Shri Bhakti Sagar Tirth Yatra

Shri Bhakti Sagar Tirth Yatra Shri Bhakti Sagar Tirth Yatra Rishikesh, Uttarakhand offers you best tour packages for a Braj Chaur

28/04/2024

Ayodhya yatra 28 April 2024

28/03/2024
माँ धारी देवी मंदिरदेवी काली को समर्पित मंदिर यह मंदिर इस क्षेत्र में बहुत पूजनीये है। लोगों का मानना है कि यहाँ धारी मा...
28/03/2024

माँ धारी देवी मंदिर
देवी काली को समर्पित मंदिर यह मंदिर इस क्षेत्र में बहुत पूजनीये है। लोगों का मानना है कि यहाँ धारी माता की मूर्ति एक दिन में तीन बार अपना रूप बदलती हैं पहले एक लड़की फिर महिला और अंत में बूढ़ी महिला । एक पौराणिक कथन के अनुसार कि एक बार भीषण बाढ़ से एक मंदिर बह गया और धारी देवी की मूर्ति धारो गांव के पास एक चट्टान के रुक गई थी। गांव वालों ने मूर्ति से विलाप की आवाज सुनाई सुनी और पवित्र आवाज़ ने उन्हें मूर्ति स्थापित करने का निर्देश दिया।

हर साल नवरात्रों के अवसर पर देवी कालीसौर को विशेष पूजा की जाती है। देवी काली के आशीर्वाद पाने के लिए दूर और नजदीक के लोग इस पवित्र दर्शन करने आते रहे हैं।मंदिर के पास एक प्राचीन गुफा भी मौजूद है

Only 8 seats available
27/11/2023

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03/04/2023

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14/02/2023

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भगवान् कृष्ण ने जब देह छोड़ा तो उनका अंतिम संस्कार किया गया , उनका सारा शरीर तो पांच तत्त्व में मिल गया लेकिन उनका हृदय ब...
06/12/2022

भगवान् कृष्ण ने जब देह छोड़ा तो उनका अंतिम संस्कार किया गया , उनका सारा शरीर तो पांच तत्त्व में मिल गया लेकिन उनका हृदय बिलकुल सामान्य एक जिन्दा आदमी की तरह धड़क रहा था और वो बिलकुल सुरक्षित था , उनका हृदय आज तक सुरक्षित है जो भगवान् जगन्नाथ की काठ की मूर्ति के अंदर रहता है और उसी तरह धड़कता है , ये बात बहुत कम लोगो को पता है

महाप्रभु का महा रहस्य
सोने की झाड़ू से होती है सफाई......

महाप्रभु जगन्नाथ(श्री कृष्ण) को कलियुग का भगवान भी कहते है.... पुरी(उड़ीसा) में जग्गनाथ स्वामी अपनी बहन सुभद्रा और भाई बलराम के साथ निवास करते है... मगर रहस्य ऐसे है कि आजतक कोई न जान पाया

हर 12 साल में महाप्रभु की मूर्ती को बदला जाता है,उस समय पूरे पुरी शहर में ब्लैकआउट किया जाता है यानी पूरे शहर की लाइट बंद की जाती है। लाइट बंद होने के बाद मंदिर परिसर को crpf की सेना चारो तरफ से घेर लेती है...उस समय कोई भी मंदिर में नही जा सकता...

मंदिर के अंदर घना अंधेरा रहता है...पुजारी की आँखों मे पट्टी बंधी होती है...पुजारी के हाथ मे दस्ताने होते है..वो पुरानी मूर्ती से "ब्रह्म पदार्थ" निकालता है और नई मूर्ती में डाल देता है...ये ब्रह्म पदार्थ क्या है आजतक किसी को नही पता...इसे आजतक किसी ने नही देखा. ..हज़ारो सालो से ये एक मूर्ती से दूसरी मूर्ती में ट्रांसफर किया जा रहा है...

ये एक अलौकिक पदार्थ है जिसको छूने मात्र से किसी इंसान के जिस्म के चिथड़े उड़ जाए... इस ब्रह्म पदार्थ का संबंध भगवान श्री कृष्ण से है...मगर ये क्या है ,कोई नही जानता... ये पूरी प्रक्रिया हर 12 साल में एक बार होती है...उस समय सुरक्षा बहुत ज्यादा होती है...

मगर आजतक कोई भी पुजारी ये नही बता पाया की महाप्रभु जगन्नाथ की मूर्ती में आखिर ऐसा क्या है ???

कुछ पुजारियों का कहना है कि जब हमने उसे हाथमे लिया तो खरगोश जैसा उछल रहा था...आंखों में पट्टी थी...हाथ मे दस्ताने थे तो हम सिर्फ महसूस कर पाए...

आज भी हर साल जगन्नाथ यात्रा के उपलक्ष्य में सोने की झाड़ू से पुरी के राजा खुद झाड़ू लगाने आते है...

भगवान जगन्नाथ मंदिर के सिंहद्वार से पहला कदम अंदर रखते ही समुद्र की लहरों की आवाज अंदर सुनाई नहीं देती, जबकि आश्चर्य में डाल देने वाली बात यह है कि जैसे ही आप मंदिर से एक कदम बाहर रखेंगे, वैसे ही समुद्र की आवाज सुनाई देंगी

आपने ज्यादातर मंदिरों के शिखर पर पक्षी बैठे-उड़ते देखे होंगे, लेकिन जगन्नाथ मंदिर के ऊपर से कोई पक्षी नहीं गुजरता।

झंडा हमेशा हवा की उल्टी दिशामे लहराता है

दिन में किसी भी समय भगवान जगन्नाथ मंदिर के मुख्य शिखर की परछाई नहीं बनती।

भगवान जगन्नाथ मंदिर के 45 मंजिला शिखर पर स्थित झंडे को रोज बदला जाता है, ऐसी मान्यता है कि अगर एक दिन भी झंडा नहीं बदला गया तो मंदिर 18 सालों के लिए बंद हो जाएगा

इसी तरह भगवान जगन्नाथ मंदिर के शिखर पर एक सुदर्शन चक्र भी है, जो हर दिशा से देखने पर आपके मुंह आपकी तरफ दीखता है।

भगवान जगन्नाथ मंदिर की रसोई में प्रसाद पकाने के लिए मिट्टी के 7 बर्तन एक-दूसरे के ऊपर रखे जाते हैं, जिसे लकड़ी की आग से ही पकाया जाता है, इस दौरान सबसे ऊपर रखे बर्तन का पकवान पहले पकता है।

भगवान जगन्नाथ मंदिर में हर दिन बनने वाला प्रसाद भक्तों के लिए कभी कम नहीं पड़ता, लेकिन हैरान करने वाली बात ये है कि जैसे ही मंदिर के पट बंद होते हैं वैसे ही प्रसाद भी खत्म हो जाता है।

ये सब बड़े आश्चर्य की बात हैं..
🚩 जय श्री जगन्नाथ 🚩 🙏🙏

जीवन का कठोर सत्यभगवान विष्णु गरुड़ पर बैठ कर कैलाश पर्वत पर गए।द्वार पर गरुड़ को छोड़ कर खुद शिव से मिलने अंदर चले गए।तब...
17/09/2022

जीवन का कठोर सत्य
भगवान विष्णु गरुड़ पर बैठ कर कैलाश पर्वत पर गए।
द्वार पर गरुड़ को छोड़ कर खुद शिव से मिलने अंदर चले गए।
तब कैलाश की अपूर्व प्राकृतिक शोभा को देख कर गरुड़ मंत्रमुग्ध थे कि तभी उनकी नजर एक खूबसूरत छोटी सी चिड़िया पर पड़ी।
चिड़िया कुछ इतनी सुंदर थी कि गरुड़ के सारे विचार उसकी तरफ आकर्षित होने लगे।
उसी समय कैलाश पर यम देव पधारे और अंदर जाने से पहले उन्होंने उस छोटे से पक्षी को आश्चर्य की द्रष्टि से देखा।
गरुड़ समझ गए उस चिड़िया का अंत निकट है और यमदेव कैलाश से निकलते ही उसे अपने साथ यमलोक ले जाएँगे।
गरूड़ को दया आ गई। इतनी छोटी और सुंदर
चिड़िया को मरता हुआ नहीं देख सकते थे। उसे अपने
पंजों में दबाया और कैलाश से हजारो कोश दूर एक
जंगल में एक चट्टान के ऊपर छोड़ दिया, और खुद
बापिस कैलाश पर आ गया।
आखिर जब यम बाहर आए तो गरुड़ ने पूछ ही लिया
कि उन्होंने उस चिड़िया को इतनी आश्चर्य भरी
नजर से क्यों देखा था। यम देव बोले "गरुड़ जब मैंने
उस चिड़िया को देखा तो मुझे ज्ञात हुआ कि वो
चिड़िया कुछ ही पल बाद यहाँ से हजारों कोस दूर
एक नाग द्वारा खा ली जाएगी। मैं सोच रहा था
कि वो इतनी जलदी इतनी दूर कैसे जाएगी, पर अब
जब वो यहाँ नहीं है तो निश्चित ही वो मर चुकी
होगी।"
गरुड़ समझ गये "मृत्यु टाले नहीं टलती चाहे कितनी
भी चतुराई की जाए।"
इस लिए कृष्ण कहते है :-
करता तू वह है, जो तू चाहता है
परन्तु होता वह है, जो में चाहता हूँ
कर तू वह , जो में चाहता हूँ
फिर होगा वो, जो तू चाहेगा ।
जीवन के 6 सत्य:-
1. कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कितने खूबसूरत हैं ?
क्योंकि..लँगूर और गोरिल्ला भी अपनी ओर लोगों का ध्यान आकर्षित कर लेते हैं..
2. कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपका शरीर कितना विशाल और मज़बूत है ?
क्योंकि...श्मशान तक आप अपने आपको नहीं ले जा सकते....
3. आप कितने भी लम्बे क्यों न हों , मगर आने वाले कल को आप नहीं देख सकते....
4. कोई फर्क नहीं पड़ता कि , आपकी त्वचा कितनी गोरी और चमकदार है..
क्योंकि...अँधेरे में रोशनी की जरूरत पड़ती ही है...
5 . कोई फर्क नहीं पड़ता कि " आप " नहीं हँसेंगे तो सभ्य कहलायेंगे ?
क्यूंकि ..." आप " पर हंसने के लिए दुनिया खड़ी है ?
6. कोई फर्क नहीं पड़ता कि ,आप कितने अमीर हैं ? और दर्जनों गाड़ियाँ आपके पास हैं ?
क्योंकि...घर के बाथरूम तक आपको चल के ही जाना पड़ेगा...
इसलिए संभल के चलिए ... ज़िन्दगी का सफर छोटा है , हँसते हँसते काटिये , आनंद आएगा ।
♥️🙏♥️jai shree krishna jai shree krishna jai shree krishna♥️🙏♥️

Booking open.....
11/09/2022

Booking open.....

शिरडी यात्रा के दौरान साईं सेवा होटल के मालिक एवं साईं की रसोई हरिद्वार वालों का होटल के द्वारा मेरे सभी यात्रियों एवं म...
08/09/2022

शिरडी यात्रा के दौरान साईं सेवा होटल के मालिक एवं साईं की रसोई हरिद्वार वालों का होटल के द्वारा मेरे सभी यात्रियों एवं मुझे मेरे साईं कृपा से सम्मान मिला धन्यवाद

04/09/2022

आज हम शिर्डी को साईबाबा के दर्शन के लिये गये थे, बाबा के दर्शन के बाद हम शिर्डी के साई तीर्थ थीम पार्क गये... भारत का ये पहिला धार्मिक थीम पार्क देखकर बहोत ही आनंद मिला, एक आध्यात्मिक अनुभूती मिली।
साई तीर्थ के रूप मे शिर्डी मे एक अद्भुत दुनिया देखने का आनंद मिला. शिर्डी का ये सफर साई तीर्थ ने अविस्मरणीय बनाया,
आप जब भी शिर्डी जाओगे तब साई तीर्थ को जरूर भेट दिजीएगा...

03/09/2022

Shirdi se nasik jate huye.....❤❤❤
Or bhajno ka aanand lete huye....
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

🌹🌹Shirdi yatra🌹🌹  Hazrat nizzamuddin        Goa express🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏❤❤❤❤❤❤❤❤
01/09/2022

🌹🌹Shirdi yatra🌹🌹
Hazrat nizzamuddin
Goa express
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Shirdi yatra 1 september 2022🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
01/09/2022

Shirdi yatra 1 september 2022
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🌸बांके बिहारी की पोशाक🌸💢💢वृंदावन में एक कथा प्रचलित है कि 💢💢एक ठाकुर भूपेंद्र सिंह नामक व्‍यक्‍ति थे जिनकी भरतपुर के पास...
06/07/2022

🌸बांके बिहारी की पोशाक🌸

💢💢वृंदावन में एक कथा प्रचलित है कि 💢💢

एक ठाकुर भूपेंद्र सिंह नामक व्‍यक्‍ति थे जिनकी भरतपुर के पास एक रियासत थी।
🌼
इन्‍होंने अपना पूरा जीवन भोग विलास में बिताया।

धर्म के नाम पर ये कभी रामायण की कथा करवाते तो कभी भागवत की कथा करवाते थे।

बस इसी को यह धर्म समझते थे।

झूठी शान और शौकत का दिखावा करने वाले ठाकुर भूपेंदर सिंह की पत्नी भगवान् पर काफी विश्‍वास रखती थी।

वह साल में नियमानुसार वृंदावन जा कर श्री बांके बिहारी की पूजा करती।
🌼
जबकि भूपेंदर सिंह भगवान् में कभी आस्‍था विश्‍वास नहीं रखता था।

उल्‍टा वह अपनी बीवी को इस बात का ताना भी मारता था। लेकिन उनकी पत्नी ने कभी भी इस बात का बुरा नहीं माना।

एक दिन भूपेंद्र सिंह शिकार से लौट कर अपने महल को फूलों से सजा हुआ पाते हैं।

घर में विशेष प्रसाद बनाया गया था लेकिन ये आते ही उखड़ गए और नौकरों पर चिल्‍लाने लगे।

तब उनकी बीवी ने बताया कि आज प्रकट दिवस है जिसके बारे में वे उन्‍हें पहले बता चुकी हैं।

लेकिन भूपेंद्र सिंह को याद ना होने के बाद कारण वह उन पर चिल्‍लाने लगे।
🌼
जिसके बाद उन्‍हें लज्‍जा महसूस हुई और वह अपनी बीवी के सामने चुप हो गए।

धीरे धीरे ठाकुर भूपेंद्र सिंह की रुचि भोग विलास में बढ़ने लगी और वह अपनी पत्‍नी से दूर होते चले गए।

ऐसे में उनकी पत्नी कृष्‍ण जी के और करीब चली गईं और एक दिन उन्‍होंने ठान लिया कि वह अब से वृंदावन में ही रहेंगी।

ठाकुर की पत्नी ने बांके बिहारी के लिए पोशाक तैयार करवाई थी जिस बारे में ठाकुर को पता चल गया था और वह उसे गायब करवाना चाहते थे।

उन्‍होंने पोशाक गायब करवा दी जिसके बारे में ठाकुर की पत्नी को पता ही नहीं चला और वह वृंदावन में उस पोशाक का इंतजार करने लगी।

ठाकुर ने यह खबर अपनी पत्नी को वृंदावन में जा कर देने की सोची।
🌼
जब वह वृंदावन पहुंचे तो देखते हैं कि वहां पर सभी भक्‍त "बांके बिहारी लाल की जय"
"जय जय श्री राधे" करते हुए कृष्‍ण भीड़ लगाए हुए थे।

लेकिन ठाकुर के मन में अपनी पत्नी को नीचा दिखाने का विचार था।

वह जैसे ही अपनी पत्नी को ढूंढते हुए मंदिर पहुंचे,

वह देखते हैं कि उनकी पत्नी उन्‍हें देख कर खुश हो रही होती है और कहती है।

कि भगवान् ने मेरी सुन ली कि तुम आज यहां आए हो।
🌼
वह ठाकुर जी का हाथ थाम कर बांके बिहारी के सामने ले जाती है।

ठाकुर जी जैसे ही मूर्ति के सामने पहुंचते हैं। वह देखते हैं कि बांके बिहारी ने वही पोशाक पहन रखी थी जिसे उन्‍होंने चोरी करवाई थी।

इसे देख ठाकुर हैरान परेशान हो गया और जब उसने बांके बिहारी से आंखें मिलाई तब उसकी नजरें खुद शर्म से झुक गईं।

उनकी पत्नी ने बताया कि इस पोशाक बीती रात उनके बेटे ने लाई थी।

यह सुन कर ठाकुर का दिमाग खराब हो गया और यह सोचते सोचते उसकी आंख लग गई।
🌼
बांके बिहारी सपने में आए थे और ठाकुर से कहते हैं कि क्‍यों हैरान हो गए कि पोशाक मुझ तक कैसे पहुंची।

वे बोले कि इस दुनिया में जिसे मुझ तक आना है उसे दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक सकती।

पोशाक तो क्‍या तू खुद को देख, तू भी वृंदावन आ गया।
🌼
यह बात सुन ठाकुर साहब की नींद खुल जाती है और उनका दिमाग सुन्‍न पड़ जाता है।
🙏जय श्री राधा कृष्णा🙏
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कंस को मारने के बाद भगवान श्रीकृष्ण कारागृह में गए और वहां से माता देवकी तथा पिता वसुदेव को छुड़ाया।तब माता देवकी ने श्र...
04/07/2022

कंस को मारने के बाद भगवान श्रीकृष्ण कारागृह में गए और वहां से माता देवकी तथा पिता वसुदेव को छुड़ाया।
तब माता देवकी ने श्रीकृष्ण से पूछा, "बेटा, तुम भगवान हो, तुम्हारे पास असीम शक्ति है, फिर तुमने चौदह साल तक कंस को मारने और हमें यहां से छुड़ाने की प्रतीक्षा क्यों की?"
भगवान श्रीकृष्ण ने कहा, "क्षमा करें आदरणीय माता जी, क्या आपने मुझे पिछले जन्म में चौदह साल के लिए वनवास में नहीं भेजा था।"
माता देवकी आश्चर्यचकित हो गईं और फिर पूछा, "बेटा कृष्ण, यह कैसे संभव है? तुम ऐसा क्यों कह रहे हो?"
भगवान श्रीकृष्ण ने कहा, "माता, आपको अपने पूर्व जन्म के बारे में कुछ भी स्मरण नहीं है। परंतु तब आप कैकेई थीं और आपके पति राजा दशरथ थे।"
माता देवकी ने और ज्यादा आश्चर्यचकित होकर पूछा, "फिर महारानी कौशल्या कौन हैं?"
भगवान श्रीकृष्ण ने कहा, "वही तो इस जन्म में माता यशोदा हैं। चौदह साल तक जिनको पिछले जीवन में मां के जिस प्यार से वंचित रहना पड़ा था, वह उन्हें इस जन्म में मिला है।"
🚩 जय श्रीकृष्ण 🚩

.                          "रिश्तों की नियति"         एक स्त्री थी जिसे 20 साल तक संतान नहीं हुई। कर्म संजोग से 20 वर्ष ...
04/07/2022

. "रिश्तों की नियति"

एक स्त्री थी जिसे 20 साल तक संतान नहीं हुई। कर्म संजोग से 20 वर्ष के बाद वो गर्भवती हुई और उसे पुत्र संतान की प्राप्ति हुई किन्तु दुर्भाग्यवश 20 दिन में वो संतान मृत्यु को प्राप्त हो गयी। वो स्त्री हद से ज्यादा रोई और उस मृत बच्चे का शव लेकर एक सिद्ध महात्मा के पास गई। महात्मा से रोकर कहने लगी मुझे मेरा बच्चा बस एक बार जीवित करके दीजिये, मात्र एक बार मैं उसके मुख से "माँ" शब्द सुनना चाहती हूँ। स्त्री के बहुत जिद करने पर महात्मा ने 2 मिनट के लिए उस बच्चे की आत्मा को बुलाया। तब उस स्त्री ने उस आत्मा से कहा तुम मुझे क्यों छोड़कर चले गए ? मैं तुमसे सिर्फ एक बार "माँ"' शब्द सुनना चाहती हूँ।
उस आत्मा ने कहा कौन माँ ? कैसी माँ ! मैं तो तुमसे कर्मों का हिसाब-किताब करने आया था। स्त्री ने पूछा कैसा हिसाब ! आत्मा ने बताया पिछले जन्म में तुम मेरी सौतन थी, मेरे आँखों के सामने मेरे पति को ले गई; मैं बहुत रोई तुमसे अपना पति माँगा पर तुमने एक न सुनी। तब मैं रो रही थी और आज तुम रो रही हो ! तब मेरा पति गया था, आज तुमने अपनी सन्तान खोई है। बस मेरा तुम्हारे साथ जो कर्मों का हिसाब था वो मैंने पूरा किया और मर गया। इतना कहकर आत्मा चली गयी। उस स्त्री को झटका लगा। उसे महात्मा ने समझाया देखो मैने कहा था न कि ये सब रिश्तेदार माँ, पिता, भाई, बहन सब कर्मों के कारण जुड़े हुए हैं। हम सब कर्मो का हिसाब करने आये हैं। यही हमारे रिश्तों की नियति है, इसलिए बस अच्छे कर्म करो ताकि हमे बाद में भुगतना ना पड़े। वो स्त्री समझ गयी और अपने घर लौट गयी। अतः हमेशा अच्छे कर्म करने चाहिए।
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"जय जय श्री राधे"
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Booking start......Booking last date 05 july 2022
03/07/2022

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🙏🙏Jai shri ram🙏🙏
21/03/2022

🙏🙏Jai shri ram🙏🙏

12/03/2022

Radha rani tempal barsana..🙏🙏❤❤
Live...

12/03/2022

Radha kund ..shyam kund vrindawan

12/03/2022

Gowardhan parwat parikarma
Mukharbind

10/03/2022

Mehandipur bala ji dham darshan rajasthan
Morning darshan..
Shri bhakti sagar tirth yatra
10.03.2022

26/02/2022

Radhey radhey...🙏🙏❤❤

...................श्री भक्ति सागर तीर्थ यात्रा ..................                       ऋषिकेश  (उत्तराखंड)...............
10/02/2022

...................श्री भक्ति सागर तीर्थ यात्रा ..................
ऋषिकेश (उत्तराखंड)........................यात्रा का विवरण.........................
1. #राजस्थान :- श्री मेहंदीपुर बालाजी धाम, प्रेतराज सरकार, भैरव बाबा, श्री राम मंदिर, अंजनी माता मंदिर, समाधि वाले बाबा !
2. #मथुरा:- कृष्ण जन्मभूमि, कंस कारागार, द्वारकाधीश मंदिर ,वैष्णो माता मंदिर, लोटस टेंपल, पागल बाबा मंदिर !
3. #वृंदावन:- श्री बांके बिहारी मंदिर, सोने का खंबा मंदिर, निधिवन, इस्कॉन टेंपल, यमुना घाट, चीर घाट, काली दह घाट, प्रेम मंदिर !
4. #गोकुल:- रमन रेती, नंद भवन, ब्रह्मांड घाट, यमुना घाट, कदंब वृक्ष, चिंता हरण महादेव मंदिर !
5. #बरसाने:- राधा रानी महल, कीर्ति मंदिर, बरसाने की परिक्रमा, कोकिला वन (शनि देव जी का मंदिर)
6. #गोवर्धन:- 21 किलोमीटर गोवर्धन पर्वत की संपूर्ण परिक्रमा !
7. #रावल:- राधा रानी जी का पुराना गांव

8. #भांडीरवन:- यहां पर राधा रानी जी की शादी हुई थी !

9. #बंसीवट:- यहां पर एक वृक्ष ऐसा है जिस पर कान लगाने पर बांसुरी की ध्वनि सुनाई देती है!
अन्य और भी मंदिर शामिल है....................... ----------------------........................
यह यात्रा 6 दिन में संपूर्ण की जाएगी जिसमें ठहरने एवं बिस्तर अतः सुबह का नाश्ता दिन का खाना एवं रात का खाना यात्रा शुल्क में सम्मिलित है!
........................ खाने का विवरण........................
* प्रातः= चाय और नाश्ता
* दिन = दाल, रोटी, सब्जी, चावल, अचार, सलाद
* रात्रि = दाल, रोटी, सब्जी, चावल, अचार, सलाद
* रात्रि = सोते समय चाय
**बुजुर्गों के नहाने के लिए गरम पानी की व्यवस्था की जाती है
** बस में एवं धर्मशाला में भजन कीर्तन की व्यवस्था की जाती है
**यात्रा शुल्क-3990-/ रुपए है एडवांस किराया 1000-/ रुपए देना तय है, आधार कार्ड एवं कोविड-19 की डबल डोज़ की फोटो कॉपी एवं पासपोर्ट साइज की एक फोटो जमा की जाएगी!
श्री भक्ति सागर तीर्थ यात्रा, ऋषिकेश (उत्तराखंड)............................यात्रा दिनांक..........................
5 मार्च 2022 से 10 मार्च 2022 तक
सीट बुक करने के लिए संपर्क करें!
सौरभ गुप्ता #8171779261
अमन कश्यप #8126982699
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https://www.facebook.com/Shri-Bhakti-Sagar-Tirth-Yatra-102759838520254/

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01/01/2022

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नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं माता रानी आप सभी
पर अपनी कृपा बनाए रखें
जय माता की, जय श्री राधे कृष्णा, ओम साईं राम,
जय श्री बालाजी महाराज, जय गंगा मैया
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