Baba Banarasi

Baba Banarasi "Paryatan Guru” which means “Tourism Master” is a New Delhi (INDIA) Based Travel Manaagement company. Earlier Known as “Mahesh Hotel Reservation Solutions”.

Travel Management Company Providing services of Domestic and International Holiday Packages, Air-Ticket, All India Car Rental, VISA & Passport Assistance, Travel Insurance, Forex etc. Paryatan Guru Holidays Private Limited is A Unit of SMS Entrepreneur. Started in 2009 with the name of “Mahesh Hotel Reservation Solutions” by a highly motivated and passionate individuals in, was born out of the lov

e of traveling. Through our vast travel experience, we believe that knowledge and experience is only valuable when it's shared with others. Hence, we have always had the conviction to help others to travel and realize their dream to broaden the minds." "At Parytan Guru, we sincerely believe in offering only the highest quality of customer service with a tag line of “Happy Customer Creates More Customers” to every single one of our customers. Through our extensive and strong network and with the help of our trained professionals and well experienced staffs, we strive to enable you to have Your Travel, Your Way. We are available 24X7 of all 365 days to make your Travel experience hassle free. We are just a call or Message way from you.

I have reached 900 followers! Thank you for your continued support. I could not have done it without each of you. 🙏🤗🎉
20/03/2024

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14/01/2024

Pathetic services by Indigo. Over to this rude behavior of staff IndiGo Ministry of Civil Aviation, Government of India Ministry of Tourism, Government of India Jyotiraditya M Scindia PMO India Gujarat Tourism

07/11/2023
बाबर आजम निसंदेह एक अच्छा बल्लेबाज है पर इसकी Body language और Personality देखकर लगता है मानो अभी तौलिए मे हाथ पोंछते हु...
17/09/2023

बाबर आजम निसंदेह एक अच्छा बल्लेबाज है पर इसकी Body language और Personality देखकर लगता है मानो अभी तौलिए मे हाथ पोंछते हुए आकर धीरे से बोलेगा......

भैया पूरी लाइन कट गयी, बड़ी कील थी टूब बदल्ना पड़ेगा। यमारफ को डलवा ल्यो इशांअल्लाह बढ़िया चलेगा....!!

चलो चले🛕🕉️ केदारनाथ और बद्रीनाथ🕉️🛕सारे धाम बार बार केदार-बद्री धाम एक बार
10/08/2023

चलो चले🛕🕉️ केदारनाथ और बद्रीनाथ🕉️🛕सारे धाम बार बार केदार-बद्री धाम एक बार

Shout out to my newest followers! Excited to have you onboard!Gautam Jaiswal, Shibu Kejriwal
26/07/2023

Shout out to my newest followers! Excited to have you onboard!

Gautam Jaiswal, Shibu Kejriwal

19/07/2023

मैंने गांधी को क्यों मारा
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Shout out to my newest followers! Excited to have you onboard!  Thank you Guys.Shashikant Dubey, Ashish Kumar, Arvind Kh...
19/07/2023

Shout out to my newest followers! Excited to have you onboard! Thank you Guys.

Shashikant Dubey, Ashish Kumar, Arvind Khvadu, Raj Sahu, Nanhe Sharma

पाकिस्तान के पूर्व गेंदबाज राणा नावेद ने दिया बयान "वर्ल्ड कप मैच में भारत के मुसलमान पाकिस्तान टीम को सपोर्ट करेंगे"   ...
17/07/2023

पाकिस्तान के पूर्व गेंदबाज राणा नावेद ने दिया बयान "वर्ल्ड कप मैच में भारत के मुसलमान पाकिस्तान टीम को सपोर्ट करेंगे"

15/07/2023

दिल्ली में यमुना का पानी सुप्रीम कोर्ट पहुँचा
सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा पहले हाई कोर्ट जाओ

Shout out to my newest followers! Excited to have you onboard!Raju Girdhar, Vinod Jain, Rakesh Kumar, Girish Chandra Jos...
29/06/2023

Shout out to my newest followers! Excited to have you onboard!

Raju Girdhar, Vinod Jain, Rakesh Kumar, Girish Chandra Joshi Girish

22/06/2023

बाइडेन चाची बड़ा खुश हइन
हमके त बस यही देख देख के बड़ा खुशी होत हौ😋😋😍

झांसी के अंतिम संघर्ष में महारानी की पीठ पर बंधा उनका बेटा दामोदर राव (असली नाम आनंद राव) सबको याद है. रानी की चिता जल ज...
22/06/2023

झांसी के अंतिम संघर्ष में महारानी की पीठ पर बंधा उनका बेटा दामोदर राव (असली नाम आनंद राव) सबको याद है. रानी की चिता जल जाने के बाद उस बेटे का क्या हुआ
वो कोई कहानी का किरदार भर नहीं था, 1857 के विद्रोह की सबसे महत्वपूर्ण कहानी को जीने वाला राजकुमार था जिसने उसी गुलाम भारत में जिंदगी काटी, जहां उसे भुला कर उसकी मां के नाम की कसमें खाई जा रही थी.
अंग्रेजों ने दामोदर राव को कभी झांसी का वारिस नहीं माना था, सो उसे सरकारी दस्तावेजों में कोई जगह नहीं मिली थी. ज्यादातर हिंदुस्तानियों ने सुभद्रा कुमारी चौहान के कुछ सही, कुछ गलत आलंकारिक वर्णन को ही इतिहास मानकर इतिश्री कर ली.
1959 में छपी वाई एन केलकर की मराठी किताब ‘इतिहासाच्य सहली’ (इतिहास की सैर) में दामोदर राव का इकलौता वर्णन छपा.
महारानी की मृत्यु के बाद दामोदार राव ने एक तरह से अभिशप्त जीवन जिया. उनकी इस बदहाली के जिम्मेदार सिर्फ फिरंगी ही नहीं हिंदुस्तान के लोग भी बराबरी से थे.
आइये, दामोदर की कहानी दामोदर की जुबानी सुनते हैं –
15 नवंबर 1849 को नेवलकर राजपरिवार की एक शाखा में मैं पैदा हुआ. ज्योतिषी ने बताया कि मेरी कुंडली में राज योग है और मैं राजा बनूंगा. ये बात मेरी जिंदगी में सबसे दुर्भाग्यपूर्ण ढंग से सच हुई. तीन साल की उम्र में महाराज ने मुझे गोद ले लिया. गोद लेने की औपचारिक स्वीकृति आने से पहले ही पिताजी नहीं रहे.
मां साहेब (महारानी लक्ष्मीबाई) ने कलकत्ता में लॉर्ड डलहॉजी को संदेश भेजा कि मुझे वारिस मान लिया जाए. मगर ऐसा नहीं हुआ.
डलहॉजी ने आदेश दिया कि झांसी को ब्रिटिश राज में मिला लिया जाएगा. मां साहेब को 5,000 सालाना पेंशन दी जाएगी. इसके साथ ही महाराज की सारी सम्पत्ति भी मां साहेब के पास रहेगी. मां साहेब के बाद मेरा पूरा हक उनके खजाने पर होगा मगर मुझे झांसी का राज नहीं मिलेगा.
इसके अलावा अंग्रेजों के खजाने में पिताजी के सात लाख रुपए भी जमा थे. फिरंगियों ने कहा कि मेरे बालिग होने पर वो पैसा मुझे दे दिया जाएगा.
मां साहेब को ग्वालियर की लड़ाई में शहादत मिली. मेरे सेवकों (रामचंद्र राव देशमुख और काशी बाई) और बाकी लोगों ने बाद में मुझे बताया कि मां ने मुझे पूरी लड़ाई में अपनी पीठ पर बैठा रखा था. मुझे खुद ये ठीक से याद नहीं. इस लड़ाई के बाद हमारे कुल 60 विश्वासपात्र ही जिंदा बच पाए थे.
नन्हें खान रिसालेदार, गनपत राव, रघुनाथ सिंह और रामचंद्र राव देशमुख ने मेरी जिम्मेदारी उठाई. 22 घोड़े और 60 ऊंटों के साथ बुंदेलखंड के चंदेरी की तरफ चल पड़े. हमारे पास खाने, पकाने और रहने के लिए कुछ नहीं था. किसी भी गांव में हमें शरण नहीं मिली. मई-जून की गर्मी में हम पेड़ों तले खुले आसमान के नीचे रात बिताते रहे. शुक्र था कि जंगल के फलों के चलते कभी भूखे सोने की नौबत नहीं आई.
असल दिक्कत बारिश शुरू होने के साथ शुरू हुई. घने जंगल में तेज मानसून में रहना असंभव हो गया. किसी तरह एक गांव के मुखिया ने हमें खाना देने की बात मान ली. रघुनाथ राव की सलाह पर हम 10-10 की टुकड़ियों में बंटकर रहने लगे.
मुखिया ने एक महीने के राशन और ब्रिटिश सेना को खबर न करने की कीमत 500 रुपए, 9 घोड़े और चार ऊंट तय की. हम जिस जगह पर रहे वो किसी झरने के पास थी और खूबसूरत थी.
देखते-देखते दो साल निकल गए. ग्वालियर छोड़ते समय हमारे पास 60,000 रुपए थे, जो अब पूरी तरह खत्म हो गए थे. मेरी तबियत इतनी खराब हो गई कि सबको लगा कि मैं नहीं बचूंगा. मेरे लोग मुखिया से गिड़गिड़ाए कि वो किसी वैद्य का इंतजाम करें.
मेरा इलाज तो हो गया मगर हमें बिना पैसे के वहां रहने नहीं दिया गया. मेरे लोगों ने मुखिया को 200 रुपए दिए और जानवर वापस मांगे. उसने हमें सिर्फ 3 घोड़े वापस दिए. वहां से चलने के बाद हम 24 लोग साथ हो गए.
ग्वालियर के शिप्री में गांव वालों ने हमें बागी के तौर पर पहचान लिया. वहां तीन दिन उन्होंने हमें बंद रखा, फिर सिपाहियों के साथ झालरपाटन के पॉलिटिकल एजेंट के पास भेज दिया. मेरे लोगों ने मुझे पैदल नहीं चलने दिया. वो एक-एक कर मुझे अपनी पीठ पर बैठाते रहे.
हमारे ज्यादातर लोगों को पागलखाने में डाल दिया गया. मां साहेब के रिसालेदार नन्हें खान ने पॉलिटिकल एजेंट से बात की.
उन्होंने मिस्टर फ्लिंक से कहा कि झांसी रानी साहिबा का बच्चा अभी 9-10 साल का है. रानी साहिबा के बाद उसे जंगलों में जानवरों जैसी जिंदगी काटनी पड़ रही है. बच्चे से तो सरकार को कोई नुक्सान नहीं. इसे छोड़ दीजिए पूरा मुल्क आपको दुआएं देगा.
फ्लिंक एक दयालु आदमी थे, उन्होंने सरकार से हमारी पैरवी की. वहां से हम अपने विश्वस्तों के साथ इंदौर के कर्नल सर रिचर्ड शेक्सपियर से मिलने निकल गए. हमारे पास अब कोई पैसा बाकी नहीं था.
सफर का खर्च और खाने के जुगाड़ के लिए मां साहेब के 32 तोले के दो तोड़े हमें देने पड़े. मां साहेब से जुड़ी वही एक आखिरी चीज हमारे पास थी.
इसके बाद 5 मई 1860 को दामोदर राव को इंदौर में 10,000 सालाना की पेंशन अंग्रेजों ने बांध दी. उन्हें सिर्फ सात लोगों को अपने साथ रखने की इजाजत मिली. ब्रिटिश सरकार ने सात लाख रुपए लौटाने से भी इंकार कर दिया.
दामोदर राव के असली पिता की दूसरी पत्नी ने उनको बड़ा किया. 1879 में उनके एक लड़का लक्ष्मण राव हुआ.दामोदर राव के दिन बहुत गरीबी और गुमनामी में बीते। इसके बाद भी अंग्रेज उन पर कड़ी निगरानी रखते थे। दामोदर राव के साथ उनके बेटे लक्ष्मणराव को भी इंदौर से बाहर जाने की इजाजत नहीं थी।
इनके परिवार वाले आज भी इंदौर में ‘झांसीवाले’ सरनेम के साथ रहते हैं. रानी के एक सौतेला भाई चिंतामनराव तांबे भी था. तांबे परिवार इस समय पूना में रहता है. झाँसी के रानी के वंशज इंदौर के अलावा देश के कुछ अन्य भागों में रहते हैं। वे अपने नाम के साथ झाँसीवाले लिखा करते हैं। जब दामोदर राव नेवालकर 5 मई 1860 को इंदौर पहुँचे थे तब इंदौर में रहते हुए उनकी चाची जो दामोदर राव की असली माँ थी। बड़े होने पर दामोदर राव का विवाह करवा देती है लेकिन कुछ ही समय बाद दामोदर राव की पहली पत्नी का देहांत हो जाता है। दामोदर राव की दूसरी शादी से लक्ष्मण राव का जन्म हुआ। दामोदर राव का उदासीन तथा कठिनाई भरा जीवन 28 मई 1906 को इंदौर में समाप्त हो गया। अगली पीढ़ी में लक्ष्मण राव के बेटे कृष्ण राव और चंद्रकांत राव हुए। कृष्ण राव के दो पुत्र मनोहर राव, अरूण राव तथा चंद्रकांत के तीन पुत्र अक्षय चंद्रकांत राव, अतुल चंद्रकांत राव और शांति प्रमोद चंद्रकांत राव हुए।
दामोदर राव चित्रकार थे उन्होंने अपनी माँ के याद में उनके कई चित्र बनाये हैं जो झाँसी परिवार की अमूल्य धरोहर हैं।
उनके वंशज श्री लक्ष्मण राव तथा कृष्ण राव इंदौर न्यायालय में टाईपिस्ट का कार्य करते थे ! अरूण राव मध्यप्रदेश विद्युत मंडल से बतौर जूनियर इंजीनियर 2002 में सेवानिवृत्त हुए हैं। उनका बेटा योगेश राव सॅाफ्टवेयर इंजीनियर है। वंशजों में प्रपौत्र अरुणराव झाँसीवाला, उनकी धर्मपत्नी वैशाली, बेटे योगेश व बहू प्रीति का धन्वंतरिनगर इंदौर में सामान्य नागरिक की तरह माध्यम वर्ग परिवार हैं।
कांग्रेस के चाटुकारों ने तो सिर्फ नेहरू परिवार की ही गाथा गाई है इन लोगों को तो भुला ही दिया गया है जिन्होंने असली लड़ाई लड़ी थी अंग्रेजो के खिलाफ आइए इस को आगे पीछे बढ़ाएं और लोगों को सच्चाई से अवगत कराए l

Shout out to my newest followers! Excited to have you onboard!Arun Verma, Akash Rajpot, भारतसिंह पंवार भारतसिंह पंवार
21/06/2023

Shout out to my newest followers! Excited to have you onboard!

Arun Verma, Akash Rajpot, भारतसिंह पंवार भारतसिंह पंवार

10/05/2023

सहेलियों के साथ केरल स्टोरी फिल्म देखकर लौटी बेटी ने पुछा पापा आपने कभी भी घर मे लव जिहाद की चर्चा नहीं की
पिता(बुदबुदाते हुए): मैं भाजपा विरोधी हूं बेटी

सभी देशप्रेमियों को नवरात्रि पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं                      #नवरात्रि
22/03/2023

सभी देशप्रेमियों को नवरात्रि पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं #नवरात्रि

सभी देशप्रेमियों को दीपावली की रंगारंग शुभकामनाएं। होलिका को जलाने के बाद झंडा फहराना न भूले। इस शुभावसर पे सुभाष चन्द्र...
08/03/2023

सभी देशप्रेमियों को दीपावली की रंगारंग शुभकामनाएं। होलिका को जलाने के बाद झंडा फहराना न भूले। इस शुभावसर पे सुभाष चन्द्र बोस को बिल्कुल भी न भूले क्योकि उन्होंने ही राम-रावण युद्ध के बाद महाभारत में इंडिया को विजय दिलाई थी.. हैप्पी बर्थडे

धन्यवाद मुम्बई .. फिर जल्दी बुलाना.. क्षमा करना गणपति बप्पा जी आपके दर्शन अगली बार🙏                                     ...
07/02/2023

धन्यवाद मुम्बई .. फिर जल्दी बुलाना.. क्षमा करना गणपति बप्पा जी आपके दर्शन अगली बार🙏

Panoramic sunset view at Gateway of India
06/02/2023

Panoramic sunset view at Gateway of India

19/01/2023

बैंक वालो ने पेन को बांध के रखा था 😏
मैं रिफिल निकाल के ले आया
हम बनारसियों से चालाकी नहीं
😁😁

वप्फ बोर्ड कृपया ध्यान दे
05/01/2023

वप्फ बोर्ड कृपया ध्यान दे

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