Religious Tourism

Religious Tourism We make it possible for you to experience the journey of faith and devotion by planning and arranging
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As our tagline suggest, we empower you to grasp the most profound corners of your spirituality journey. Our objective is to guarantee that each of our client has a hassle free visit and their entire focus is on spirituality that's hidden within each of them. We guarantee that you concentrate all your vitality in commitment to the higher force and we handle everything else. We give VIP treatment to

each and every client by enabling on hand personal support and care throughout your visit by dealing with your sustenance, travel, convenience and numerous other major and minor arrangements. Our very qualified and well connected gathering of staff guarantee that all your needs are catered with your negligible contribution empowering you to find the greatest association with the higher force.

Shipra MHA Aarti Mahotsav Ramghat Ujjain9-10-11 October Ujjain Live   Ujjain News Ujjayi Patrika  Ujjain Ujjain - City o...
09/10/2022

Shipra MHA Aarti Mahotsav Ramghat Ujjain
9-10-11 October

Ujjain Live Ujjain News Ujjayi Patrika Ujjain Ujjain - City of Temples Ujjain-The Holy City Ujain Tample Tample Jai mahakal Event Cinemas Madhya Pradesh Tourism Home Department of Madhya Pradesh Hindu

07/10/2022

Shipra maha aarti, Ujjain ramghat

25/11/2020

Religious Tourism wishing you all a very Happy Dhanteras. On this auspicious occasion, may God fill your life with good ...
12/11/2020

Religious Tourism wishing you all a very Happy Dhanteras. On this auspicious occasion, may God fill your life with good luck and prosperity

06/11/2020
13/11/2019

Narmada Aarti @ Nimar Utsav @ 2K19

13/11/2019

Narmada Aarti @ Nimar Utsav 2K19

सिखों के प्रथम गुरु नानक देव जी की 550 वी जयंती पर आप सभी को  Religious Tourism की तरफ से हार्दिक शुभकामनाएं।
12/11/2019

सिखों के प्रथम गुरु नानक देव जी की 550 वी जयंती पर आप सभी को Religious Tourism की तरफ से हार्दिक शुभकामनाएं।

देवउठनी एकादशी 《8नवंबर, 2019》कार्तिक मास में आने वाली शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवोत्थान, देवउठनी या प्रबोधिनी एकादशी कहा...
08/11/2019

देवउठनी एकादशी 《8नवंबर, 2019》

कार्तिक मास में आने वाली शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवोत्थान, देवउठनी या प्रबोधिनी एकादशी कहा जाता है। यह एकादशी दीपावली के बाद आती है। इसे छोटी दीपावली भी कहते है। देवोत्थान एकादशी पर भगवान हरि के जागने के बाद शुभ तथा मांगलिक कार्य शुरू होते हैं। इस दिन तुलसी विवाह का आयोजन भी किया जाता हैआप सभी को Religious Tourism की तरफ से देवउठनी एकादशी की बहुत-बहुत शुभकामनाएं ।

01/11/2019

2019     ᐧ
30/10/2019

2019 ᐧ

Religious Tourism wishing you all a very Happy Dhanteras and Diwali. On this auspicious occasion, may God fill your life...
26/10/2019

Religious Tourism wishing you all a very Happy Dhanteras and Diwali. On this auspicious occasion, may God fill your life with good luck and prosperity ᐧ

18/10/2019

12 ज्योतिर्लिंगों की इस पावन यात्रा में Religious Tourism इस बार पहुंचा त्र्यंबकेश्वर!

चौथ का पर्व आज 17 अक्टूबर को देशभर में मनाया जा रहा है। महिलाएं इस इस बार 70 साल पर रोहिणी नक्षत्र के शुभ संयोग में पति ...
17/10/2019

चौथ का पर्व आज 17 अक्टूबर को देशभर में मनाया जा रहा है। महिलाएं इस इस बार 70 साल पर रोहिणी नक्षत्र के शुभ संयोग में पति की दीघार्यु की कामना करेंगी।। रोहिणी नक्षत्र और चंद्रमा में रोहिणी के योग से मार्कंडेय और सत्याभामा योग भी इस करवा चौथ बन रहा है। क्योंकि चंद्रमा की 27 पत्नियों में रोहिणी प्रिय पत्नी है। इसलिए यह संयोग करवा चौथ को बेहद खास बना रहा है।करवा चौथ शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है। पहला करवा और दूसरा चौथ। करवा का मतलब मिट्टी के बरतन और चौथ यानि चतुर्थी है। इस दिन मिट्टी के पात्र यानी करवों की पूजा का विशेष महत्व है। इसका सबसे ज्यादा लाभ उन महिलाओं की जिंदगी में आएगा जो पहली बार चौथ का व्रत रखेंगी।ये व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए काफी महत्व रखता है। क्योंकि इस दिन महिलाएं पूरे दिन निर्जला रहकर अपने पति की लंबी उम्र के लिए भगवान से प्रार्थना करती हैं। ये व्रत कार्तिक मास की चतुर्थी को आता है। इस व्रत की शुरुआत प्रात: काल सरगी लेने से हो चुकी है और अब पूरे दिन भूखे प्यासे रहकर शाम के समय माता पार्वती, भगवान शिव, कार्तिकेय और गणेश जी की पूजा की जाती है। महिलाएं इस दिन व्रत कथा जरूर सुनती हैं। जिसके बिना ये व्रत अधूरा माना जाता है। अब सबकी जिज्ञासा यही होगी कि आखिर चांद कब निकलेगा। चांद की पूजा कर यह व्रत तोड़ते हैं। इस साल व्रत की समयाविधि भी करीब 14 घंटे की रहेगी।

आप सभी को ReligiousTourism‬ की तरफ से करवा चौथ की हार्दिक शुभकामनाएं ।

नवरात्र के 9 दिन भक्त  मां दुर्गा को प्रसन्न करते हैं एवं दसवें दिन, अश्विन मास के शुक्ल पक्ष को दशहरे के रूप में मनाया ...
08/10/2019

नवरात्र के 9 दिन भक्त मां दुर्गा को प्रसन्न करते हैं एवं दसवें दिन, अश्विन मास के शुक्ल पक्ष को दशहरे के रूप में मनाया जाता है। दशहरे को विजयदशमी या आयुध पूजा के नाम से भी जाना जाता है। इसी दिन भगवान राम ने लंकापति रावण का वध कर लंका पर विजय प्राप्त की थी। इस पर्व को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार इस दिन इंसान अपने अंदर के पाप जैसे काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार, हिंसा और चोरी जैसे अवगुणों को नाश करने के लिए प्रेरणा लेते हैं। दशहरे के पर्व को भारत में बड़े धूमधाम के साथ मनाया जाता है और इस पर्व को खास बनाती है रामलीला। इस दिन जगह-जगह रामलीला का आयोजन किया जाता है और भगवान श्री राम की वीर गाथा दिखाई जाती है।

आप सभी को विजयादशमी एवं दशहरे की ढेर सारी शुभकामनायें ।

सिद्धिदात्री  (मां का ज्ञानी रूप)                                              मां की नौवीं शक्ति का नाम है "सिद्धिदात्र...
07/10/2019

सिद्धिदात्री (मां का ज्ञानी रूप) मां की नौवीं शक्ति का नाम है "सिद्धिदात्री" । जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है। मां अष्ट सिद्धियों की स्वामी है। पुराणों के अनुसार स्वयं शिव जी ने सिद्धियों की प्राप्ति के लिए मां सिद्धिदात्री की तपस्या की थी। इन्हीं सिद्धियों के पश्चात भगवान शिव का आधा शरीर देवी का हुआ। इस कारण वह अर्धनारीश्वर कहलाए। मां सिद्धिदात्री कमल पर विराजमान होती है। मां की चार भुजाएं हैं। सिद्धिदात्री मां की उपासना से भक्तों की मनोकामना की पूर्ति होती है। मां दुर्गा के इस स्वरुप की पूजा अर्चना करने से सिद्धियां प्राप्त होती है। इस स्वरूप की पूजा देवताओं, ऋषि-मुनियों ,योगियों ,संतो व श्रद्धालुओं द्वारा की जाती है।

महागौरी (पवित्रता का स्वरूप)                                          नवरात्र के आठवें दिन महागौरी की पूजा अर्चना की जात...
06/10/2019

महागौरी (पवित्रता का स्वरूप) नवरात्र के आठवें दिन महागौरी की पूजा अर्चना की जाती है। पुराणों के अनुसार जब मां ब्रह्मचारिणी ने शिव जी की प्राप्ति के लिए कठोर तप किया। तब उनका शरीर दुर्बल व काला हो गया था। शिवजी को प्रसन्न करने के पश्चात माता ने गंगा में स्नान किया। गंगा में स्नान करने के पश्चात माता का शरीर बिजली की तरह उज्जवल, सुंदर व गोरा हो गया था। इसी कारण माता का नाम महागौरी पड़ा। माता नंदी की सवारी करती हैं। माता की चार भुजाएं हैं। माता के एक हाथ में त्रिशूल व दूसरे हाथ में डमरू है। माता हमेशा सफेद वस्त्र धारण करती हैं। जो भी महागौरी की पूजा करता है। उनके अतीत,वर्तमान या भविष्य के पाप धुल जाते हैं।

कालरात्रि (माँ का भयंकर रूप)                                            जगत जननी माँ दुर्गा का सातवां रूप है "कालरात्रि"...
05/10/2019

कालरात्रि (माँ का भयंकर रूप) जगत जननी माँ दुर्गा का सातवां रूप है "कालरात्रि"। असुर रक्त बीज के संघार करने के लिए माँ दुर्गा ने स्वर्ण छवि से माँ कालरात्रि की उत्पत्ति की। जब माँ दुर्गा ने रक्तबीज का वध किया। तब माँ कालरात्रि ने रक्तबीज का सारा रक्त पृथ्वी पे पढ़ने से पहले ही पी लिया। ताकि उसकी पुणे उत्पत्ति ना हो पाए। इनका वाहन गधा है। माता का रंग काला है। माँ के तीन उज्जवल आंखें हैं। माँ के बाल हमेशा बिखरे रहते हैं।माँ कालरात्रि हमेशा शुभ फलदायक है। इसीलिए माँ "शुभ कुमारी" के नाम से भी जाना जाता है। कालरात्रि की उपासना करने से ब्रह्मांड की सारी सिद्धियों के दरवाजे खुलने लगते हैं। और आसुरी शक्तियां माँ के नाम से ही भयभीत होकर दूर भागने लगती हैं। माँ कालरात्रि अपने भक्तों का हमेशा अच्छा करती हैं।

कात्यायनी  (बेटी रुप)                                             मां दुर्गा की छठी शक्ति का नाम है "कात्यायनी" ।कात्य ग...
04/10/2019

कात्यायनी (बेटी रुप) मां दुर्गा की छठी शक्ति का नाम है "कात्यायनी" ।कात्य गोत्र के विश्व प्रसिद्ध महर्ष कात्यायन ने मां दुर्गा की कठिन उपासना की। उनकी इच्छा थी। कि उनको पुत्री प्राप्त हो। उनकी कठिन तपस्या से प्रसन्न होकर मां भगवती ने ऋषि के घर पुत्री के रूप में जन्म लिया। कात्यायन ऋषि के घर जन्म लेकर देवी कात्यायनी कहलाए।

02/10/2019

स्कंदमाता (माँ की आशीर्वाद का रूप) देवी दुर्गा का पांचवा रूप है ''स्कंदमाता'' भगवान स्कंद जिन्हें हम भगवान कुमार कार्तिके के नाम से जानते हैं। जो देवताओं के सेनापति थे। इन्हीं भगवान स्कंद की माता होने के कारण दुर्गा के इस स्वरुप को स्कंदमाता कहा जाता है। माता चार भुजा धारी हैं।एवम शेर की सवारी करती हैं। तथा उनके गोद में स्कंद जी बैठे हैं। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार स्कंदमाता को मोक्ष के द्वार खोलने वाली माता और परमसुख दायिनी के रूप मैं पूजा जाता है।

!!!कूष्मांडा!! (देवी मां खुशी का स्वरूप)                               नवरात्र पूजन के चौथे दिन कूष्मांडा देवी के स्वरूप...
02/10/2019

!!!कूष्मांडा!! (देवी मां खुशी का स्वरूप) नवरात्र पूजन के चौथे दिन कूष्मांडा देवी के स्वरूप की पूजा अर्चना की जाती है। माँ का यह नाम 3 शब्दों से मिलकर बना है।कू मतलब छोटा, ऊष्मा मतलब ऊर्जा एवं अंडा! पुराणों के अनुसार माता ने अपने मनमोहन मुस्कान से ब्रह्मांड की रचना एक ऊर्जा के छोटे से अंडे के रूप में की थी। इसीलिए माता का नाम कूष्मांडा पड़ा। माता की अष्ट भुजाएं हैं। माता अस्त्र-शस्त्र से सुशोभित हैं कूष्मांडा देवी सूरज के घेरे में निवास करती है इसीलिए देवी माँ के अंदर इतनी शक्ति है जो सूरज की गर्मी को सहन कर सकती है।माँ कूष्मांडा की पूजा करने से आयु, यश, बल और ऐश्वर्य प्राप्त होता है।

!!चंद्रघंटा!!(मां के गुस्से का रूप)                                            माँ दुर्गा की तीसरी शक्ति का नाम  चंद्रघं...
01/10/2019

!!चंद्रघंटा!!(मां के गुस्से का रूप) माँ दुर्गा की तीसरी शक्ति का नाम चंद्रघंटा है ।माँ ब्रह्मचारिणी की कठिन तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने माता से विवाह किया,भगवान शिव से विवाह के पश्चात माता के मस्तक पर अर्धचंद्र आ गया। जो 1 घंटे की तरह प्रतीत होता था। इस वजह से माता का नाम चंद्रघंटा पड़ा। मां का वाहन शेर है माता के हाथों में युद्ध के लिए अस्त्र-शस्त्र सुशोभित है।
मां हमेशा संघर्ष के लिए तैयार रहती हैं ।धार्मिक ग्रंथों के अनुसार नवरात्रि के तीसरे दिन पूजा-अर्चना करने से भक्तों के जन्म जन्मांतर के कष्ट दूर हो जाते हैं।

ब्रह्मचारिणी  (माँ का शांत स्वरूप )                           नवरात्र पर्व के  दूसरे दिन माँ  ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चन...
30/09/2019

ब्रह्मचारिणी (माँ का शांत स्वरूप ) नवरात्र पर्व के दूसरे दिन माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना की जाती है। भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए माँ भगवती में सैकड़ों वर्ष जमीन पर रहकर केवल फल फूल खाकर भगवान की तपस्या की। तपस्या के अतं में कई वर्ष बिना कुछ खाए पीए तप किया, इस कठिन तपस्या के कारण माँ को तपस्वी यानि ब्रह्मचारिणी भी कहते हैं। मां ब्रह्मचारिणी का कोई वाहन नहीं है। माँ ब्रह्मचारिणी की मूर्ति बहुत ही सुन्दर है। उनके दाहिने हाथ में माला और बाएं हाथ में पवित्र कमंडल है। वह पूर्ण उत्साह से भरी हुई है। नवरात्र के दूसरे दिन माँ ब्रह्मचारिणी की आराधना विद्यार्थियों को जरूर करनी चाहिए। इस दिन पीले या सफेद वस्त्र पहनकर पूजा करनी चाहिए ।

आप सभी भक्तजनों को रिलिजियस टूरिज्म  परिवार की तरफ से नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ। नवरात्रि आपके जीवन में सुख समृद्धि...
29/09/2019

आप सभी भक्तजनों को रिलिजियस टूरिज्म परिवार की तरफ से नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ। नवरात्रि आपके जीवन में सुख समृद्धि प्रदान करें।

....................शैलपुत्री  (पर्वत पुत्री).......................  मां दुर्गा का सर्वप्रथम रूप है शैल पुत्री ! मां का...
29/09/2019

....................शैलपुत्री (पर्वत पुत्री).......................

मां दुर्गा का सर्वप्रथम रूप है शैल पुत्री ! मां का यह नाम कैसे पड़ा?अपने पिता दक्ष प्रजापति के द्वारा यज्ञ में अपने पति महादेव का अपमान करने के कारण हवन कुंड में आत्मदाह कर लिया।अगले जन्म में देवी पार्वती हिमालय पर्वत की पुत्री हूई । संस्कृत में, शैल का अर्थ पर्वत होता है और इस प्रकार, वह शैलपुत्री के रूप में भी जानी जाती हैं । मां का वाहन वृषभ है। मां के दाएं हाथ में त्रिशूल धारण व बाएं हाथ में कमल सुशोभित है। मां सती के रूप में भी जानी जाती हैं।

!!जय माता दी !!                                                                                          नवरात्रि एक उत्...
27/09/2019

!!जय माता दी !!
नवरात्रि एक उत्सव है शक्ति की आराधना का शक्ति की उपासना का! इन 9 दिनों तक चलने वाले उत्सव में मां के अलग-अलग रूपों की उपासना की जाती है जिसे हम नवरात्रि कहते हैं इन 9 दिनों तक हम मां के अलग-अलग रूपों व उनकी शक्तियों के बारे में जानेंगे। तो बने रहिए हमारे साथ 9 दिनों के उत्सव में !

।।जय माता दी ।।                                                  इस वर्ष नवरात्रि 29 सितम्बर से प्रारम्भ हो रही है एवं 8...
24/09/2019

।।जय माता दी ।। इस वर्ष नवरात्रि 29 सितम्बर से प्रारम्भ हो रही है एवं 8 अक्टूबर को विजयादशमी मनाई जाएगी। हिदू धर्म में नवरात्रि का विषेश मह्त्व है। नवरात्रि साल में दो बार मनाई जाती हैं। माँ दुर्गा को आदिशक्ति का स्वरूप माना जाता है । नवरात्रि में हर दिन देवी के अलग-अलग रूप की पूजा की जाती है । आइये हम इस नवरात्रि के पावन अवसर को हर्षोल्लास से मनाये एवं माँ दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त करें ।

सिद्धिविनायक भगवान के दर्शनों का लाभ एवं प्रबंध समिति द्वारा साहित्य भेंट किया गया जय गजानन
07/09/2019

सिद्धिविनायक भगवान के दर्शनों का लाभ एवं प्रबंध समिति द्वारा साहित्य भेंट किया गया जय गजानन

गजानंद गणपति महाराज रिद्धि सिद्धि के दाता अपनी अद्भुत आभा के साथ भक्तों का कल्याण करते हैं आज उनके दर्शनों का सौभाग्य आप...
07/09/2019

गजानंद गणपति महाराज रिद्धि सिद्धि के दाता अपनी अद्भुत आभा के साथ भक्तों का कल्याण करते हैं आज उनके दर्शनों का सौभाग्य आप सभी को मिल रहा है रिलिजियस टूरिज्म के माध्यम से जय गजानन,

07/09/2019

लालबाग के राजा का दर्शन

06/09/2019

सिद्धिविनायक मंदिर, मुंबई से श्री सिद्धि विनायक गणपति की लीला दर्शन करें, रिलीजियस टूरिज्म के साथ |
जुड़े रहें रिलीजियस टूरिज्म फेसबुक पेज से |
7 सितम्बर 2019 को हम करवाएंगे बाप्पा के दर्शन |
|| जय गणेश || जय सिद्धिविनायक ||

05/09/2019

रिलीजियस टूरिज्म के साथ करें लाल बाग राजा के भव्य दर्शन (लाइव)| दिनांक ०६ सितम्बर २०१९
जय गणेश

05/09/2019
05/09/2019

बाबाधाम देवघर (झारखंड) का पुण्य लाभ प्राप्त करने के लिए नीचे दि गई लिंक पर क्लिक करे या कॉल करे .....9111791117

https://www.religioustourism.com/product/12-jyotirling-punya-laab-hi

05/09/2019

हम कुछ ही देर में होंगे बाबा बैजनाथ के आंगन में बाबा धाम देवघर झारखंड से सीधा प्रसारण रिलिजियस टूरिज्म फेसबुक पेज पर अवश्य दर्शन करें और 12 ज्योतिर्लिंग का पुण्य लाभ लेवे

अपने प्रियजनो को दीजिये श्री सिद्धिविनायक प्रसाद उपहार ✳ श्री सिद्धिविनायक पर अर्पित मोदक प्रसाद✳ पुण्य प्रतीक गणेश प्रत...
05/09/2019

अपने प्रियजनो को दीजिये श्री सिद्धिविनायक प्रसाद उपहार
✳ श्री सिद्धिविनायक पर अर्पित मोदक प्रसाद
✳ पुण्य प्रतीक गणेश प्रतिमा
✳ श्री सिद्धिविनायक पत्रिका
यह विशेष आशीर्वाद प्रसाद सिद्धिविनायक मंदिर से आपके घर तक | आज ही आर्डर करें एवं पुण्य लाभ प्राप्त करें, संपर्क करें 0 91117 91117

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Indore
452010

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