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!! नर्मदा नदी के हर पत्थर में हैं शिव आखिर क्यों..!! प्राचीनकाल में नर्मदा नदी ने बहुत वर्षों तक तपस्या करके ब्रह्माजी क...
27/07/2022

!! नर्मदा नदी के हर पत्थर में हैं शिव आखिर क्यों..!!

प्राचीनकाल में नर्मदा नदी ने बहुत वर्षों तक तपस्या करके ब्रह्माजी को प्रसन्न किया। प्रसन्न होकर ब्रह्माजी ने वर मांगने को कहा। नर्मदाजी ने कहा‌:- ’ब्रह्मा जी! यदि आप मुझ पर प्रसन्न हैं तो मुझे गंगाजी के समान कर दीजिए।’

ब्रह्माजी ने मुस्कराते हुए कहा - ’यदि कोई दूसरा देवता भगवान शिव की बराबरी कर ले, कोई दूसरा पुरुष भगवान विष्णु के समान हो जाए, कोई दूसरी नारी पार्वतीजी की समानता कर ले और कोई दूसरी नगरी काशीपुरी की बराबरी कर सके तो कोई दूसरी नदी भी गंगा के समान हो सकती है।'

ब्रह्माजी की बात सुनकर नर्मदा उनके वरदान का त्याग करके काशी चली गयीं और वहां पिलपिलातीर्थ में शिवलिंग की स्थापना करके तप करने लगीं।

भगवान शंकर उनपर बहुत प्रसन्न हुए और वर मांगने के लिए कहा।

नर्मदा ने कहा - ’भगवन्! तुच्छ वर मांगने से क्या लाभ...? बस आपके चरणकमलों में मेरी भक्ति बनी रहे।'

नर्मदा की बात सुनकर भगवान शंकर बहुत प्रसन्न हो गए और बोले - ’नर्मदे! तुम्हारे तट पर जितने भी प्रस्तरखण्ड (पत्थर) हैं, वे सब मेरे वर से शिवलिंगरूप हो जाएंगे। गंगा में स्नान करने पर शीघ्र ही पाप का नाश होता है, यमुना सात दिन के स्नान से और सरस्वती तीन दिन के स्नान से सब पापों का नाश करती हैं परन्तु तुम दर्शनमात्र से सम्पूर्ण पापों का निवारण करने वाली होगी। तुमने जो नर्मदेश्वर शिवलिंग की स्थापना की है, वह पुण्य और मोक्ष देने वाला होगा।’

भगवान शंकर उसी शिवलिंग में लीन हो गए। इतनी पवित्रता पाकर नर्मदा भी प्रसन्न हो गयीं। इसलिए कहा जाता है ‘नर्मदा का हर कंकर शिव शंकर है।'

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12/07/2022

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This is beautiful Wall Carving the Sculpture Garuda humanoid Bird, in a fight with Naga the Carving Hoysaleswar Temple, ...
15/06/2022

This is beautiful Wall Carving the Sculpture
Garuda humanoid Bird, in a fight with Naga
the Carving Hoysaleswar Temple, Halebidu
in Hasan District of Karnataka

📍𝐋𝐨𝐜𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧 : ~Kailasa Temple, Ellora, Maharashtra, India 🙏🍁𝐀𝐛𝐨𝐮𝐭 𝐋𝐨𝐜𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧 : ~ Kailasa Temple has been dubbed as 'Cave 16'...
15/06/2022

📍𝐋𝐨𝐜𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧 : ~Kailasa Temple, Ellora, Maharashtra, India 🙏

🍁𝐀𝐛𝐨𝐮𝐭 𝐋𝐨𝐜𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧 : ~ Kailasa Temple has been dubbed as 'Cave 16' of the Ellora Caves, and is notable for being the largest monolithic structure in the world that was carved out of a single piece of rock. Apart from the temple's impressive size, it is also remarkable for its sculptures, as well as for the fine workmanship of its other architectural elements. The Kailasa Temple [known also as the Kailasanatha (which translates as 'Lord of Kailasa') Temple] is an ancient Hindu temple located in the western Indian region of Maharashtra. A UNESCO World Heritage, this temple is part of the Ellora Caves, a religious complex consisting of 34 rock-cut monasteries and temples. This temple derives its name from Mount Kailasa, the Himalayan abode of the Hindu god Shiva. It is generally believed that this temple was constructed in the 8th century AD, during the reign of Krishna I, a ruler of the Rashtrakuta Empire. As the Kailasa Temple is supposed to represent the sacred mountain of Shiva, this temple was dedicated to this particular Hindu god. The construction of the Kailasa Temple is thought to have taken place between 757 and 783 AD. It has been commonly estimated that over this period of about two and a half decades, a total of 200,000 (other estimations range from 150,000 to 400,000) tons of rock were excavated out of a vertical basalt cliff in the Charanandri Hills to form the magnificent temple. It may be added that the temple was carved from top to bottom with only simple hammers and chisels.

ऊत्तराखण्ड में एक ऐंसा मंदिर है जिसके कपाट  सिर्फ एक दिन के लिये खुलते है . . . वंशी नारायण मंदिर नाम से विख्यात यह मंदि...
15/06/2022

ऊत्तराखण्ड में एक ऐंसा मंदिर है जिसके कपाट सिर्फ एक दिन के लिये खुलते है . . .

वंशी नारायण मंदिर नाम से विख्यात यह मंदिर चमोली गढ़वाल में स्थित है।
मान्याता है कि इस मंदिर में देवऋषि नारद 364 दिन भगवान नारायण की पूजा अर्चना करते हैं और यहां पर मनुष्यों को पूजा करने का अधिकार सिर्फ एक दिन के लिए ही है,
एक बार राजा बलि ने भगवान विष्णु से आग्रह किया कि वह उनके द्वारपाल बने। भगवान विष्णु ने राजा बलि के इस आग्रह को स्वीकार कर लिया और वह राजा बलि के साथ पाताल लोक चले गए। भगवान विष्णु के कई दिनों तक दर्शन न होने कारण माता लक्ष्मी परेशान हो गई और वह नारद मुनि के पास गई। नारद मुनि के पास पहुंचकर उन्होंने माता लक्ष्मी से पूछा के भगवान विष्णु कहां पर है। जिसके बाद नारद मुनि ने माता लक्ष्मी को बताया कि वह पाताल लोक में हैं और द्वारपाल बने हुए हैं।
नारद मुनि ने माता लक्ष्मी को भगवान विष्णु को वापस लाने का उपाय भी बताया । उन्होंने कहा कि आप श्रावण मास की पूर्णिमा को पाताल लोक में जाएं और राजा बलि की कलाई पर रक्षासूत्र बांध दें। रक्षासूत्र बांधने के बाद राजा बलि से वापस उन्हें मांग लें। इस पर माता लक्ष्मी ने कहां कि मुझे पाताल लोक जानें का रास्ता नहीं पता क्या आप मेरे साथ पाताल लोक चलेंगे। इस पर उन्होंने माता लक्ष्मी के आग्रह को स्वीकार कर लिया और वह उनके साथ पाताल लोक चले गए। जिसके बाद नारद मुनि की अनुपस्थिति में कलगोठ गांव के जार पुजारी ने वंशी नारायण की पूजा की तब से ही यह परंपरा चली आ रही है।
रक्षाबंधन के दिन कलगोठ गांव के प्रत्येक घर से भगवान नारायण के लिए मक्खन आता है। इसी मक्खन से वहां पर प्रसाद तैयार होता है। भगवान वंशी नारायण की फूलवारी में कई दुर्लभ प्रजाति के फूल खिलते हैं। इस मंदिर में श्रावन पूर्णिमा पर भगवान नारायण का श्रृंगार भी होता है। इसके बाद गांव के लोग भगवान नारायण को रक्षासूत्र बांधते हैं। मंदिर में ठाकुर जाति के पुजारी होते हैं
कातयूरी शैली में बने 10 फिट ऊंचे इस मंदिर का गर्भ भी वर्गाकार है। जहां भगवान विष्णु चर्तुभुज रूप में विद्यमान है। इस मंदिर की खास बात यह है कि इस मंदिर की प्रतिमा में भगवान नारायण और भगवान शिव दोनों के ही दर्शन होते हैं। वंशी नारायण मंदिर में भगवान गणेश और वन देवियों की मूर्तियां भी मौजूद हैं।

FLUTIST (VENU VADAKA)"Please observe, this image is of a male artist dancing and playing on a flute. The idol may be a r...
22/05/2022

FLUTIST (VENU VADAKA)
"Please observe, this image is of a male artist dancing and playing on a flute. The idol may be a representation of Krishna brought up as Venugopal(Krishna as a cowherd). At the bottom we can see the co-artists playing on the instruments."
Sculptor : Chavana

Location : Chennakeshava Temple , Belur, Karnataka

Nandi sitting in front of Shivalinga 🙏ॐ नमः शिवाय | Shivling at Har ki Dun Valley - Uttarakhand 🙏This trek is situated a...
22/05/2022

Nandi sitting in front of Shivalinga 🙏

ॐ नमः शिवाय | Shivling at Har ki Dun Valley - Uttarakhand 🙏

This trek is situated at an altitude of 3556 meters above sea level and is surrounded by deodar forest on all sides. Har-ki-Doon also known as the Valley of the Gods, and is a beautiful place to visit in lap of Himalayas.

22/05/2022

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