Chardham Yatra

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यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर घोषित प्रसिद्ध फूलों की घाटी आज पर्यटकों के लिए खोल दी गई है। फूलों की घाटी के अलौकिक सौन्दर...
01/06/2024

यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर घोषित प्रसिद्ध फूलों की घाटी आज पर्यटकों के लिए खोल दी गई है।
फूलों की घाटी के अलौकिक सौन्दर्य का आनन्द लेने हेतु आने वाले पर्यटकों का चमोली पुलिस हार्दिक स्वागत एवं अभिनन्दन करती है। आपकी यात्रा मंगलमय हो।
#चारधामयात्रा #फूलोकीघाटी

23/05/2024

श्री केदारनाथ धाम बेस केम्प सोनप्रयाग में भक्तो का सैलाब 🎉
सभी भक्तो से निवेदन है भीड़ भाड़ में आराम से यात्रा करे, किसी भी तरह की अफवाह पर ध्यान न दे,शांति से सुरक्षित यात्रा करे।
बाबा केदार सबका ख्याल रखे....
जय केदारनाथ बाबा जी ❤️
#सोनप्रयाग #केदारनाथ

.                              चारधाम यात्रा 2024                             Update : 14-05-2024
15/05/2024

. चारधाम यात्रा 2024
Update : 14-05-2024

चारधाम यात्रा उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री मंदिर से शुरू होती है और अन्य तीन मंदिरों तक जाती है जो अधिक ऊंच...
13/05/2024

चारधाम यात्रा उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री मंदिर से शुरू होती है और अन्य तीन मंदिरों तक जाती है जो अधिक ऊंचाई पर स्थित हैं। और अंत में, यह बद्रीनाथ मंदिर तक पहुंचता है जो चारों चार धामों में सबसे छोटा है। इस यात्रा द्वारा तय की गई कुल दूरी लगभग 2500 किलोमीटर है।
Chardham Yatra पर जानकारी के लिए संपर्क करे....
हरिद्वार से चारधाम 2500 Km
हरिद्वार से केदारनाथ 464 Km
हरिद्वार से बद्रीनाथ 650 Km
हरिद्वार से गंगोत्री 574 Km
हरिद्वार से यमुनोत्री 442 Km
#यात्रा

देवभूमि उत्तराखंड के पवित्र चार धाम यात्रा के शुभारंभ की बहुत-बहुत बधाई। बाबा केदारनाथ धाम समेत चारों धामों की यह यात्रा...
10/05/2024

देवभूमि उत्तराखंड के पवित्र चार धाम यात्रा के शुभारंभ की बहुत-बहुत बधाई। बाबा केदारनाथ धाम समेत चारों धामों की यह यात्रा श्रद्धालुओं के लिए एक ऐसी आध्यात्मिक और सांस्कृतिक यात्रा है, जिससे उनकी आस्था और भक्ति को नई स्फूर्ति मिलती है। इस यात्रा पर निकले सभी भक्तों और श्रद्धालुओं को मेरी ढेरों शुभकामनाएं।

जय बाबा भोलेनाथ!
Contact for bookings and queries...
9690640001
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19/03/2024

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Chardham Yatra Devbhumi Haridwar, Uttarakhand

17/03/2024

नरेंद्र मोदी जी का साथ कौन कौन दे रहा है....?
Narendra Modi BJYM Uttarakhand BJP Uttarakhand

12/03/2024

Booking start 2024

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Yamnotri Barkot / kharadi
Gangotri Uttarkashi / Matli / Natalia / Manari
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Badrinath Pepalkoti / pandukeshwar/ joshimath

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2024 में चार धाम यात्रा की तैयारी कैसे करे: पूर्ण जानकारीचार धाम यात्रा दुनिया की सबसे पवित्र तीर्थ यात्राओं में से एक ह...
07/03/2024

2024 में चार धाम यात्रा की तैयारी कैसे करे: पूर्ण जानकारी

चार धाम यात्रा दुनिया की सबसे पवित्र तीर्थ यात्राओं में से एक है। इस यात्रा में शामिल चार मंदिर यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ हैं। इसे छोटा चार धाम यात्रा के नाम से भी जाना जाता है । इनके इलावा एक और चार धाम है जो आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित किये गए था। इनमे देश के चार अलग-अलग कोनों में चार पवित्र तीर्थ स्थल शामिल हैं, जैसे उत्तराखंड में बद्रीनाथ, गुजरात में द्वारका, उड़ीसा में पुरी और तमिलनाडु में रामेश्वरम।

छोटा चार धाम यात्रा के सभी पवित्र स्थल अलग-अलग देवी देवताओं को समर्पित हैं। केदारनाथ धाम 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक हैं और यह भगवान शिव को समर्पित है। बद्रीनाथ धाम भगवान बद्री या विष्णु को समर्पित है। गंगोत्री धाम माता गंगा और यमुनोत्री माता यमुना को समर्पित हैं।

यदि आप इस पवित्र तीर्थ यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो चारधाम यात्रा पैकेज बुक करे | इसमे आपको खाना, खुद की गाड़ी और रहने को बजट के अनुसार स्थान मिलेगे | और जानकारी के लिए हमे आज ही सम्पर्क करे | Chardham Yatra

२०२4 में चार धाम यात्रा की तैयारी कैसे करे: पूर्ण जानकारी
चार धाम यात्रा दुनिया की सबसे पवित्र तीर्थ यात्राओं में से एक है। इस यात्रा में शामिल चार मंदिर यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ हैं। इसे छोटा चार धाम यात्रा के नाम से भी जाना जाता है । इनके इलावा एक और चार धाम है जो आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित किये गए था। इनमे देश के चार अलग-अलग कोनों में चार पवित्र तीर्थ स्थल शामिल हैं, जैसे उत्तराखंड में बद्रीनाथ, गुजरात में द्वारका, उड़ीसा में पुरी और तमिलनाडु में रामेश्वरम।

छोटा चार धाम यात्रा के सभी पवित्र स्थल अलग-अलग देवी देवताओं को समर्पित हैं। केदारनाथ धाम 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक हैं और यह भगवान शिव को समर्पित है। बद्रीनाथ धाम भगवान बद्री या विष्णु को समर्पित है। गंगोत्री धाम माता गंगा और यमुनोत्री माता यमुना को समर्पित हैं।

यदि आप इस पवित्र तीर्थ यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो चारधाम यात्रा पैकेज बुक करे | इसमे आपको खाना, प्खुद की गाड़ी और रहने को बजट के अनुसार स्थान मिलेगे | और जानकारी के लिए हमे आज ही सम्पर्क कर..... Uttarakhand Travel GURU
चारधाम यात्रा का धार्मिक महत्व – CHAR DHAM YATRA SIGNIFICANCE
ये पवित्र स्थान उत्तराखंड में हिमालय की बुलंद चोटियों के बीच विद्यमान हैं। हिंदू धर्म में, मोक्ष प्राप्त करना ही जीवन का गंतव्य माना गया गया है। और ऐसा मानते हैं कि चार धाम यात्रा आपको इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए एक कदम और करीब ले जाती है।

Chardham yatra यात्रा का हिन्दू धर्म में बहुत अधिक धार्मिक महत्व है। यह माना जाता रहा है कि प्रत्येक हिंदू को अपने जीवनकाल में कम से कम एक बार इस तीर्थ यात्रा पर जाना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि चारधाम यात्रा जीवन भर के पापों को धो कर मोक्ष के द्वार खोलती है। और ऐसा कहा जाता है कि जब कोई तीर्थयात्री चारधाम यात्रा समाप्त करता है, तो वह मन की पूर्ण शांति प्राप्त करता है।यहाँ हर साल लाखों की संख्या में दुनिया भर से श्रद्धालु आते हैं।

चार धाम यात्रा की महत्वपूर्ण जानकारी – CHARDHAM YATRA IMPORTANT TIPS
ये पवित्र स्थल उत्तराखंड के गढ़वाल हिमालय में स्थित हैं। परंपरागत रूप से, यात्रा पश्चिम से पूर्व की ओर की जाती है। इस प्रकार, यह यमुनोत्री से शुरू होती है, फिर गंगोत्री, केदारनाथ, और बद्रीनाथ में समाप्त होती है। यहां आवश्यक जानकारी है जो यात्रा की योजना बनाते समय आपकी मदद करेगी:

यात्रा आपकी सुविधानुसार दिल्ली, हरिद्वार, ऋषिकेश या देहरादून से शुरू हो सकती है।
चार धाम यात्रा का बायोमेट्रिक पंजीकरण अनिवार्य है।
आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, या पासपोर्ट जैसे आवश्यक दस्तावेज यात्रा में अपने साथ ले जाएं।
स्विस कॉटेज में शिविर सुविधाएं तीर्थ के पास उपलब्ध हैं और मूलभूत सुविधाओं से सुसज्जित हैं। डीलक्स और बजट आवास भी उपलब्ध हैं।
श्रद्धालुओं के लिए हेलीकॉप्टर द्वारा चार धाम यात्रा भी उपलब्ध है। बुकिंग की ऑफलाइन और ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध है। जो लोग चलने में असमर्थ हैं, उनके लिए पालकी, घोड़ा और पिट्ठू भी उपलब्ध हैं।
यात्रा के दौरान गर्म जैकेट, दस्ताने, स्वेटर, ऊनी मोजे और रेनकोट ले जाना ना भूलें।
यात्रा के दौरान अच्छी पकड़ वाले आरामदायक जूते ही पहने।
चार धाम तक कैसे पहुंचे? – HOW TO REACH CHAR DHAM BY ROAD & BY HELICOPTER
चारधाम यात्रा या तो हरिद्वार या देहरादून से शुरू होती है। यात्रा शुरू करने के दो तरीके हैं – सड़क और हेलीकाप्टर द्वारा। यहाँ पवित्र स्थलों तक पहुँचने के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी गई है:

1. सड़क मार्ग से:
सड़क मार्ग से चार धाम यात्रा हरिद्वार, दिल्ली, ऋषिकेश,और देहरादून से शुरू कर सकते हैं। हरिद्वार रेलवे स्टेशन इन पवित्र स्थानों से सबसे निकटम रेलवे स्टेशन है. हरिद्वार सड़क और रेल नेटवर्क के माध्यम से दिल्ली और अन्य प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। राज्य परिवहन और निजी बसें इन पवित्र तीर्थ स्थलों के लिए उपलब्ध हैं । हिरद्वार, ऋषिकेश, और देहरादून से टैक्सी भी उपलब्ध हैं।

चार धाम यात्रा को पूरा करने का मार्ग: हरिद्वार – ऋषीकेश – बरकोट – जानकी चट्टी – यमुनोत्री – उत्तरकाशी – हरसिल – गंगोत्री – घनसाली – अगस्तमुनि – गुप्तकाशी – केदारनाथ – चमोली गोपेश्वर – गोविन्द घाट – बद्रीनाथ – जोशीमठ – ऋषीकेश – हरिद्वार

2. हेलीकॉप्टर द्वारा:
सहस्त्रधारा हेलीपैड, देहरादून से चार धाम के लिए हेलीकाप्टर सेवा उपलब्ध है। हेलीकॉप्टर सेवा देहरादून से खरसाली तक है, जो यमुनोत्री मंदिर से लगभग 6 किमी दूर है। हरसिल हेलीपैड गंगोत्री मंदिर के लिए निकटतम हेलिपैड है, जो मंदिर से 25 किमी दूर स्थित है। बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम के हेलिपैड भी मंदिर के पास स्थित हैं।

हेलीकॉप्टर मार्ग – देहरादून (सहस्त्रधारा हेलीपैड) – यमुनोत्री (खरसाली हेलीपैड) – गंगोत्री (हरसिल हेलीपैड) – गुप्तकाशी हेलीपैड – केदारनाथ हेलिपैड – गुप्तकाशी – बद्रीनाथ – देहरादून

चार धाम दर्शन के लिए हेलीकॉप्टर कैसे बुक करें? – HOW TO BOOK HELICOPTER TICKET
सहस्त्रधारा हेलीपेड, देहरादून से चार धाम के लिए हेलिकाप्टर सेवा उपलब्ध है। हेलिकाप्टर बुकिंग ऑनलाइन और ऑफलाइन हो सकती है। सेरसी, फाटा, और गुप्तकाशी से चार धाम यात्रा के दौरान हेलीकॉप्टर सेवाएं मिलती हैं।। इनकी ऑफिशल वेबसाइट से बुकिंग कर सकते हैं। वरना इनके काउंटर्स भी उपलब्ध हैं हेलिपैड पे जहाँ से आप उसी वक़्त बुकिंग कर सकते हैं। हेलिऑप्टर टिकट को एडवांस बुक करना उचित है। क्योंकि उसी समय वहां जा के हेलीकॉप्टर टिकट प्राप्त करने की संभावना कम होती है। वे उपलब्धता के आधार पर ही बुक की जा सकती हैं।

चार धाम जाने का सबसे अच्छा समय – BEST TIME TO VISIT CHARDHAM YATRA
चार धाम यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय अप्रैल से जून और सितंबर से अक्टूबर तक है। इन महीनों में मौसम सुहाना होता है जो की यात्रा को आरामदायक और सुखद बनता है। गर्मियों के दौरान मौसम अच्छा रहता है। मानसून के मौसम में यात्रा से बचने की सलाह दी जाती है क्योंकि क्षेत्र में भारी बारिश होती है, जिसके कारण कुछ क्षेत्रों में भूस्खलन और बाढ़ की आशंका बानी रहती है। सर्दियों के मौसम में, इस क्षेत्र में भारी बर्फबारी होती है जिसके कारण मंदिर लगभग छह महीने तक बंद रहते हैं। सर्दियों में केदारनाथ की मूर्तियां ऊखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर में एवं बद्रीनाथ की मूर्तियां जोशीमठ स्थानांतरित हो जाती हैं । भक्त वहां जा कर दर्शन कर सकते हैं।

२०२4 में चार धाम यात्रा की तैयारी कैसे करे: पूर्ण जानकारी
By Tusharika on Jan 08, 2024
चार धाम यात्रा दुनिया की सबसे पवित्र तीर्थ यात्राओं में से एक है। इस यात्रा में शामिल चार मंदिर यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ हैं। इसे छोटा चार धाम यात्रा के नाम से भी जाना जाता है । इनके इलावा एक और चार धाम है जो आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित किये गए था। इनमे देश के चार अलग-अलग कोनों में चार पवित्र तीर्थ स्थल शामिल हैं, जैसे उत्तराखंड में बद्रीनाथ, गुजरात में द्वारका, उड़ीसा में पुरी और तमिलनाडु में रामेश्वरम।

छोटा चार धाम यात्रा के सभी पवित्र स्थल अलग-अलग देवी देवताओं को समर्पित हैं। केदारनाथ धाम 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक हैं और यह भगवान शिव को समर्पित है। बद्रीनाथ धाम भगवान बद्री या विष्णु को समर्पित है। गंगोत्री धाम माता गंगा और यमुनोत्री माता यमुना को समर्पित हैं।

यदि आप इस पवित्र तीर्थ यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो चारधाम यात्रा पैकेज बुक करे | इसमे आपको खाना, प्खुद की गाड़ी और रहने को बजट के अनुसार स्थान मिलेगे | और जानकारी के लिए हमे आज ही सम्पर्क करे |

चार धाम यात्रा

चारधाम यात्रा का धार्मिक महत्व – CHAR DHAM YATRA SIGNIFICANCE
ये पवित्र स्थान उत्तराखंड में हिमालय की बुलंद चोटियों के बीच विद्यमान हैं। हिंदू धर्म में, मोक्ष प्राप्त करना ही जीवन का गंतव्य माना गया गया है। और ऐसा मानते हैं कि चार धाम यात्रा आपको इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए एक कदम और करीब ले जाती है।

चारधाम यात्रा का हिन्दू धर्म में बहुत अधिक धार्मिक महत्व है। यह माना जाता रहा है कि प्रत्येक हिंदू को अपने जीवनकाल में कम से कम एक बार इस तीर्थ यात्रा पर जाना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि चारधाम यात्रा जीवन भर के पापों को धो कर मोक्ष के द्वार खोलती है। और ऐसा कहा जाता है कि जब कोई तीर्थयात्री चारधाम यात्रा समाप्त करता है, तो वह मन की पूर्ण शांति प्राप्त करता है।यहाँ हर साल लाखों की संख्या में दुनिया भर से श्रद्धालु आते हैं।

चार धाम यात्रा की महत्वपूर्ण जानकारी – CHARDHAM YATRA IMPORTANT TIPS
ये पवित्र स्थल उत्तराखंड के गढ़वाल हिमालय में स्थित हैं। परंपरागत रूप से, यात्रा पश्चिम से पूर्व की ओर की जाती है। इस प्रकार, यह यमुनोत्री से शुरू होती है, फिर गंगोत्री, केदारनाथ, और बद्रीनाथ में समाप्त होती है। यहां आवश्यक जानकारी है जो यात्रा की योजना बनाते समय आपकी मदद करेगी:

यात्रा आपकी सुविधानुसार दिल्ली, हरिद्वार, ऋषिकेश या देहरादून से शुरू हो सकती है।
चार धाम यात्रा का बायोमेट्रिक पंजीकरण अनिवार्य है।
आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, या पासपोर्ट जैसे आवश्यक दस्तावेज यात्रा में अपने साथ ले जाएं।
स्विस कॉटेज में शिविर सुविधाएं तीर्थ के पास उपलब्ध हैं और मूलभूत सुविधाओं से सुसज्जित हैं। डीलक्स और बजट आवास भी उपलब्ध हैं।
श्रद्धालुओं के लिए हेलीकॉप्टर द्वारा चार धाम यात्रा भी उपलब्ध है। बुकिंग की ऑफलाइन और ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध है। जो लोग चलने में असमर्थ हैं, उनके लिए पालकी, घोड़ा और पिट्ठू भी उपलब्ध हैं।
यात्रा के दौरान गर्म जैकेट, दस्ताने, स्वेटर, ऊनी मोजे और रेनकोट ले जाना ना भूलें।
यात्रा के दौरान अच्छी पकड़ वाले आरामदायक जूते ही पहने।
चार धाम तक कैसे पहुंचे? – HOW TO REACH CHAR DHAM BY ROAD & BY HELICOPTER
चारधाम यात्रा या तो हरिद्वार या देहरादून से शुरू होती है। यात्रा शुरू करने के दो तरीके हैं – सड़क और हेलीकाप्टर द्वारा। यहाँ पवित्र स्थलों तक पहुँचने के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी गई है:

1. सड़क मार्ग से:
सड़क मार्ग से चार धाम यात्रा हरिद्वार, दिल्ली, ऋषिकेश,और देहरादून से शुरू कर सकते हैं। हरिद्वार रेलवे स्टेशन इन पवित्र स्थानों से सबसे निकटम रेलवे स्टेशन है. हरिद्वार सड़क और रेल नेटवर्क के माध्यम से दिल्ली और अन्य प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। राज्य परिवहन और निजी बसें इन पवित्र तीर्थ स्थलों के लिए उपलब्ध हैं । हिरद्वार, ऋषिकेश, और देहरादून से टैक्सी भी उपलब्ध हैं।

चार धाम यात्रा को पूरा करने का मार्ग: हरिद्वार – ऋषीकेश – बरकोट – जानकी चट्टी – यमुनोत्री – उत्तरकाशी – हरसिल – गंगोत्री – घनसाली – अगस्तमुनि – गुप्तकाशी – केदारनाथ – चमोली गोपेश्वर – गोविन्द घाट – बद्रीनाथ – जोशीमठ – ऋषीकेश – हरिद्वार

2. हेलीकॉप्टर द्वारा:
सहस्त्रधारा हेलीपैड, देहरादून से चार धाम के लिए हेलीकाप्टर सेवा उपलब्ध है। हेलीकॉप्टर सेवा देहरादून से खरसाली तक है, जो यमुनोत्री मंदिर से लगभग 6 किमी दूर है। हरसिल हेलीपैड गंगोत्री मंदिर के लिए निकटतम हेलिपैड है, जो मंदिर से 25 किमी दूर स्थित है। बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम के हेलिपैड भी मंदिर के पास स्थित हैं।

हेलीकॉप्टर मार्ग – देहरादून (सहस्त्रधारा हेलीपैड) – यमुनोत्री (खरसाली हेलीपैड) – गंगोत्री (हरसिल हेलीपैड) – गुप्तकाशी हेलीपैड – केदारनाथ हेलिपैड – गुप्तकाशी – बद्रीनाथ – देहरादून

यह भी पढ़ें: चारधाम यात्रा 6 दिनों में कैसे पूरी करें

चार धाम दर्शन के लिए हेलीकॉप्टर कैसे बुक करें? – HOW TO BOOK HELICOPTER TICKET
सहस्त्रधारा हेलीपेड, देहरादून से चार धाम के लिए हेलिकाप्टर सेवा उपलब्ध है। हेलिकाप्टर बुकिंग ऑनलाइन और ऑफलाइन हो सकती है। सेरसी, फाटा, और गुप्तकाशी से चार धाम यात्रा के दौरान हेलीकॉप्टर सेवाएं मिलती हैं।। इनकी ऑफिशल वेबसाइट से बुकिंग कर सकते हैं। वरना इनके काउंटर्स भी उपलब्ध हैं हेलिपैड पे जहाँ से आप उसी वक़्त बुकिंग कर सकते हैं। हेलिऑप्टर टिकट को एडवांस बुक करना उचित है। क्योंकि उसी समय वहां जा के हेलीकॉप्टर टिकट प्राप्त करने की संभावना कम होती है। वे उपलब्धता के आधार पर ही बुक की जा सकती हैं।

[ यदि आपके साथ बचे या बूढ़े है तो आप हेलीकाप्टर द्वारा चार धाम यात्रा बुक करे ]

चार धाम जाने का सबसे अच्छा समय – BEST TIME TO VISIT CHARDHAM YATRA
चार धाम यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय अप्रैल से जून और सितंबर से अक्टूबर तक है। इन महीनों में मौसम सुहाना होता है जो की यात्रा को आरामदायक और सुखद बनता है। गर्मियों के दौरान मौसम अच्छा रहता है। मानसून के मौसम में यात्रा से बचने की सलाह दी जाती है क्योंकि क्षेत्र में भारी बारिश होती है, जिसके कारण कुछ क्षेत्रों में भूस्खलन और बाढ़ की आशंका बानी रहती है। सर्दियों के मौसम में, इस क्षेत्र में भारी बर्फबारी होती है जिसके कारण मंदिर लगभग छह महीने तक बंद रहते हैं। सर्दियों में केदारनाथ की मूर्तियां ऊखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर में एवं बद्रीनाथ की मूर्तियां जोशीमठ स्थानांतरित हो जाती हैं । भक्त वहां जा कर दर्शन कर सकते हैं।

चार धाम कहाँ स्थित हैं? – WHERE IS CHAR DHAM LOCATED?
चार धाम यात्रा में चार पवित्र स्थान शामिल हैं, जो उत्तराखंड में गढ़वाल हिमालय की गोद में स्थित हैं।

1. यमुनोत्री धाम
yamunotri temple

यमुना नदी का स्रोत, यमुनोत्री उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में समुद्र तल से 3293 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यमुनोत्री मंदिर हिमालय के ग्लेशियरों और थर्मल स्प्रिंग्स से घिरा हुआ है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार यमुना, मृत्यु के देवता – यम की बहन हैं। ऐसा माना जाता है कि यमुना में स्नान करने से शान्ति मिलती है। यहाँ से देहरादून 182 किमी की दूरी पर स्थित है और हरिद्वार 226 किमी दूर है।

यमुनोत्री मंदिर खुलने की तारीख – 10 मई से 2 नवंबर 2024 तक (Tentative)
दर्शन का समय – यमुनोत्री मंदिर सुबह लगभग 7 बजे श्रद्धालुओं के लिए खुल जाता है। दोपहर 1 बजे से 4 बजे के बीच की अवधि में बंद होता है। यमुनोत्री मंदिर के बंद होने का समय रात 8 बजे है। यहाँ से देहरादून 182 किमी की दूरी पर स्थित है और हरिद्वार 226 किमी दूर है।
मंदिर के आस पास घूमने की जगह: जानकीचट्टी, सूर्य कुंड, शनि देव मंदिर, सप्तऋषि कुंड
[ यमुनोत्री धाम के प्रसिद्ध टूर पैकेजों पर एक नज़र डालें ]

2. गंगोत्री धाम
gangotri-temple

यह मंदिर देवी गंगा को समर्पित है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, गंगोत्री धाम वह स्थान है जहां गंगा नदी स्वर्ग से उतरी थी जब भगवान शिव ने उन्हें अपनी जटाओं से छोड़ा था। समुद्र तल से 3042 मीटर की ऊंचाई पर स्थित, गंगोत्री उत्तरकाशी जिले में स्थित है। यहाँ से हरिद्वार 285 किमी और देहरादून 240 किमी है।

गंगोत्री मंदिर खुलने की तारीख – 10 मई से 2 नवंबर 2024 तक (Tentative)
दर्शन का समय – गंगोत्री मंदिर में पूजा सुबह 4:00 बजे आरती के साथ शुरू होती है और शाम 7:00 बजे शयन आरती के साथ समाप्त होता है। मंदिर 6:00 बजे तीर्थयात्रियों के दर्शन के लिए खुलता है। दोपहर में यह 2:00 से 3:00 बजे तक बंद होता है।
मंदिर के आस पास घूमने की जगह: भागीरथ शिला, भैरव घाटी, गौमुख, सूर्य कुंड, जलमग्न शिवलिंग
[ गंगोत्री धाम के प्रसिद्ध टूर पैकेजों पर एक नज़र डालें ]

3. केदारनाथ धाम
२०२4 में चार धाम यात्रा की तैयारी कैसे करे: पूर्ण जानकारी

यह धाम हिमालय की गोद में स्थित रुद्रप्रयाग जिले में समुद्र ताल से 3553 मीटर की ऊंचाई पे स्थित है। केदारनाथ धाम भगवान शिव को समर्पित है। यह न केवल चारधाम यात्रा के सबसे महत्वपूर्ण तीर्थों में से एक है, बल्कि इस प्राचीन मंदिर को भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक भी माना जाता है। इसके अलावा, केदारनाथ, कल्पेश्वर, तुंगनाथ, मदमहेश्वर और रुद्रनाथ मंदिर एक साथ पंच केदार बनाते हैं। देहरादून से यह 254 किमी और हरिद्वार से 125 किमी दूर है।

यह भी पढ़ें: केदारनाथ यात्रा 2024 की तैयारी कैसे करें

केदारनाथ मंदिर खुलने की तारीख – 10 मई से 4 नवंबर 2024 तक (Tentative)
दर्शन का समय – केदारनाथ मंदिर में पूजा अनुष्ठान सुबह 4:00 बजे महा अभिषेक आरती के साथ शुरू होता है और शाम 7:00 बजे शयन आरती के साथ समाप्त होता है। मंदिर 6:00 बजे तीर्थयात्रियों के दर्शन के लिए खुलता है। दोपहर में यह 3:00 से 5:00 बजे तक दो घंटे के लिए बंद होता है।
मंदिर के आस पास घूमने की जगह: गौरीकुंड, भैरव नाथ मंदिर, तुंगनाथ, चंद्रशिला ट्रैक , वासुकी ताल, त्रिजुगी नारायण
[ केदारनाथ यात्रा के प्रसिद्ध टूर पैकेजों पर एक नज़र डालें और अचे डील पर बुक करे | ]

4. बद्रीनाथ धाम
Badrinath-Temple

नर और नारायण पर्वत श्रृंखलाओं के बीच स्थित बद्रीनाथ धाम समुद्र ताल से 3300 मीटर की ऊंचाई पे स्थित है। यह उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है। बद्रीनाथ धाम भगवान विष्णु को समर्पित है, जिन्हें दिव्य हिंदू त्रिमूर्ति (ब्रह्मा, विष्णु और शिव) का रक्षक और संरक्षक माना जाता है। इन महत्वपूर्ण कारणों के अलावा, बद्रीनाथ धाम को चारधाम यात्रा में इसलिए महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि यह वह स्थान है जहाँ आदि शंकराचार्य ने मोक्ष प्राप्त किया था, इस प्रकार, पुनर्जन्म की प्रक्रिया से अपनी स्वतंत्रता प्राप्त करते हैं। केदारनाथ से दूरी 218 किमी है और हरिद्वार से इसकी दूरी 316 किमी है। देहरादून से बद्रीनाथ 334 किमी पे स्थित है।

बद्रीनाथ मंदिर खुलने की तारीख – 8 मई से 4 नवंबर 2024 तक (Tentative)
दर्शन का समय – मंदिर में दैनिक अनुष्ठान महा अभिषेक और अभिषेक पूजा के साथ लगभग 4:30 बजे शुरू होते हैं और शयन आरती के साथ लगभग 9:00 बजे समाप्त होते हैं। मंदिर आम जनता के लिए सुबह 7:00 बजे खुलता है और दोपहर में 1:00 बजे से शाम 4:00 बजे के बीच बंद होता है।
मंदिर के आस पास घूमने की जगह: तप्त कुंड, चरण पादुका, व्यास गुफ़ा, गणेश गुफ़ा, भीम पुल, पांडुकेश्वर , योगध्यान बद्री मंदिर , माना गाँव, सतोपंथ लेक

[ बद्रीनाथ यात्रा के प्रसिद्ध टूर पैकेजों पर एक नज़र डालें ]

चार धाम यात्रा शुरू होने और बंद होने की तिथि – CHAR DHAM YATRA OPENING & CLOSING DATE
गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिर के लिए यात्रा अक्षय तृतीया से शुरू होती है। केदारनाथ यात्रा की प्रारंभिक तिथि शिवरात्रि पर और बद्रीनाथ मंदिर के कपाट खुलने की तिथि बसंत पंचमी के दिन तय होती है। चारधाम यात्रा अप्रैल-मई में शुरू होती है और हर साल अक्टूबर-नवंबर में दीपावली के आसपास बंद हो जाती है।

चार धाम यात्रा शुरू होने और बंद होने की तारिक की पूर्ण जानकारी के लिए इसे पड़े

चार धाम यात्रा ऑनलाइन पंजीकरण – CHAR DHAM YATRA REGISTRATION
चार धाम यात्रा के लिए पंजीकरण अनिवार्य है जो की चार धाम यात्रा की आधिकारिक वेबसाइट पर भी उपलब्ध है। ऑफलाइन यात्रा पंजीकरण हरिद्वार रेलवे स्टेशन, ऋषिकेश बस स्टैंड, जानकी चट्टी, गुप्तकाशी, गंगोत्री, फाटा, सोनप्रयाग, केदारनाथ, गोविंदघाट, और उत्तरकाशी जैसे कई स्थानों पर उपलब्ध है। पंजीकरण के लिए आवश्यक दस्तावेज फोटो पहचान पत्र जैसे आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड और पासपोर्ट हैं।

आपके पास अब चार धाम यात्रा से जुडी सभी आवश्यक जानकारी उपलब्ध है। अब आप इन पवित्र स्थलों की आध्यात्मिक यात्रा की योजना बना सकते हैं। साथ ही प्राकृतिक सुंदरता भी ले सकते हैं।

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चार धाम यात्रा के दौरान रहने की जगह – WHERE TO STAY DURING CHARDHAM YATRA
चार धाम यात्रा के दौरान रुकने के लिए बहुत सारे होटल, गेस्ट हाउस, रिसॉर्ट्स, आश्रम, और धर्मशाला उपलब्ध हैं। होटल लक्ज़री से लेकर किफायती रेंज तक उपलब्ध हैं। यात्री अपनी सुविधा के अनुसार चुन सकते हैं। इस क्षेत्र के कुछ लोकप्रिय विश्राम स्थल यहाँ लिखे गए हैं:

गरवाल मंडल विकास निगम सरकारी गेस्ट हाउस – हरिद्वार, ऋषीकेश, देहरादून, देवप्रयाग, श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, कर्णप्रयाग, जोशीमठ, पीपलकोटी, गोविंद घाट, बद्रीनाथ, केदारनाथ, गुप्तकाशी, हरसिल (गंगोत्री), और यमुनोत्री
हिमालयन एको रिसोर्ट, बरकोट
कैंप निरवाना, गुप्तकाशी
विश्वनाथ टूरिस्ट लॉज, गुप्तकाशी
धनेश्वर रिसोर्ट, देवप्रयाग
रामकुंड रिसोर्ट, देवप्रयाग
यमनोत्री कॉटेज
जोशीमठ चार धाम कैंप
होटल नारायण पैलेस, बद्रीनाथ
होटल चाहत, श्रीनगर
होटल हेवन , चमोली
होटल कुंदन पैलेस, उत्तरकाशी
होटल मन्दाकिनी, रुद्रप्रयाग
यात्रा के दौरान ले जाने वाली चीजें – THINGS TO CARRY DURING YATRA
हमेशा सर्दी, खांसी और बुखार के लिए जरूरी दवाओं की एक किट साथ रखें।
इसके अलावा, बैंड-एड्स और एक एंटीसेप्टिक मरहम ले जाएं।
सनबर्न से बचाव के लिए सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें। यदि आप धूप में यात्रा कर रहे हैं तो टोपी पहनें और चश्मा करें।
ऊनी कपड़े जैसे की बॉडी वार्मर, स्वेटर, जैकेट, टोपी, जुराबें, एवं ग्लव्स ले के जाएँ।
विंडचीटर, रेनकोट, और बारिश से बचने के लिए छाता भी रखें।
वाटर प्रूफ जूते और वाटरप्रूफ बैग ले के जाएं।
बैटरी से चलने वाली टार्च और पर्याप्त बैटरी ले जाएं।
पानी और ड्राई फ्रूट्स भी रखें रास्ते के लिए।
ज़रूरी कागज़ात जैसे की टिकट्स, आइडेंटिटी प्रूफ, और पैसे संभाल के वाटरप्र्रोफ बैग में रखें।
आपके पास अब चार धाम यात्रा से जुडी सभी आवश्यक जानकारी उपलब्ध है। अब आप इन पवित्र स्थलों की आध्यात्मिक यात्रा की योजना बना सकते हैं। साथ ही प्राकृतिक सुंदरता भी ले सकते हैं।
#चारधाम #यात्रा #उत्तराखंड

04/03/2024

The Land of Gods"
Uttarakhand, India
Land of untouched natural beauty and spirituality, Uttarakhand is a Himalayan state of North India, famously known as Devbhumi (or the Land of the Gods). Carved out from Uttar Pradesh, the state, formerly known as Uttaranchal, is a place that not only boasts of a scintillating view of the Himalayas but also exhibits a cultural ethos which speaks of a harmonic coexistence with nature.

Uttarakhand is a popular pilgrimage site, as it is the originating spot of the Ganga and the Yamuna, two of the most sacred rivers for Hindus. Uttarakhand is home to the Char Dhams, the four most holy sites of pilgrimage revered by the Hindus - Gangotri, Yamunotri, Kedarnath, and Badrinath. Thousands of tourists visit Uttarakhand annually to pay homage to the Char Dhams.

With oaks, birches, silver firs and rhododendrons adorning the steep mountain slopes, Uttarakhand offers you a glimpse into an untainted and idyllic world.

CHAR DHAM YATRA:Destinations: Haridwar, Yamunotri, Gangotri, Kedarnath, BadrinathDuration: 10 days, 10 nightsDistance: O...
02/03/2024

CHAR DHAM YATRA:
Destinations: Haridwar, Yamunotri, Gangotri, Kedarnath, Badrinath

Duration: 10 days, 10 nights

Distance: Over 1,500 kms from Haridwar; For Family and Group Travel

Experiences: Trekking etc.

Budget: Approximately starts from INR 18,000 (per person) to....
Contact 070552 55001 for more details...
#उत्तराखंड

  mahadev Kailash yatra  2024 June Rampur to Rampur bushar  Day 1 received at Rampur bushar to singhgad first yatra base...
01/03/2024

mahadev Kailash yatra 2024 June
Rampur to Rampur bushar
Day 1 received at Rampur bushar to singhgad first yatra base camp 45km
Day 2. singhgad to thachdu second base Camp(12km on Foot trek and steep track)
Day3. thachdu to kunsha / Bhimdwar third and
4 base Camp (7/10km) Day4 Bhimdwar to parvtibaag 5 base Camp (5km)
Day 5. parvti bhaag to shirikhand mahadev Darshan 6km and return at parvatibaag

Day6.parvtibaag to kunsha /thachdu base Camp return
Day7. Thachdu to singhgad base camp
Day8.singhgad to Rampur’s bushar
Management for trek
1 transportation texi
2. lunch and dinner should be provided on trek
3 hot water should be provided on trek

4 medical kit will be provided.
5 night stay should be sharing in camp and home stay
6 1professional guide ya rescue expert with going on your trek
term and condition

1.every person should be required personal poter this trek compulsory. If the client is good treker then he /she managed sharing poter required.

  YATRA PACKAGE Date :- Day 01:- HARIDWAR TO JANKICHATTI. (O/N JANKICHATTI )DATE:- DAY:- 2  JANKICHATTI. (O/N JANKICHATT...
28/02/2024

YATRA PACKAGE
Date :-
Day 01:- HARIDWAR TO JANKICHATTI. (O/N JANKICHATTI )

DATE:-
DAY:- 2 JANKICHATTI. (O/N JANKICHATTI)

DATE:-
DAY:- 3 JANKICHATTI TO HEENA OR UTTARKASHI.(O/N HEENA OR UTTARKASHI)

DATE:-
DAY:- 4 HEENA OR UTTARKASHI.(O/N HEENA OR UTTARKASHI)

DATE:-
DAY:-5 HEENA OR UTTARKASHI TO GUPTKASHI.(O/N phata)

DATE:-
DAY:-6 GUPTKASHI TO KEDARNATH (TENT). (O/N KEDARNATH)

DATE:-
DAY:-7 KEDARNATH TO GUPTKASHI.(O/N phata)

DATE:-
DAY:- 8 GUPTKASHI TO BADRINATH.(O/N Pipalkoti)

DATE:-
DAY:- 9 PIPALKOTI TO BADRINATH. (O/n PIPALKOTI )

Date:-
Day:- 10 PIPALKOTI TO HARIDWAR DROPPED.

NIGHT:- JANKICHATTI :- 2
HEENA OR UTTARKASHI :- 2
GUPTKASHI :- 2
Kedarnath:- 1 ( tent )
PIPALKOTI :- 2


CONTACT ON :-+917701881762

Mussoorie kempty fall lakh
Kashi vishwnath temple:- Uttarkashi
Bhairava temple
Pach prayag
Narsingh temple :- joshimath
Ram jhula laxman jula :- Rishikesh
Chopta and tungnath

yatra

Tour guide for chardham yatra
26/02/2024

Tour guide for chardham yatra

26/02/2024
जय श्री गंगे मैय्या
26/02/2024

जय श्री गंगे मैय्या

Avail a special discount on Tally
31/01/2024

Avail a special discount on Tally

समस्त देशवासियों को 75वें गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। भारत को लोकतान्त्रिक गणराज्य के रूप में स्थापित करने हेतु ...
26/01/2024

समस्त देशवासियों को 75वें गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।

भारत को लोकतान्त्रिक गणराज्य के रूप में स्थापित करने हेतु अपना योगदान देने वाले समस्त महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों, महान विभूतियों, वीर-वीरांगनाओं और अमर शहीदों को कृतज्ञता-पूर्वक नमन।

आइए, हम 'एक भारत-श्रेष्ठ भारत-आत्मनिर्भर भारत' के निर्माण हेतु संकल्पित हों।

जय हिन्द !!


#गणतंत्र_दिवस

Beautiful Uttarakhand
15/01/2024

Beautiful Uttarakhand

Uttarakhand Travel GURU
15/01/2024

Uttarakhand Travel GURU

फिलिस्तीन के मुसलमानों ने ७ अक्टूबर को एक इजरायली युवक की हत्या कर उसके बच्चे को जिन्दा ओवन में डाल दिया और पत्नी के साथ...
05/11/2023

फिलिस्तीन के मुसलमानों ने ७ अक्टूबर को एक इजरायली युवक की हत्या कर उसके बच्चे को जिन्दा ओवन में डाल दिया और पत्नी के साथ वे लोग तबतक रेप करते रहे जबतक बच्चा जलता रहा.
कितने मुसलमानों ने कहा की वे मुस्लिम होने पर शर्मिंदा हैं?
😢😢😢😢😢😢😢

फिलिस्तीन के २०-२० मुसलमानों ने इजरायल के एक एक लड़कियों और छोटी छोटी बच्चियों के साथ रेप किया और उन्हें नग्न कर परेड निकाला.
कितने मुसलमानों ने कहा की वे मुस्लिम होने पर शर्मिंदा हैं?
😢😢😢😢😢😢😢

फिलिस्तीन के मुसलमानों ने इजरायल के स्त्रियों के साथ उनके पतियों के सामने निर्वस्त्र कर रेप किया.
कितने मुसलमानों ने कहा की वे मुस्लिम होने पर शर्मिंदा हैं?
😢😢😢😢😢😢😢

अपहरण की गई एक इजरायली महिला को दो दिन तक भूखा रखा और तीसरे दिन मांस भात खाने केलिए दिया. खाने के बाद बताया की जो मांस वो खाई है वह उसके बच्चे का था.
कितने मुसलमानों ने कहा की वे मुस्लिम होने पर शर्मिंदा हैं?
😢😢😢😢😢😢😢

फिलिस्तीनी मुसलमानों ने ७ अक्टूबर को इजरायल में हमला कर १४०० निर्दोष नागरिकों को पुरे परिवार सहित उनके घरों में, होटलों में, अस्पतालों में, गाड़ियों में मार दिया या जला दिया.
कितने मुसलमानों ने कहा की वे मुस्लिम होने पर शर्मिंदा हैं?
😢😢😢😢😢😢😢

फिलिस्तीनी मुसलमानों ने दर्जनों इजरायली बच्चों को जिन्दा जला दिया और अल्लाहु अकबर का नारा लगाते हुए ४० बच्चों की गर्दन रेतकर हत्या कर दिया.
कितने मुसलमानों ने कहा की वे मुस्लिम होने पर शर्मिंदा हैं?
😢😢😢😢😢😢😢

ऐसे बर्बर हिंसक रेपिस्ट शैतानों का समर्थन करनेवाले न केवल इंसानियत और मानवता के दुश्मन हैं बल्कि सभ्य समाज केलिए बहुत बड़ा खतरा हैं, उनसे सिर्फ सावधान रहने की जरूरत ही नहीं है बल्कि उनसे निपटने केलिए तैयारी करने की भी जरूरत है क्योंकि आज वे उन शैतानों का समर्थन कर रहे हैं तो कल ये भी यही कर सकते हैं क्योंकि दोनों एक ही किताब पढ़ते हैं।
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नोट: यहां हमास के आतंकियों को फलीस्तीनी मुसलमान इसलिए लिखा गया है क्योंकि हमास के आतंकियों के समर्थक उनके लिए हमास के आतंकी नहीं फिलिस्तीन के मुसलमान शब्द का ही प्रयोग करते हैं।

18/10/2023

Elephant in हरिद्वार

श्रावण मास में शिव पूजा के लिए शिवरात्रि के पर्व को सबसे उत्तम माना गया है. हिंदू मान्यता के अनुसार शिवरात्रि पर पूजा कर...
14/07/2023

श्रावण मास में शिव पूजा के लिए शिवरात्रि के पर्व को सबसे उत्तम माना गया है. हिंदू मान्यता के अनुसार शिवरात्रि पर पूजा करने वाले भक्तों पर औढरदानी शिव की विशेष कृपा बरसती है. श्रावण मास की शिवरात्रि पर न सिर्फ शिवलिंग पर पवित्र गंगाजल चढ़ाने का बहुत ज्यादा महत्व माना गया है, बल्कि इस पर्व पर चार प्रहर की शिव पूजा को सभी कामनाओं को पूरा करने वाला माना गया है. इस साल तिथियों के घटाव-बढ़ाव होने के कारण शिव भक्त शिवरात्रि की तारीख को लेकर असमंजस में है कि यह पावन पर्व 15 या फिर 16 जुलाई 2023 को मनाई जाएगा.
इस साल सावन की शिवरात्रि का महापर्व 15 जुलाई 2023 शनिवार को मनाना ज्यादा उचित रहेगा क्योंकि श्रावण मास की मास कृष्ण पक्ष त्रयोदशी तिथि रात्रि 8:32 तक है उसके बाद चतुर्दशी तिथि प्रारंभ हो जाएगी. पंडित रमेश सेमवाल के अनुसार श्रावण मास की शिवरात्रि के दिन जल चढ़ाने का शुभ मुहूर्त रात्रि 8:32 पर रहेगा.

इस साल 2 दिन चढ़ाया जा सकेगा शिवलिंग पर जल:
चतुर्दशी तिथि 15 जुलाई रात्रि 8:32 पर शुरू होकर 16 जुलाई 2023 रात 10:08 तक रहेगी. इस तरह देखा जाए तो शिव साधकों को दो दिन जल चढ़ाने एवं पूजन करने का विशेष समय मिल रहा है. ऐसे में जो शिवभक्त किसी कारण 15 जुलाई 2023 को जल न चढ़ा पाएं वे दूसरे दिन यानि 16 जुलाई 2023 की रात 10:08 तक जल चढ़ा सकते हैं.

शिवरात्रि पर चार प्रहर की पूजा का समय:
यदि देवों के देव महादेव की पूजा का पूरा फल पाना है तो शिव भक्तों को शिवरात्रि पर चार प्रहर की विशेष पूजा जरूर करनी चाहिए. उनके अनुसार इस साल शिवरात्रि पर प्रथम प्रहर का पूजन समय शाम 7:21 से 9:54 तक, द्वितीय प्रहर का पूजन समय रात्रि 9:54 से 12:27 तक, तृतीय प्रहर का पूजन समय पूर्वाह्न 12:27 से 3:03 तक चतुर्थ प्रहर का पूजन समय पूर्वाह्न 3:03 से 5:33 तक रहेगा. भगवान भोलेनाथ की शिवरात्रि पर की जाने वाली चार प्रहर की पूजा के बारे में मान्यता है कि इसे विधि-विधान से करने वाले शिवभक्त पर महादेव की असीम कृपा बरसती है और भगवान शंकर की कृपा से उसके पूर्वजन्म और इस जन्म के सभी पाप दूर हो जाते हैं. शिव कृपा से उसे जीवन के सभी सुख-सौभाग्य प्राप्त होते हैं.

कैसे करें शिव का पूजन:
भगवान शिव की पूजा के लिए सबसे उत्तम मानी जाने वाली पावन रात्रि यानि शिवरात्रि पर औढरदानी की कृपा पाने के लिए शिवलिंग का दूध, दही, शहद, घी, शक्कर, गंगाजल, गन्ने का रस, आम का रस, मक्खन आदि से अभिषेक करें. शिवरात्रि पर महादेव की विशेष कृपा पाने के लिए शिवलिंग पर भगवान शंकर का प्रिय माने जाने वाला बेलपत्र, धतूरा, भांग आदि जरूर चढ़ाएं. इसी प्रकार भगवान शिव पूजा में कमल पुष्प, चमेली का पुष्प, हरसिंगार का फूल चढ़ाएं. शिवरात्रि पर भगवान शिव को काला तिल और मूंग चढ़ाने के बाद मिष्ठान का भोग लगाएं और शिव चालीसा, शिवपुराण, शिव मंत्र अथवा शिव स्तोत्र आदि का पाठ पढ़े।
महादेव आप सभी का कल्याण करें।
हर हर महादेव 🚩
: Mahakumbh Haridwar

#सावन #शिवरात्रि #शुभमुहूर्त

14/07/2022

सावन पूजा में शिव आराधना में जरूर रखें इन बातों का ध्यान
- भगवान शिव को कभी भी केतकी के फूल नहीं चढ़ाना चाहिए। मान्यता है कि केतकी के फूल चढ़ाने से भगवान शिवजी नाराज होते हैं।
- इसके अलावा भगवान शिव की पूजा में उन्हें तुलसी नहीं चढ़ाना चाहिए।
- अगर आप भगवान शिव पर नारियल का पानी चढ़ाते हैं तो वह भी वर्जित होता है।
- भगवान शिव को जलाभिषेक किसी कांस्य या पीतल के बर्तन से ही जल चढ़ाएं।
- शिवलिंग पर न ही हल्दी और कुमकुम लगाना चाहिए।

सावन पूजा सामग्री:
सावन में भगवान शिव की पूजा में कई तरह की पूजा सामग्रियों का प्रयोग किया जाता है। मान्यता है कि सावन के महीने में भगवान शिव का अभिषेक करना विशेष रूप से लाभदायक होता है। साथ ही शिव पूजा में कुछ पुष्पों को अर्पित करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। सावन माह में इन फूलों को शिवलिंग पर अवश्य करें। कमल,बिल्बपत्र,शंखपुष्प, दूर्वा,हरसिंगार, दुपहरिया,कनेर, बेला,चमेली, अलसी,शमीपत्र, मदार,धतूरा ,जूही,सेदुआरि,राई और बिल्वपत्र
#हरिद्वार #शिवभक्त #नीलेश्वर #महादेव

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Har Ki Paudi
Haridwar
249401

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