Chambal Valley Tourism

Chambal Valley Tourism Chambal Valley is beautiful of hills or mountain � Nd nature
it is located in Morena Chambal Valley and it is called braj bhoomi also in madhya Pradesh

मुरैना के लाल ने दुबई में किया कमाल.मुरैना के एथलीट ने दुबई में भारत का झंडा बुलंद किया है। दुबई में आयोजित हुई अंडर 20 ...
29/04/2024

मुरैना के लाल ने दुबई में किया कमाल.

मुरैना के एथलीट ने दुबई में भारत का झंडा बुलंद किया है। दुबई में आयोजित हुई अंडर 20 पुरुष एथलेटिक चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए मुरैना के विनोद कुशवाह पुत्र मातादीन कुशवाह ने 5 हजार मीटर दौड़ में सिल्वर मैडल हासिल किया है।

दुबई में आयोजित एथलेटिक प्रतियोगिता में 5 हजार मीटर दौड़ विनोद ने महज 14 मिनट 9 सेकंड 163 में पूरी की और सिल्वर मेडल जीतकर मुरैना का नाम रोशन किया। विनोद के स्थानीय कोच नरेन्द्र सिंह तोमर ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रसिद्ध लांग जंप खिलाड़ी अंकित शर्मा के बाद अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने वाले यह विनोद दूसरे खिलाड़ी हैं।
#मुरैना #खिलाड़ी #स्पोर्ट्स #खेल

27/04/2024
06/06/2023

Chambal Safari

Success: Good News. Cheetah Siyaya has delivered four cubs inside kuno 👍
29/03/2023

Success: Good News. Cheetah Siyaya has delivered four cubs inside kuno 👍

जैन समाज मुरैना युवा वर्ग द्वारा बरईकोट के किले में प्रथम बार प्राचीन तीर्थ के अवशेषों का अवलोकन किया गया ।Support - Cha...
20/03/2023

जैन समाज मुरैना युवा वर्ग द्वारा बरईकोट के किले में प्रथम बार प्राचीन तीर्थ के अवशेषों का अवलोकन किया गया ।
Support - Chambal Valley Tourism Mehtab Ghumakkad David gwalior vlogs Aditya Jain Nayak

22/02/2023

लिखिछाज शैलाश्रय
Rock Painting

मुरैना। भीम बैठिका की ही तरह गुफाओं और छज्जे नुमा चट्टानों के नीचे बने शैल चित्रों की लंबी श्रृंखला पहाड़गढ़ के कारस में मिलती है। इस जगह को लिखी छाज कहा जाता है। इस जगह को राज्य संरक्षित स्मारक घोषित करने के लिए साल 2013 में प्राथमिक गजट नोटिफिकेशन किया गया था, लेकिन दावे-आपत्ति की प्रक्रिया पूरी न हो पाने के चलते इस जगह को संरक्षित जगह का दर्जा देने के लिए फाइनल गजट नोटिफिकेशन अब तक नहीं हो पाया है।

पहाडगढ़ से लगभग 25 km की दूरी पर 86 गुफाओं की श्रृंखला देखी जा सकती है। इन गुफाओं को भोपाल की भीमबेटका गुफाओं का समकालीन माना जाता है। सभ्यता के प्रारंभ में लोग इन गुफाओं में आश्रय लेते थे। गुफाओं में पुरूष, महिला, चिड़िया, पशु, शिकार और नृत्य से संबंधित अनेक चित्र देखे जा सकते हैं। यह चित्र बताते हैं कि प्रागैतिहासिक काल में भी मनुष्य की कला चंबल घाटी में जीवंत थी।

आदि मानव काल यानी महाभारत काल से भी कई हजार साल पहले के शैलाश्रय 80 के दशक में मुरैना जिले के पहाड़गढ़ इलाके के जंगलों में मिले थे। सूख चुकी एक नदी के किनारे के करीब 717 बीघा बपठारीय क्षेत्र में बिखरे शैल चित्र और शैल आश्रयों को लिखी छाज के नाम से जाना जाता है। इस जगह को संरक्षित करने के लिए राज्य शासन ने 2 जनवरी 2013 को प्राथमिक गजट नोटिफिकेशन जारी किया गया था। इसमें पहाड़गढ़ के कारस की लिखी छाज के अलावा प्रदेश के दो और स्मारकों के नाम शामिल थे। यह प्रक्रिया पूरी तब मानी जाती है जब फाइनल गजट नोटिफिकेशन हो जाए, लेकिन यह नोटिफिकेशन अब तक जारी नहीं हो पाया है।

दावे-आपत्ति की प्रक्रिया अधूरी

इस मामले में पुरातत्व विभाग के अधिकारियों की मानें तो प्राइमरी गजट नोटिफिकेशन के बाद दावे-आपत्ति आमंत्रित करने की प्रक्रिया शुरू होती है। ताकि यह तय हो सके कि जिस जगह को संरक्षित किया जा रहा है उस इलाके में किने लोग अपने अधिकार और दखल रखते हैं। अधिकारियों के मुताबिक अभी तक यही प्रक्रिया पूर्ण नहीं हो पाई है, जिसके चलते फाइनल गजट नोटिफिकेशन नहीं हो पाया है।

संरक्षित घोषित होने से सुरक्षित हो जाएगी लिखी छाज

वर्तमान में लिखी छाज के शैलाश्रय और शैलचित्र पूरी तरह से असुरक्षित हैं। अगर लिखी छाज संरक्षित हो जाती तो इसके शैल चित्रों को सुरिक्षत किया जा सकता है। साथ ही यहां आम लोगों द्वारा खराब किए गए शैल चित्रों को भी फिर से साफ करने का काम भी हो सकता है। संरक्षित होने के बाद शासन यहां पहुंच मार्ग का निर्माण भी कर सकता है।

इनका कहना है

लिखी छाज के संरक्षण की प्राथमिक अधिसूचना जारी हो चुकी है। अभी अंतिम अधिसूचना जारी नहीं हुई है। दावे-आपत्ति संबंधी प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई। इसके बाद ही फाइनल गजट नोटिफिकेशन जारी हो सकता है।

-एसआर वर्मा, उप संचालक पुरातत्व संग्रहालय एवं अभिलेखागार ग्वालियर

पहुंच मार्ग - ईश्वरा महादेव से 2 से ढाई किलोमीटर पहले ही बोर्ड लगा है मैन रोड पर हरे कलर का। मैं रोड से 2 से 3 किलोमीटर अंदरतक कार से जा सकते हैं। उसके बाद 1 से 1.5 किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ेगा। पहाड़ों पर 2 से तीन मंजिलें नीचे उतरने के बाद तथा 2 मंजिलें ऊपर चढ़ने के बाद एक बहुत ही रमणीय स्थल आपके आंखों के सामने होगा (एकदम बाहुबली फिल्म की तरह) ,जो निश्चित ही आपको एक नवीन ऊर्जा का अहसास करायेगा।
Credits : umesh mathur ( youtube )
#जय बाबा महाकाल 🚩
#भारतगाथा 🚩
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Mehtab Ghumakkad David gwalior vlogs #मुरैना

ईश्वरा महादेव 🚩🚩Ishwara Mahadev , Pahargarhthis place is famous for its mysteries
21/02/2023

ईश्वरा महादेव 🚩🚩Ishwara Mahadev , Pahargarh
this place is famous for its mysteries


कुनो में बढ़ेगी चीतों की संख्या, आज 12 चीते और छोड़े जाएँगे ।
20/02/2023

कुनो में बढ़ेगी चीतों की संख्या, आज 12 चीते और छोड़े जाएँगे ।

"Brightness of this blank Tree" 🌲  Mehtab Ghumakkad Contact us for visit this beautiful valley   Chambal Valley Tourism ...
10/02/2023

"Brightness of this blank Tree" 🌲 Mehtab Ghumakkad
Contact us for visit this beautiful valley Chambal Valley Tourism #मुरैना

14/01/2023

मध्य प्रदेश के चंबल संभाग ग्वालियर में नाल, बैल गाड़ी, पड़ा (बैसा) और घोड़ा दौड़ प्रतियोगिता हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी दूर दूर से हिस्सा लेने आए...
Vedio and info by - Mehtab Ghumakkad
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आप सभी को मकर संक्रान्ति की अनंत शुभकामनाएं।ईश्वर से प्रार्थना है कि यह पर्व आपके जीवन मे नव ऊर्जा व हर्षोल्लास का संचार...
14/01/2023

आप सभी को मकर संक्रान्ति की अनंत शुभकामनाएं।
ईश्वर से प्रार्थना है कि यह पर्व आपके जीवन मे नव ऊर्जा व हर्षोल्लास का संचार करे।🙏
#मुरैना

06/01/2023

कैसे तबाह हुआ ये प्राचीन साम्राज्य | Barai Kot | Ancient Fort , Pahargarh History | Mahadev Temple

इस जगह के अधूरे शोध के बारे में सुनने के बाद, मैं इस जगह की यात्रा करने के लिए बहुत उत्सुक था। यह जगह कुछ शानदार है, यहाँ के किले की संरचना ग्वालियर - चंबल क्षेत्र में देखे जाने वाले अन्य किलों से अलग है। इस जगह पर कई प्राचीन मंदिर, मठ के खंडहर हैं। उनमें से कई 3 दिशाओं में किले के आसपास की खाई में हैं। इस किले के 2 द्वार हैं। किले तक पहुँचने के लिए सबसे पहले मुख्य द्वार है, जहाँ एक महादेव मंदिर और आश्रम है। दूसरा द्वार "8 कुआ 9 बावड़ी " पहुँचने के लिए पहाड़ी से नीचे उतरता है। जहां मैं घने जंगल के कारण नहीं जा सका।
एक संभावित रानी महल है, जिसके भवन के खंडहर अभी भी खड़े हैं और यहाँ देखे जा सकते हैं। किले की दीवारें और मुख्य द्वार आज भी देखे जा सकते हैं। यह एक बहुत ही रहस्यमई जगह जो खोज करताओ के लिए खुला है

After hearing about incomplete research of this place , i was very curious to visit this place . this place is something magnificent , the fort structure here is different from the other forts , we see in the Gwalior - Chambal area. there are many ancient temple , monastery ruins all over this place. many of them are in the ditch surrounding the fort from 3 directions. this fort has 2 gates . first is the main gate to reach the fort , where there is a mahadev mandir and ashram. the second one is to go down the hill to reach " 8 kua 9 bawadi " . where i couldn't visit due to thick forest.

There is a probable Rani mahal , whose building ruins are still standing and can be seen here. the walls and main entrance of the fort can still be seen. A very mysterious place , open for exploration


31/12/2022
Ancient Barai kot Fort, Pahargarh , Morenaइस जगह के अधूरे शोध के बारे में सुनने के बाद, मैं इस जगह की यात्रा करने के लिए...
31/12/2022

Ancient Barai kot Fort, Pahargarh , Morena

इस जगह के अधूरे शोध के बारे में सुनने के बाद, मैं इस जगह की यात्रा करने के लिए बहुत उत्सुक था। यह जगह कुछ शानदार है, यहाँ के किले की संरचना ग्वालियर - चंबल क्षेत्र में देखे जाने वाले अन्य किलों से अलग है। इस जगह पर कई प्राचीन मंदिर, मठ के खंडहर हैं। उनमें से कई 3 दिशाओं में किले के आसपास की खाई में हैं। इस किले के 2 द्वार हैं। किले तक पहुँचने के लिए सबसे पहले मुख्य द्वार है, जहाँ एक महादेव मंदिर और आश्रम है। दूसरा द्वार "8 कुआ 9 बावड़ी " पहुँचने के लिए पहाड़ी से नीचे उतरता है। जहां मैं घने जंगल के कारण नहीं जा सका।
एक संभावित रानी महल है, जिसके भवन के खंडहर अभी भी खड़े हैं और यहाँ देखे जा सकते हैं। किले की दीवारें और मुख्य द्वार आज भी देखे जा सकते हैं। यह एक बहुत ही रहस्यमई जगह जो खोज करताओ के लिए खुला है

after hearing about incomplete research of this place , i was very curious to visit this place . this place is something magnificent , the fort structure here is different from the other forts , we see in the Gwalior - Chambal area. there are many ancient temple , monastery ruins all over this place. many of them are in the ditch surrounding the fort from 3 directions. this fort has 2 gates . first is the main gate to reach the fort , where there is a mahadev mandir and ashram. the second one is to go down the hill to reach " 8 kua 9 bawadi " . where i couldn't visit due to thick forest.

There is a probable Rani mahal , whose building ruins are still standing and can be seen here. the walls and main entrance of the fort can still be seen. A very mysterious place , open for exploration

Chambal Valley Tourism
photo and info by - @ lgakr

आमझीर महादेव 🚩🚩पहाड़गढ, जिला मुरैना, मध्य प्रदेशVisit Here Contact Uscredits : https://youtube.com/
25/12/2022

आमझीर महादेव 🚩🚩
पहाड़गढ, जिला मुरैना, मध्य प्रदेश
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22/12/2022

प्राचीन महादेव मंदिर | पानी से भरी गुफा | बरईकोट (पहाड़गढ़)

 #मुरैना जहां आज 10 रुपए का  #सिक्का नही चलता...??? पर क्यों ये चलन से बाहर हो गया इसका जबाव है किसी के पास ???🤔जबकि बाक...
21/12/2022

#मुरैना जहां आज 10 रुपए का #सिक्का नही चलता...??? पर क्यों ये चलन से बाहर हो गया इसका जबाव है किसी के पास ???🤔जबकि बाकी के प्रांत और देश सब जगह चलन में है !

और केवल दस ही नही एक , दो के सिक्के भी मुरैना व्यवसायियों ने अघोषित रूप से वर्षों से बैन कर रखें हैं लेकिन जिला प्रशासन और कलेक्टर महोदय ने भारतीय मुद्रा के अपमान पर ये बोलकर इतिश्री कर रखी कि ग्राहक पहले व्यवसायी से लडाई मोल ले उसपर FIR करवाये तब हम कार्यवाही करेंगे | शायद 🤫!!

बाकि मुरैना के नेता और युवा नेताओं के क्या ही कहने इनसे जातिवाद से लेकर शहर को लंदन अमेरिका बनवाने पर बहस करवा लो लेकिन शहर की वास्तविक समस्याओं पर किसी की एक आवाज नही निकलती 🤨😶

#मुरैना


19/12/2022

आमझीर महादेव 🚩🚩
पहाड़गढ, जिला मुरैना, मध्य प्रदेश
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credits : https://youtube.com/

मुरैना में सूर्य ग्रहण का नजारा    #मुरैना  #सूर्यग्रहण
27/10/2022

मुरैना में सूर्य ग्रहण का नजारा
#मुरैना #सूर्यग्रहण

19/10/2022

प्रशासन की कोई करवाई नही और भू माफियाओं का शासकीय भूमि एवं चरनोई की जमीन पर अवैध कब्जा।

23/08/2022

मेरो चंबल संभाग 🌧️
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14/08/2022

Pahargarh valley in 🌧️ rainy season
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लिखिछाज शैलाश्रयRock Painting मुरैना। भीम बैठिका की ही तरह गुफाओं और छज्जे नुमा चट्टानों के नीचे बने शैल चित्रों की लंबी...
07/08/2022

लिखिछाज शैलाश्रय
Rock Painting

मुरैना। भीम बैठिका की ही तरह गुफाओं और छज्जे नुमा चट्टानों के नीचे बने शैल चित्रों की लंबी श्रृंखला पहाड़गढ़ के कारस में मिलती है। इस जगह को लिखी छाज कहा जाता है। इस जगह को राज्य संरक्षित स्मारक घोषित करने के लिए साल 2013 में प्राथमिक गजट नोटिफिकेशन किया गया था, लेकिन दावे-आपत्ति की प्रक्रिया पूरी न हो पाने के चलते इस जगह को संरक्षित जगह का दर्जा देने के लिए फाइनल गजट नोटिफिकेशन अब तक नहीं हो पाया है।

पहाडगढ़ से लगभग 25 km की दूरी पर 86 गुफाओं की श्रृंखला देखी जा सकती है। इन गुफाओं को भोपाल की भीमबेटका गुफाओं का समकालीन माना जाता है। सभ्यता के प्रारंभ में लोग इन गुफाओं में आश्रय लेते थे। गुफाओं में पुरूष, महिला, चिड़िया, पशु, शिकार और नृत्य से संबंधित अनेक चित्र देखे जा सकते हैं। यह चित्र बताते हैं कि प्रागैतिहासिक काल में भी मनुष्य की कला चंबल घाटी में जीवंत थी।

आदि मानव काल यानी महाभारत काल से भी कई हजार साल पहले के शैलाश्रय 80 के दशक में मुरैना जिले के पहाड़गढ़ इलाके के जंगलों में मिले थे। सूख चुकी एक नदी के किनारे के करीब 717 बीघा बपठारीय क्षेत्र में बिखरे शैल चित्र और शैल आश्रयों को लिखी छाज के नाम से जाना जाता है। इस जगह को संरक्षित करने के लिए राज्य शासन ने 2 जनवरी 2013 को प्राथमिक गजट नोटिफिकेशन जारी किया गया था। इसमें पहाड़गढ़ के कारस की लिखी छाज के अलावा प्रदेश के दो और स्मारकों के नाम शामिल थे। यह प्रक्रिया पूरी तब मानी जाती है जब फाइनल गजट नोटिफिकेशन हो जाए, लेकिन यह नोटिफिकेशन अब तक जारी नहीं हो पाया है।

दावे-आपत्ति की प्रक्रिया अधूरी

इस मामले में पुरातत्व विभाग के अधिकारियों की मानें तो प्राइमरी गजट नोटिफिकेशन के बाद दावे-आपत्ति आमंत्रित करने की प्रक्रिया शुरू होती है। ताकि यह तय हो सके कि जिस जगह को संरक्षित किया जा रहा है उस इलाके में किने लोग अपने अधिकार और दखल रखते हैं। अधिकारियों के मुताबिक अभी तक यही प्रक्रिया पूर्ण नहीं हो पाई है, जिसके चलते फाइनल गजट नोटिफिकेशन नहीं हो पाया है।

संरक्षित घोषित होने से सुरक्षित हो जाएगी लिखी छाज

वर्तमान में लिखी छाज के शैलाश्रय और शैलचित्र पूरी तरह से असुरक्षित हैं। अगर लिखी छाज संरक्षित हो जाती तो इसके शैल चित्रों को सुरिक्षत किया जा सकता है। साथ ही यहां आम लोगों द्वारा खराब किए गए शैल चित्रों को भी फिर से साफ करने का काम भी हो सकता है। संरक्षित होने के बाद शासन यहां पहुंच मार्ग का निर्माण भी कर सकता है।

इनका कहना है

लिखी छाज के संरक्षण की प्राथमिक अधिसूचना जारी हो चुकी है। अभी अंतिम अधिसूचना जारी नहीं हुई है। दावे-आपत्ति संबंधी प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई। इसके बाद ही फाइनल गजट नोटिफिकेशन जारी हो सकता है।

-एसआर वर्मा, उप संचालक पुरातत्व संग्रहालय एवं अभिलेखागार ग्वालियर

पहुंच मार्ग - ईश्वरा महादेव से 2 से ढाई किलोमीटर पहले ही बोर्ड लगा है मैन रोड पर हरे कलर का। मैं रोड से 2 से 3 किलोमीटर अंदरतक कार से जा सकते हैं। उसके बाद 1 से 1.5 किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ेगा। पहाड़ों पर 2 से तीन मंजिलें नीचे उतरने के बाद तथा 2 मंजिलें ऊपर चढ़ने के बाद एक बहुत ही रमणीय स्थल आपके आंखों के सामने होगा (एकदम बाहुबली फिल्म की तरह) ,जो निश्चित ही आपको एक नवीन ऊर्जा का अहसास करायेगा।

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#भारतगाथा 🚩
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