15/11/2022
शारीरिक कष्टों से हैं परेशान तो करें यह पाठ, संकटमोचन हरेंगे सारे कष्ट
हनुमान जी को महादेव का अवतार माना जाता है। उन्हें कलियुग का साक्षात देवता माना जाता है, क्योंकि हनुमान जी आज भी धरती पर मौजूद हैं। हनुमान जी को बजरंगबली, संकटमोचन आदि जैसे कई नामों से जाना जाता है। जो भी भक्त हनुमान जी का या उनके आराध्य श्रीराम जी का पूजन पूरी श्रद्धा के साथ करता है, हनुमान जी अपने उस भक्त की कामना ज़रूर पूरी करते हैं और हर संकट से उबार देते हैं। कहा जाता है कि एक बार कष्ट के समय गोस्वामी तुलसीदास जी ने हनुमान जी को याद किया था। भक्तिमय होकर उन्होंने उस समय ‘हनुमान बाहुक’ नाम से एक रचना की थी। इससे प्रसन्न होकर संकटमोचन ने उनके सारे कष्ट हर लिए थे।
हनुमान बाहुक का पाठ आज भी बेहद शक्तिशाली माना जाता है। मान्यता है कि इसे करने से शारीरिक कष्ट और तमाम बीमारियां दूर हो जाती हैं।
कहते हैं कि एक बार गोस्वामी तुलसीदास जी बीमार हो गए। उनके हाथ में असहनीय पीड़ा हो रही थी। उसे दूर करने के लिए तुलसीदास जी ने हनुमान जी को पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ याद करते हुए उनकी स्तुति करना शुरु कर दिया। 44 चरणों की इस स्तुति को तुलसीदास जी ने हनुमान बाहुक का नाम दिया। मान्यता है कि अगर व्यक्ति असहनीय पीड़ा के समय इस स्तुति को पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ करे, तो उसके कष्ट ज़रूर दूर होते हैं।
ऐसे करें हनुमान बाहुक का पाठ
हनुमान बाहुक का पाठ करने से पहले किसी ज्योतिषाचार्य से शुभ मुहूर्त का पता कर लें, तब इस का आरंभ करें। किसी विशेष मंशा से इस पाठ को करने के लिए यह स्तुति कम से कम 21 या 26 दिनों तक लगातार करें। स्तुति करते समय हनुमान जी के समक्ष एक पात्र में जल भर कर रखें और उसमें तुलसी का एक पत्ता डाल दें। पूजा संपन्न होने के बाद तुलसी के पत्ते को उसी पानी के साथ निगल जाएं। कहा जाता है कि ऐसा करने से गठिया, वात रोग, सिर दर्द, गले में दर्द, जोड़ों का दर्द आदि तमाम तरह के शारीरिक कष्टों से मुक्ति मिलती है।
भूत-प्रेत जैसी चीज़ें नहीं आती पास
कहा जाता है कि हनुमान जी के नाम से ही नकारात्मक शक्तियां घबराती हैं। जो लोग हनुमान बाहुक का नियमित पाठ करते हैं, उनके आस-पास एक सुरक्षा घेरा बन जाता है। ऐसे में भूत और प्रेत जैसी चीज़ें व्यक्ति को छू नहीं सकती। यह भी मान्यता है कि हनुमान बाहुक का पाठ करने से व्यक्ति के रुके हुए काम बन जाते हैं। परिवार में धन-दौलत, नौकरी आदि से जुड़े सारे संकट दूर हो जाते हैं।