04/08/2023
जरा सोचिये हमने क्या किया????
1. चोटियां छोड़ी ,
2. टोपी, पगड़ी पाग छोड़ी ,
3. तिलक, चंदन छोड़ा
4. कुर्ता छोड़ा ,धोती छोड़ी ,
5. यज्ञोपवीत छोड़ा ,
6. संध्या वंदन छोड़ा ।
7. रामायण पाठ, गीता पाठ छोड़ा ,
8. महिलाओं, लडकियों ने साड़ी छोड़ी , दुपट्टा, चुनरी छोड़ी।
9. पैसे के लिये, बच्चे छोड़े (आया पालती है)
10. संस्कृत छोड़ी , हिन्दी छोड़ी ,
11. श्लोक छोडे, लोरी छोड़ी ।
12. बच्चों के सारे संस्कार (बचपन के) छोड़े ,
13. सुबह शाम मिलने पर राम राम छोड़ी ,
14. पांव लागूं, चरण स्पर्श, पैर छुना छोड़े ,
15. घर परिवार छोड़े (अकेले सुख की चाह में संयुक्त परिवार)।
ब्रह्मचर्य यूथ
अब कोई रीति या परंपरा बची है? ऊपर से नीचे तक गौर करो, तुम कहां पर हिन्दू हो, भारतीय हो, सनातनी हो।
कहीं पर भी उंगली रखकर बता दो कि हमारी परंपरा को मैनें ऐसे जीवित रखा हैं।
जिस तरह से हम धीरे धीरे बदल रहे हैं- जल्द ही समाप्त भी हो जाएंगे।
सिक्खों ने भी सदैव पगड़ी का पालन किया!
मु स लमान ने न दाढ़ी छोडी और न ही 5 बार नमाज पढ़ना!
ईसाई भी संडे को चर्च जरूर जाता है!
फिर हिन्दू अपनी पहचान-संस्कारों से क्यों दूर हुआ?
कहाँ लुप्त हो गये- गुरुकुल की शिखा, यज्ञ, शस्त्र-शास्त्र, नित्य मंदिर जाने का संस्कार ?
हम अपने संस्कारों से विमुख हुए, इसी कारण हम विलुप्त हो रहे हैं।
अपनी पहचान बनाओ! अपने मूल-संस्कारों को अपनाओ!!!
सप्ताह मे कम से कम एक दिन तो मन्दिर जाना शुरु करो बच्चों ,के साथ।
@ब्रह्मचर्य यूथ
जय जय श्री राम 🙏🏻🙏🏻