे के बारे में जिसका नाम है कानाताल, समुद्र तल से क़री...
14/02/2022

आज आपको बताते हैं उत्तराखंड राज्य के टिहरी जिले के एक छोटे से क़स्बे के बारे में जिसका नाम है कानाताल, समुद्र तल से क़रीब 7500 फ़िट की ऊँचाई पर स्थित यह बहुत ही खूबसूरत गाँव है जहां एक तरफ़ देवदार के घने जंगल व दूसरी तरफ़ हिमालय का विहंगम दृश्य देखने को मिलता है। आपके सम्मुख बर्फ़बारी के क्षणों की कुछ तस्वीरें प्रस्तुत कर रहा है जिससे आपका मन भी गदगद हो जायेगा। आईए आप भी और उत्तराखंड के इस शानदार जगह का आनंद लीजिए।

धन्यवाद
जय भारत, जय उत्तराखंड, जय देवभूमि

11/02/2022

Snow Ride Kanatal, Uttarakhand

कुछ नशा तिरंगे की आन का है,कुछ नशा मातृभूमि की मान का है,हम लहरायेंगे हर जगह ये तिरंगा,नशा ये हिन्दुस्तान की शान का है…ग...
26/01/2022

कुछ नशा तिरंगे की आन का है,
कुछ नशा मातृभूमि की मान का है,
हम लहरायेंगे हर जगह ये तिरंगा,
नशा ये हिन्दुस्तान की शान का है…
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ

छानी की प्रथम वर्षगाँठ आज के दिन जनवरी माह 2021 में “छानी” प्रोजेक्ट की नींव रखी गई थी। उत्तराखंड का प्रथम प्रमोशनल सेंट...
23/01/2022

छानी की प्रथम वर्षगाँठ
आज के दिन जनवरी माह 2021 में “छानी” प्रोजेक्ट की नींव रखी गई थी। उत्तराखंड का प्रथम प्रमोशनल सेंटर जिसका उद्देश्य है उत्तराखंड की परम्परागत हस्तकला, परम्परागत भोजन व संस्कृति से लोगों को रूबरू कराना..
एक वर्ष का यह सफ़र बहुत ही शानदार रहा जिसने छानी को एक नये मुक़ाम पर पहुँचा दिया।
छानी टीम उन सभी लोगों का तहेदिल से धन्यवाद करती है जिन्होंने ना सिर्फ़ अपना बहुमूल्य समय दिया बल्कि हमारे इस संकल्पना को कई लोगों तक पहुँचाने में अपना योगदान दिया ।
धन्यवाद

🙏 OM SHANTI 🙏
08/12/2021

🙏 OM SHANTI 🙏

“छानी” (Chhani by Himalayan Zone)उत्तराखंड का प्रथम प्रमोशनल सेंटर जहां पर आप रूबरू हो सकते है उत्तराखंड की परम्परागत हस...
14/11/2021

“छानी” (Chhani by Himalayan Zone)
उत्तराखंड का प्रथम प्रमोशनल सेंटर जहां पर आप रूबरू हो सकते है उत्तराखंड की परम्परागत हस्तकला, परम्परागत भोजन व संस्कृति से..
यह स्थान भारत के उत्तराखंड राज्य के देहरादून जिले में बजेत नामक गॉव में स्थित है | देहरादून शहर (घंटाघर) से लगभग 30-40 मिनट (11 किमी) ड्राइव कर, खलंगा व ओली का घना जगंल पार करके इस स्थान (छानी) पर पहुँचा जा सकता है |
यहां पुरा जंगल साल के पेड़ों से घिरा है, साथ में भीमल, तुन व चीड़ आदि के पेड़ भी पाये जाते है |
इस जंगल में छोटे बड़े सभी प्रकार के जानवर निवास करते हैं जैसे तेदुंवा (Leopard), भालू (Bear ), वाईल्ड बोर, बारहसिंगा, गिदड़, ख़रगोश आदि | जानवरों के अलावा यहां पर कई प्रकार के पक्षी भी पाये जाते है, जैसे वेस्टर्न क्राउन लीफ वार्बलर, ग्रे ट्रीपी, स्लेटी-हेडेड पैराकेट और टाइगर फ्लाईकैचर आदि ।
by Himalayan Zone

# Authentic pahadi food
art and craft

Dehradun

06/11/2021

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