29/05/2021
कोई भी व्यक्ति पूरी तरह से सम्पूर्ण नही हो सकता है । कहीं न कहीं कोई त्रुटी जरूर रहती है । और समय के साथ थोड़ा अहंकार होना भी लाजमी है , नही तो इंसान भगवान ही बन जायेगा । लेकिन इसका ये मतलब नही की उनकी सफलताओं को याद किए बिना बस उन्पे तीखा बाण चलाया जाए । ( रावण भले ही सबसे बड़ा अत्याचारी और दुष्ट था , मगर ये भी सच है की उससे बड़ा महा पंडित ( ज्ञानी ) भी कोई नही था । उससे बड़ा शिव भक्त भी कोई नही था । )
गर्व महसूस करें एक सच्चे सनातनी और योग गुरु पे , जिसने एक प्रयास तो किया भारत के खोए हुए प्राचीन वैभव को दुबारा से जागृत करने का ।
अभी भी समय है , प्रपंच कर्ताओं से बचें और अपने सनातन धर्म की महिमा को जाने और गर्व करें ।
(दुर्भाग्य बस इतना सा है की , बस राजनीति से दूर रहते तो और भी बहुत कुछ करते । 🙏 और बिना comparision किए अपनी विद्वता को प्रदर्शित करते तो इनकी महिमा का कोई अंत न था ।)
जय शिव ॐ शंभू ।