20/12/2023
बचपन से सुनता आ रहा हूँ, सब मुट्ठही बांध कर जन्म लेते हैं और हाथ पसारे जाते हैं, लेकिन ये सत्य नहीं है, हां अधिकतम अभागे हैं जो हाथ पसारे जाते हैं, लेकिन एक सम्पदा हैं हर मनुष्य के पास, अगर वो उसे जान ले तो खाली हाथ जाने का सवाल नहीं है..बुद्ध, महावीर, कबीर, नानक, दादू, पलटू आदी अनेक हैं जो प्रमाण हैं की खाली हाथ नहीं गये...
गुरु समान दाता नहीं, याचक सीष समान।
तीन लोक की सम्पदा, गुरु ने दिन्हा दान।।