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13/01/2025

Clown ! Clown ! Clown !

ये साहब कहने के लिए तो उत्तराखंड के मा० स्वास्थ्य मंत्री हैं । पर कल पौड़ी में हुए बस हादसे में जिले के मुख्य अस्पताल में घायल लोगों के लिए प्राथमिक उपचार तक का सामान नही था, और उन्हें श्रीनगर बेस अस्पताल रेफर करना पड़ा । बताया जा रहा है कि अस्पताल में बिटाडीन और रुई तक भी उपलब्ध नही थी । महोदय जब आपको पहले से पता था कि इंद्रेश अस्पताल के डॉक्टर्स का कार्यकाल पौड़ी अस्पताल में 31st दिसंबर 2024 तक ही था । तो आपने 1 जनवरी से जिला अस्पताल पौड़ी में डॉक्टर्स क्यों अप्वाइंट नहीं किये ? क्यों वहां प्राथमिक उपचार तक का सामान नही था ? क्या ये लापरवाही नही थी ? क्या आप लोगों के परिवार के जीवन (लाइफ) को Taken for Granted ले रहे हो ? क्या आपको अब घायल लोगों से मिलने पर शर्मिंदगी महसूस नही हो रही है ? क्योंकि आप स्वयं राज्य के so called मा० स्वास्थ्य मंत्री महोदय हैं ! 6 लोगों ने अपनी ज़िंदगी खो दी अगर हादसा और ज्यादा खतरनाक होता और सबसे नजदीक ज़िला अस्पताल पौड़ी है और वहां के ऐसे हाल देख के और प्राथमिक उपचार न मिलने की स्थिति में अगर और लोगों की जान चली जाती तो आप अपने आप को आईने में देख पाते ? शायद देख भी लेते राजनेताओं के संदर्भ में की गई टिप्पणी यही सत्य साबित होती है, अपना काम बनता, भाड़ में जाए जनता ।
आप अब मृतक के परिवार जनों और घायल लोगों के परिवार जनों को मुआवजा देकर सिर्फ अपनी लचर व्यवस्था को छुपाना चाहते हैं । क्या किसी इंसान के जीवन की कीमत 5 लाख है? अगर आप में थोड़ी सी शर्म बची है तो आपको अभी के अभी अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए नहीं तो आप मात्र एक जोकर के समान हैं ।
नोट:- सिर्फ बादल ही आगे पीछे मत कीजिए, कभी स्वास्थ्य व्यवस्था का दौरा भी कर लीजिए आगे पीछे । बाकी आप और आपके करीबियों को जनता ने इस काबिल तो बनाया ही है कि आप लोग विदेशों में इलाज कर सकें ।
❤️

09/01/2025
08/01/2025

घंडियाल मेला 2025

🎉 Facebook recognized me as a consistent reels creator this week!
24/12/2024

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12/12/2024

Bunkhaal Mela 2024
किंवदंतियों के अनुसार बूंखाल कालीका माता का अवतरण 400 साल पूर्व पौड़ी जिले के कन्डारस्यूं पट्टी के चौपड़ा गावँ में एक शिल्पकार परिवार में लोहार वंश की एक कन्या के रूप में हुवा था। एक मेंडला के जंगल मे गाय चराते हुए, बच्चों ने खेल खेल में इस कन्या को गड्ढे में दबा कर ऊपर से मिट्टी डाल दी। दो तीन दिन खोजबीन के बाद इस कन्या का कहीं भी पता नही चला तो बाद में वह कन्या अपने माता पिता को स्वप्न में आई और उसने बताया कि उसे मेंडला के जंगल मे गड्ढे में दबाया है। अब वह कालिका बन चुकी है , और उसे बूंखाल की भूमि में काली रूप में स्थापित किया जाय। कहा जाता है कि इस कन्या की मंगनी ( सगाई ) ग्राम नलई के कल्या लोहार बंश में हो चुकी थी, इसलिए कन्या ने बूंखाल चुना, वहां से नलई गावँ पर भी नजर पड़ती है।

18/11/2024

Aise bacche nhi dekhe honge .......

Kalun Pauri Uttarakhand
23/10/2024

Kalun Pauri Uttarakhand

Sirkil Pauri Uttarakhand
29/01/2024

Sirkil Pauri Uttarakhand

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