21/08/2022
दिल में उतर जाता है मनमोहक लैंसडाउन
लैंसडाउन रहस्यपूर्ण रंगों को समेटे हुए है और जब एक एक करके इन रंगों से पर्दा उठता है तो ये दृश्य विस्मित कर देते हैं, और जकड़ लेती है हिमालय पर्वत की एक के पीछे एक पर्वत श्रृंखला, हसीन वादियां, सीढ़ीदार खेत, और ऊंचे पर्वतों पर अभिमान से सलामी देते चीड़ और देवदार के अनगिनत पेड़ ।
ऊंचे ऊंचे पहाड़ों के बीच ये एक छोटा सा पहाड़ है जिसकी पीठ पर बसा है प्यारा सा लैंसडाउन। न जाने क्यों, पर यहां और जगहों की अपेक्षा कम ही सैलानी देखने को मिलते हैं। शायद इसके चलते ही यहां की नैसर्गिक सुंदरता अभी भी बनी हुई है। यहां की हवा बेहद शुद्ध है और मौसम बहुत ही सुहाना होता है। लैंसडाउन पिछले कुछ दशकों से वैसा ही है। न ज्यादा कुछ बना है और न बनाने दिया गया है। ये पूरा इलाका गढ़वाल राइफल्स के नियंत्रण में है लिहाजा इस पहाड़ी क्षेत्र की खूबसूरती दिल और आंखों में ऐसी उतरती है कि हर कोई यहां बार बार आना चाहेगा ।
जब सुबह सुबह ही उठकर बॉलकनी से हिमालय की नीली सफेद श्रृंखलाओं को निहारते हैं तो न जाने कैसे..? लेकिन मन एक अजीब से सुख से भर जाता है। नीचे हरी भरी वादियों में कहीं कहीं से कुहासा उठ रहा होता है, चीड़ और देवदार शांत होते हैं, और बादलों में कुछ हलचल सी रहती है। कभी अचानक रिमझिम फुहारें पड़ने लगती हैं। बादल सिर के ऊपर से बगल के ऊंचे पहाड़ों पर सिर ताने देवदार को धीरे से छूकर निकलने लगते हैं। कभी अचानक तेज बारिश होती है और जब थमती है तो अजीब-सा नजारा दिखता है।
जो हिमालय श्रृंखला अब तक शांत दिख रही होती हैं अब वहां हर तरफ कुहासा उठ रहा होता है और हर एक पर्वत उससे घिर रहा होता है। थोड़ी ही देर में वो कुहासा कोहरे की एक घनी चादर को ओढ़े हम तक पहुंच कर हमें भी अपने आगोश में ले लेता है। यही तो है लैंसडाउन की कौतूहल से भरी लीला, जो एक के बाद एक पर्दा उठा कर अपना ट्रेलर दिखा रही होती है।