10/11/2023
।।पंचपर्व धनतेरस नरक चतुर्दशी लक्ष्मी पूजा गोवर्धन पूजा भाईदूज की हार्दिक शुभकामनाएं।। धनतेरस से दीपावली के 5 दिवसीय त्योहार की शुरुआत मानी जाती है। आज सभी स्थानों पर धनतेरस मनाई जा रही है। इस दिन भगवान कुबेर, वैद्यराज धनवंतरि और मां लक्ष्मी तीनों की पूजा की जाती है। मान्यता है कि कार्तिक मास की त्रयोदशी का ही दिन था जब समुद्र मंथन में भगवान धनवंतरि अमृत का कलश लेकर प्रकट हुए थे। इसी उपलक्ष्य में धनतेरस मनाई जाती है। इस दिन सोने चांदी के साथ ही नई वस्तुओं को खरीदना सबसे शुभ माना जाता है। कहते हैं इस दिन जो भी वस्तु खरीदी जाती है उसमें अनंत वृद्धि होती है। इस दिन भगवान कुबेर और मां लक्ष्मी की विधि विधान से पूजा की जाती है। इसके साथ ही कुछ विशेष मंत्रों का जप भी करना चाहिए। आइए जानते हैं कौन से हैं ये मंत्र…
–ऊं धनवांतराय नमः
-ऊं धनकुबेराय नमः, ऊं वित्तेश्वराय नमः
-ऊं श्रीं श्रिये नमः
– ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः॥
यमराज को समर्पित दीपक : इस दिन असामयिक मृत्यु से बचने के लिए यमराज के लिए घर के बाहर दीपक जलाया जाता है जिसे यम दीपम के नाम से जाना जाता है और इस धार्मिक संस्कार को त्रयोदशी तिथि के दिन किया जाता है।
कुबेर के मंत्र
ऊं यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये
धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा॥
ऊं श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नमः॥
ऊं ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः॥
सोने चांदी के अलावा इन धातुओं को भी धनतेरस पर खरीदना मानते हैं शुभ
कुबेर जी की आरती
ऊं जै यक्ष कुबेर हरे,स्वामी जै यक्ष जै यक्ष कुबेर हरे।
शरण पड़े भगतों के,भण्डार कुबेर भरे॥
ऊं जै यक्ष कुबेर हरे…॥
शिव भक्तों में भक्त कुबेर बड़े,स्वामी भक्त कुबेर बड़े।
दैत्य दानव मानव से,कई-कई युद्ध लड़े॥
ऊं जै यक्ष कुबेर हरे…॥
स्वर्ण सिंहासन बैठे,सिर पर छत्र फिरे, स्वामी सिर पर छत्र फिरे।
योगिनी मंगल गावैं,सब जय जय कार करैं॥
ऊं जै यक्ष कुबेर हरे…॥
गदा त्रिशूल हाथ में,शस्त्र बहुत धरे, स्वामी शस्त्र बहुत धरे।
दुख भय संकट मोचन,धनुष टंकार करें॥
ऊं जै यक्ष कुबेर हरे…॥
भांति भांति के व्यंजन बहुत बने,स्वामी व्यंजन बहुत बने।
मोहन भोग लगावैं,साथ में उड़द चने॥
ऊं जै यक्ष कुबेर हरे…॥
बल बुद्धि विद्या दाता,हम तेरी शरण पड़े, स्वामी हम तेरी शरण पड़े
अपने भक्त जनों के,सारे काम संवारे॥
ऊं जै यक्ष कुबेर हरे…॥
मुकुट मणी की शोभा,मोतियन हार गले, स्वामी मोतियन हार गले।
अगर कपूर की बाती,घी की जोत जले॥
ऊं जै यक्ष कुबेर हरे…॥
यक्ष कुबेर जी की आरती,जो कोई नर गावे, स्वामी जो कोई नर गावे।
कहत मोहनानंद स्वामी,मनवांछित फल पावे॥
ऊं जै यक्ष कुबेर हरे।।कार्तिकस्यासिते पक्षे त्रयोदश्यां निशामुखे।
यमदीपं बहिर्दद्यादपमृत्युर्विनिश्यति।🙏🏻