Cheta the land of warrior

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नमस्कार दोस्तो मे आप लोगो बीच लेकर आया हू आज में चेता क्षेत्र के युवा प्रगति शील  बागबान की कहानी जो की चेहता क्षेत्र यु...
03/05/2024

नमस्कार दोस्तो मे आप लोगो बीच लेकर आया हू आज में चेता क्षेत्र के युवा प्रगति शील बागबान की कहानी जो की चेहता क्षेत्र युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्त्रोत है में बात कर रहा हू जूरू शीलल पंचायत के युवा प्रगति शील बागबान विजय नंबरदार (नाथू भाई )के बारे जिन्होने बचपन से ही कठिनाई का सामना किया छोटी सी उम्र में इनके पिता जी का देहात हो गया था सारी जिम्मेदारी इनकी माता जी पर आ गई लेकिन इस युवा ने अपने पिता के दिए हुए संस्कार से पुरे परिवार एवम बाग बगीचे की जिम्मेदारी संभाली औरअनेक कठिनाई का सामना किया और अपनी पढ़ाई पुरी की ओर अब इस युवा ने फैसला किया की घर में रहे कर बाग बगीचों में काम करके अपने भाई बहनों को अच्छी शिक्षा देगा एवम अपनी माता जी के साथ हर काम में साथ देगा और अपनी भाई बहन को अच्छी शिक्षा भी दी

2 साथ ही साथ इस युवा 18वर्ष की आयु मे 400स्पर के सेब का बागीचा त्यार किया और लगातार कड़ी मेहनत कर्ता गया और 2020में कोरोना काल बंजर भूमि में कड़ी लगन और मेहनत से 300और सेब के पौधों को त्यार किया अभी तो सिलसिला शुरू ही हुआ था इस युवा कड़ी मेहनत से 50000 सेब की नर्सरी त्यार की ओर अब इसे युवा ने एक ऐसा कारनामन दिखा दिया जिसने क्षेत्र के बड़े बड़े बागवानों को भी अपनी मेहनत के आगे नतमस्तक कर दिया जी है 23साल की उम्र मे 600 ऐसे विदेशी सेब के पौधों का बागीचा त्यार किया जो बड़े बड़े बागवान भी नी कर पाए यह कहानी थी एक मेहनती युवा की जिसने बागवानी क्षेत्र एक मे अपना नाम बनया इतनी सी छोटी उम्र इतने बड़े बड़े कारनामे युवाओ को इस भाई के संघर्ष से प्रेरणा लेनी चाहिए
धन्यवाद

27/04/2024

#परगना_चेहता।
#कुपवी_विशु_मेला।
संस्कृति के संवर्धन एवं संरक्षण की अनूठी मिसाल।
मेले का मुख्य आकर्षण ठोठा खेल में विभिन्न राजपूतों की भूमिका जिसमें मुख्यत: चाड, हिड़ाना, खुनेउ,सिंगटोऊ, बुधराऊ,धमराऊ,लोहराण,पजाईक,तिरनेऊ,ठूंडू,शिल्ला, धांगुच और माटल के राजपूत ने अपने शौर्य का परिचय दिया।

चाड टोडा दल के खिलाड़ी भाई बंटी चौहान और सुनील चौहान
27/04/2024

चाड टोडा दल के खिलाड़ी भाई बंटी चौहान और सुनील चौहान

27/04/2024

आज जिला शिमला की तहसील कुपवी मे ऐतिहासिक बिशु का समापन हुआ इस बिशु मे हज़ारों की तादात में लोगो ने हिस्सा लिया और इस बिशु में आए जिला सिरमौर और जिला शिमला से आए राजपुत खूद जिन्होने टोडा खेल दिखा कर लोगो का मनोरंजन किया
चमशान राजपूत टोडा दल
अंगराउ राजपुत ठोड़ा दल
बिगराउ राजपुत ठोड़ा दल
खोग राजपुत टोडा दल
बिदुराऊ गाजी टोडा दल
दोषराउ टोडा दल
लोहरान राजपुत टोडा दल

देवा टोडा दल
चेता के राजपुत दल
हिड़ना राजपुत टोडा दल
खुनेउ राजपुत टोडा दल
चाड राजपुत टोडा दल
ठूंडू राजपूत टोडा दल और भी अनेकों राजपुत टोडा दल थे आप सभी लोगो का इस बिशु को सफल बनाने के लिए धन्यवाद

27/04/2024

बिशु के सफल आयोजन के समस्त चेता वासियों को हार्दिक शुभकामनाएं यह बिशु लगभग 200 वर्षो से चला आ रहा है इस बिशु मुख्य आकर्षक तीन राजपूत समुदाय का लोक नृत्य रहता है
बिशु में तीन राजपूत समुदायों की विशेष भूमिका रहती है

हिड़ना राजपूत और उनकी ख़त
1 जुरू शिलाल से लेकर मालत तक के लोग बिशु में हिडाना राजपूत के सहयोगी बन कर बिशु लेकर कुपवी में शिरगुल महाराज के परागण में लोक नृत्य करते हुए आते है

खुनेऊ राजपुत और उनकी खत

जुरु शीलाल से शुरू होती धोताली तक के सभी लोग खुनेउ राजपूत के सहयोग बन कर लोक नृत्य करके शिरगुल महाराज के परागण को आते है

चाड राजपुत

पचनाईक और समटे की खत बाग मंझोली कफलाह नौरा बौरा कुलग चंजाह गौठ इत्यादि
Bastaik की खत चरोली से लेकर कांडा बनाह तक यह सभी लोग को चाड राजपुत के समर्थक बन कर बिशु में लोक नृत्य करके आते है

संस्कृति का ऐसा संगम दिखना बडी ही मुश्किल से मिलता जिसमे सभी लोग एकता का परिचय देते एक दूसरे के प्रेम की भावना होती है

इस बिशु में गाजी राजपुत झोकड़ और खोग राजपुत जुबली के राजपुत अपने दल के साथ आते और शिरगुल महराज के परगण में टोडा नृत्य करते हुए

बिशु पर्व की समस्त चेता वासियों को हार्दिक  शुभकामनाएं  यह बिशु लगभग 200 वर्षो से चला आ रहा है  इस बिशु मुख्य आकर्षक तीन...
26/04/2024

बिशु पर्व की समस्त चेता वासियों को हार्दिक शुभकामनाएं यह बिशु लगभग 200 वर्षो से चला आ रहा है इस बिशु मुख्य आकर्षक तीन राजपूत समुदाय का लोक नृत्य रहता है
बिशु में तीन राजपूत समुदायों की विशेष भूमिका रहती है

हिड़ना राजपूत और उनकी ख़त
1 जुरू शिलाल से लेकर मालत तक के लोग बिशु में हिडाना राजपूत के सहयोगी बन कर बिशु लेकर कुपवी में शिरगुल महाराज के परागण में लोक नृत्य करते हुए आते है

खुनेऊ राजपुत और उनकी खत

जुरु शीलाल से शुरू होती धोताली तक के सभी लोग खुनेउ राजपूत के सहयोग बन कर लोक नृत्य करके शिरगुल महाराज के परागण को आते है

चाड राजपुत

पचनाईक और समटे की खत बाग मंझोली कफलाह नौरा बौरा कुलग चंजाह गौठ इत्यादि
Bastaik की खत चरोली से लेकर कांडा बनाह तक यह सभी लोग को चाड राजपुत के समर्थक बन कर बिशु में लोक नृत्य करके आते है

संस्कृति का ऐसा संगम दिखना बडी ही मुश्किल से मिलता जिसमे सभी लोग एकता का परिचय देते एक दूसरे के प्रेम की भावना होती है

इस बिशु में गाजी राजपुत झोकड़ और खोग राजपुत जुबली के राजपुत अपने दल के साथ आते और शिरगुल महराज के परगण में टोडा नृत्य करते हुए

समस्त चेहता के लोगों बिशु की हार्दिक शुभकामनाएं

26/04/2024

बिशु पर्व की समस्त चेता वासियों को हार्दिक शुभकामनाएं यह बिशु लगभग 200 वर्षो से चला आ रहा है इस बिशु मुख्य आकर्षक तीन राजपूत समुदाय का लोक नृत्य रहता है
बिशु में तीन राजपूत समुदायों की विशेष भूमिका रहती है

हिड़ना राजपूत और उनकी ख़त
1 जुरू शिलाल से लेकर मालत तक के लोग बिशु में हिडाना राजपूत के सहयोगी बन कर बिशु लेकर कुपवी में शिरगुल महाराज के परागण में लोक नृत्य करते हुए आते है

खुनेऊ राजपुत और उनकी खत

जुरु शीलाल से शुरू होती धोताली तक के सभी लोग खुनेउ राजपूत के सहयोग बन कर लोक नृत्य करके शिरगुल महाराज के परागण को आते है

चाड राजपुत

पचनाईक और समटे की खत बाग मंझोली कफलाह नौरा बौरा कुलग चंजाह गौठ इत्यादि
Bastaik की खत चरोली से लेकर कांडा बनाह तक यह सभी लोग को चाड राजपुत के समर्थक बन कर बिशु में लोक नृत्य करके आते है

संस्कृति का ऐसा संगम दिखना बडी ही मुश्किल से मिलता जिसमे सभी लोग एकता का परिचय देते एक दूसरे के प्रेम की भावना होती है

इस बिशु में गाजी राजपुत झोकड़ और खोग राजपुत जुबली के राजपुत अपने दल के साथ आते और शिरगुल महराज के परगण में टोडा नृत्य करते हुए

समस्त चेहता लोगों बिशु की हार्दिक शुभकामनाएं

08/04/2024
जय मां कुलदेवी पहाड़ी मन्दिरों में नगाड़े का बड़ा महत्व होता है। जब भी कहीं देवता की पालकी जाती है तो ये नगाड़ा सबसे पहले चल...
07/04/2024

जय मां कुलदेवी पहाड़ी मन्दिरों में नगाड़े का बड़ा महत्व होता है। जब भी कहीं देवता की पालकी जाती है तो ये नगाड़ा सबसे पहले चलता है जिसमें देव सम्बन्धित वादन होता है।
बाकी तो मालूम नहीं परन्तु शिरगुल देवता के आगे क्यों चलता है, इसका ऐतिहासिक प्रसंग है।
शिरगुल महाराज जब दिल्ली तुर्कों की कैद में थे तो इन्हें और बाकी देवताओं को चमड़े की बेड़ियों से बांधा हुआ था। जब माता भंगायन ने उन्हें आज़ाद करना चाहा तो चमड़े की बेड़ियां कौन खोले? यदि देवता खोलते तो उनकी देवशक्ति जाती रहती। ऐसे में नारसिंह देव ने अपने दांतों से इसे खोला और अपनी देव शक्ति खो बैठे। इस पर शिरगुल महाराज ने कहा, नारसिंह ने ऐसा कार्य किया है जिसे कोई नहीं कर सकता था, अतः मैं घोषणा करता हूँ कि ये मेरे से आगे चलेगा और सबसे पहले पूजा जाएगा। और यह परंपरा आज भी जीवित है।
कृपया इस पर बहस न करें। अपनी बात अपने हिसाब से रख सकते हैं। जादा से जादा शेयर करे ओर पेज को फॉलो करना ना भुले जय गुगा चौहान

"थोड" इसका अर्थ होता है किला...क्षत्रियों द्वारा थोड का निर्माण किया जाता था जिसे वे अपने प्रजा और क्षेत्र की रक्षा कर स...
06/04/2024

"थोड" इसका अर्थ होता है किला...
क्षत्रियों द्वारा थोड का निर्माण किया जाता था जिसे वे अपने प्रजा और क्षेत्र की रक्षा कर सके...तस्वीर में दिख रहे ये(थोड) kupvi के "कुलग" ग्राम में स्थित है..इसकी घटना भी बड़ी रोचक है...
ई°1759 में जुबल के राजा राणा हुकुम चंद अपने पूर्वजो का बदला सिरमौर से लेना चाहता था। इसके लिए उसने अपने भरोसे मंद वजीर "बीनी" को सिरमौर के शिलाई क्षेत्र पर आक्रमण करवाया ..जिसमें वो सफल भी रहा..
और इस युद्ध में राणा की विजय भी हुई । सिरमौर से वापसी आते समय सिरमौर के नजदीक ये चेता "कुलग" में इस किला के निर्माण करवाया..।
प्रसिद्ध " बीनी " वजीर को आजतक हारुल के माध्यम से गया जाता है..।
सरकार को एसे पौराणिक स्थानों पर भी नजर डालने चाइये..।
ताकि इनका ठीक रूप से संरक्षण किया जाए...ये हमारे एतिहासिक विरासत का जीता जगाता नमूना है..।
अब बहुत सारे इस प्रकार के किलो ने खण्डहर का रूप ले लिया है.।


27/03/2024

आज पुरे चेता (कुपवी) मे शोक की लहर, श्री लायक राम जी सचिव आज हमारे बीच नही रहे ,भगवान इनकी आत्मा को शान्ती दे ओर परिवार वालो को दुख सहने की शक्ति दे 🙏ॐ शन्ति ॐ

26/03/2024

ये हारूल हिड्डा गांव जो की कुपवी (चेहता) में स्थित है और टिक्करी गांव जो की हरिपुरधार (सिरमौर) के समीप है इन दोनो गांव के बीच हुए बाद विवाद के बारे में है । कहा जाता है की टिक्करी गांव के लोग हिड्डा गांव से ठाहरी माता का पत्थर ले जाना चाहते थे जिसमे की वो लोग असमर्थ रहे और जिसके कारण उनके एक पंडित की हत्या हुई जो की टिकरी डसाकना गांव में पुजारी था ।उसी के कारण ये वाद विवाद हुआ क्युकी उस पंडित की हत्या का पाप टिकरी और डसाकना के लोगो को लगा। माना जाता है कि वहां की औरतों के बच्चे नही हो रहे थे जब देवता को पूछा गया फिर देवता ने बताया कि ये पंडित का दोष लगा है ।उसके बाद ही उन्होंने मीटिंग बुलाई और उसमे ये फैसला हुआ की हम लोग हिड्डा जायेगे और पंडित कि मौत का बदला लेंगे । यहां आने से पहले मोइलाना ने एक बैल को जंतर मंत्र करके दिउड़ी गांव के समीप छोड़ा था जैसे ही वो बैल आवाज़ करता था तो माना जाता है की हीडा गांव में किसी न किसी की मौत होती थी ।बाद में उस बैल की टांगे काट दी और वो मर गया ।बाद में उस बैल का पाप भी मोइलाना में लगा आखिर में फिर उन्होंने ये निर्णय लिया की हम लोग हीड़ा गांव जायेगे और सारे गांव वाले की हत्या कर देंगे लेकिन ऐसा न हो सका जब हीड्डा के लोगो को पता लगा की हमे मारने के लिए मोइलाना आए है तो उन्होंने अपने बच्चो और औरतों को छुपा लिया लेकिन देवी माता की ऐसी कृपा रही की हिड्डा गांव के लोग उनसे जीत गए । लेकिन अब इन दोनो गांव के बीच समझौता हो गया है और इस खुशी में ये हारूल बनाई गई है जिसे की चेहता के लोकप्रिय कलाकार श्री लायक राम दसाईक ने अपने सुरो में ढाला है

बड़े भाई जी त्रिलोक चाकर जी को जन्म दिन पर बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं भाई जी विजट महाराज और शिरगुल महाराज आपको स्वस्थ...
26/03/2024

बड़े भाई जी त्रिलोक चाकर जी को जन्म दिन पर बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं भाई जी विजट महाराज और शिरगुल महाराज आपको स्वस्थ रखें और आपकी मनोकामना पूरी करे

25/03/2024

चेता क्षेत्र के युवा नेता नीटू पचनाइक का क्षेत्र वासियों को सुंदर संदेश एवम होली की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए

25/03/2024
25/03/2024

समटा बंधु की ओर से समस्त चेता वासियों को होली की हार्दिक शुभकामनाएं

चेता क्षेत्र की शान और खुनेऊ राजपूत समुदाय के प्रमुख  रमेश नंबरदार जी को जन्म दिन की हार्दिक शुभकामनाएं
10/03/2024

चेता क्षेत्र की शान और खुनेऊ राजपूत समुदाय
के प्रमुख रमेश नंबरदार जी को जन्म दिन की हार्दिक शुभकामनाएं

कुपवी जब परगना चेहता का बंधन हुआ तो चेहता खुंद आपस मैं लड़े हुए थे। यहां पर तीन खुंद की अपनी अपनी खोत हैं । जिनमे चाड़ श...
10/03/2024

कुपवी जब परगना चेहता का बंधन हुआ तो चेहता खुंद आपस मैं लड़े हुए थे। यहां पर तीन खुंद की अपनी अपनी खोत हैं । जिनमे चाड़ शाठी व हिड़ाने और खुनेउ पाशी हैं।

चाड़ो का खुनेउ के साथ आपसी बेर था । जिसके कारण विशु अलग अलग जगह मनाया जाता था । बागी मैं चाड़ का । कुपवी में तलाब के पास हिड़ाने का विशु लगता था।। जिसके बाद जेलदार ने नौ स्यानों को एकत्रित किया जिसमें की 1)बागी के समटे और 2) टिक्कर के पचनाईक 3) दजान चाड़ 4) हिड़ा से दो नंबरदार 5)भलावन से एक जो की हिड़ाने हैं। 6) खुनेउ । 7) बुधराऊ 8) धोताली से एक इन सब नंबरदारो को इकट्ठा किया । उन्होंने वापस मैं विचार किया दरसाइक जो की देवा समुदाय से उनको बजीर बनाने का निर्णय लिया जिसमें सारे सहमत हो गए। दरसाईक को बनया l

और मुदोई( मुखिया) जेलदार को बनया गया गांव के विशु खत्म हो गए । कुपवी मैं एक रुपया बचनबद्ध आखर के रूप में रखा गया और तीन खुंद चाड़ , हिड़ाने, खुनेउ ,दरसाइक शिरगुल महराज के प्रांगन में बचनबद्ध हो गए कुपवी एक बंधन में डाल दिया गया।।

Jubbal State1 आना बेशकिमती
10/03/2024

Jubbal State

1 आना बेशकिमती

आदरणीय राजा साहब (योगेन्द्र चन्द्र) जुब्बल
10/03/2024

आदरणीय राजा साहब (योगेन्द्र चन्द्र) जुब्बल

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तहसील कुपवी जिला शिमला हिमाचल प्रदेश
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