🙏🙏जय माता दी🙏🙏
🚩 दधीचि कुंड नैमिषारण्य🚩
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84 कोसीय परिक्रमा🚩🚩🚩
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अमावस्या स्नान 🙏🙏
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Lalita Devi Mandir Naimisharanya
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Naimisharanya Tri-Shakti Dham
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अक्षय वट की कलयुग में है अद्भुत महिमा 🙏🚩
जय हो नैमिषारण्य 🚩
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क्यों भगवान विष्णु ने ऐसा किया वीडियो को अंत तक देखिए
माँ ललिता देवी मंदिर नैमिषारण्य 🙏🚩
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त्रिशाक्ति धाम नैमिषारण्य 🚩🙏
दुर्गा माता 🙏
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सनातन धर्म के ग्रंथों के अनुसार, ईश्वर ब्रह्मांड को त्रिमूर्ति (ब्रह्मा, विष्णु और महेश) के रूप में संचालित करते हैं. ब्रह्मांड के 14 लोकों में एक पृथ्वी है, जिसे मृत्युलोक कहा जाता है. पृथ्वी थल, जल, वायु, आकाश व अग्नि आदि पंचतत्वों से युक्त है, यही हमारा संसार ( सृष्टि) है, साइंस में भी सृष्टि का तात्पर्य प्रकृति (Nature) से है. भगवद-गीता में लिखा है- महाभारत में अर्जुन को ज्ञान देते हुए श्रीकृष्ण ने कहा, ‘मैं ही ईश्वर हूं. मैं ब्रह्मांडीय व्यवस्था को बहाल करने के लिए अवतार लेता हूं’. सब प्राणी मुझ में हैं और मैं भी सब प्राणियों में हूं’. उन्होंने कहा था, ‘जब-जब धर्म (सत्य/अच्छाई) की हानि होती है…मैं विभिन्न प्राणियों की देह के रूप में स्वयं धरा पर उतरता हूं.’
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प्रभु आप ही सृष्टि ,पालन और संहारका कर्ता है | सगुण और निर्गुण भी आप ही है | आपकी सदा जय हो प्रभु |🙏🚩
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सीतापुर में 88 हजार ऋषियों की तपोभूमि स्थली नैमिषारण्य में राम जानकी मंदिर में राम जन्मोत्सव भव्य रूप से मनाया गया। वर्ष 2017 में स्थापित हुआ यह मंदिर नैमिषारण्य में अलौकिक छटा बिखेरता है। और भव्य रामजन्मोत्सव के साथ भंडारे का आयोजन किया गया।🙏🚩
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प्रथमं नैमिषं पुण्यं, चक्रतीर्थं च पुष्करम्। अन्येषां चैव तीर्थानां संख्या नास्ति महीतले।। तीरथ वर नैमिष विख्याता । अति पुनीत साधक सिधि दाता । ।🙏🚩
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ऐसा माना जाता है कि वर्तमान उत्तर प्रदेश में स्थित नैमिषारण्य का प्राचीन जंगल कभी 88,000 ऋषियों का निवास स्थान था। उन्होंने यहां एक साथ ध्यान किया, जिससे यह भारत के सबसे पवित्र स्थानों में से एक बन गया।
नैमिषारण्य में चक्रतीर्थ साफ पानी से भरा एक गोलाकार तालाब है। पौराणिक कथा के अनुसार, एक आसन्न कलियुग ने ऋषियों को ब्रह्मा की शरण में जाने के लिए मजबूर किया। ब्रह्मा ने अपने चक्र को पृथ्वी पर घुमाया और ऋषियों से कहा कि वे उस स्थान पर स्थिर हो जाएँ जहाँ वह रुका था। चक्रतीर्थ पर पहिया रुका, जहां पानी पूरी ताकत से जमीन से बाहर निकल रहा था। ब्रह्मा के अनुरोध पर, देवी ललिता देवी ने चक्र को रोक दिया और प्रवाह को नियंत्रित किया। इस जल से एक पवित्र तालाब बन गया।
आज, दशाश्वमेध घाट, हनुमान गढ़ी, दधीचि कुंड, पांडव किला और व्यास गद्दी जैसे पवित्र स्थान नैमिषारण्य में चक्रतीर्थ पर
नैमिषारण्य चक्रतीर्थ हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण स्थानों में से एक माना जाता है। इसे महाभारत काल में महर्षि वेदव्यास ने आपने शिष्य शौनक ऋषि को महाभारत कथा का सुनाने के लिए चुना था। मान्यतानुसार, महर्षि वेदव्यास ने यहां चौदह साल तक विराजमान रहकर महाभारत कथा का उपदेश दिया था। इसलिए यह स्थान अत्यंत पवित्र माना जाता है और हिंदू धर्म के श्रद्धालु यहां आकर तपस्या और पूजा करते हैं।
नैमिषारण्य चक्रतीर्थ में एक मंदिर है, जो महर्षि वेदव्यास के उपास्य देवता विश्वेश्वर को समर्पित है। यह मंदिर एक प्रमुख पूजा स्थल है
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यह स्थान महाभारत काल से महत्वपूर्ण माना जाता है और धार्मिक महत्व के कारण यहां हर साल बहुत सारे पीठाधीश्वर और श्रद्धालु आते हैं।🚩🙏
नैमिषारण्य का उल्लेख पुराणों में भी मिलता है, और इसे संबंधित ऐतिहासिक और मान्यताओं के साथ जोड़ा गया है। यहां पर रहे कुछ महान ऋषि-मुनियों ने उनकी तपस्या की है और महाभारत का महत्वपूर्ण हिस्सा भी नैमिषारण्य में ही हुआ था। यहीं पर महाभारत के श्रीमद् भागवत कथाकार शुकदेव ऋषि ने भगवद् गीता का पाठ किया था, जो आज भी एक प्रमुख हिंदू धर्मग्रंथ के रूप में मान्यता प्राप्त है।🚩🙏
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श्री शक्ति धाम नैमिषारण्य एक प्रमुख हिंदू धार्मिक स्थल है, जो उत्तर प्रदेश, भारत में स्थित है। यह स्थान महाभारत काल से महत्वपूर्ण माना जाता है और धार्मिक महत्व के कारण यहां हर साल बहुत सारे पीठाधीश्वर और श्रद्धालु आते हैं।
श्री शक्ति धाम नैमिषारण्य में माता शक्ति की पूजा और अर्चना होती है। यहां पर एक विशालकाय मंदिर है, जहां पर्वतमाला पर विराजमान देवी माता की मूर्ति स्थापित है। साल के विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव होते है 🙏🚩
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चक्र तीर्थ, जिसे नैमिषारण्य या नैमिषा वन के रूप में भी जाना जाता है, भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित एक पवित्र तीर्थ स्थल है। यह हिंदू धर्म में बहुत धार्मिक महत्व रखता है और विभिन्न प्राचीन हिंदू शास्त्रों में इसका उल्लेख किया गया है।
नैमिषारण्य को भगवान विष्णु का निवास माना जाता है, और इसे 108 दिव्य देशमों में से एक माना जाता है, जो वैष्णव साहित्य में वर्णित पवित्र विष्णु मंदिर हैं। यह क्षेत्र अपने शांत और शांत वातावरण के लिए जाना जाता है, जो घने जंगलों से घिरा हुआ है।
चक्र तीर्थ, विशेष रूप से, नैमिषारण्य के भीतर एक पवित्र स्थान है। इसका नाम भगवान विष्णु के चक्र (डिस्कस) के नाम पर रखा गया है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान विष्णु ने गयासुर नाम के एक राक्षस का वध करने के लिए यहां अपना चक्र छोड़ा था। ऐसा माना जाता है कि चक्र तीर्थ में स्नान करने और अनुष्ठा
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