26/05/2020
इन लाइनों को पढ़कर आप थोड़ा संवेदनशील हो जाएंगे और सब चीज सरकार और देश के लिए नहीं छोड़ेंगे खुद भी एक अच्छे नागरिक होने का कर्तव्य निभाएंगे
अब तक अपना कीमती समय देने के लिए और इन लाइनों को पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद 🙏🙏🙏🙏🙏
दिन भर धूप में तपता मजदूर पसीने से लथपथ जाने कितना मजबूर ।
दिन भर करता भारी से भारी काम दो रोटी खा ठंडा पानी पीकर करता आराम ।
अपने शरीर से ज्यादा से ज्यादा करता काम फिर भी उसको मिलते नहीं इतने दाम.
कभी हमने सोचा जाना अगर यह ना होते तो हम कहां सोते.
आलीशान घरों में रहते हैं इनके ही बलबूते.
ना समाज में इज्जत ना उनमें पैसा ना शोहरत कोई तो इनके काम आये.
तीर्थ स्थलों में जाकर दुनिया भर का पैसा लोगों ने लुटाये।
भगवान की मूर्ति के आगे लाखों का चढ़ाते.
परंतु इन मजदूर को इनकी पूरी मजदूरी भी नहीं दे पाते.
ज्यादा से ज्यादा इनसे काम लेते। काम के बीच में कोई पूछता भी नहीं इनको चाय पानी।
हड्डी तोड़ मेहनत सिर्फ दो रोटी के लिए।
सरकारी कर्मचारी तो बड़ा वेतन बढ़ाने के लिए हड़ताल पर हड़ताल करते हैं।
यह मजदूर 1 दिन भी घर बैठ जाते हैं। तो इनके बीवी बच्चे भूखे मरने जैसी नौबत आ जाती है।
इनको उस दिन की दिहाड़ी भी नहीं मिलती है
यह कैसा अन्याय है इनको भी जीने का पूरा हक है चलो मजदूरों के लिए कुछ सोचे हर संभव मदद अपने आप से हो सके तो करें
इस "करोना, के वक्त उनके पास मजदूरी भी नहीं और काम भी नहीं है। जिसको जहां भी कोई मजदूर और कामगार दिखता है तो उसकी यथासंभव मदद करें
आप सब से यही निवेदन है कि इनकी ज्यादा से ज्यादा मदद की जाए सरकार पर सब चीजें नहीं छोड़ी जाए🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻💐