26/05/2022
टांग के बस्ता, उठा के तंबू जाए दूर पहाड़ो में।
वहाँ भी DJ दारू मस्ती, चाहे शहर उजाडों में।
फिर शहर बुलाये उसको तो जाता है छोड़ तबाही पीछे।
कुदरत को कर दाग़दार सा, छोड़ के अपनी स्याही पीछे ।
और वो ही बन्दा वापस जाकर,
फिर से वही हरियाली चाहता है।
आदमी ...
- rahgir