03/01/2022
■ प्रसंग है किष्किंधाकाण्ड का ! वानर सेना गिद्ध से मिली, गिद्ध की आँखों के सस्पेंसरी लिगामेंट्स हरकत में आ गए और आँखों के लैंस को एक परफेक्ट जगह में होल्ड कर दिया। फिर गिद्ध ने अपने सुपर टेली जूम 1000x से देखा और सीता माता का एक्सेक्टली लोकेशन बता कर बोला - जो सौ योजन (चार सौ कोस) समुद्र लाँघ सकेगा और बुद्धिनिधान होगा, वही श्री राम का कार्य कर सकेगा !! ये कहकर जब गिद्ध चला गया, तब उन (वानरों) के मन में अत्यंत विस्मय हुआ। सब किसी ने अपना अपना बल एक्सप्लेन किया पर समुद्र के पार जाने में सभी ने संदेह प्रकट किया।
सब कन्फ्यूज थे सब अपनी शक्तियों के लेवल के बारे में सोच रहे थे कि अचानक ऋक्षराज जाम्बवन्त की नजर बाबा हनुमान पर पड़ी और और हनुमानजी से बोले जिसको तुलसी बाबा लिखतें हैं :-
कहइ रीछपति सुनु हनुमाना। का चुप साधि रहेहु बलवाना॥
पवन तनय बल पवन समाना। बुधि बिबेक बिग्यान निधाना
हे हनुमान ! हे बलवान ! सुनो, तुमने यह क्या चुप साध रखी है ? तुम पवन के पुत्र हो और बल में पवन के समान हो। तुम बुद्धि-विवेक और विज्ञान की खान हो।
कवन सो काज कठिन जग माहीं। जो नहिं होइ तात तुम्ह पाहीं॥
राम काज लगि तव अवतारा। सुनतहिं भयउ पर्बताकारा॥
जगत में कौन सा ऐसा कठिन काम है जो हे तात ! तुमसे न हो सके ? श्री रामजी के कार्य के लिए ही तो तुम्हारा अवतार हुआ है। यह सुनते ही हनुमान्जी पर्वत के आकार के (अत्यंत विशालकाय) हो गए।
उधर हनुमानजी का सेरोटोनिन मचल उठा था इधर तुलसी बाबा की कलम ✍️ बाबा लिखतें हैं आगे -
कनक बरन तन तेज बिराजा। मानहुँ अपर गिरिन्ह कर राजा॥
सिंहनाद करि बारहिं बारा। लीलहिं नाघउँ जलनिधि खारा॥
सहित सहाय रावनहि मारी। आनउँ इहाँ त्रिकूट उपारी॥
जामवंत मैं पूँछउँ तोही। उचित सिखावनु दीजहु मोही।
बाबा लिखतें हैं हनुमानजी का सोने सा रंग है, शरीर पर तेज सुशोभित है, मानो दूसरा पर्वतों का राजा सुमेरु हो। हनुमानजी ने बार-बार सिंहनाद करके कहा - मैं इस खारे समुद्र को खेल में ही लाँघ सकता हूँ !! और सहायकों सहित रावण को मारकर त्रिकूट पर्वत को उखाड़कर यहाँ ला सकता हूँ। हे जाम्बवान ! मैं तुमसे पूछता हूँ, तुम मुझे उचित सीख देना कि मुझे क्या करना चाहिए।
तो हनुमानजी को अपने बल और बुद्धि का एहसास हो गया था लेकिन आपको नहीं हो रहा है, क्योंकि जामवन्त जैसा जानकर आपको जागरूक करने को पास नहीं है !!
जामवन्त ने जागरूक किया था बाबा हनुमान को और मैं चाहती हूँ कि आप खुद के ही जामवन्त बन जाओ 🙏
वो सतयुग था उनके पास सबसे महत्त्वपूर्ण गदा थी, आपके पास सेंट्रल नर्वस सिस्टम का सबसे बलवान न्यूरोट्रांसमीटर GABA है जिसे गामा अमीनोब्यूटायरिक एसिड कहतें हैं। आप जानबूझकर अपने इस इनहिबिटरी न्यूरोट्रांसमीटर के बल को बढ़ा नहीं रहे हो !!
कौन नहीं चाहता कि कुदरत के सहयोग से उसका रोग ऐसा कटे कि फिर दोबारा दिखायी न दे। लेकिन कुदरती तरीक़े से रोग-नियन्त्रण के साथ कुछ बातें समझनी ज़रूरी हो जाती हैं। इसको सबसे कुदरती तरीके से बढ़ाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका व्यायाम की होती है जो आपसे होता नहीं और कुछ न्यूट्रिनेंट्स और प्रोबायोटिक्स वाली डाइट्री की जो आप खाते नहीं हो 😠
हनुमानजी का पूरी कहानी में क्या क्या रोल था ये सबको पता है, अब इस GABA का मैं बता दूँ अगर ये कम हुआ मतलब इसकी डिफिसियसी हुई आपकी बॉडी में तो ये Anxiety Panic attacks, Seizure, Headaches जैसी बीमारियों का जनक होगा..!!
सबसे पहले स्वीकृति करनी है सत्य की। मानना है कि आपको घबराहट है और यह एक बड़ा मारक रोग है। फिर 'दवा ही खाऊँगा' की रट छोड़नी है। सोचने के साथ भी जानना ज़रूरी है। जानेंगे तो सोच पाएँगे। जानेंगे ही नहीं तो जब पहली बार सोचने को कहा जाएगा, तो हँसी आएगी। यह हँसी अनभिज्ञता की हँसी है। हँसिए, लेकिन पढ़ते-जानते-समझते हुए हँसिए। और फिर अन्त में गम्भीर हो कर युद्ध के लिए चलिए, लेकिन एकदम आहिस्ता-आहिस्ता ठण्डी साँसों के साथ बिना घबराहट।
शरीर में बनता GABA प्राकृतिक है, दवाई के सहारे बना न्यूरोट्रांसमीटर उसकी नकल। हम प्रयास करते हैं कि रोगियों को उनकी सामान्य आन्तरिक प्रकृति के नज़दीक पहुँचा सकें और उनकी दैहिक क्रियाएँ सामान्य हो जाएँ। लेकिन हम चाह कर भी पूरी तरह उन्हें सामान्य नहीं कर सकते : कारण कि बाहर से दी गयी गोलियाँ-इंजेक्शन प्राकृतिक न्यूरोट्रांसमीटर्स की बराबरी नहीं कर सकते।
GABA न कोई देवी है, न देवता। वो आपके CNS में हर जगह है और उसका ब्रेन में मेजर रोल है। वह घटा है, क्योंकि आपने अपनी बाहर-भीतर की कुदरत बदल दी है। खानपान बदल दिया है, रहन-सहन बदल दिया है, आदतें बदल दी हैं। और आपको कुदरती तरीके से सब रोग खत्म करने है Woha सालो 😂
सन 1672 से कह रही हूँ न आपको की कसरत रोज करो। रोज़। लगातार। कोई बहाना नहीं। आप करते जाएँगे, शरीर बेहतर होता जाएगा। आसान व्यायामों से शुरू करिए, धीरे-धीरे स्तर बढ़ाइए। अपने आप शरीर बेहतर होगा। न्यूरोट्रांसमीटर्स इनक्रीज होते जाएंगे। कमर का घटता घेरा बीपी शुगर और मोटापे के लेवल को नीचे लाने में मदद करेगा।
बाजारू खाद्य पदार्थों का सेवन कम या बन्द ही कर दो, तेल, तले हुई चीजें कम कर लो, दोपहर और की कॉफी बन्द कर दो ये आपके इनसोम्निया का कारण बन सकती है, घर में सीढियां होगी ? चढो-उतरो 20-30 बार, कार्डियो कसरत नही आती तो यूट्यूब से देख के सिख लो। हरि सब्जियां, दालें, सलाद भरपूर बढा लो। हर बार ड्रग के भरोसे विकलांग मत बनो। जागरूक बनो सालो। सबके जीवन में जामवन्त नही आएंगे !
याद रखिए - प्रकृति स्वास्थ्य है, तो प्रकृति रोग भी है। रोग से मनुष्य ने लड़कर जीवन जीता है। अन्यथा प्रकृति तो आपकी मृत्यु कब की चाह चुकी थी।
जय बजरंगबली 🙏 शुभरात्रि 🌹
मोनिका