Shailu Bhai Uttarakhandi vlogs

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08/01/2025

शेषनाग मंदिर, उत्तराखंड के अपने उत्तरकाशी ज़िले के बड़कोट तहसील के कुपड़ा गांव में है. यह मंदिर देवदार की लकड़ी से बना है, और खूबसूरत नक्काशी से सजा है. यहां नाग पंचमी के दिन भव्य मेले का आयोजन होता है. इस मेले में दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं.

मन्दिर कैसे पहुंचें...
यमुना घाटी के स्यानाचट्टी से वाहन से 6 किलोमीटर है कुपड़ा गांव.
विशेषताएं...
सुंदर वास्तुकला, प्राकृतिक दृश्य
मेले में क्या होता है...
दूध दही की होली, लोकनृत्य, तांदीनृत्य, लोकगीत, गांव के लोग दूध, मक्खन, छांछ का चढ़ावा करते हैं।
मान्यताएं...
मंदिर के पास के कुंड में दूध की धारा डालने पर देवरूप में नाग आते हैं
शराबबंदी...
गांव के लोग शराब नहीं पीते क्योंकि उन्हें लगता है कि नाग देवता उनसे नाराज़ हो जाएंगे.
सनातन धर्म में नागों का भी विशेष महत्व माना गया है. देश के कई स्थानों पर नागदेवता के मंदिर हैं.

22/12/2024

"हमारी संस्कृति, हमारी शान, हमारी पहचान" हमे गर्व है अपनी पहाडी संस्कृति पर।

17/12/2024

Saur Kauthig Dehradun-- सौर कौथिग मेले का सीएम धामी जी ने किया शुभारंभ...

देवभूमि उत्तराखंड में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए पहली बार सौर कौथिग (ऊर्जा मेला) का आयोजन किया गया। सीएम पुष्कर सिंह धामी जी ने सौर कौथिग का शुभारंभ किया। सीएम धामी जी ने सोलर वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। 100 दिन तक पहाड़ के कोने-कोने तक वैन पहुंचेगी। जो लोगों को सौर ऊर्जा परियोजना व इसमें मिलने वाली सब्सिडी की जानकारी देगी।

मेले में देश-प्रदेश के करीब 50 सोलर प्रोजेक्ट पर काम करने वाली कंपनियों ने स्टॉल लगाए है। सौर कौथिग में उपभोक्ता सभी जानकारियां ले सकेंगे।

सचिव ऊर्जा आर मीनाक्षी सुंदरम जी ने कहा कि सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए केंद्र व राज्य के स्तर से कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। हाल ही में पीएम सूर्यघर योजना शुरू हुई थी। अपने घर के ऊपर खुद बिजली पैदा करो और यूज करो। उत्तराखंड में अब तक 28,000 आवेदन आ चुके हैं। 11,000 संयंत्र लग चुके हैं। 37 मेगावाट उत्पादन शुरू हो चुका है। वहीं, 2027 तक 2000 मेगावाट उत्पादन का लक्ष्य है। साथ में उद्योगों को भी नेट मीटर की सुविधा दे रहे हैं। मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना में पहले तीन मेगावाट तक की योजना लग पाई। इस नीति में बदलाव के बाद 67 मेगावाट के प्रोजेक्ट लग चुके हैं। 200 मेगावाट के आवेदन आए हैं। उत्तराखंड में सूर्य भगवान की असीम कृपा है, इसका हमें भरपूर उपयोग करना चाहिए।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी ने कहा कि सौर समृद्ध उत्तराखंड अभियान के अंतर्गत ये मेला अपने आप में विशिष्ट पहल है। अधिकाधिक घरों तक सरकार की योजनाओं की जानकारी पहुंचा रहे है। जीवाश्म आधारित ईंधन के स्रोत सीमित हैं जिससे पर्यावरण को भी नुकसान होता है, लेकिन सौर ऊर्जा का स्रोत असीमित है। आज पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरे देश मे 100 गीगावाट ऊर्जा का लक्ष्य रखा गया है।

CM Dhami जी ने कहा कि हमने प्रदेश में नई सौर ऊर्जा नीति बनाई है।

मुख्य बिंदु…
– 100 करोड़ की लागत से राज्य के सभी सरकारी भवनों पर सोलर प्रोजेक्ट लगा रहे हैं।
– रूफटॉप सोलर पर 70% की सब्सिडी दी जा रही है।
– घरेलू व गैर घरेलू उपभोक्ताओं को 30 से 50% का अनुदान सोलर वाटर हीटर पर दिया जा रहा है।
– 2026 तक 250 मेगावाट की क्षमता वाले सोलर प्लांट की स्थापना का लक्ष्य रखा है।
–आवासीय प्रोजेक्ट के लिए 350 नए वेंडर को सूचीबद्ध किया है।
– सौर ऊर्जा के लक्ष्य हमारे लिए बड़ा गेम चेंजर साबित होगा।

वहीं, सीएम धामी जी ने पीएम सूर्यघर योजना के लाभार्थियों को स्टेट की सब्सिडी 51,000 रुपये दिए। सोलर वाटर हीटर योजना के लाभार्थियों को भी 17,000 का अनुदान दिया गया।

डॉ. अनिल प्रकाश जोशी जी ने कहा कि लोगों को किसी अभियान से जोड़ने का सबसे अच्छा माध्यम कौथिग (मेला) है। उन्होंने सीएम धामी जी को भी बधाई दी। कहा अगर किसी ऊर्जा को सात्विक कहा जा सकता है तो वह सौर ऊर्जा है। सूर्य सर्वोपरि है। सभी ऊर्जाएं इससे जुड़ी हुई हैं। उत्तराखंड देश के अन्य राज्यों से अलग है। यहां एक जोर लगा लें तो सूरत बदलने वाली है। सूर्य से सबकुछ चलता है। ये पारिस्थितिकी उद्योग है। दुनिया में कार्बन और मीथेन की चुनौती है। इस अवसर पर मुझे भी रहने का अवसर प्राप्त हुआ।।

13/12/2024

काशी विश्वनाथ मन्दिर उत्तरकाशी से प्रातःकालीन लाईव।

01/12/2024

उत्तरकाशी मे मंगसीर बग्वाल का तृतीय दिवस।

01/12/2024

उत्तरकाशी मे मंगशीर बग्वाल के तृतीय दिवस मे बहुत सुन्दर नृत्य।

01/12/2024

अनघा फाउंडेशन उत्तरकाशी की ओर से आयोजित लोक विजय पर्व ‘मंगसीर बग्वाल बड़े धूमधाम से मनाई जा रही है। जिसमें लोक संस्कृति के विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम मांगल गायन, लोक नृत्य, भैलू पूजन, भैलू नृत्य, सांस्कृतिक शोभा यात्रा, पारंपरिक खेल पिट्ठू ग्राम, मुर्गा झपट, व्रत तोड़ आदि प्रतियोगिताएं, आयोजित की जा रही है। मंगसीर बग्वाल इस वर्ष 29 नंवबर से 1 दिसंबर तक रामलीला मैदान उत्तरकाशी में की जा रही है। फांउडेशन के संयोजक बड़े भाई अजय पुरी जी ने बताया कि वीर भड़ माधोसिंह भंडारी की तिब्बत विजय के उपलक्ष्य में मनाया जाने वाला पर्व मंगसीर बग्वाल इस वर्ष 29 नंवबर से 1 दिसंबर तक रामलीला मैदान उत्तरकाशी में मनाया जा रहा है। तीन दिवसीय बग्वाल के पहले दिन बाल बग्वाल, दूसरे दिन बेटी बग्वाल और अंतिम दिन मुख्य बग्वाल कार्यक्रम हर्षोल्लास से पारम्परिक कलेवर में आयोजित की जा रही है। इस कार्यक्रम में भैलू नृत्य, रासो नृत्य व रस्साकशी कार्यक्रम बग्वाल के विशेष आकर्षण है। साथ ही गढ़ चित्रकला प्रदर्शनी, पहाड़ में दैनिक उपयोग के पुराने परंपरागत सामग्रियों की गढ़ संग्रहालय प्रदर्शनी के साथ ही गढ़भोज स्टॉल पर शुद्ध पहाड़ी घी की जलेबी, स्वांले पकोड़े, लाल चावल के भात , कंडाली कापली, कोदे की रोटी ,चोंसा वाली थाली, झंगोरे की खीर जैसे पहाड़ी पकवानों का स्वाद लोग ले रहे हैं।

30/11/2024

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