Uttrakhand Organic food and herbs

Uttrakhand Organic food and herbs in the field of organic farming and tourism.

हरियाली।
12/01/2025

हरियाली।

पहाड़ोमें अनाज भंडारण करने के लिए रिंगाल द्वारा निर्मित खुल या फिर कुंड जिसको अंदर बाहर से गाय के गोबर और गो मूत्र से लिप...
10/01/2025

पहाड़ोमें अनाज भंडारण करने के लिए रिंगाल द्वारा निर्मित खुल या फिर कुंड जिसको अंदर बाहर से गाय के गोबर और गो मूत्र से लिपाई की जाती थी ।इसके अंदर रखे अनाज पर कभी भी किसी भी प्रकार के कीट नही पनपते थे ।ये गोमूत्र कीटनाशक का कार्य करती थी जिससे अनाज सालो तक सुरक्षित रहता था।

08/01/2025

भांग जिसका बेज्ञानिक नाम।cannbis indica है।प्राचीन काल से ही इसकी थोड़ी बहुत खेती पहाड़ी राज्यों में की जाती रही है।इसका मूल उद्देश्य भांग के रेशे से निर्मित कपड़े,थैले रस्सियां बनाने के लिए किया जाता रहा है।इसके बीज में omega 3 होता है जो कि हिर्दय के अत्यंत लसभकारी होता है।इसके बीजों से चटनी भी बनती है जो बहुत स्वादिस्ट ओर लाभकारी होती है
प्राचीन काल मे इससे निर्मित कपड़े को त्युंखा नाम से जाना जाता था।इससे एक प्रकार के जूते भी बनाये जाते थे जिन्हें श्योक कहा जाता था ।जब पहाड़ो में जुटे उपलब्ध नही होते थे तो बर्फ में चलने के लिए इनके अंदर लंबे उन वाली बकरी के उन से मिर्मित एक खास प्रकार के मोजे निर्मित किये जाते थे तथा बाहर से इन जूतों को पहना जाता था।ये लंबे उन वाली बकरीका उन बर्फ में भीगता नही था ओर अंदर से सर्दियों में पैर गर्म रहते थे।क्योंकि कुदरती तोर पर लंबे बाल वाली बकरियां उच्च हिमालय क्षेत्र में पाई जाती हैं जिन पर बारिश,पानी ,बर्फ का कोइ प्रभाव नहीँ होता है।आज भी इस भाँग के रेशे से रस्सियां ,मवेशियो के बांधने के लिए ज्युडे बनाये जाते हैं।

07/01/2025

बचपन ,एक ऐसा समय जब दिमाग में क्यों और कैसे ओर खेलने के अलावा कुछ नही सूझता है ।मसलन ये क्यों हुआ।कैसे हो रहा है सीखने की जिज्ञासा।
#रौंश #

05/01/2025
Kulthi ki dal is good for Heath it reduce your kidney stone .It is only found in uttrakhand and himachal and north east.
02/01/2025

Kulthi ki dal is good for Heath it reduce your kidney stone .It is only found in uttrakhand and himachal and north east.

02/01/2025

Manrega work in progress to make play ground .

पहाड़ो में बर्फ़बारी।चित्र में तीर के निशान से प्रदशित चोटी को बखर खोड़ के नाम से जाना जाता है समुद्र तल से इसकी ऊँचाई लगभग...
28/12/2024

पहाड़ो में बर्फ़बारी।चित्र में तीर के निशान से प्रदशित चोटी को बखर खोड़ के नाम से जाना जाता है समुद्र तल से इसकी ऊँचाई लगभग 3300।मीटर है जहाँ से आप कुमाऊं चमोली जे गवाक़दम थराली गैरसैंण रुद्रनाथ एवं समस्त हिमालय के दर्शन कर ढकते हैं।

आज गांव का मौसम कुछ इस प्रकार है काफी ठंड लग रही है तापमान तापमान 5० है ओर संभावना है कि कल तक बारिश बर्फ़बारी होगी ।बारि...
27/12/2024

आज गांव का मौसम कुछ इस प्रकार है काफी ठंड लग रही है तापमान तापमान 5० है ओर संभावना है कि कल तक बारिश बर्फ़बारी होगी ।बारिश बर्फ़बारी का पहाड़ो पर होना अति आवश्यक है वरना आने वाले कुछ समय मे हवा पानी के बगैर जीवन नष्ट होने के कगार पर होगा।

21/12/2024

Himalayan owl and some h**p wood in a pond .Himalya owl is found in Himalayas ,northeast,coria and Taiwan in can make  d...
20/12/2024

Himalayan owl and some h**p wood in a pond .Himalya owl is found in Himalayas ,northeast,coria and Taiwan in can make difference kind of sound in night .It s prey small birds ,lizard wild hen and snakes .About h**p ,h**p also called bhang and vijya from ancient time people of himalya region cultivate it to use it in there daily life .In ancient time our ancestors makes difference kind thing from it like cloth ,bags ,shoes ,rope and many more things procedure of h**p fibre is to put h**p wood in a pond and at least 15 to 20 days after that you can take out it and fibre out from the wood and makes difference kind of items from it .

ग्राम खंड मल्लापौड़ी गढ़वाल उत्तराखण्ड,खंड तल्ला ओर मल्ला पौड़ी गढ़वाल का सीमांत गांव है यहाँ से लगभग 8 km आगे गिदोखाल नामक ...
14/12/2024

ग्राम खंड मल्ला
पौड़ी गढ़वाल उत्तराखण्ड,खंड तल्ला ओर मल्ला पौड़ी गढ़वाल का सीमांत गांव है यहाँ से लगभग 8 km आगे गिदोखाल नामक पहाड़ है जहाँ से चमोली की सीमा सुरु हो जाती है यही से पश्चिमी नयार का उद्गम स्थान भी है और दूधातोली का उत्तर पश्चिम भाग भी यही से सुरु होता ये गांव किसी समय मे अपने पठालो, सिलबट्टे ओर जन्दुरु यानिकि घरेलू चक्की के पाठ के लिये प्रशिद्ध होता था लेकिन आधुनिक विकासवाद में अब ये सब देखना ओझल सा हो गया यहाँ समुद्रतल से लगभग 3000 मीटर की ऊँचाई पर घंडियाल यथार्थ घंटाकर्ण देवता का प्रशिद्ध मंदिर है जहाँ से आप चमोली जिला और अल्मोड़ा जिले को निहार सकते हैं।भगवान घंडियाल ब
बद्रीनाथ भगवान के क्षेत्रपाल भी हैं ओर समय दमय पर इनका निशान ये धार्मिक यात्रा निकाली जाती है जिसमें पैदल ओर नंगे पांव जाना पड़ता है ।जहाँ जहाँ इस गांव की धियानिया यथार्थ बहिनें विवाहित है उन उन गांवो में ये निशान भर्मण करने जाता है जिसमे ढोल ,दमाऊ, नगाड़ा ,भँकोर भोंपू आदि बाध्य यंत्र होते हैं और रिंगाल से निर्मित एक बक्सा होता है जिसे स्थानीय भाषा मे डाबलु कहते है इसमें पूजन सामग्री होती है।रोचक तथ्य यह है कि जिस ओर भी इस निशान का इसारा होगा उसी दिशा में यात्रा आगे बढ़ती है।

सर्द हवाओं के बीच मे मोलकाखाल बाजार में गर्मा गर्म चाय का लुत्फ लेते हुए।कभी ये बाजार 20 से ज्यादा गांवो का मुख्य बाजार ...
13/12/2024

सर्द हवाओं के बीच मे मोलकाखाल बाजार में गर्मा गर्म चाय का लुत्फ लेते हुए।कभी ये बाजार 20 से ज्यादा गांवो का मुख्य बाजार हुआ करता था यहाँ की चमक ही कुछ और थी लेकिन गांवो के सड़क मार्ग से जुड़ने के कारण गांव गांव में अब दुकाने खुल गयी हैं जिस कारण यहाँ लोंगो का जाना कम हो गया है ओर बाजार सिमट कर रह गया है।यहाँ की सुंदरता कस कोई जबाब नही यहाँ से आप टेहरी चंद्रबदनी, सुरकंडा के पहाड़ो को देख सकते हैं रात में यह से बछनसयुं घाटी ओर घुड़दौड़ी पौड़ी टेहरी ओर भरदार पट्टी का बिहंगम दृश्य दिखाई देता है।

12/12/2024

My mother is making dry vegetables of kokde for winter .From.ancient time people used this kind of method to store their vegetable for winter because when it is snow coverd in high mountains of himalya region that time people used this kind of veg because there was no road transportation system at that time there was no supply of vegetable from planes area.

लाल चावल,जिसे रेड राइस ओर ब्राउन राइस के नाम से भी जाना जाता है इसमें एंथोसायनिन नाम का एक योगिक होता है जो स्वास्थ्य के...
12/12/2024

लाल चावल,जिसे रेड राइस ओर ब्राउन राइस के नाम से भी जाना जाता है इसमें एंथोसायनिन नाम का एक योगिक होता है जो स्वास्थ्य के लिए अति उत्तम होता है इन चावलो में स्टार्च की मात्रा कम हिती है जिससे यह सुगर ,हिर्दय रोग के लिए लाभकारी होता है।उत्तराखन्ड में हमारे यहाँ इसे बनपसु के नाम से जाना जाता है इसकी खिचड़ी ओर खीर जिसे पायस भी कहते हैं का कोई जबाब नही।इसका मांड़ बहुत स्वादिष्ट होता है ये चावल मोटे होते है और पूरी तरह से लाल होते है।इनके बुखने भी बहुत स्वादिष्ट होते हैं।
रुद्रप्रयाग उत्तराखन्ड

Amazing view of chaukhmbha himalya from dabrukhal.
07/12/2024

Amazing view of chaukhmbha himalya from dabrukhal.

06/12/2024

Just enjoy.

Beautiful view of paddy field ,it is a kind of rice which cultivate in High  altitude himalya called red rice .In our lo...
30/08/2024

Beautiful view of paddy field ,it is a kind of rice which cultivate in High altitude himalya called red rice .In our local language we called it vanpasu ,mostly it is used to make kheer and khichdi , khichdi is national dish of india.this kind of rice is good for diabetes patients and reduce heart disease.

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